अमेरिका की आजादी की 250वीं वर्षगांठ पर विशेष सिक्का जारी करने की तैयारी शुरू हो गई है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि वह 2026 में जारी किए जाने वाले 1 डॉलर के स्मारक सिक्के पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर लगाने पर विचार कर रहा है। संभावित डिजाइन में ट्रंप को मुट्ठी उठाए हुए दिखाया गया है, जिसके साथ उनका नारा ‘Fight, fight, fight’ अंकित है- यह वही शब्द हैं जो उन्होंने पिछले साल हत्या के प्रयास से बचने के तुरंत बाद कहे थे। वही सिक्के के दूसरी तरफ ट्रंप की प्रोफाइल फोटो है, जिसके ऊपर ‘liberty’ और नीचे ‘1776-2026’ लिखा हुआ है

अमेरिकी ट्रेजरर ने साझा की ट्रंप वाले 1 डॉलर सिक्के की तस्वीरें, कहा: ‘यह कोई फर्जी खबर नहीं’
अमेरिका के ट्रेजरर ब्रैंडन बीच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर संभावित सिक्के की इमेज साझा करते हुए लिखा, “यह कोई फर्जी खबर नहीं है। अमेरिका की 250वीं वर्षगांठ और राष्ट्रपति का सम्मान करने वाले ये पहले ड्राफ्ट रियल हैं। शटडाउन खत्म होने के बाद जल्द ही इस बारे में और जानकारी साझा करने की उम्मीद है।” ट्रेजरी विभाग का कहना है कि ये डिजाइन देश की मजबूत और अडिग भावना को दर्शाता है, हालांकि अंतिम डिजाइन पर फिलहाल फैसला नहीं हुआ है।

अमेरिका में विशेष स्मारक सिक्कों की परंपरा पुरानी:
इससे पहले 1976 में, जब अमेरिका ने स्वतंत्रता के 200 वर्ष पूरे किए थे, तब वित्त मंत्रालय ने 1 डॉलर के स्मारक सिक्के के लिए एक राष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित की थी। उस समय एक मूर्तिकला छात्र की डिजाइन चुनी गई थी, जिसमें ‘लिबर्टी बेल’ और चांद का चित्र था- जो स्वतंत्रता और अंतरिक्ष में अमेरिका की उपलब्धियों का प्रतीक था। सिक्के के दूसरी ओर पूर्व राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइज़नहावर की तस्वीर छपी थी। 1969 में उनके निधन के बाद, 1971 में वे पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिनकी तस्वीर 1 डॉलर के सिक्के पर अंकित की गई।
कानूनी पेच में फंसा ट्रंप वाला सिक्का:
सिक्के के पिछले हिस्से पर ट्रंप की वह मशहूर तस्वीर दिखाई गई है, जिसमें वह पेंसिल्वेनिया के बटलर में हत्या के कथित प्रयास के बाद अपनी मुट्ठी उठाए खड़े हैं। इस ओर ऊपर ‘FIGHT FIGHT FIGHT’ लिखा है और उनके पीछे अमेरिकी झंडा लहरा रहा है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह सिक्का वास्तव में ढाला जाएगा या नहीं।
अमेरिकी कानून क्या कहता है?
क्या कहता है अमेरिकी कानून
1866 में बने एक कानून के अनुसार, किसी जीवित व्यक्ति का चित्र अमेरिकी मुद्रा पर नहीं छापा जा सकता। हालांकि, यह प्रावधान केवल कागजी नोटों (पेपर मनी) पर लागू होता है, जिन्हें Bureau of Engraving and Printing द्वारा जारी किया जाता है। सिक्कों के निर्माण से जुड़ा कानून 1792 में बना था, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया है। इस कानून में स्पष्ट है कि किसी जीवित मौजूदा या पूर्व राष्ट्रपति का चित्र 1 डॉलर के सिक्कों पर नहीं लगाया जा सकता- लेकिन यह नियम विशेष रूप से उन सिक्कों पर लागू होता है जो अमेरिकी राष्ट्रपतियों के सम्मान में जारी किए जाते हैं।
देश की 250वीं वर्षगांठ जैसे विशेष अवसरों के लिए बनाए जाने वाले स्मारक सिक्कों पर यह प्रतिबंध सीधे तौर पर लागू नहीं होता, जिससे कानूनी व्याख्या की गुंजाइश बनती है। यही वजह है कि ट्रंप की तस्वीर वाले संभावित सिक्के पर अब बहस कानूनी तकनीकीताओं पर केंद्रित हो गई है।
2020 में पारित Circulating Collectible Coin Redesign Act क्या कहता है?
2020 में पारित Circulating Collectible Coin Redesign Act भी कहता है कि 2026 में विशेष 1 डॉलर के सिक्के जारी होंगे, लेकिन उन पर किसी जीवित व्यक्ति की तस्वीर नहीं होगी।
- पिछला उदाहरण: 1976 में अमेरिका की 200वीं वर्षगांठ पर भी एक विशेष $1 सिक्का जारी हुआ था, जिसमें एक तरफ लिबर्टी बेल और चंद्रमा की तस्वीर थी। सिक्के के दूसरी ओर दिवंगत राष्ट्रपति ड्वाइट डी आइजनहावर की तस्वीर थी जिनकी मृत्यु 1969 में हुई थी।
ड्राफ्ट डिजाइन में ट्रंप की सामने की प्रोफाइल दिखाकर इस नियम को आंशिक रूप से दरकिनार करने की कोशिश की गई है, सिक्के के पिछले हिस्से पर हत्या के प्रयास वाली तस्वीर को शामिल करने से इसकी वैधता को लेकर कानूनी सवाल खड़े हो गए हैं।
डॉलर सिक्का: अमेरिका की पुरानी परंपरा, लेकिन सीमित प्रचलन
डॉलर सिक्का एक अमेरिकी सिक्का है जिसका अंकित मूल्य एक अमेरिकी डॉलर होता है। इन सिक्कों को संयुक्त राज्य अमेरिका में सोने, चांदी और मूल धातुओं से ढाला गया है। डॉलर सिक्कों का निर्माण पहली बार 1794 में किया गया था।
हालांकि, अपनी लंबी इतिहास के बावजूद डॉलर के सिक्के कभी भी आम प्रचलन में विशेष रूप से लोकप्रिय नहीं रहे। अमेरिकी सरकार ने एक डॉलर के नोटों की छपाई की लागत को कम करने के लिए समय-समय पर इन सिक्कों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश की। इसके तहत एंथनी डॉलर, सकागाविया डॉलर और प्रेसिडेंशियल डॉलर सीरीज़ जैसी कई योजनाएं चलाई गईं, लेकिन आम जनता में इनका उपयोग सीमित ही रहा। अधिकांश अमेरिकी आज भी डॉलर के नोट को प्राथमिकता देते हैं, जिसके कारण ये सिक्के प्रचलन में कम ही दिखाई देते हैं।
भारत में सिक्कों का चलन घटा, डिजिटल भुगतान बना मुख्य कारण
भारत में सिक्कों का प्रचलन लगातार घट रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण है डिजिटल भुगतान तरीकों (खासकर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस– UPI)का तेज़ी से बढ़ना। लोग अब रोज़मर्रा के लेन-देन के लिए सिक्कों पर निर्भर नहीं रहते, जिससे इनकी मांग और प्रचलन दोनों में कमी आई है।
आइए इसके प्रमुख कारणों को विस्तार से समझते हैं👇
- डिजिटल भुगतान का बढ़ता चलन:
- यूपीआई का प्रभाव: UPI ने लेन-देन को आसान, तेज़ और सुरक्षित बना दिया है। शहरी इलाकों में तो अब छोटे-छोटे भुगतान (जैसे सब्ज़ी, किराना या रिक्शा किराया) भी मोबाइल से किए जाते हैं, जिससे खुले पैसों की ज़रूरत कम हो गई है।
- नकदी रहित लेन-देन: डिजिटल वॉलेट, QR कोड और ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम्स ने छोटे मूल्य के नोटों और सिक्कों की भूमिका को काफी हद तक कम कर दिया है।
- सिक्कों के उत्पादन और लागत से जुड़ी चुनौतियाँ:
- ऊँची उत्पादन लागत: कई बार सिक्के ढालने की लागत उनकी अंकित कीमत से ज़्यादा होती है। इसी कारण 10 पैसे, 25 पैसे और 50 पैसे के सिक्कों को बंद कर दिया गया।
- धातु का दुरुपयोग: पहले भारी ₹5 के सिक्कों को पड़ोसी देशों में तस्करी कर पिघलाया जाता था और उनसे ब्लेड जैसी वस्तुएँ बनाई जाती थीं। एक 5 रुपये के सिक्के से 4-5 ब्लेड बनाए जा सकते थे, जिनकी कुल कीमत 10 रुपये तक पहुंच जाती थी। यानी सिक्के की धातु का मूल्य उसके वास्तविक मूल्य से अधिक था। इसे रोकने के लिए RBI ने सिक्कों का डिज़ाइन और धातु बदली।
- कम उत्पादन: डिजिटल भुगतान बढ़ने से सिक्कों की मांग घटी, जिससे मिंट में सिक्कों का उत्पादन भी घटा दिया गया।
- लोगों की पसंद और व्यवहार में बदलाव:
- असुविधा: कई लोग भारी सिक्कों को जेब या बटुए में रखना पसंद नहीं करते, खासकर शहरी क्षेत्रों में।
- दुकानदारों की हिचकिचाहट: कई बार दुकानदार छोटे सिक्के लेने से मना कर देते हैं या हिचकिचाते हैं, जिससे ये सिक्के धीरे-धीरे चलन से बाहर होते जाते हैं।
- आरबीआई की नीतियाँ और बैंकिंग कारण
- भंडारण की समस्या: नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा नकदी की बड़ी मात्रा के चलते सिक्कों को स्टोर करने की जगह कम पड़ गई, जिससे एक समय के लिए उनका उत्पादन रोकना पड़ा।
- नोटों को प्राथमिकता: सर्वे बताते हैं कि ₹10 और ₹20 के सिक्कों की तुलना में लोग इन्हीं मूल्यवर्ग के नोटों को ज़्यादा पसंद करते हैं, जिससे सिक्कों की मांग और भी कम हुई है।
निष्कर्ष:
अमेरिका की आजादी की 250वीं वर्षगांठ पर ट्रंप की तस्वीर वाला 1 डॉलर का स्मारक सिक्का बनाने की योजना फिलहाल शुरुआती चरण में है। ट्रेजरी ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक प्रारंभिक डिजाइन है और अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया गया है।