दुर्गापुर MBBS छात्रा बलात्कार: पुलिस ने सामूहिक बलात्कार की संभावना से किया इनकार, अब तक छह आरोपियों की हुई गिरफ्तारी..

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 10 अक्टूबर(शुक्रवार) को सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 22 वर्षीय MBBS द्वितीय वर्ष की छात्रा के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने पीड़िता के मालदा निवासी पुरुष मित्र को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे अब कुल छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह कार्रवाई अपराध स्थल के पुनर्निर्माण के कुछ घंटों बाद हुई। पुलिस ने बताया कि युवक के बयान असंगत पाए गए। साथ ही, उन्होंने कहा कि मामले में सामूहिक बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है, बल्कि एक आरोपी द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने की बात सामने आई है।

Durgapur MBBS student raped

पुलिस उपायुक्त अभिषेक गुप्ता ने कहा,

पुलिस उपायुक्त (आसनसोल-दुर्गापुर) अभिषेक गुप्ता ने बताया कि जिस रात यह घटना हुई, उस समय मेडिकल छात्रा के साथ मौजूद उसका दोस्त गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है। उन्होंने कहा कि वह शुरू से ही पुलिस के शक के दायरे में था और पिछले तीन दिनों से उससे पूछताछ की जा रही थी।

पुलिस के मुताबिक, वही दोस्त उसी निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ता है और पूछताछ के दौरान उसके बयान बार-बार बदल रहे थे। अब उस पर भी बाकी पाँच आरोपियों की तरह सामूहिक बलात्कार और आपराधिक साज़िश के आरोप लगाए गए हैं। उसे बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

 

पांच आरोपी पहले से गिरफ्तार:

इस मामले में पुलिस को पहली सफलता रविवार को मिली, यानी घटना के करीब 36 घंटे बाद। उस दिन तीन लोगों- अपू बाउरी (21), फिरदौस शेख (23) और शेख रियाज़ुद्दीन (32)- को गिरफ्तार किया गया। अगले दिन दो और आरोपी- सफीक (27) और शेख नसीरुद्दीन (24)- को भी पकड़ा गया।

पुलिस के अनुसार, सभी पांचों आरोपी उसी निजी मेडिकल कॉलेज के आसपास के गांवों में रहते हैं, जहां पीड़िता पढ़ती थी। जांच के दौरान, एक आरोपी के पास से छात्रा का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।

 

मामला क्या है?

ओडिशा की रहने वाली MBBS छात्रा के साथ कथित तौर पर कॉलेज परिसर के बाहर एक जंगली इलाके में 3-4 लोगों ने बलात्कार किया। परिवार का कहना है कि हमलावरों ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया और उसे लौटाने के बदले 3,000 रुपये की मांग की। फिलहाल छात्रा अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर है।

पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार शाम को मेडिकल कॉलेज की छात्रा और उसका पुरुष मित्र शाम 7:58 बजे कॉलेज परिसर से बाहर निकले थे। रात 8:42 बजे वह युवक अकेला लौटा और कुछ मिनट बाद 8:48 बजे फिर से बाहर चला गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों डिनर पर गए थे। रात करीब 10 बजे, वापस लौटते समय मेडिकल कॉलेज के पास कुछ लोगों ने उससे रेप किया।

छात्रा के पिता ने पुलिस में दी शिकायत में अपने बेटी के दोस्त पर शक जताया था। उनका आरोप है कि कॉलेज से बाहर निकलने के बाद उसने छात्रा को बहला-फुसलाकर एक सुनसान जगह पर ले गया।

 

जांच में जुटि पुलिस:

मंगलवार को पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया, जिसमें उसने कहा कि उसके दोस्त ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी। अपराध स्थल के पुनर्निर्माण के दौरान, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई, छात्रा का पुरुष मित्र नीली टी-शर्ट में पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए नजर आया।

दोस्त की गिरफ्तारी से पहले पुलिस आयुक्त सुनील चौधरी ने बताया था कि पीड़िता के बयान के अनुसार, पाँच गिरफ्तार स्थानीय लोगों में से एक ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।

 

अपराध स्थल पुनर्निर्माण से क्या तात्पर्य है?

अपराध स्थल पुनर्निर्माण का मतलब होता है- अपराध के दौरान क्या-क्या हुआ और किस क्रम में हुआ, यह पता लगाने की प्रक्रिया। फोरेंसिक विशेषज्ञ यह काम घटनास्थल के सबूतों, निशानों और दृश्य पैटर्न का अध्ययन करके करते हैं। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि अपराध कैसे और कब हुआ, कौन-कौन शामिल था और घटनाएं किस क्रम में हुईं। इसका उद्देश्य सच्चाई का पता लगाना और जांच को सटीक दिशा देना होता है।

इस प्रक्रिया में कई तरह के विश्लेषण किए जा सकते हैं, जैसे:

  • रक्त के छींटों का अध्ययन (यह जानने के लिए कि हमला कैसे हुआ),
  • गोली या प्रक्षेप पथ का विश्लेषण,
  • सड़क दुर्घटनाओं का पुनर्निर्माण,
  • और यौन उत्पीड़न के मामलों में घटनाओं का क्रम समझना।

 

जांच कहाँ तक पहुंची?

जांच फिलहाल जारी है। पुलिस के अनुसार, सभी आरोपी रिमांड पर हैं और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे हर आरोपी की भूमिका और संलिप्तता की सटीक जांच कर रहे हैं। पुलिस अभी फोरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

इस बीच, FIR में तीन नई BNS धाराएं जोड़ी गई हैं:

  • 304(2): छीनने के लिए,
  • 308(2): जबरन वसूली के लिए,
  • 317(2): चोरी की संपत्ति रखने के लिए।

इसके अलावा, पुलिस ने गिरफ्तार दो आरोपियों “शेख रियाज़ुद्दीन और शेख नसीरुद्दीन” के घरों से वे कपड़े ज़ब्त किए हैं जो उन्होंने घटना के दिन पहने थे। इन कपड़ों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही, आरोपियों के मोबाइल फोन भी जांच के लिए भेजे गए हैं। फिलहाल सभी पांच आरोपी 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में हैं।

 

ममता के बयान से राजनीति तेज:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 12 अक्टूबर को कहा था कि वह इस घटना से स्तब्ध हैं, लेकिन निजी मेडिकल कॉलेजों को अपने छात्रों, खासकर लड़कियों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि पीड़िता रात के समय कैसे बाहर चली गई।

उनके इस बयान के बाद बंगाल भाजपा ने उनकी कड़ी आलोचना की। इसके जवाब में ममता ने कहा कि मीडिया ने उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और कहा कि इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए।

 

पीड़िता के पिता ने ममता बनर्जी से की अपील:

पीड़िता के पिता ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके लिए मां जैसी हैं और अगर उन्होंने कुछ गलत कहा है तो वे उनसे माफ़ी मांगते हैं। उन्होंने उनका सम्मान करते हुए अनुरोध किया कि वे अपनी बेटी को न्याय दिलाने में मदद करें। पिता ने CBI जांच की भी मांग की और कहा कि यह अच्छा होगा, हालांकि इसका निर्णय राज्य प्रशासन पर निर्भर करता है।

इससे पहले उन्होंने ममता बनर्जी के कुछ बयानों पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि वह भी एक महिला हैं, ऐसा बयान कैसे दे सकती है। साथ ही, उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे बंगाल में औरंगजेब का शासन है।

 

भाजपा नेताओं ने दिया हर संभव सहायता का आश्वासन:

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीड़िता और उसकी माँ से फोन पर बात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। वहीं, बालासोर से भाजपा सांसद प्रताप सारंगी पश्चिम बर्धमान ज़िले के एक निजी अस्पताल में पीड़िता से मिलने पहुँचे, जहाँ उसका इलाज चल रहा है। दुर्गापुर में अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पहले रोक दिया, जिससे थोड़ी बहस हुई। सारंगी ने कहा, “हम अपनी बेटी से मिलने आए हैं, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी जा रही है।” बाद में उन्हें और कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को मुलाकात की अनुमति मिल गई।

यह मामला अब राजनीतिक रूप ले चुका है, क्योंकि भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का आरोप लगाया है।

 

घटना ने दिलाई RG कर मामले की याद:

पश्चिम बंगाल में मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप की यह घटना 2024 के आरजी कर मामले की यादें ताजा कर गई है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या हुई थी। अगले दिन यानी 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था और 20 जनवरी, 2025 को उसे उम्रकैद की सजा दी गई।

 

क्या कहते है NCRB के आंकड़े:

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पश्चिम बंगाल देश के टॉप 5 राज्यों में चौथे नंबर पर है। महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में हुए, जबकि पांचवें नंबर पर मध्य प्रदेश है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में महिलाओं के खिलाफ कुल 4,48,211 मामले दर्ज किए गए। इनमें सबसे ज्यादा मामले थे- पति या रिश्तेदार द्वारा क्रूरता, अपहरण, बलात्कार और छेड़छाड़।

 

निष्कर्ष:

दुर्गापुर में 10 अक्टूबर को हुई इस घटना ने सुरक्षा के गंभीर सवाल उठाए हैं। अब तक छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और पुलिस जांच और अपराध स्थल पुनर्निर्माण के जरिए मामले की तह तक पहुँच रही है। यद्यपि सामूहिक बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई, यह घटना महिलाओं की सुरक्षा और सतर्कता की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से दिखाती है।

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