रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कामचटका प्रायद्वीप में शुक्रवार सुबह जोरदार भूकंप आया। इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई और इसके बाद कई आफ्टरशॉक भी महसूस किए गए। भूकंप के बाद सुनामी का अलर्ट जारी किया गया और तटों पर 30 से 62 सेंटीमीटर ऊंची लहरें देखी गईं।

कामचटका के गवर्नर का ब्यान:
कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने बताया कि भूकंप के बाद सभी आपातकालीन सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन बचाव कर्मियों को पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। गवर्नर ने यह भी बताया कि प्रायद्वीप के पूर्वी तट के लिए सुनामी चेतावनी जारी की गई है और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
भूकंप की तीव्रता:
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप रूस के शहर पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 128 किलोमीटर दूर और जमीन की सतह से 10 किलोमीटर गहराई में आया। बाद में रूस की स्टेट जियोफिजिकल सर्विस ने इसकी तीव्रता 7.4 तक होने की जानकारी दी।
कामचटका में शनिवार(13 सितंबर) को भी आया था भूकंप:
कामचटका में इससे पहले शनिवार, 13 सितंबर को भी भूकंप आया था। उस भूकंप की तीव्रता 7.4 थी और इसके बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार यह भूकंप रूस के शहर पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 111 किलोमीटर दूर और जमीन की सतह से 39.5 किलोमीटर गहराई में आया था।
29 जुलाई को आया हाल के समय का सबसे खतरनाक भूकंप:
29 जुलाई 2025 को कामचटका के तट पर 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो हाल के समय की सबसे खतरनाक घटनाओं में से एक माना जाता है। उस भूकंप के बाद रूस, जापान, अलास्का, गुआम, हवाई और अन्य प्रशांत द्वीपों में सुनामी चेतावनी जारी की गई थी। कई जगहों पर 3–4 मीटर ऊंची लहरों ने भारी नुकसान किया और तटीय क्षेत्रों से लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। जापान और अमेरिका के प्रशांत तटों पर भी अलर्ट जारी किया गया था।
कामचटका क्षेत्र में इस साल 1,200 से अधिक भूकंप किए गए दर्ज:
रूस का कामचटका क्षेत्र, जो प्रशांत महासागर में ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, इस साल भूकंपीय गतिविधियों का मुख्य केंद्र रहा। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, इस साल यहां कुल 1,200 से अधिक भूकंप दर्ज किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर छोटे भूकंप थे, जिनकी तीव्रता 2.0 से 4.0 के बीच थी। इसके अलावा 150 से ज्यादा भूकंप 4.0 या उससे अधिक तीव्रता के थे, और इस क्षेत्र में 4 बड़े भूकंप 7.0 या उससे ज्यादा तीव्रता के आए।
कामचटका में भूकंप आने की वजह:
कामचटका में भूकंप इसलिए आते हैं क्योंकि यह दुनिया के सबसे भूकंपीय सक्रिय क्षेत्रों में स्थित है। यहां दो बड़ी टेक्टोनिक प्लेटें—प्रशांत प्लेट और उत्तरी अमेरिकी प्लेट—लगातार आपस में टकराती रहती हैं। इस टकराव और दबाव के कारण जमीन में हलचल पैदा होती है, जिससे भूकंप आते हैं।
पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी का खतरा:
बड़े भूकंप के बाद पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी का खतरा बढ़ जाता है। कामचटका से उत्पन्न होने वाली लहरें सबसे पहले नजदीकी देशों जैसे जापान और कोरिया तक पहुंच सकती हैं, जहां तटीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाती है। इसके बाद ये लहरें प्रशांत महासागर के आर-पार फैलती हैं और अलास्का, हवाई द्वीपों सहित अन्य दूरदराज के क्षेत्रों को भी प्रभावित कर सकती हैं।
भूकंप क्या है?
भूकम्प या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं, जो पृथ्वी के अंदर जमा ऊर्जा के अचानक मुक्त होने से उत्पन्न होता है। इसका मापन सीस्मोग्राफ यंत्र से किया जाता है और तीव्रता रिक्टर या मरकैली पैमाने पर नापी जाती है।
भूकंप के कारण:
- टेक्टोनिक प्लेटों का टकराव या फिसलन: पृथ्वी की प्लेटें आपस में टकराती या फिसलती हैं, जिससे भूकम्प आते हैं।
- ज्वालामुखी गतिविधि: ज्वालामुखी के विस्फोट या लावा के दबाव से भूकम्प उत्पन्न हो सकते हैं।
- भूस्खलन: बड़ी मात्रा में मिट्टी या चट्टानों के खिसकने से भी भूकम्प हो सकते हैं।
- मानव गतिविधियाँ: बड़े निर्माण, खनन या नाभिकीय परीक्षण जैसी गतिविधियां भी भूकम्प पैदा कर सकती हैं।
भूकंप के प्रमुख परिणाम:
भूकंप प्राकृतिक आपदा है, जिसके प्रभाव केवल ज़मीन के हिलने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि जीवन, संपत्ति और पर्यावरण पर गंभीर असर डालते हैं।
मुख्य प्राकृतिक परिणाम
- ज़मीन का हिलना और फटना: भूकंप का सबसे पहला और सीधा असर ज़मीन के काँपने के रूप में दिखाई देता है। इससे सतह पर गहरी दरारें पड़ सकती हैं।
- भूस्खलन और हिमस्खलन: पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप से बड़े पैमाने पर भूस्खलन या हिमस्खलन हो सकते हैं, जो बस्तियों और सड़कों को नष्ट कर देते हैं।
- मिट्टी का द्रवीकरण (Soil Liquefaction): लगातार झटकों के कारण मिट्टी अपनी मजबूती खो देती है और द्रव जैसी हो जाती है, जिससे इमारतें, पुल और सड़कें धंस सकती हैं।
- सुनामी: समुद्र के नीचे आने वाले तीव्र भूकंप समुद्री लहरों (सुनामी) को जन्म देते हैं, जो तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाती हैं।
- बाढ़: भूकंप से बांध या तटबंध टूट सकते हैं, जिससे अचानक बाढ़ आ सकती है।
सामाजिक और मानव परिणाम
भूकंप से केवल भौतिक संरचनाएँ ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि:
- बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती है।
- संपत्ति का विनाश होता है।
- भोजन, पानी और आश्रय जैसी बुनियादी ज़रूरतों की कमी हो जाती है।
- स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रभावित होती हैं और बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है।
दुनिया के 5 सबसे बड़े भूकंप:
- कामचटका, रूस (1952): यह दुनिया का पहला दर्ज किया गया 9.0 तीव्रता वाला भूकंप था। इस भूकंप से भारी तबाही हुई और लगभग 10 लाख डॉलर का नुकसान हुआ।
- बिओबियो, चिली (1960): इस भूकंप की तीव्रता 9.5 थी जिसे ग्रेट चिली भूकंप कहा जाता है। इस भूकंप में 1,655 लोगों की मौत हुई और लगभग 20 लाख लोग बेघर हो गए।
- अलास्का, अमेरिका (1964): इस भूकंप की तीव्रता 9.2 थी जिसे ग्रेट अलास्का भूकंप कहा जाता है। इस भूकंप में 130 लोग मरे और लगभग 2.3 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ।
- सुमात्रा, इंडोनेशिया (2004):1 तीव्रता वाला यह भूकंप 21वीं सदी का सबसे बड़ा भूकंप माना जाता है। इसमें लगभग 2,80,000 लोग मरे और 11 लाख से ज्यादा लोग बेघर हुए।
- तोहोकू, जापान (2011):1 तीव्रता वाले इस भूकंप को जापान परमाणु रिएक्टर विस्फोट के लिए जाना जाता है। इसमें लगभग 15,000 लोगों की मौत हुई और 1,30,000 से ज्यादा लोग बेघर हुए।
सुनामी (Tsunami) क्या है-
सुनामी समुद्र या महासागर में उत्पन्न होने वाली विशाल लहरों की श्रृंखला है, जो सामान्य लहरों से कहीं अधिक ऊँची और विनाशकारी होती है। यह जापानी शब्द है- “त्सू” (बंदरगाह) + “नामी” (लहर) जिसका अर्थ है “बंदरगाह की लहर”। तटों से टकराने पर ये लहरें व्यापक तबाही मचा सकती हैं।
सुनामी के प्रमुख कारण
- भूकंप (Earthquake): समुद्र तल के नीचे शक्तिशाली भूकंप सुनामी का सबसे आम कारण होते हैं। अचानक पानी के बड़े हिस्से के विस्थापन से विशाल लहरें उठती हैं।
- भूस्खलन (Landslide): समुद्र के नीचे या किनारे से बड़े पैमाने पर होने वाले भूस्खलन भी पानी को विस्थापित कर सुनामी उत्पन्न कर सकते हैं।
- ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruption): समुद्र के नीचे या उसके आसपास ज्वालामुखी फटने से भी पानी हिलता है और सुनामी लहरें पैदा होती हैं।
- उल्कापिंड का टकराना (Asteroid Impact): यद्यपि बहुत दुर्लभ है, लेकिन यदि कोई बड़ा उल्कापिंड समुद्र से टकरा जाए तो भी सुनामी आ सकती है।