फोर्ब्स एशिया ने जारी की ‘100 स्टार्टअप्स टू वॉच’ लिस्ट: 16 देशों वाली लिस्ट में भारत शीर्ष पर, जानिए पूरी खबर..

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2025 के लिए फोर्ब्स एशिया ने ‘100 स्टार्टअप्स टु वॉच’ की लिस्ट जारी की है, जिसमें 16 देशों के 100 सबसे उभरते स्टार्टअप्स को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में भारत से सबसे ज्यादा, यानी 18 स्टार्टअप्स चुने गए हैं, जिनमें ₹8,779 करोड़ तक वैल्यू वाली कंपनियां भी शामिल हैं। यह साबित करता है कि भारतीय स्टार्टअप सिर्फ संख्या में ही नहीं, बल्कि नवाचार और वैश्विक स्तर पर अपनी ताकत दिखाने में भी आगे हैं।

 

इस लिस्ट में अन्य देश जैसे: सिंगापुर और जापान (14-14), चीन (9), इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया (8-8) और ऑस्ट्रेलिया (7) का स्थान है।

Forbes Asia releases 100 Startups to Watch list

फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार,

 

भारत के युवा उद्यमियों ने पिछले 20 सालों में इनोवेशन के क्षेत्र में इतनी तेजी दिखाई है कि अब वे अमेरिका और चीन जैसे बड़े बाजारों से भी मुकाबला कर सकते हैं। भारतीय स्टार्टअप्स ने स्थानीय समस्याओं का समाधान ढूंढते हुए ऐसे बिजनेस मॉडल तैयार किए हैं, जिन्हें दुनिया भर में आसानी से बढ़ाया जा सकता है। इसका मतलब है कि कम संसाधन और लागत में भी ये स्टार्टअप्स जल्दी और बड़े पैमाने पर फैल सकते हैं।

 

रिपोर्ट की अन्य मुख्य बातें:

  • व्यापक पहुंच: लिस्ट में शामिल स्टार्टअप्स 10 में से 8 सेक्टरों को कवर करते हैं। इनमें हेल्थकेयर, फाइनेंस, ई-कॉमर्स और रिटेल, स्पेस टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर और रूरल कॉमर्स शामिल हैं।
  • इंडियन टेस्ट: कंज्यूमर सेक्टर में फॉक्सटेल, विक्डगुड और स्वीट करम कॉफी ने भारतीय स्वाद और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया है। रूरल कॉमर्स स्टार्टअप्स ग्रामीण इलाकों में डिजिटल गैप को कम कर किसानों और छोटे व्यवसायियों को नए बाजारों से जोड़ रहे हैं।
  • गहरे इनोवेशन: भारत का नेतृत्व सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि इनोवेशन की गहराई में भी है। हेल्थकेयर स्टार्टअप्स जैसे क्लाउड फिजिशियन और ट्राइकॉग ने डिजिटल प्लेटफॉर्म और क्लाउड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर गरीब और दूरदराज़ के लोगों तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं पहुंचाई हैं।

 

आइये जानते है भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के बारे में:

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बन चुका है। दिसंबर 2024 तक 1.57 लाख से अधिक स्टार्टअप्स को DPIIT ने मान्यता दी है, जबकि 2016 में यह संख्या केवल 502 थी।

देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं, और बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहर इसे सपोर्ट कर रहे हैं। अब 51% से ज्यादा स्टार्टअप्स टियर II और III शहरों से आ रहे हैं, जो पूरे देश में उद्यमशीलता के विकास को दिखाता है।

 

सरकार की प्रमुख योजनाएं:

  • स्टार्टअप इंडिया: नवाचार को बढ़ावा देने, रोजगार सृजित करने और आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए। अब तक 28 लाख से अधिक नौकरियां बनाई गई हैं। 75,935 स्टार्टअप में कम से कम एक महिला निदेशक है।
  • स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS): शुरुआती स्टार्टअप्स को 945 करोड़ रुपये की मदद देती है। 2024 तक 2,622 स्टार्टअप्स को लाभ मिला है।
  • फंड ऑफ फंड्स (FFS): SIDBI के माध्यम से स्टार्टअप्स में निवेश के लिए धन उपलब्ध कराता है। 2024 तक 1,173 स्टार्टअप्स को वित्त पोषित किया गया।
  • अटल नवाचार मिशन (AIM): 2016 में शुरू, नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। 10,000 अटल टिंकरिंग लैब और 72 अटल इन्क्यूबेशन सेंटर हैं, जिनमें 3,556 स्टार्टअप्स इनक्यूबेट हुए और 41,965 नौकरियां बनीं।
  • क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS): DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को ऋण के लिए गारंटी देती है। जनवरी 2025 तक 16 करोड़ रुपये की गारंटी दी गई, जिसमें 27.04 करोड़ महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स के लिए है।
  • MeitY स्टार्टअप हब (MSH): इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय के तहत 5,310 से अधिक तकनीकी स्टार्टअप्स का समर्थन करता है और नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देता है।

 

भारतीय स्टार्टअप्स के समक्ष चुनौतियाँ:

  • बुनियादी ढाँचे की समस्याएँ: छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट, परिवहन और ऊर्जा जैसी सुविधाओं की कमी और उच्च लागत स्टार्टअप्स के लिए बड़ी चुनौती है।
  • उपभोक्ता-केंद्रित मॉडल: अधिकांश स्टार्टअप्स फूड डिलीवरी, फिनटेक जैसे उपभोक्ता सेवाओं पर ध्यान देते हैं, जबकि चीन के स्टार्टअप डीप-टेक जैसे AI चिप्स और EV में हैं।
  • आर्थिक संरचनात्मक बाधाएं: स्टार्टअप्स मुख्य रूप से मध्यम आय वर्ग को लक्षित करते हैं, जिससे मॉडल स्केलेबल तो बनते हैं, लेकिन बहुत नए या गहरे नवाचार कम होते हैं।
  • घरेलू निवेश की कमी: EV, रोबोटिक्स और सेमीकंडक्टर जैसे हाई-रिस्क क्षेत्रों में निवेश कम है। 2024 में सीड फंडिंग 25% और D2C स्टार्टअप फंडिंग 18% घट गई।
  • अनुसंधान और विकास की सीमाएँ: भारत का R&D निवेश केवल 64% GDP है, जिससे उच्च-तकनीकी नवाचार सीमित हैं।
  • निकास चुनौतियाँ: IPO का प्रदर्शन कमजोर रहा है, कई स्टार्टअप्स अपने निर्गम मूल्य से नीचे कारोबार कर रहे हैं, जिससे निवेशक सतर्क हैं।

 

फोर्ब्स के बारे में:

फोर्ब्स एक अमेरिकी व्यापार पत्रिका है, जिसकी स्थापना 1917 में बीसी फोर्ब्स ने की थी। इसका मुख्यालय जर्सी सिटी, न्यू जर्सी में है। पत्रिका के अध्यक्ष और प्रधान संपादक स्टीव फोर्ब्स हैं, और 1 जनवरी 2025 से शेरी फिलिप्स CEO हैं। फोर्ब्स का आदर्श वाक्य है: “दुनिया को बदलो”।

फोर्ब्स साल में आठ बार प्रकाशित होती है और इसमें वित्त, उद्योग, निवेश, मार्केटिंग के साथ-साथ प्रौद्योगिकी, विज्ञान, राजनीति और कानून पर भी लेख होते हैं। इसका एशिया में एक अंतरराष्ट्रीय संस्करण है, और दुनिया के 27 देशों में लाइसेंस के तहत संस्करण प्रकाशित होते हैं। 2006 में निवेश समूह ने फोर्ब्स मीडिया में हिस्सेदारी खरीदी। 2021 में फोर्ब्स का राजस्व 34% बढ़कर 165 मिलियन डॉलर हुआ। आज यह दुनिया भर में एक प्रमुख व्यापार और वित्त पत्रिका के रूप में जानी जाती है।

 

फोर्ब्स अपनी प्रसिद्ध सूचियों और रैंकिंग के लिए जानी जाती है, जैसे:

  • अमेरिका के सबसे अमीर लोग (Forbes 400)
  • 30 साल से कम उम्र के 30 सबसे प्रभावशाली लोग (Forbes 30 Under 30)
  • दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियां (Forbes Global 2000)
  • दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोग और अरबपति

 

निष्कर्ष:

फोर्ब्स एशिया की लिस्ट में भारत के 18 स्टार्टअप्स का शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम न केवल तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि नवाचार और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता में भी आगे है। यह संकेत है कि भारत की युवा प्रतिभा, तकनीकी कौशल और उद्यमशीलता न सिर्फ देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रही है, बल्कि एशिया-प्रशांत और विश्व स्तर पर अपनी पहचान भी बना रही है।

latest posts