ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो तख्तापलट के आरोपों में दोषी, कोर्ट ने सुनाई 27 साल की जेल की सजा

ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को तख़्तापलट की कोशिश का दोषी ठहराया है। 2022 के चुनाव में हार के बाद भी सत्ता पर बने रहने की योजना के चलते कोर्ट ने उन्हें पांच अपराधों में दोषी मानते हुए 27 साल 3 महीने की सज़ा सुनाई।

 

पाँच जजों की पीठ में से चार ने बोल्सोनारो के खिलाफ फैसला दिया। इसके साथ ही वह 2060 तक चुनाव लड़ने और किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने के लिए अयोग्य हो गए हैं।

बोल्सोनारो पर आरोप था कि उन्होंने चुनावी हार के बाद सत्ता छोड़ने से इनकार करते हुए सेना और सहयोगियों के साथ मिलकर लोकतांत्रिक ढांचे को पलटने की कोशिश की। अदालत का यह फ़ैसला दक्षिणपंथी पॉपुलिस्ट आंदोलन और उनके समर्थकों के लिए करारा झटका माना जा रहा है।

Brazilian President Bolsonaro found guilty of coup plotting

बोलसोनारो पर क्या-क्या आरोप?

 

  • तख्तापलट की कोशिश
  • सशस्त्र आपराधिक संगठन के साथ सहयोग
  • लोकतांत्रिक कानूनी शासन को हिंसक तरीके से हटाने का प्रयास
  • शासन की संपत्तियों को नुकसान पहुँचाना (2 मामले)

 

कोर्ट की टिप्पणी: “बोल्सोनारो सत्ता हथियाने की हर कोशिश में शामिल थे”

सजा सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस कार्मेन लूसिया ने कहा, “सबूत स्पष्ट करते हैं कि बोल्सोनारो ने सत्ता हथियाने या उसे बनाए रखने के लिए हर संभव रास्ता अपनाया। वह एक संगठित गिरोह के सरगना थे।”

वहीं केस की निगरानी कर रहे जस्टिस अलेक्जेंडर डी मोरेस ने भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति सिर्फ साजिश का हिस्सा ही नहीं थे, बल्कि आपराधिक संगठन के मुखिया के रूप में काम कर रहे थे। सुनवाई के दौरान मोरेस ने अदालत में 2021 से 2023 तक की कई वीडियो पेश कीं। इनमें बोल्सोनारो अपने हजारों समर्थकों से सुप्रीम कोर्ट को भंग करने की बात कहते दिखे।

 

सजा में कारावास और नजरबंदी दोनों शामिल:

पैनल के सदस्य जस्टिस अलेक्जेंडर डी मोरेस ने बताया कि जेयर बोल्सोनारो को कुल 27 साल 3 महीने की सजा दी गई है। इसमें 24 साल 9 महीने का कारावास और 2 साल 6 महीने की नजरबंदी शामिल है।

 

बोल्सोनारो ने राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार बताया

70 वर्षीय जेयर बोल्सोनारो, जो सेना में कप्तान रह चुके हैं, अपने राजनीतिक करियर में हमेशा से विवादों में घिरे रहे हैं। उन्होंने खुले तौर पर 1964 से 1985 तक चली ब्राजील की सैन्य तानाशाही का समर्थन किया था वह दौर जब सैकड़ों नागरिकों की हत्या हुई थी।

अब तख़्तापलट की साजिश में दोषी ठहराए जाने के बाद भी बोल्सोनारो लगातार अपनी बेगुनाही का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह केस दरअसल राजनीतिक प्रताड़ना और साज़िश का हिस्सा है।

 

कौन है, जेयर बोलसोनारो:

जेयर बोलसोनारो ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति और दक्षिणपंथी राजनेता हैं। वे अपने विवादित बयानों और नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों में रहे हैं।

  • सैन्य पृष्ठभूमि: बोलसोनारो ब्राज़ील की सेना में कार्यरत रहे।
  • पहला विवाद (1986): सेना में कम वेतन का मुद्दा उठाने के लिए उन्होंने एक न्यूज़ मैगज़ीन को इंटरव्यू दिया, जो सैन्य नियमों का उल्लंघन था। हालांकि, जनता के बीच इस कदम की सराहना हुई।
  • दूसरा विवाद (1987): उसी मैगज़ीन ने दावा किया कि बोलसोनारो ने अपने साथियों के साथ मिलकर रियो डी जेनेरो की सैन्य इकाइयों में बम लगाने की साजिश रची थी। आरोप था कि इसके लिए स्केच भी उन्होंने ही बनाए थे।
  • जांच और नतीजा: सैन्य अधिकारियों ने उन्हें दोषी ठहराया, लेकिन सुप्रीम मिलिट्री कोर्ट में जांच अधिकारी ने उन्हें बरी करने पर जोर दिया। आखिरकार अदालत ने उन्हें बरी कर दिया।
  • राजनीति में प्रवेश: 1988-89 में इस फैसले के बाद बोलसोनारो ने राजनीति में कदम रखा और धीरे-धीरे ब्राज़ील की राजनीति में एक मज़बूत चेहरा बन गए।

जेयर बोलसोनारो का राजनीतिक करियर:

  • 1988: राजनीति में प्रवेश किया और रियो डी जेनेरो शहर के काउंसिलर बने।
  • 1991-2018: क्रिश्चयन डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से सांसद बने। इस दौरान अलग-अलग पार्टियों से चुनाव जीतते रहे।
  • 2018: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने।
  • 2019: ब्राज़ील के राष्ट्रपति बने।
  • 2023: चुनाव हारने के बाद उन पर तख्तापलट की कोशिश समेत कई आरोप लगे और मामला कोर्ट पहुँचा।

 

वर्तमान मे कहां हैं बोल्सोनारो:

पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो इस समय राजधानी ब्रासीलिया के एक उच्च-सुरक्षा केंद्र में नजरबंद हैं। ब्राजीलियाई पुलिस ने उनके पैर में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरण लगाया है और उन पर 24 घंटे नज़र रखी जा रही है। हालांकि, उनके वकीलों का कहना है कि यह अभी साफ नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान बोल्सोनारो खुद पेश होकर बचाव करेंगे या नहीं।

जांच एजेंसियों के मुताबिक, हाल ही में ऐसे सबूत सामने आए थे कि बोल्सोनारो अमेरिका या अर्जेंटीना भागकर राजनीतिक शरण लेने की योजना बना रहे थे। हालांकि, उनकी कानूनी टीम इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करती है। इसके अलावा, जुलाई से ही बोल्सोनारो पर कई सख़्त पाबंदियाँ हैं जैसे- उन्हें विदेशी अधिकारियों से मिलने, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने और देश में मौजूद विदेशी दूतावासों में जाने से रोक दिया गया है।

 

कानून के मुताबिक अधिकतम 40 साल की सजा:

ब्राजील के कानून के अनुसार किसी भी दोषी को जेल में अधिकतम 40 साल तक ही रखा जा सकता है। ऐसे में बोल्सोनारो को सुनाई गई 27 साल 3 महीने की सजा उनकी उम्र और कानूनी सीमा को देखते हुए बेहद कठोर मानी जा रही है।

अमेरिका और ट्रंप की प्रतिक्रिया:

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका इस मामले पर “अपने हिसाब से” प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे एक तरह का “विच हंट” कहा। इस पर ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने पलटवार करते हुए साफ किया कि देश किसी भी तरह की “धमकी” से नहीं डरेगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी बोल्सोनारो के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने मुकदमे के चलते ब्राजील पर पहले ही 50% टैरिफ लगाने का एलान कर दिया था और फैसले को “बहुत आश्चर्यजनक” बताया। ट्रंप ने बोल्सोनारो को “अच्छे राष्ट्रपति” और “अच्छे इंसान” करार देते हुए कहा कि उनकी कानूनी परेशानियाँ वैसी ही हैं जैसी मेरे साथ करने की कोशिश की गई थी।”

 

बोलसोनारो पर कार्रवाई से नाराज़ ट्रंप, ब्राज़ील को दी धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले भी बोल्सोनारो के मुकदमे को लेकर बयानबाज़ी कर चुके हैं। जुलाई में उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला डा सिल्वा को लिखे एक पत्र में बोल्सोनारो के साथ हो रहे व्यवहार को अंतरराष्ट्रीय अपमान” बताया था। ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका ब्राजील के स्वतंत्र चुनावों पर हमले के जवाब में 50% टैरिफ लगाएगा।

 

निष्कर्ष:

जेयर बोल्सोनारो पर सुनाई गई 27 साल 3 महीने की सजा सिर्फ एक पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ फैसला नहीं है, बल्कि यह ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट का संदेश भी है कि लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे के खिलाफ किसी भी तरह की साज़िश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालाँकि ब्राजील के कानून के तहत अधिकतम 40 साल की कैद की सीमा तय है, फिर भी यह सजा बोल्सोनारो की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर स्थायी विराम लगाने वाली मानी जा रही है। 2060 तक अयोग्य हो जाने के बाद अब उनका राजनीतिक भविष्य लगभग खत्म हो चुका है।