देश छोड़कर भागे थाईलैंड के पूर्व PM थाकसिन शिनवात्रा: इलाज के बहाने दुबई गए, कोर्ट 9 सितंबर को सजा सुनाने वाली थी

थाईलैंड की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा अचानक देश छोड़कर भाग गए हैं। दरअसल, उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और 9 सितंबर को अदालत का अहम फैसला आने वाला था, जिसमें उन्हें जेल की सजा हो सकती थी। जेल जाने के डर से थाकसिन अपने प्राइवेट जेट से दुबई चले गए और इस बात की जानकारी खुद सोशल मीडिया पर दी।

Former Thailand PM Thaksin Shinawatra fled the country

थाकसिन शिनावात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:

 

मैं इलाज के लिए सिंगापुर जा रहा था, लेकिन पायलट ने बताया कि उनका जेट वहां नहीं उतर सकता। इसके बाद उन्हें मजबूरी में दुबई जाना पड़ा। हालांकि, थाकसिन का कहना है कि वह 9 सितंबर को आने वाले कोर्ट के फैसले के लिए जरूर वापस लौटेंगे।

 

उड़ान-ट्रैकिंग डेटा से पता चला:

बैंकॉक एयरपोर्ट पर थाकसिन शिनवात्रा ने अधिकारियों को बताया कि उनका निजी जेट सिंगापुर जा रहा है और चूंकि उनके खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट या कोर्ट आदेश नहीं था, इसलिए उन्हें उड़ान की अनुमति दे दी गई। लेकिन उड़ान-ट्रैकिंग डेटा से पता चला कि उनका बॉम्बार्डियर BD-700 जेट पहले सिंगापुर की ओर गया, फिर अचानक पश्चिम की ओर मुड़ा, दो चक्कर लगाए और इसके बाद भारत की दिशा में उड़ान भरने लगा।

 

किन आरोपों से बचने के लिए फिर भागे थाकसिन?

थाकसिन शिनावात्रा 2001 से 2006 तक थाईलैंड के प्रधानमंत्री रहे। 2006 में सेना ने उन्हें सत्ता से हटा दिया और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। 2008 में वह फैसले से पहले देश छोड़कर चले गए और लंबे समय तक वापस नहीं लौटे। 2023 में वापसी पर उन्हें आठ साल की सजा हुई, लेकिन जेल की बजाय बैंकॉक के पुलिस जनरल हॉस्पिटल में रखा गया, जिससे उन्हें विशेष सुविधाएं मिलने के आरोप लगे। बाद में राजा ने उनकी सजा घटाकर एक साल कर दी और छह महीने बाद पैरोल पर रिहा कर दिया गया। अब अदालत यह जांच कर रही है कि उन्हें मिली ये सुविधाएं नियमों के तहत थीं या नहीं। अगर इसमें गड़बड़ी साबित हुई, तो उन पर नए आरोप लग सकते हैं और उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ सकता है।

 

थाकसिन की वापसी पर फिर संशय:

2006 में पद से हटाए जाने के बाद जब उन पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए थे और उन्हें 15 साल की सजा सुनाई गई थी, तब भी वह विदेश भाग गए थे। इसलिए अब एक बार फिर उनके लौटने पर संदेह जताया जा रहा है।

 

थाकसिन की बेटी को भी कोर्ट ने किया था PM पद से बर्खास्त:

थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री और थाकसिन शिनवात्रा की बेटी पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा जुलाई 2025 में बड़े विवाद में घिर गईं। उनकी कंबोडिया के पूर्व नेता हुनसेन से हुई फोन कॉल लीक हो गई, जिसमें उन्होंने उन्हें ‘अंकल’ कहकर संबोधित किया। उस समय थाईलैंड और कंबोडिया के बीच प्राचीन शिव मंदिरों को लेकर तनाव चल रहा था। विपक्ष ने इस कॉल को मुद्दा बनाते हुए उन पर कंबोडिया के सामने झुकने और सेना को कमजोर करने के आरोप लगाए। बढ़ते दबाव के बीच संवैधानिक अदालत ने इसे नैतिकता का उल्लंघन मानकर 1 जुलाई 2025 को उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया।

 

अनुतिन चार्नविराकुल बने थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री:

शुक्रवार को अनुतिन चार्नविराकुल को बहुमत के साथ थाईलैंड का नया प्रधानमंत्री चुना गया। वह भूमजैथाई पार्टी के नेता हैं और पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। पाइतोंग्तार्न का फोन कॉल लीक होने के बाद अनुतिन ने अपनी पार्टी का गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वह थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं।

 

थाकसिन की बहन भी रह चुकी है थाईलैंड की PM:

2011 में थाकसिन शिनवात्रा की बहन यिंगलक शिनवात्रा थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए चावल सब्सिडी योजना शुरू की, लेकिन इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ा। इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और मई 2014 में संवैधानिक अदालत ने उन्हें सत्ता के दुरुपयोग का दोषी मानकर हटा दिया। इसके बाद सेना ने तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथ में ले ली। 2017 में फैसले से पहले कर्तव्य में लापरवाही के आरोपों के चलते वह थाईलैंड से भागकर दुबई चली गईं। बाद में अदालत ने उन्हें अनुपस्थिति में ही दोषी ठहराया।

 

शिनवात्रा परिवार का थाईलैंड की राजनीति पर प्रभाव:

थाकसिन शिनवात्रा ने थाईलैंड में फ्यू थाई पार्टी की स्थापना की, जिसने पिछले दो दशकों तक देश की राजनीति में अपना मजबूत दबदबा बनाए रखा। शिनवात्रा परिवार ने 2001 से 2006, 2011 से 2014 और 2024 से 2025 तक सत्ता संभाली और थाईलैंड की राजनीति पर लगातार प्रभाव बनाए रखा।

 

थाकसिन का राजनीतिक भविष्य:

विशेषज्ञों का मानना है कि ये थाकसिन शिनवात्रा और उनके राजनीतिक नेटवर्क के 20 साल लंबे दबदबे के अंत की शुरुआत हो सकता है। थाकसिन पर पहले भी कई मामले चले हैं, जिनमें वह खुद को राजनीति का शिकार बताते रहे हैं। हाल ही में अदालत ने उन्हें राजद्रोह के एक बड़े मामले में बरी किया था, जिसमें उन्हें 15 साल की सजा हो सकती थी।

 

निष्कर्ष:

थाईलैंड की राजनीति में लंबे समय तक प्रभावी रहे थाकसिन शिनवात्रा और उनका परिवार अब लगातार विवादों और आरोपों से घिरा है। बेटी और बहन दोनों ही प्रधानमंत्री पद से हटाई जा चुकी हैं, और अब खुद थाकसिन पर फिर जेल का खतरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह शिनवात्रा परिवार के राजनीतिक दबदबे के अंत की शुरुआत हो सकती है।