इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) ने 2025 का ग्लोबल पीस इंडेक्स जारी किया, जिसमें आइसलैंड लगातार दुनिया का सबसे शांत और सुरक्षित देश बना। जबकि एशिया में सिंगापुर को सबसे सुरक्षित देश का दर्जा मिला, भारत इस बार भी टॉप 100 देशों में जगह बनाने में सफल नहीं हो पाया।
यह रिपोर्ट इंस्टिट्यूट फॉर इकनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा जारी की गई है। इस इंडेक्स में 163 स्वतंत्र देशों और क्षेत्रों का मूल्यांकन किया गया, जो दुनिया की लगभग 99.7% आबादी को कवर करता है।

वैश्विक शांति सूचकांक 2025: मुख्य बिंदु
- आइसलैंड वर्ष 2025 में भी अपने स्कोर 1.095 के साथ लगातार प्रथम स्थान पर बना रहा।
- GPI में स्कोर 1 का अर्थ है सबसे अधिक शांतिपूर्ण देश, जबकि उच्च स्कोर (जैसे 163 या उससे अधिक) का अर्थ है सबसे अधिक अशांत देश।
- 2025 में वैश्विक शांति में फिर से गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले 15 वर्षों में 12वीं बार है। जिसका मुख्य कारण घरेलू अशांति, आंतरिक प्रदर्शनों और नए संघर्षों का उभरना है।
दुनिया के 10 सबसे शांतिपूर्ण देश (2025):
- आइसलैंड – 1.095
- आयरलैंड – 1.260
- न्यूज़ीलैंड – 1.282
- ऑस्ट्रिया – 1.294
- स्विट्ज़रलैंड – 1.294
- सिंगापुर – 1.357
- पुर्तगाल – 1.371
- डेनमार्क – 1.393
- स्लोवेनिया – 1.409
- फ़िनलैंड – 1.420
इन देशों में हिंसा का स्तर अत्यंत निम्न, राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित, तथा सैन्य गतिविधियाँ न्यूनतम हैं।
सबसे असुरक्षित देश:
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025 के अनुसार, सबसे नीचे रूस, यूक्रेन, सूडान, कांगो और यमन जैसे देश हैं, जहां संघर्ष और हिंसा लगातार बढ़ रही है। दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और पाकिस्तान में नागरिक अशांति और कड़े नीतिगत दबाव के कारण हालात बिगड़े हैं। इन देशों में राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक टकराव के चलते अशांति फैली हुई है।
एशिया के 10 सबसे शांतिपूर्ण देश (2025):
- सिंगापुर -357
- जापान -440
- मलेशिया -469
- भूटान -536
- मंगोलिया -719
- वियतनाम -721
- ताइवान -730
- दक्षिण कोरिया – 736
- तिमोर-लेस्ते -758
- लाओस -783
ये देश क्षेत्रीय स्थिरता, कम अपराध दर, और प्रभावी शासन व्यवस्था के कारण एशिया में सबसे अधिक शांतिपूर्ण देश हैं।
भारत की स्थिति: वैश्विक शांति सूचकांक 2025 के अनुसार
- स्थान: 115वां (कुल 163 देशों में)
- स्कोर:229 (पिछले वर्ष 2024 में 116वें स्थान पर)
भारत की शांति रैंकिंग को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक:
- आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियाँ
- सीमा क्षेत्रों पर लगातार तनाव
- शहरी क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताएँ
- कानून-व्यवस्था का क्षेत्रीय असमान प्रभाव
हालाँकि भारत ने आर्थिक विकास और वैश्विक प्रभाव के स्तर पर उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था और शासन से संबंधित मुद्दे उसकी शांति रैंकिंग को प्रभावित करते रहते हैं। इस दिशा में संतुलित नीतियाँ और सुदृढ़ प्रशासनिक प्रयास भारत की स्थिति में सुधार ला सकते हैं।
बाकी दुनिया की स्थिति: वैश्विक शांति सूचकांक 2025 के अनुसार:
ग्लोबल पीस इंडेक्स की 2025 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया वर्तमान में एक गंभीर और व्यापक हिंसक संघर्ष संकट का सामना कर रही है। 2008 में इस सूचकांक की शुरुआत के बाद से अब तक देशों के औसत शांति स्कोर में 5.4% की गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही, सबसे शांतिपूर्ण और सबसे अशांत देशों के बीच का अंतर 11.7% तक बढ़ गया है, जिससे वैश्विक असमानता और अधिक स्पष्ट हो गई है।
वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) के बारे में?
ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) एक वार्षिक रिपोर्ट है जो 163 देशों और क्षेत्रों को उनके शांति स्तर के आधार पर रैंक करती है। इसे अर्थशास्त्र एवं शांति संस्थान (Institute for Economics & Peace – IEP) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यह विश्व में शांति मापने का प्रमुख सूचकांक माना जाता है। यह सूचकांक हिंसा, सुरक्षा, आंतरिक संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता जैसे विभिन्न संकेतकों का विश्लेषण कर देशों की शांति की स्थिति का समग्र मूल्यांकन प्रस्तुत करता है।
उपयोगिता :
- नैतिकता, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए गैजेट्स और सुरक्षा निर्णयों में सहायक।
- सामाजिक एवं आर्थिक सुधार की दिशा में दिशा।
अर्थशास्त्र एवं शांति संस्थान (IEP):
अर्थशास्त्र एवं शांति संस्थान (Institute for Economics & Peace – IEP) एक स्वतंत्र और गैर-लाभकारी थिंक टैंक है, जो शांति का विश्लेषण करता है, इसके आर्थिक महत्व को समझता है और सकारात्मक शांति को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। यह ‘वैश्विक शांति सूचकांक’ (Global Peace Index) जैसे महत्वपूर्ण सूचकांक प्रकाशित करता है, जो विभिन्न देशों में शांति की स्थिति का आकलन करता है। इस संस्थान की स्थापना 2007 में स्टीव किलेलिया ने की थी और इसका मुख्यालय सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में स्थित है।
प्रसिद्ध सूचकांक:
- वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index): यह सूचकांक देशों को शांति की स्थिति के आधार पर रैंक करता है और देशों की शांति के आर्थिक मूल्य और प्रवृत्तियों का विश्लेषण प्रदान करता है।
- वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (Global Terrorism Index): यह सूचकांक आतंकवाद की घटनाओं और समाज पर उनके प्रभाव के आधार पर देशों को रैंक करता है।
निष्कर्ष:
वैश्विक शांति सूचकांक यह दर्शाता है कि शांति नाजुक और सतत प्रयासों की मांग करती है, और कोई भी देश पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। कुछ देश स्थिर नीतियों के कारण शांति बनाए रखते हैं, जबकि अन्य युद्ध, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित होते हैं। रिपोर्ट बताती है कि शांति केवल सुरक्षा और कानून व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि इसके लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संतुलन भी जरूरी है। इसलिए सभी देशों को सहयोग, संवाद और विकासोन्मुख दृष्टिकोण अपनाकर मिलकर प्रयास करना चाहिए।