Gold rush 2025 : क्यों बढ़ रही है सोने की मांग ?

सोना या कहे तो प्राचीन सभ्यताओं चाहे वो हड़प्पा सभ्यता हो या मिस्र देश की बात हो जहां सोना देवत्व, धन और अमरता का प्रतीक माना गया है

पौराणिक कथाओं में एक अलग जगह देखने को मिलती है ।

 

नूबिया की चमकती रेत से लेकर कनार्क के भव्य मन्दिरों और फ़िरौन की कब्रों तक ,सोने ने जीवित को सजाया , मृतकों को पवित्र किया और नश्वर को ईश्वर से जोड़ा!

 

यानी अलग अलग समय व काल में सोने का प्रयोग भी अलग अलग कार्य में हुआ लेकिन इसके महत्व को प्राचीन काल से ही मान्यता मिल गई और उसी से धीरे धीरे साम्राज्यों का विस्तार हुआ ।

 

धन बल में सोने का प्रयोग और फिर मुद्रा के रूप  लिदिया ( वर्तमान तुर्की)  ने इसका प्रयोग शुरू कर दिया ।

भारत सोने की चिड़िया कहलाता था और कई आक्रमण झेलने वाला देश ,चाहे वो दिल्ली सल्तनत का हो , मुगल हो या फिर अंग्रेज सभी ने सोने जैसी धातु के महत्व को बढ़ाते हुए अपने भंडार भरना चालू रखा।

  • भारत में सोने का उत्पादन मुख्य रूप से कर्नाटक में होता है इसके अलावा आंध्र प्रदेश और झारखंड में भी इसके भंडार पाए जाते हैं । भारत में सोने का आयात स्विट्जरलैंड, दुबई समेत 48 देशों से करता है ।

     

    भारत विश्व में गोल्ड का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है । विश्व में चल रहे आपसी

    संघर्ष में गोल्ड जमा करना  सबसे सुरक्षित और फायदेमंद सौदा साबित हो रहा है ।

    इसी व्यवस्था के चलते गोल्ड की कीमत इस साल 1 लाख पार कर गई!

     

    गोल्डमैन सैक की रिपोर्ट के अनुसार ट्रेडर , इंवेस्टर और सेंट्रल बैंक्स का गोल्ड पर विशेष फोकस रहा !

     

    रूस यूक्रेन युद्ध इस चमत्कारी धातु के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ । 2022 से विभिन्न देशों की सेंट्रल बैंक्स ने गोल्ड खरीदने की गति बढ़ा दी और इसका परिणाम हुआ गोल्ड की कीमतों में बढ़ती हुई तेजी।

    वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के हवाले से कहा गया है कि भारतीय महिलाओं के पास लगभग 24000 टन सोने के गहने हैं ये दुनिया के कुल गोल्ड भंडार का 11% है!

     

    सोने में निवेश

     

    उच्च तरलता और मुद्रास्फीति को मात देने की क्षमता जैसे कुछ प्रभावशाली कारकों के कारण, सोना भारत में सबसे पसंदीदा निवेशों में से एक है।

     

    सोने में निवेश कई रूपों में किया जा सकता है जैसे आभूषण, सिक्के, बार, गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, गोल्ड फंड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम आदि खरीदना।

     

    पारंपरिक रूपों में, यह केवल आभूषण, सिक्के, अरबों या कलाकृतियों के रूप में भौतिक सोना खरीदना था। आजकल परिदृश्य बदल गया है और निवेशकों के पास निवेश करने के लिए गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड जैसे अधिक विकल्प हैं ।

     

    गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) भौतिक सोना खरीदने के समान है, लेकिन एकमात्र अंतर यह है कि आप वास्तव में भौतिक सोना नहीं खरीदते हैं।

    आपको भौतिक सोने को संग्रहीत करने की परेशानी से नहीं गुजरना पड़ता है, इसके बजाय, खरीदा गया सोना डीमैट (कागज़) प्रारूप में संग्रहीत किया जाता है। दूसरी ओर, गोल्ड फंड सोने की खनन कंपनियों में निवेश करने से संबंधित हैं।

    भौतिक सोना

    गोल्ड ईटीएफ

    गोल्ड म्यूचुअल फंड

    Soveriegn गोल्ड बॉन्ड (फिलहाल सस्पेंडेड)

    डिजिटल गोल्ड

     

    मुद्रास्फीति की दर चाहे जितनी भी हो, सोने में निवेश पर रिटर्न हमेशा उसके अनुरूप ही रहा है। संक्षेप में, इसे मुद्रास्फीति को मात देने वाला निवेश माना जा सकता है

     

    सोने में निवेश के लिए एक और प्रमुख कारक तरलता है; यह निवेशकों को उत्कृष्ट तरलता प्रदान करता है हालाँकि सोना स्टॉक और बॉन्ड की तरह निष्क्रिय निवेश नहीं है जो आपको ब्याज और लाभांश के रूप में नियमित आय प्रदान करते हैं, यह आपको बेहतरीन तरलता प्रदान कर सकता है और मुद्रास्फीति को भी मात दे सकता है।

     

    जाहिर है, सोने में निवेश के फायदे आमतौर पर नुकसान से बेहतर होते हैं।

    संक्षेप में, वे सभी निवेशक जिन्हें अल्पावधि में धन की आवश्यकता नहीं है, वे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प चुन सकते हैं और जो निवेशक तरलता को प्राथमिकता देते हैं, वे गोल्ड ETF और फंड का विकल्प चुन सकते हैं।

     

    24 कैरेट शुद्ध गोल्ड का मूल्य वर्तमान में एक लाख के आसपास प्रति 10 ग्राम यानी तोला चल रहा है  इसके दाम पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख कारकों में

     

    • डिमांड

     

    • इनफ्लेशन यानी मुद्रास्फीति ( इनफ्लेशन अधिक होने पर मुद्रा की वैल्यू घट जाती है लोग धन को।सोने मे रखना पसंद करते हैं )

     

    • इंटरेस्ट रेट्स ( सोने और इंटरेस्ट रेट्स का विपरीत जुड़ाव होता है इंटरेस्ट रेट्स गिरने पर गोल्ड में निवेश करना फायदे का सौदा माना जाता है )

     

    • मानसून ( भारत में सोने के डिमांड का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है और सोने की मांग अच्छे मानसून से हुई फसल के बाद बढ़ जाती है )

     

    • सरकारी रिजर्व ( रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस रिजर्व को बनाए रखता है ये फाइनेंशियल रिजर्व का ही एक हिस्सा होता है )

     

    • मुद्रा में उतार चढ़ाव ( अगर भारतीय रुपया कमजोर होता है तो सोने का दाम महंगा हो जाता है इंटरनेशनल मार्केट में सोने का ट्रेड डॉलर में होता है )

     

    • भू राजनीतिक कारण ( युद्ध के कारण बड़ी हुई डिमांड और फिर कीमतों का बढ़ना )

     

    • ऑक्सट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स (ऑक्सट्रॉय एक शहर में गुड्स पहुंचने में लगता है जबकि एंट्री टैक्स राज्यों की सीमा में प्रवेश पर लगाया जाता है )

     

    अब गोल्ड पर आपकी क्या राय इसको जरूर साझा करें

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