दिल्ली में दुकान-मॉल में अब नाइट शिफ्ट कर सकेंगी महिलाएं, सरकार ने जारी की नई अधिसूचना, क्यों होंगे नियम, जाने सब कुछ

दिल्ली सरकार ने महिलाओं को अब नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने का फैसला औपचारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है। यह नियम राजधानी के दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। अधिकारियों ने गुरुवार, 23 अक्टूबर को बताया कि महिलाओं की नाइट शिफ्ट में ड्यूटी उनकी लिखित सहमति के बाद ही संभव होगी। इस प्रस्ताव को वर्ष की शुरुआत में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंजूरी दी थी। अब जारी अधिसूचना में इस अनुमति से जुड़ी सभी शर्तें और नियम स्पष्ट कर दिए गए हैं।

 

सरकार के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य महिलाओं को समान रोजगार अवसर देना है, साथ ही कार्यस्थलों पर सुरक्षा, परिवहन और अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित करना भी अनिवार्य किया गया है।

government issued new notification Women able to work night shifts in shops and malls in Delhi

शराब की दुकान को छोड़कर नाइट शिफ्ट कर सकेंगी महिलाएं:

दिल्ली सरकार के नए आदेश के तहत अब महिलाएं शराब की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अनुमति केवल उन प्रतिष्ठानों को दी जाएगी जो सुरक्षा, कल्याण और श्रम कानूनों से जुड़ी सभी शर्तों का सख्ती से पालन करेंगे।

 

लिखित सहमति और सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य:

दिल्ली सरकार के श्रम विभाग द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना में दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954 में दो नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इन प्रावधानों में महिलाओं के रोजगार और कार्य की शर्तों से संबंधित महत्वपूर्ण नियम तय किए गए हैं।

अधिसूचना के अनुसार

  • महिलाओं को अब नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति होगी, लेकिन इसके लिए उनकी लिखित सहमति अनिवार्य होगी।
  • कोई भी कर्मचारी किसी भी दिन कुल नौ घंटे से अधिक (जिसमें भोजन और विश्राम का समय शामिल है) काम नहीं करेगा।
  • साप्ताहिक कार्य समय 48 घंटे से अधिक नहीं होगा।
  • बिना ब्रेक के 5 घंटे से ज़्यादा लगातार काम करने पर भी रोक है। 
  • ओवरटाइम का भुगतान सामान्य वेतन की दोगुनी दर से किया जाएगा (अधिनियम की धारा 8 के अनुसार)।
  • शिफ्ट सिस्टम इस प्रकार बनाया जाएगा कि किसी कर्मचारी को केवल नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए बाध्य न किया जाए।

 

सुरक्षा और सुविधाओं के लिए दिशा-निर्देश:

  • नियोक्ताओं को सुरक्षा, संरक्षा और परिवहन की उचित व्यवस्था करनी होगी, विशेषकर उन कर्मचारियों के लिए जो ओवरटाइम या नाइट शिफ्ट में कार्यरत हैं।
  • सभी प्रतिष्ठानों में CCTV कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे, जिनकी फुटेज कम से कम एक महीने तक सुरक्षित रखी जाएगी और आवश्यक होने पर मुख्य निरीक्षक (शॉप्स) को सौंपी जाएगी।
  • जारी अधिसूचना के अनुसार, जो नियोक्ता महिला कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं, उन्हें कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति (ICC) का गठन करना अनिवार्य होगा।

 

अन्य लाभ और प्रावधान:

  • राष्ट्रीय अवकाश या साप्ताहिक अवकाश के दिन काम करने पर कर्मचारियों को प्रतिपूरक अवकाश (compensatory leave) दिया जाएगा।
  • सभी कर्मचारियों को कानूनी लाभ जैसे न्यूनतम वेतन, भविष्य निधि (PF), बीमा और बोनस का अधिकार मिलेगा।
  •  कल्याण सुविधाएं: नियोक्ताओं को कार्यस्थल पर रेस्टरूम, वॉशरूम और मेडिकल सहायता जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।
  • रिकॉर्ड रखरखाव और रिपोर्टिंग: नियोक्ताओं को नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मचारियों का पूरा रिकॉर्ड और रजिस्टर बनाए रखना होगा तथा आवश्यक होने पर श्रम विभाग को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
  • भेदभाव पर रोक: नियमों में यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाओं को समान अवसर और समान वेतन मिले तथा उन्हें नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए बाध्य या दबाव में नहीं लाया जाए।

 

यह अधिसूचना दिल्ली में कार्यरत महिलाओं के लिए सुरक्षा, समानता और सम्मानजनक कार्य परिस्थितियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

 

इससे दिल्ली को क्या फायदा होगा?

यह फैसला दिल्ली को चौबीसों घंटे बिजनेस हब के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे महिलाओं की वर्कफोर्स में भागीदारी बढ़ेगी, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राजधानी को Ease of Doing Business में भी बढ़त मिलेगी।

यह निर्णय दिल्ली को एक सुरक्षित, प्रगतिशील और समावेशी कार्य वातावरण देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

किन-किन राज्‍यों में है सुविधा?

यह सुविधा पहले से ही हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में लागू है। अब राजधानी दिल्ली भी इस सूची में शामिल हो गई है, जिससे यहां की कार्यसंस्कृति में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।

 

निष्कर्ष:

दिल्ली सरकार का यह फैसला राजधानी में महिलाओं को समान अवसर और सुरक्षित कार्य वातावरण देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। अब महिलाएं नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी, बशर्ते नियोक्ता सुरक्षा, कल्याण, परिवहन और कानूनी प्रावधानों का पूरी तरह पालन करें।

यह निर्णय न केवल महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और कार्यबल में भागीदारी बढ़ाएगा, बल्कि दिल्ली को 24×7 बिजनेस हब बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नई व्यवस्था से कार्यस्थलों पर लैंगिक समानता, पारदर्शिता और सम्मानजनक माहौल को बढ़ावा मिलेगा।

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