टिकटॉक पर से बैन हटाने पर सरकार का जवाब: अश्विनी वैष्णव बोले बैन हटाने की कोई योजना नहीं

पिछले महीने कुछ ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क जैसे एयरटेल और वोडाफोन पर टिकटॉक वेबसाइट थोड़े समय के लिए खुली रही, जिससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि भारत में टिकटॉक बैन हट सकता है।

लेकिन IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि भारत में लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो एप टिकटॉक पर लगा बैन हटाने का कोई योजना नहीं है। एक इंटरव्यू में अश्विनी वैष्णव ने कहा, टिकटॉक के बैन को हटाने को लेकर किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।”

मंत्री के इस बयान का समय भारत और चीन के बीच हालिया संबंधों में सुधार की अटकलों के बीच आया, जब टिकटॉक की भारत में वापसी पर चर्चा हो रही थी।

Government's response on lifting the ban on TikTok

अगस्त में TikTok वेबसाइट खुलने के बाद उठे कयास 

 

भारत में 22-23 अगस्त 2025 को TikTok की वेबसाइट कुछ समय के लिए खुल गई थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इसकी चर्चा तेजी से शुरू हो गई, और इसी दौरान चीन के राजदूत भारत दौरे पर आए और प्रधानमंत्री मोदी के चीन जाने की संभावनाओं की चर्चा भी चली। इन घटनाओं के बीच लोगों ने यह कयास लगाना शुरू कर दिया कि भारत में TikTok पर लगा बैन जल्द हट सकता है।

 

टिकटॉक पर बैन और भारत में स्थिति:

भारत सरकार ने जून 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा को आधार मानते हुए टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद जनवरी 2021 में टिकटॉक पर यह प्रतिबंध स्थायी कर दिया गया। उस समय भारत, टिकटॉक का सबसे बड़ा बाज़ार था, जहाँ इसके 20 करोड़ से अधिक यूज़र सक्रिय थे। सरकार के आदेश के बाद एप्पल और गूगल ने अपने ऐप स्टोर से टिकटॉक को हटा दिया।

 

भारत सरकार ने बाइटडांस के अन्य ऐप्स को भी प्रतिबंधित किया था-

टिकटॉक के अलावा उसकी मूल कंपनी बाइटडांस के अन्य ऐप्स, जैसे हेलो और कैपकट, भी जून 2020 में प्रतिबंधित किए गए। जनवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, बाइटडांस ने भारत में अपनी म्यूज़िक स्ट्रीमिंग सेवा रेसो को भी बंद कर दिया, जब इसे गूगल प्ले और एप्पल ऐप स्टोर से हटाया गया।

इस तरह, टिकटॉक और बाइटडांस के अन्य ऐप्स पर भारत में बैन का असर लगातार बना हुआ है और कंपनी ने अपनी सेवाओं को पूरी तरह से बंद करना पड़ा।

 

टिकटॉक पर बैन क्यों लगा था?

साल 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद, खासकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के दौरान तनाव बढ़ गया। इस झड़प में कई भारतीय और चीनी सैनिक शहीद हुए। इसी समय भारत सरकार ने सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए TikTok समेत लगभग 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।

इन ऐप्स में ShareIt, UC Browser, UC News जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म भी शामिल थे। सरकार ने इसे एक डिजिटल स्ट्राइक के रूप में देखा। यह कदम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69A के तहत लागू किया गया, इस निर्णय का उद्देश्य था देश की साइबर सुरक्षा और नागरिक डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

 

TikTok की भारत में चुनौतीपूर्ण यात्रा:

भारत में TikTok लाभ और नियामक चुनौतियों के मामले में खास नहीं रही है। हालाँकि भारत, TikTok का सबसे बड़ा यूज़र बेस प्रदान करता है, लेकिन राजस्व के मामले में यह बाइटडांस (TikTok की मालिक चीनी कंपनी) के लिए प्रमुख बाजार नहीं है।

  • एप ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म Sensor Tower के अनुसार, भारत में TikTok को कुल 611 मिलियन डाउनलोड मिले, जो ऐप के कुल डाउनलोड का लगभग एक-तिहाई है। इसके बावजूद, दिसंबर 2019 में भारत से केवल ₹25 करोड़ का राजस्व आया।
  • इसके विपरीत, अमेरिका में ऐप को 165 मिलियन बार डाउनलोड किया गया और वहां से 2019 में $86.5 मिलियन (करीब ₹650 करोड़) का राजस्व हुआ।
  • मूल देश चीन में TikTok के लगभग 197 मिलियन यूज़र हैं, और ऐप ने 2019 में बाइटडांस के लिए लगभग $331 मिलियन (करीब ₹2,500 करोड़) का राजस्व उत्पन्न किया।

इससे साफ होता है कि यूज़र बेस तो बड़ा है, लेकिन भारत में TikTok का मुनाफा अपेक्षाकृत कम रहा है, और नियामक प्रतिबंधों ने इसे और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया।

 

अश्विनी वैष्णव ने चीनी निवेशक और भारत के टेक सेक्टर के बारे में क्या कहा-

IT मंत्री अश्विनी वैष्णव से पूछा गया कि क्या चीनी निवेशक भारत के टेक सेक्टर में वापसी करेंगे। इस पर उन्होंने साफ कहा कि “देखना होगा कि आगे क्या होता है। भारत एक पारदर्शी देश है और नीतियां सभी के साथ स्पष्ट रूप से साझा की जाएंगी।”

 

सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स में सहयोग:

हालांकि TikTok की वापसी फिलहाल नहीं हो रही है, फिर भी भारत और चीन सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पर बातचीत कर रहे हैं। IT मंत्री ने कहा कि इस उद्योग में ग्लोबल सप्लाई चेन की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों की कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के क्षेत्र में तकनीक साझा करने के अवसर तलाश रही हैं।

इससे संकेत मिलता है कि टेक निवेश और औद्योगिक सहयोग में चीन-भारत संबंधों के नए अवसर खुल सकते हैं, भले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे TikTok अभी प्रतिबंधित हैं।

 

निष्कर्ष:
भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि TikTok की वापसी की खबरें सिर्फ अफवाह हैं। फिलहाल इस पर से बैन हटाने की कोई योजना नहीं है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार डिजिटल सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन के मुद्दों पर अपने रुख से पीछे नहीं हट रही है।