चीन के ‘विक्ट्री डे’ परेड में हाइपरसोनिक मिसाइल, स्टील्थ जेट और ड्रोन का भव्य प्रदर्शन, अमेरिका पर चुनौती

बीजिंग स्थित तियानमेन स्क्वॉयर पर चीन ने पहली बार दुनिया के सामने अपनी आधुनिक और घातक सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। इस परेड में लड़ाकू विमान, मिसाइलें, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक उपकरण और आधुनिक हार्डवेयर समेत कई उन्नत हथियारों का प्रदर्शन किया गया। यह परेड चीन की बढ़ती सैन्य क्षमता और उसकी तकनीकी प्रगति का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन था।

Grand display of hypersonic missiles stealth jets and drones in China's Victory Day parade challenge to America

अंतरराष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी:

 

परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन जैसे प्रभावशाली नेताओं ने भाग लिया। इनकी मौजूदगी से चीन ने यह संदेश दिया कि एशियाई और वैश्विक राजनीति में उसकी साझेदारियां मज़बूत हो रही हैं और वह एक निर्णायक शक्ति के रूप में खुद को प्रस्तुत कर रहा है।

 

चीन की विक्ट्री-डे परेड में प्रदर्शित हथियार:

  • परेड में हाइपरसोनिक मिसाइलें, लेजर, स्टील्थ जेट, ड्रोन, रोबोटिक डॉग जैसे आधुनिक हथियार दिखाए गए।
  • 10,000 से अधिक सैनिक, 100 से ज्यादा विमान, सैकड़ों टैंक और बख्तरबंद वाहन शामिल रहे।
  • आयोजन को देखने के लिए 50,000 से अधिक लोग उपस्थित रहे।

 

चीन का हाइपरसोनिक मिसाइलों से लेकर स्टील्थ जेट और ड्रोन तक का प्रदर्शन, आइए जानते है इन हथियारों के बारे में-

 

  1. DF-5C बैलिस्टिक मिसाइल: DF-5C चीन की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) DF-5 सीरीज़ का एडवांस संस्करण है। इसकी मारक क्षमता 13,000 किमी से अधिक है और यह 10 स्वतंत्र रूप से लक्षित री-एंट्री वारहेड्स ले जा सकती है। यह मिसाइल अमेरिका समेत पूरी दुनिया को अपनी जद में लेने में सक्षम है। इसे स्थिर साइलो से प्रक्षेपित किया जाता है और इसकी विनाशक क्षमता भूमिगत ठिकानों और मिसाइल साइलो को नष्ट करने में विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है।

 

  1. CJ-1000 हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल: CJ-1000 लंबी दूरी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो जमीन के बेहद करीब उड़कर हजारों किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को भेद सकती है। इसका डिज़ाइन DF-100 जैसा है और इसकी रेंज इंटरमीडिएट तथा इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों के बीच मानी जाती है। तेज गति और लो-एल्टीट्यूड उड़ान इसे दुश्मन की राडार प्रणाली से बचकर रणनीतिक स्ट्राइक करने में सक्षम बनाती है।

 

  1. DF-61 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल: DF-61 चीन की नई ICBM है, जिसे पहली बार किसी परेड में प्रदर्शित किया गया। इसे DF-41 के बाद सबसे उन्नत मिसाइल माना जा रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसकी रेंज 12 से 15 हजार किलोमीटर तक है और यह कई लक्ष्यों को एक साथ भेदने की क्षमता रखती है। यह PLA रॉकेट फोर्स की लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता को और मज़बूत करती है।

 

  1. H-6J बमवर्षक: H-6J चीन का आधुनिक नौसैनिक बमवर्षक है, जिसे H-6K से मॉडिफाई किया गया है। यह सुपरसोनिक YJ-12 एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों से लैस है और समुद्री आक्रमणों में बेहद घातक साबित हो सकता है। इसे पुराने H-6G मॉडल की जगह डिजाइन किया गया है और इसमें आधुनिक इंजन व एवियोनिक्स सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है।

 

  1. DF-26D मिसाइल: ‘गुआम किलर’: DF-26D मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का अपग्रेडेड संस्करण है। इसकी रेंज 5,000 किमी तक है और इसे “गुआम किलर” कहा जाता है क्योंकि यह अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल एंटी-शिप भूमिका भी निभा सकती है और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के लिए बड़ी चुनौती बनती है।

 

  1. HQ-29 और HQ-20 एयर डिफेंस सिस्टम: HQ-29 एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है, जिसे SM-3 इंटरसेप्टर की तर्ज पर बनाया गया है। यह उच्च ऊंचाई पर दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों और निम्न-पृथ्वी कक्षा के उपग्रहों को भी निशाना बना सकता है। वहीं HQ-20 हल्का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें आठ इंटरसेप्टर मिसाइलें लगी हैं। यह क्रूज मिसाइलों और दुश्मन के विमानों को बेहद कम समय में रोक सकता है।

 

  1. HQ-11 टर्मिनल डिफेंस की क्षमता: HQ-11, जिसे FM-3000 भी कहा जाता है, मोबाइल शॉर्ट-टू-मीडियम रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है। यह 30 किमी दूर के एयरक्राफ्ट और 20 किमी तक की मिसाइलों को गिराने में सक्षम है। इसे विशेष रूप से अंतिम बिंदु रक्षा (टर्मिनल पॉइंट डिफेंस) के लिए डिजाइन किया गया है।

 

  1. JL-3 सबमरीन-लॉन्च मिसाइल: JL-3 चीन की तीसरी पीढ़ी की पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी रेंज 10,000 किमी से अधिक है और यह कई MIRV वारहेड्स ले जाने में सक्षम है। इसे टाइप 094 और टाइप 096 परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे चीन की समुद्री परमाणु प्रतिरोधक क्षमता और मजबूत हो गई है।

 

  1. YJ सीरीज़ (एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइलें): YJ-15, YJ-19 और YJ-20 मिसाइलें परेड का बड़ा आकर्षण रहीं। YJ-15 सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल है, YJ-19 स्क्रैमजेट तकनीक से लैस है और हाइपरसोनिक गति पकड़ सकती है। वहीं YJ-20 को ‘एयरक्राफ्ट कैरियर किलर’ कहा जाता है, जो बड़े जहाजों और ज़मीनी लक्ष्यों पर सटीक प्रहार कर सकती है।

 

  1. ट्रांसपोर्ट और अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट: Y-20A और Y-20B ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट चीन की एयरलिफ्ट क्षमता को बढ़ाते हैं। वहीं KJ-500A और KJ-600 अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट हैं। KJ-500A AESA रडार से लैस है और 100 टारगेट ट्रैक कर सकता है। KJ-600 को एयरक्राफ्ट कैरियर की “आंख” कहा जाता है, जिसकी रेंज 1,200 किमी है।

 

  1. J-20S और J-35: (स्टील्थ जेट्स की नई पीढ़ी): J-20S ड्रोन को नियंत्रित करने की क्षमता रखता है, जबकि J-35 एयरक्राफ्ट कैरियर और जमीनी दोनों बेस से उड़ सकता है। दोनों ही स्टील्थ तकनीक से लैस हैं और भारी हथियार ले जाने में सक्षम हैं, जिससे चीन की हवाई युद्ध क्षमता और बढ़ जाती है।

 

  1. टाइप 99B मेन बैटल टैंक: यह 55 टन वजनी मेन बैटल टैंक 125 मिमी गन, एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम और एंटी-ड्रोन क्षमता से लैस है। इसे तिब्बत जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक टेस्ट किया जा चुका है।

 

  1. लेज़र हथियार LY-1: परेड में चीन ने अपना नया लेज़र हथियार LY-1 भी प्रदर्शित किया। इसे आठ पहियों वाले बख्तरबंद ट्रक पर लगाया गया है। यह दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निष्क्रिय करने, उन्हें जलाने और पायलटों को अस्थायी रूप से अंधा करने की क्षमता रखता है। यह हथियार चीन की भविष्य की हाई-टेक वॉरफेयर रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

 

चीन की सैन्य ताकत का प्रदर्शन और रणनीतिक संदेश:

इस विक्ट्री डे परेड में चीन ने अपनी सैन्य शक्ति का भव्य प्रदर्शन किया, जिसमें कई नए और अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों को पहली बार सार्वजनिक किया गया।

  • इस आयोजन में 26 विदेशी नेता शामिल हुए, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे।
  • रूस और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी ने इस परेड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी महत्वपूर्ण बना दिया, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि चीन अपने निकट सहयोगियों के साथ मिलकर एक वैकल्पिक शक्ति-गठबंधन का संदेश देना चाहता है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, यह परेड पश्चिमी शक्तियों, विशेषकर अमेरिका, के लिए एक कूटनीतिक संदेश थी, जिसमें चीन ने अपनी सैन्य तत्परता और रणनीतिक साझेदारियों को खुले तौर पर प्रदर्शित किया।

 

चीन-रूस-उत्तर कोरिया गठजोड़ अमेरिका के खिलाफ साजिश: ट्रंप

विक्ट्री डे परेड के कुछ घंटों बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने चीन, रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सहयोग को लेकर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि यह गठजोड़ अमेरिका के खिलाफ एक रणनीतिक साजिश का हिस्सा है।

द्वितीय विश्व युद्ध की याद दिलाई: ट्रंप ने अपने पोस्ट में यह भी याद दिलाया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने चीन को विदेशी आक्रमण से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस संघर्ष में कई अमेरिकी सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी।

चीन को अमेरिकी बलिदान का सम्मान करने की नसीहत: हालांकि ट्रंप ने इस परेड को चीन के लिए एक “गौरवपूर्ण अवसर” बताया, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चीन को अमेरिका के बलिदानों का सम्मान करना चाहिए और ऐतिहासिक योगदान को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

 

निष्कर्ष: हाइपरसोनिक मिसाइलों से लेकर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों, स्टील्थ जेट, ड्रोन, लेजर हथियारों और समुद्री युद्धक प्रणालियों तक, चीन ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि वह 21वीं सदी की सैन्य प्रतिस्पर्धा में किसी भी महाशक्ति से पीछे नहीं है। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि चीन अपनी सैन्य ताकत के सहारे न केवल क्षेत्रीय प्रभाव को मजबूत करना चाहता है, बल्कि अमेरिका और उसके सहयोगियों को चुनौती देने के लिए भी पूरी तरह तैयार है।