हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर पासपोर्ट की ताकत को दर्शाने वाली इस रैंकिंग में सिंगापुर ने शीर्ष स्थान हासिल किया है, जिसके पासपोर्ट धारकों को दुनिया के 193 देशों में वीज़ा-मुक्त प्रवेश की सुविधा है। एशियाई देशों ने एक बार फिर सूची में बढ़त बनाई है, जहां जापान और दक्षिण कोरिया ने भी सिंगापुर के साथ शीर्ष स्थान साझा किया है।
वहीं, भारत ने भी इस वर्ष अपनी पासपोर्ट रैंकिंग में महत्वपूर्ण सुधार करते हुए 85वें से 77वें स्थान तक छलांग लगाई है। भारतीय नागरिक अब 59 देशों में बिना वीज़ा यात्रा कर सकते हैं, जो देश की बढ़ती वैश्विक पहुंच और कूटनीतिक संबंधों का संकेत है।

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025:
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, सिंगापुर ने दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट हासिल करते हुए 193 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा की सुविधा के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है।
जापान और दक्षिण कोरिया ने भी इसी रैंक को साझा किया है।
यूरोप के डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली और स्पेन के पासपोर्ट धारकों को 189 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा की सुविधा है, जिससे ये देश तीसरे स्थान पर हैं।
ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, पुर्तगाल और स्वीडन चौथे, जबकि न्यूज़ीलैंड, ग्रीस और स्विट्ज़रलैंड पाँचवें स्थान पर हैं।
अमेरिका की रैंकिंग गिरकर 10वें स्थान पर पहुंच गई है (182 देश), जबकि ब्रिटेन अब 186 देशों के वीज़ा फ्री स्कोर के साथ पिछड़ गया है।
भारत की रैंकिंग में हुआ सुधार, अब 77वें स्थान पर
भारत ने जनवरी 2025 के बाद से हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज करते हुए 85वें से 77वें स्थान पर छलांग लगाई है। भारत को अब 59 देशों में वीज़ा-फ्री या वीज़ा-ऑन-अराइवल सुविधा मिल रही है। इसमें श्रीलंका और फिलीपींस जैसे नए देश भी शामिल हुए हैं। मलेशिया, इंडोनेशिया, मालदीव और थाईलैंड भी भारतीय पासपोर्ट धारकों को वीज़ा-मुक्त यात्रा की सुविधा देते हैं।
पाकिस्तान की रैंकिंग में सुधार, फिर भी भारत से पीछे
पाकिस्तान ने हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में 96वां स्थान हासिल किया है, जो पिछले वर्ष की 101वीं रैंक की तुलना में सुधार दर्शाता है। इस बार पाकिस्तान को कुछ नए देशों में वीज़ा-फ्री या वीज़ा-ऑन-अराइवल सुविधा प्राप्त हुई है, लेकिन वह अब भी भारत (77वां स्थान) से काफी पीछे बना हुआ है।
अफगानिस्तान सबसे नीचे, केवल 25 देशों तक वीज़ा फ्री पहुंच
इस इंडेक्स में अफगानिस्तान को सबसे कमजोर पासपोर्ट वाला देश माना गया है, जिसे 99वां और अंतिम स्थान प्राप्त हुआ है। अफगान पासपोर्ट धारकों को केवल 25 देशों में वीज़ा-मुक्त या ऑन-अराइवल सुविधा प्राप्त है। यह आंकड़ा वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता के मामले में बेहद सीमित पहुंच को दर्शाता है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स क्या है?
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के 199 पासपोर्ट की तुलना 227 देशों और क्षेत्रों में वीज़ा-मुक्त पहुंच के आधार पर करता है। यह रैंकिंग IATA (International Air Transport Association) के विशेष Timatic डेटा पर आधारित होती है। यदि किसी देश के पासपोर्ट से वीज़ा की आवश्यकता नहीं है, या वीज़ा ऑन अराइवल, ई-वीज़ा या ट्रैवल परमिट आसानी से मिल जाता है, तो उस देश के पासपोर्ट को स्कोर 1 मिलता है। अगर पहले से वीज़ा लेना ज़रूरी हो, तो स्कोर 0 दिया जाता है।
रैंकिंग तय करने के क्या हैं मानदंड?
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में किसी देश की रैंकिंग इस आधार पर तय की जाती है कि उस देश का पासपोर्ट धारक कितने देशों में बिना पूर्व वीज़ा के यात्रा कर सकता है। इसका मतलब है कि यात्रियों को उन देशों की यात्रा के लिए पहले से वीज़ा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होती।
इसके अलावा, कई देश वीज़ा-फ्री यात्रा की सुविधा भी प्रदान करते हैं, जहां कुछ निर्धारित देशों के नागरिक बिना वीज़ा प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए पूर्व निर्धारित शर्तें लागू होती हैं, जैसे यात्रा की अवधि, उद्देश्य (पर्यटन, व्यापार आदि), और पासपोर्ट की वैधता।
इस प्रकार, वीज़ा-मुक्त पहुंच की संख्या ही किसी पासपोर्ट की ताकत और उसकी वैश्विक स्वीकृति को दर्शाती है, जिससे उसकी रैंकिंग तय होती है।
मजबूत पासपोर्ट के फायदे:
- अधिक देशों में बिना वीज़ा यात्रा की सुविधा
- कम समय और खर्च में अंतरराष्ट्रीय यात्रा
- व्यापार और नौकरी के बेहतर अवसर
- वैश्विक पहचान और कूटनीतिक ताकत में इज़ाफा
निष्कर्ष:
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स किसी देश की वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता (global mobility) का महत्वपूर्ण संकेतक है। यह रैंकिंग दर्शाती है कि एक देश के नागरिक कितनी आसानी से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार कर सकते हैं। भारत की रैंकिंग में हुआ सुधार देश के बढ़ते वैश्विक संबंधों और कूटनीतिक प्रभाव को दर्शाता है। मजबूत पासपोर्ट होने से न केवल यात्रा सरल होती है, बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिति, वैश्विक प्रतिष्ठा और नागरिकों की आज़ादी का भी प्रतीक होता है।