अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में आमने-सामने मुलाकात की। बैठक 100 मिनट तक चली। यह बैठक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान आयोजित हुई। यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच छह वर्षों बाद हुई है, उनकी पिछली आमने-सामने की बैठक 2019 में हुई थी।
मुलाकात के दौरान ट्रम्प-जिनपिंग ने हाथ मिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन किया। बैठक के दौरान ट्रम्प ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक महान देश के महान नेता हैं, और मैं मानता हूँ कि हमारे बीच लंबे समय तक शानदार संबंध कायम रहेंगे। उनका हमारे साथ होना हमारे लिए सम्मान की बात है।
बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि उनकी मुलाकात बहुत सफल होने वाली है, और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक बहुत ही सख्त वार्ताकार हैं, जो अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच अच्छे संबंध रहे हैं और हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं।
दोनों देशों के शीर्ष नेता अपनी-अपनी टीम के साथ पहुंचे:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बुसान में हुई इस अहम बैठक में अपने साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक, चीफ ऑफ स्टाफ सूजी विल्स, और चीन में अमेरिकी राजदूत डेविड पर्ड्यू को लेकर पहुंचे थे।
वहीं दूसरी ओर, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ चीफ ऑफ स्टाफ कै क्यू, विदेश मंत्री वांग यी, उप विदेश मंत्री मा झाओक्सू, उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग, वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ, और राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग के अध्यक्ष झेंग शांजी उपस्थित थे।
व्हाइट हाउस ने बैठक को बताया बेहद उत्पादक और सकारात्मक:
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लीविट ने बताया कि डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक “बेहद उत्पादक और सकारात्मक” रही। बैठक के बाद ट्रम्प ने घोषणा की कि चीन से आने वाले माल पर लगने वाले कुल टैरिफ 57% से घटाकर 47% किए जाएंगे। इसके बदले बीजिंग ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद दोबारा शुरू करने, दुर्लभ पृथ्वी धातुओं (Rare Earths) के निर्यात को जारी रखने और गैरकानूनी फेंटेनाइल व्यापार पर सख्त कार्रवाई करने पर सहमति जताई है।
बैठक के प्रमुख परिणाम:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई यह बैठक, जिसे ट्रंप महान सफलता बताया, एक वर्ष तक चलने वाले व्यापार युद्ध को शांत करने के लिए युद्धविराम समझौते पर समाप्त हुई। इसके तहत कई महत्वपूर्ण समझौते और चर्चाएँ हुईं:
- शुल्क (Tariffs): अमेरिका ने चीन से आने वाले फेंटेनिल-संबंधित उत्पादों पर शुल्क 20% से घटाकर 10% करने पर सहमति जताई।
- रेयर अर्थ मिनरल्स: चीन ने अपने नए निर्यात प्रतिबंधों को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया, और ट्रंप ने कहा कि यह मुद्दा “सुलझ गया” है।
- कृषि उत्पाद खरीद: चीन ने अमेरिकी सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पादों की बड़े पैमाने पर तुरंत खरीद करने का वादा किया।
- तकनीकी सहयोग व टिकटॉक: अमेरिका ने एक वर्ष के लिए कुछ चीनी कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को निलंबित करने पर सहमति दी। वहीं, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह टिकटॉक से जुड़े मुद्दों को उचित तरीके से हल करेगा।
- यूक्रेन मुद्दा: दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध के मामले पर “साझा सहयोग” से काम करने पर सहमति जताई।
आइए विस्तार से समझ लेते है:
- अमेरिका ने चीन पर टैरिफ घटाया: औसत दर 57% से घटकर 47% पर आई–
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि चीन से आने वाले सामान पर लगने वाला औसत टैरिफ 57% से घटाकर 47% कर दिया गया है। ट्रंप प्रशासन ने पहले चीन पर कई बार शुल्क लगाए थे जिनमें उनके पिछले कार्यकाल के दौरान स्टील पर 19% टैरिफ, अप्रैल 2025 में 10% बेसलाइन टैरिफ, फेंटेनाइल से जुड़े उत्पादों पर 20% टैरिफ और अन्य श्रेणियों में विभिन्न शुल्क शामिल हैं। इन सबके चलते चीन पर औसतन 55% टैरिफ लागू था, जो अगस्त 2025 तक बढ़कर 57% तक पहुंच गया था। अब यह औसतन 47% रह जाएगा, जिससे अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव में कुछ हद तक राहत मिलने की संभावना है।
- फेंटानिल को लेकर ट्रंप का बड़ा ऐलान:
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेंटानिल से जुड़े उत्पादों पर लगे टैरिफ में बड़ी राहत देने की घोषणा की। ट्रंप ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, फेंटानिल की वजह से मैंने चीन पर 20% का टैरिफ लगाया था। यह बहुत बड़ा टैरिफ था और अब मैंने इसे 10% कर दिया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू होगा।” उन्होंने विश्वास जताया कि शी जिनपिंग अमेरिका में फेंटानिल की वजह से हो रही मौतों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
फेंटेनाइल क्या है:
फेंटेनाइल एक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड दवा है, जिसे दर्द निवारक और बेहोशी की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसे अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा अनुमोदित किया गया है। इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह मॉर्फिन से लगभग 100 गुना और हेरोइन से 50 गुना अधिक शक्तिशाली होती है।
हालांकि, फेंटेनाइल की अवैध आपूर्ति और दुरुपयोग ने इसे वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना दिया है।
- केवल 2 मिलीग्राम फेंटेनाइल की मात्रा किसी व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
- कई मामलों में जाँच की गई दवाओं में 5.1 मिलीग्राम तक की मात्रा पाई गई है।
- अनुमान के अनुसार, सिर्फ 1 किलोग्राम फेंटेनाइल से 5 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
वैश्विक फेंटेनाइल से जुड़ी मौतें: फेंटेनाइल से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका और कनाडा हैं। 2021 में अमेरिका में फेंटेनाइल से संबंधित मृत्यु दर 24.7 दर्ज की गई, कनाडा में यह दर 14.7, ब्रिटेन में 6.1, आइसलैंड में 5.7,और नॉर्वे में 4.4 रही।
- ट्रम्प ने कहा- चीन फिर खरीदेगा अमेरिकी सोयाबीन:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया कि चीन अब बड़ी मात्रा में सोयाबीन और अन्य अमेरिकी कृषि उत्पादों की खरीद तुरंत शुरू करेगा। यह घोषणा उन्होंने बुसान से रवाना होने के बाद एयर फोर्स वन विमान पर मीडिया से बातचीत के दौरान की।
गौर करने योग्य है कि ट्रम्प द्वारा लगाए गए ऊंचे टैरिफ के चलते चीन ने मई 2025 में अमेरिकी सोयाबीन की खरीद बंद कर दी थी। इस निर्णय से अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान हुआ था अरबों डॉलर की फसलें बिना बिके पड़ी रहीं और कई किसानों ने ट्रम्प की व्यापार नीतियों पर सवाल उठाए थे।
अब दोनों देशों के बीच इस नए समझौते से अमेरिकी किसानों को राहत मिलने और व्यापारिक संबंधों में सुधार की उम्मीद बढ़ गई है।
- अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड डील पूरी, जल्द होंगे हस्ताक्षर:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया कि उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई बातचीत बेहद सफल रही। दोनों देशों के बीच एक व्यापक व्यापार समझौता हो चुका है, जिस पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे।
हालांकि ट्रम्प ने समझौते के विवरण साझा नहीं किए, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि अब कोई बड़ी रुकावट नहीं बची है। उनके अनुसार, यह डील दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापार युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगी।
- रेयर अर्थ मटेरियल पर ट्रंप बोले “अब चीन की ओर से कोई रुकावट नहीं”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अमेरिका और चीन के बीच रेयर अर्थ मटेरियल से जुड़ा विवाद अब पूरी तरह सुलझा लिया गया है। हालांकि, उन्होंने इस समझौते के विवरण साझा नहीं किए। ट्रंप ने कहा, “रेयर अर्थ मटेरियल्स से जुड़ी समस्या ठीक हो गई है। यह सिर्फ अमेरिका नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ा मुद्दा था। अब चीन की तरफ से कोई रुकावट नहीं रही।”
दुर्लभ पृथ्वी धातुएँ (Rare Earth Metals) क्या है?
दुर्लभ पृथ्वी धातुएँ कुल 17 रासायनिक तत्वों का समूह हैं, जिनमें 15 लैंथेनाइड्स के साथ स्कैंडियम और यिट्रियम शामिल हैं। इन्हें “दुर्लभ” इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये पृथ्वी की पपड़ी में कम मात्रा में नहीं, बल्कि कम सांद्रता में बिखरी हुई अवस्था में पाई जाती हैं, जिससे इनका खनन और प्रसंस्करण कठिन व महंगा होता है।
इन धातुओं का आधुनिक तकनीक में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। ये स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टरबाइन और अन्य उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग की जाती हैं। अपनी अद्वितीय चुंबकीय, प्रकाशीय और रासायनिक गुणों के कारण ये धातुएँ स्वच्छ ऊर्जा और हाई-टेक उद्योगों के लिए अत्यंत आवश्यक बन गई हैं।
चीन दुर्लभ पृथ्वी धातु प्रभुत्व:
चीन रेयर अर्थ का 65 फीसदी उत्पादन करता है, लेकिन ग्लोबल स्तर पर 90 फीसदी कंट्रोल करता है. जिस कारण रेयर अर्थ का लगभग पूरा कंट्रोल चीन के पास है.
- ट्रम्प और जिनपिंग के बीच यूक्रेन युद्ध पर गंभीर चर्चा, शांति प्रयासों पर सहमति:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर गंभीर और विस्तृत चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि वे मिलकर इस युद्ध को समाप्त करने के प्रयास करेंगे।
ट्रम्प ने कहा, “हम दोनों समझते हैं कि दोनों पक्षों के बीच तनाव बहुत गहरा है, और कभी-कभी आपको उन्हें खुद समाधान खोजने देना पड़ता है। लेकिन जिनपिंग इस मामले में हमारी मदद करने को तैयार हैं, और हम यूक्रेन के मुद्दे पर मिलकर काम करेंगे। अब इससे आगे हम जो कर सकते हैं, वह करेंगे।”
अमेरिका-चीन बैठक में TikTok पर कोई चर्चा नहीं हुई:
ट्रम्प और शी जिनपिंग की बैठक के बाद TikTok पर कोई चर्चा नहीं हुई। जबकि बैठक से पहले व्हाइट हाउस ने संकेत दिए थे कि दोनों देश चीनी स्वामित्व वाले ऐप के अमेरिकी परिचालन की बिक्री पर समझौता अंतिम रूप दे सकते हैं। इसके बावजूद, ट्रम्प ने बैठक के बाद अपने बयान में TikTok का कोई उल्लेख नहीं किया।
चीन की यात्रा पर जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप:
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह अगले साल अप्रैल महीने में चीन की यात्रा पर जाएंगे। इसके कुछ समय बाद शी जिनपिंग अमेरिका की यात्रा पर आएंगे। दोनों के बीच वॉशिंगटन में मुलाकात हो सकती है। ट्रंप ने शी जिनपिंग के साथ अपनी मुलाकात को 12 में से 10 नंबर दिया। साथ ही इसे बड़ी सफलता करार दिया।
चीन के शेयर बाजारों में गिरावट, ट्रंप-शी मुलाकात से उम्मीदें कमजोर:
गुरुवार को चीन और हांगकांग के शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुए। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.2% गिरकर 26,282.69 पर बंद हुआ, जबकि दिन में यह 0.9% तक बढ़कर तीन हफ्ते के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। वहीं, हैंग सेंग टेक इंडेक्स में 0.7% की गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को हांगकांग मार्केट अवकाश के कारण बंद थी।
चीन के घरेलू बाजार में भी दबाव देखने को मिला, जहां शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.73% गिरकर 3,986.90 पर बंद हुआ। कुल मिलाकर, वैश्विक निवेशकों में सतर्कता और नीतिगत अनिश्चितता के चलते एशियाई बाजारों में कमजोरी बनी रही।
गिरावट के पीछे दो मुख्य कारण: इस गिरावट के पीछे दो मुख्य कारण रहे- पहला, अमेरिका और चीन के नेताओं की बैठक से कोई बड़ा सरप्राइज न मिलना, और दूसरा, फेडरल रिजर्व के सख्त (hawkish) रुख से दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों का कम होना।
अमेरिका-चीन व्यापार संबंध:
अमेरिका-चीन व्यापार संबंध जटिल और उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं, जिनमें हाल ही में एक अस्थायी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिसके तहत टैरिफ में कमी की गई है। इन संबंधों में टैरिफ, व्यापार घाटा, और दुर्लभ पृथ्वी धातुओं जैसे संवेदनशील मुद्दों पर तनाव रहा है, जबकि सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों का निर्यात एक प्रमुख क्षेत्र बना हुआ है।
अमेरिका-चीन व्यापार–
कुल द्विपक्षीय व्यापार: ₹48 लाख करोड़
अमेरिका से चीन को निर्यात: ₹12 लाख करोड़
- प्रमुख निर्यात वस्तुएं: सेमीकंडक्टर, सोयाबीन, मक्का, विमान, एलएनजी (LNG) और कच्चा तेल
चीन से अमेरिका को निर्यात: ₹36.8 लाख करोड़
- प्रमुख निर्यात वस्तुएं: इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, स्मार्टफोन, लैपटॉप और बैटरियां
निष्कर्ष:
ट्रंप और शी जिनपिंग की बैठक से यह संकेत मिला है कि आने वाले समय में अमेरिका-चीन संबंधों में कुछ हद तक सकारात्मक सुधार देखने को मिल सकता है। दोनों देशों के बीच टैरिफ, रेयर अर्थ मटेरियल और कृषि व्यापार पर बनी सहमति ने वैश्विक बाजारों में स्थिरता की उम्मीदें जगाई हैं।
