हनुक्का उत्सव के दौरान हुआ भीषण हमला: बुजुर्ग अहमद ने बचाई कई जानें, पाकिस्तानी मूल के बाप-बेटे ने मिलकर किया हमला

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के प्रसिद्ध बॉन्डी बीच पर रविवार को एक भयावह आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 16 लोगों की जान चली गई और 45 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना उस समय घटी जब यहूदी समुदाय के लोग अपने पवित्र हनुक्का त्योहार की शुरुआत मना रहे थे। दो हमलावरों ने निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध करीब 50 राउंड गोलियां दागीं, जिससे भगदड़ मच गई।

 

इस त्रासदी के बीच एक बुजुर्ग व्यक्ति अहमद ने असाधारण साहस का परिचय देते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर एक हमलावर से हथियार छीन लिया और कई लोगों की जान बचाई। हालांकि इस प्रयास में उन्हें दो गोलियां लगीं, लेकिन उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

Horrific attack during Hanukkah celebration

बाप-बेटे ने मिलकर किया हमला, पाकिस्तानी मूल का संदेह

पुलिस जांच से पता चला है कि यह हमला एक बाप-बेटे की जोड़ी ने मिलकर अंजाम दिया। 50 वर्षीय साजिद अकरम और उसके 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम ने हनुक्का उत्सव में शामिल लोगों को निशाना बनाया। पुलिस के अनुसार, दोनों के पाकिस्तानी मूल के होने का प्रबल संदेह है।

 

पुलिस की प्रतिक्रिया में साजिद अकरम घटनास्थल पर ही मारा गया, जबकि उसका बेटा नवीद गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। मृतकों में एक 10 वर्षीय बच्ची और एक इजरायली नागरिक भी शामिल हैं।

 

रेजिडेंट रिटर्न वीजा पर रह रहा था साजिद अकरम

ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री टोनी बर्क द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, साजिद अकरम 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश किया था। बाद में उसने वेरेना नामक एक ऑस्ट्रेलियाई महिला से विवाह किया और अपना वीजा पार्टनर वीजा में परिवर्तित करवा लिया। इसके बाद से वह रेजिडेंट रिटर्न वीजा पर देश में निवास कर रहा था, हालांकि उसके पास ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता नहीं थी।

 

मंत्री बर्क ने स्पष्ट नहीं किया कि अकरम मूल रूप से किस देश से आया था, लेकिन उन्होंने कहा कि विभिन्न सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार वह पाकिस्तान से आया था। दूसरी ओर, उसके बेटे नवीद का जन्म 2001 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था और वह एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है।

 

कानूनी लाइसेंस वाली बंदूक से किया गया हमला

चौंकाने वाली बात यह है कि साजिद अकरम के पास कानूनी रूप से लाइसेंसशुदा हथियार थे। न्यू साउथ वेल्स पुलिस कमिश्नर मल लैनयन ने बताया कि साजिद एक गन क्लब का सदस्य था और राज्य के कानून के अनुसार उसके पास वैध लाइसेंस था। वह इन हथियारों का उपयोग शिकार के लिए करता था।

 

पुलिस के अनुसार, साजिद के पास कुल छह बंदूकें कानूनी तौर पर पंजीकृत थीं। हमले के दिन सुबह जब बाप-बेटे घर से निकले, तो उन्होंने परिवार को बताया कि वे मछली पकड़ने जा रहे हैं। साजिद अपने परिवार के साथ एक किराए के मकान में रहता था और फलों की दुकान चलाकर अपनी आजीविका कमाता था। घटना के बाद पुलिस ने उसके आवास पर छापेमारी की।

 

बुजुर्ग अहमद की वीरता: जान जोखिम में डालकर छीना हथियार

इस भीषण त्रासदी के बीच अहमद नाम के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अद्भुत साहस का प्रदर्शन करते हुए कई लोगों की जान बचाई। घटनास्थल से प्राप्त वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि अहमद एक कार के पीछे से सावधानीपूर्वक घूमते हुए हमलावर के निकट पहुंचे और पीछे से उस पर झपटकर उसे काबू में कर लिया।

 

इसके बाद उन्होंने हमलावर से राइफल छीन ली और उसे दूर तक खदेड़ा। उन्होंने हमलावर पर दो राउंड फायर करने का प्रयास भी किया। हालांकि, इसी बीच दूसरे हमलावर ने अहमद पर गोलियां दागीं, जिससे उन्हें दो गोलियां लगीं। सौभाग्य से, चिकित्सा सहायता मिलने के बाद उनकी स्थिति स्थिर हो गई है। उनकी वीरता ने निस्संदेह कई और जानें बचाईं।

 

इजरायल-ऑस्ट्रेलिया परिषद के अध्यक्ष भी घायल

हमले में इजरायल-ऑस्ट्रेलिया यहूदी परिषद के अध्यक्ष आर्सेन ओस्ट्रोव्स्की भी घायल हो गए। उनके सिर में चोट आई है। विडंबना यह है कि ओस्ट्रोव्स्की को 2023 में हमास के हमले में भी फंसना पड़ा था, हालांकि उस समय वे सुरक्षित बच निकले थे। इस बार दुर्भाग्य से उन्हें चोटें आईं, लेकिन उनकी स्थिति भी नियंत्रण में है।

 

नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार को ठहराया जिम्मेदार

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कार्यवाही ने स्थिति को और भयावह बना दिया है।

 

नेतन्याहू के अनुसार, उन्होंने 17 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि सरकार की नीतियां देश में यहूदी-विरोधी भावनाओं को प्रोत्साहन दे रही हैं। बॉन्डी बीच हमले के बाद नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने पहले से सचेत किया था, परंतु आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, जिसका परिणाम यह भयंकर हमला है।

 

नेतन्याहू की मुख्य आपत्तियां दो मुद्दों पर केंद्रित हैं: पहला, ऑस्ट्रेलिया ने अगस्त-सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राज्य को औपचारिक मान्यता प्रदान करने का निर्णय लिया था। नेतन्याहू ने इसे “यहूदी-विरोधी आग में घी डालना” बताया और कहा कि यह आतंकवादियों को प्रोत्साहन देता है।

 

दूसरा, अक्टूबर 2023 से शुरू हुए गाजा युद्ध के बाद ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी घटनाओं में वृद्धि हुई है, परंतु सरकार ने इसे रोकने के लिए पर्याप्त सख्त उपाय नहीं किए।

 

विश्व नेताओं की प्रतिक्रिया

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “मैं ऑस्ट्रेलिया में हुए भयानक आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। भारत की जनता की ओर से मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। भारत आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में दृढ़ता से खड़ा है।”

 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि यह यहूदी-विरोधी आतंकवादी हमला है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यह अत्यंत भयावह घटना थी। उन्होंने यहूदी समुदाय से कहा कि उन्हें अपने त्योहार गर्व से मनाने चाहिए और डर का सामना करना चाहिए।

 

हनुक्का: रोशनी का पर्व

हनुक्का, जिसे ‘फेस्टिवल ऑफ लाइट’ कहा जाता है, यहूदी धर्म में 2200 वर्ष पुरानी परंपरा है। यह आठ दिन और आठ रातों तक मनाया जाता है। यहूदी कैलेंडर के किसलेव माह की 25 तारीख से इसकी शुरुआत होती है, जो इस वर्ष 14 दिसंबर को पड़ी।

इस पर्व का ऐतिहासिक महत्व यह है कि जब यूनानी शासकों ने यरुशलम के मंदिर को अपवित्र कर दिया था, तो यहूदियों ने यूनानी सेना को पराजित कर मंदिर को मुक्त कराया। मंदिर की शुद्धि के लिए केवल एक दिन का तेल शेष था, परंतु मान्यता है कि वही तेल चमत्कारिक रूप से आठ दिनों तक प्रज्वलित रहा। इसी चमत्कार की स्मृति में हनुक्का मनाया जाता है।


बॉन्डी बीच हमले के बाद मेलबर्न में आयोजित होने वाला हनुक्का उत्सव रद्द कर दिया गया। ऑस्ट्रेलिया में लगभग 1,17,000-1,20,000 यहूदी रहते हैं, जिनमें से लगभग आधे मेलबर्न में निवास करते हैं।

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29 वर्षों बाद ऑस्ट्रेलिया में सामूहिक गोलीबारी
ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटनाएं अत्यंत दुर्लभ हैं। 1996 में पोर्ट आर्थर में हुए भयानक हमले के बाद, जिसमें 35 लोग मारे गए थे, यहां अत्यंत कड़े बंदूक कानून लागू किए गए थे।


ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी के अनुसार, 2023-24 में देश में बंदूक से हत्या के केवल 31 मामले दर्ज किए गए। बड़े पैमाने के हमले यहां बेहद कम होते हैं। हाल ही में अप्रैल 2024 में बॉन्डी जंक्शन के वेस्टफील्ड शॉपिंग सेंटर में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति ने चाकू से हमला कर छह लोगों की हत्या कर दी थी।


बॉन्डी बीच पर हुआ यह हमला पिछले 29 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में सामूहिक गोलीबारी की सबसे बड़ी घटना है, जिसने देश को हिलाकर रख दिया है।

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