Hurun Philanthropy List 2025: HCL फाउंडर नाडर फिर बने भारत के सबसे बड़े परोपकारी, इस सूची में युवा दानदाता भी शामिल..  

एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 के मुताबिक, भारत के सबसे उदार लोगों ने इस साल दान के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश के 191 परोपकारी व्यक्तियों ने 2025 में कुल ₹10,380 करोड़ का दान किया, जो पिछले तीन वर्षों की तुलना में 85% अधिक है। यह बढ़ोतरी भारत में दान और समाजसेवा की मजबूत होती संस्कृति को दर्शाती है।

खास बात यह है कि शीर्ष 25 दानदाताओं ने अकेले तीन वर्षों में ₹50,000 करोड़ का योगदान दिया है। इस साल की सूची में शीर्ष 6 दानदाताओं की स्थिति बरकरार रही, जबकि हिंदुजा परिवार, साइरस पूनावाला और सुधीर मेहता ने अपनी रैंकिंग में उल्लेखनीय बढ़त हासिल की है।

Hurun Philanthropy List 2025

भारत भर में दान में हुई तेज वृद्धि:

रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में बड़े स्तर पर परोपकारी गतिविधियों में उछाल देखा गया है। केवल शीर्ष 25 दानदाताओं ने पिछले पाँच वर्षों में ₹50,000 करोड़ का योगदान किया है यानी हर दिन औसतन ₹46 करोड़ का दान। 2025 में शीर्ष 25 में जगह बनाने की सीमा 2014 की तुलना में 180% बढ़ गई है, जबकि शीर्ष 10 परोपकारियों के लिए यह सीमा 2020 से दोगुनी होकर ₹74 करोड़ से बढ़कर ₹173 करोड़ हो गई है। प्रति व्यक्ति औसत दान भी 2024 के ₹43 करोड़ से बढ़कर 2025 में ₹54 करोड़ तक पहुंच गया है।

सबसे खास बात यह है कि ₹100 करोड़ से अधिक दान देने वाले लोगों की संख्या 2018 में सिर्फ 2 थी, जो अब बढ़कर 18 हो गई है। इसी तरह, 33 लोगों ने ₹50 करोड़ से ज्यादा और 70 लोगों ने ₹20 करोड़ से ज्यादा का दान दिया। यह दिखाता है कि भारत में संपन्न वर्ग अब समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को और गंभीरता से निभा रहा है।

 

भारत के शीर्ष 10 सबसे उदार अरबपतियों की सूची:

  1. शिव नादर (₹2,700 करोड़): HCL टेक्नोलॉजीज के संस्थापक, मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में योगदान।
  2. मुकेश अंबानी (₹626 करोड़): स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान।
  3. बजाज परिवार (₹440 करोड़): स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक विकास में सक्रिय।
  4. कुमार मंगलम बिड़ला (₹440 करोड़): शिक्षा, स्वास्थ्य और खेलों में सहयोग।
  5. गौतम अडानी (₹386 करोड़): शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक स्वास्थ्य पर केंद्रित।
  6. नंदन नीलेकणि (₹365 करोड़): शिक्षा सुधार और सामाजिक बदलाव के लिए समर्पित।
  7. हिंदुजा परिवार (₹298 करोड़): शिक्षा, जल संरक्षण और ग्रामीण विकास में योगदान।
  8. रोहिणी नीलेकणी (₹204 करोड़): एकमात्र महिला दानदाता, शिक्षा और सामाजिक सुधारों पर कार्यरत।
  9. सुधीर और समीर मेहता (₹189 करोड़): स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता पर ध्यान।
  10. साइरस और अदार पूनावाला (₹173 करोड़): स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छ जल परियोजनाओं में निवेश।

 

शि‌व नाडर- जिन्होंने दिया सबसे ज्यादा दान:

शिव नाडर, 79 वर्ष के, HCL टेक्नोलॉजीज और शिव नाडर फाउंडेशन के संस्थापक और चेयरमैन एमेरिटस हैं। वे दुनिया के 52वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 34.4 बिलियन डॉलर (करीब 2.99 लाख करोड़ रुपये) है।

उन्होंने HCL की स्थापना 1976 में की थी। वर्तमान में कंपनी के CEO और MD सी. विजयकुमार हैं। HCL मुख्य रूप से डिजिटल, इंजीनियरिंग, क्लाउड और सॉफ्टवेयर सेवाओं के क्षेत्र में काम करती है और इसमें 2.27 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

 

दानदाताओं ने की दान में उल्लेखनीय बढ़ोतरी:

2025 में दान में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली। शिव नादर और उनके परिवार ने सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की – उन्होंने पिछले साल की तुलना में ₹555 करोड़ अधिक दान दिया। उनके बाद मुकेश अंबानी परिवार ने ₹219 करोड़ और हिंदुजा परिवार ने ₹179 करोड़ का दान बढ़ाया।

वहीं, संजय और अल्पना डांगी ने रैंकिंग में सबसे बड़ी छलांग लगाई। वे 115 स्थान ऊपर बढ़कर 47वें स्थान पर पहुँचे, जहाँ उनका वार्षिक दान पिछले साल के ₹1.62 करोड़ से बढ़कर ₹32 करोड़ हो गया।

 

इस सूची में युवा दानदाता भी शामिल:

सबसे युवा परोपकारी लोगों में ज़ीरोधा के निखिल कामथ (39) और नितिन कामथ (46) शामिल हैं, जिन्होंने रेनमैटर फाउंडेशन के ज़रिए 147 करोड़ रुपये का दान दिया। उनके बाद बिन्नी बंसल (42) ने 18 करोड़ रुपये दान किए। अदार पूनावाला (44) भी शीर्ष युवा दानदाताओं में शामिल रहे और उन्होंने विल्लू पूनावाला फाउंडेशन के माध्यम से 173 करोड़ रुपये का योगदान दिया।

 

किस क्षेत्र से कितने परोपकारी ?

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दान देने वालों में मुंबई सबसे आगे है – यहां से 28% परोपकारी आते हैं। इसके बाद दिल्ली (17%) और बेंगलुरु (8%) का स्थान है। राज्यों में महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा CSR (Corporate Social Responsibility) फंड मिलता है, जबकि गुजरात दूसरे नंबर पर है।

उद्योगों की बात करें तो, 16% परोपकारी दवा क्षेत्र से हैं। इसके बाद सॉफ्टवेयर, ऑटोमोबाइल, और रसायन-पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों से प्रत्येक 8% लोग आते हैं। दान के उद्देश्यों में शिक्षा सबसे आगे है, 107 परोपकारियों ने इस क्षेत्र में कुल ₹4,166 करोड़ का योगदान दिया।

 

रिपोर्ट से जुड़ी अन्य मुख्य बातें:

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में परोपकार का दायरा लगातार बढ़ रहा है। मणिपाल ग्रुप के रंजन पई ने इस साल ₹160 करोड़ दान देकर ₹100 करोड़ का आंकड़ा पार किया। हरीश और बीना शाह ने अपने दान में 77% की वृद्धि करते हुए ₹137 करोड़ का योगदान दिया।

इन्फोसिस परिवार- नंदन नीलेकणी, क्रिस गोपालकृष्णन, के. दिनेश, रोहिणी नीलेकणी और कुमारी शिबुलाल ने मिलकर इस साल ₹850 करोड़ से अधिक का दान दिया, यानी हर दिन औसतन ₹2 करोड़ से ज्यादा। यह किसी एक कॉर्पोरेट समूह द्वारा किया गया सबसे बड़ा सामूहिक परोपकार है।

इसके अलावा, पेशेवर प्रबंधक भी दान में सक्रिय रहे। ए.एम. नाइक ने ₹54 करोड़, अमित और अर्चना चंद्रा ने ₹47 करोड़, और प्रशांत व अमिता प्रकाश ने ₹17 करोड़ का योगदान दिया।

 

NGOs के साथ भी गतिविधियाँ चलते है दानदाता:

एडेलगिव हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2025 के मुताबिक, 88 परोपकारी व्यक्ति अपनी CSR गतिविधियाँ गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ साझेदारी में चलाते हैं, जबकि 104 ने अपने स्वयं के फाउंडेशन स्थापित किए हैं। इसके साथ ही, स्व-निर्मित परोपकारियों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है, जो पिछले वर्ष से 36 अधिक है, और महिला परोपकारियों की संख्या भी बढ़कर 24 तक पहुँच गई है।

 

हुरुन इंडिया के बारे में:

हुरुन इंडिया की स्थापना 2012 में भारत में धन, नवाचार और परोपकार की कहानियों को सामने लाने के लिए की गई थी। यह संस्था हुरुन इंडिया रिच लिस्ट जैसी सूचियाँ जारी करती है और भारतीय अर्थव्यवस्था व उद्यमियों पर केंद्रित रिपोर्टें प्रकाशित करती है।

 

हुरुन रिपोर्ट क्या करती है?

  • सूचियाँ तैयार करती है: यह अपनी रिच लिस्ट, हुरुन 500 (दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियाँ) और टॉप स्टार्टअप लिस्ट के लिए जानी जाती है।
  • अनुसंधान करती है: हुरुन धन सृजन, नवाचार और परोपकार जैसे विषयों पर रिसर्च करता है।
  • कार्यक्रम आयोजित करती है: यह दुनिया के कई शहरों में उद्यमियों और निवेशकों के लिए कार्यक्रम और सम्मेलन आयोजित करती है।
  • मीडिया प्रकाशन: हुरुन के पास अपना मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसमें डिजिटल कंटेंट और पत्रिकाएँ शामिल हैं।

 

दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी:

  1. वॉरेन बफेट
  2. बिल और मेलिंडा गेट्स
  3. जॉर्ज सोरोस
  4. माइकल ब्लूमबर्ग
  5. मैकेंज़ी स्कॉट

 

निष्कर्ष:

एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 से स्पष्ट है कि भारत में परोपकार की भावना पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है। देश के समृद्ध वर्ग द्वारा दान में आई यह उल्लेखनीय वृद्धि न केवल समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाती है, बल्कि एक ऐसे भारत की झलक भी देती है जहां आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक कल्याण को समान महत्व दिया जा रहा है। यह प्रवृत्ति आने वाले वर्षों में भारत को एक अधिक संवेदनशील और समावेशी समाज बनाने की दिशा में प्रेरित करेगी।