ASK Private Wealth’s Hurun India Unicorn & Future Unicorn Report 2025 के मुताबिक, भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस साल 11 नए स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए, जिससे कुल यूनिकॉर्न की संख्या 73 हो गई है।
इनमें AI टेक, नवी टेक्नोलॉजीज, रैपिडो, नेट्राडाइन, जंबोटेल और डार्विनबॉक्स जैसे प्रमुख स्टार्टअप शामिल हैं। निवेशकों की ओर से भी फंडिंग की गतिविधियां बढ़ीं, जिसमें पीक XV पार्टनर्स ने 42 स्टार्टअप्स में निवेश कर सबसे बड़ा योगदान दिया।

भारत के टॉप 10 स्टार्टअप्स जिनकी वैल्यूएशन सबसे ज्यादा है
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला माना जाता है। यहाँ कुछ स्टार्टअप्स ने रिकॉर्ड समय में यूनिकॉर्न का दर्जा पाया और अरबों डॉलर की वैल्यूएशन हासिल की।
- Zerodha: 2010 में नितिन कमाथ (45) और निखिल कमाथ (39) द्वारा स्थापित बेंगलुरु स्थित Zerodha भारत का सबसे बड़ा यूनिकॉर्न है। इसकी वैल्यूएशन 2 बिलियन डॉलर है।
- Razorpay: 2014 में हर्षिल माथुर और शशांक कुमार द्वारा स्थापित Razorpay की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर है। यह बेंगलुरु स्थित फिनटेक कंपनी डिजिटल पेमेंट्स सॉल्यूशन में अग्रणी है।
- Lenskart: 2010 में पियूष बंसल, अमित चौधरी, नेहा बंसल, सुमीत कापाही और रमनीक खुराना द्वारा स्थापित गुरुग्राम स्थित Lenskart की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर है। 17,600+ कर्मचारियों के साथ यह भारत का सबसे बड़ा यूनिकॉर्न नियोक्ता भी है।
- Groww: 2016 में हर्ष जैन, ईशान बंसल, ललित केशरे और नीरज सिंह द्वारा स्थापित बेंगलुरु स्थित Groww की वैल्यूएशन 7 बिलियन डॉलर है। इसने हाल ही में 119% रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की।
- Zepto: 2021 में आदित पालीचा (22) और कौवल्य वोहरा (22) द्वारा स्थापित Zepto की वैल्यूएशन 9 बिलियन डॉलर है। केवल दो साल में यूनिकॉर्न बनने वाली इस क्विक-कॉमर्स कंपनी ने 120% रेवेन्यू ग्रोथ हासिल की है।
- InMobi: 2007 में अभय सिंगल, मोहित सक्सेना, नवीन तेवरी और पीयूष शाह द्वारा स्थापित बेंगलुरु स्थित InMobi की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर है। यह मोबाइल विज्ञापन और मोनेटाइजेशन में वैश्विक अग्रणी है।
- OfBusiness: 2015 में आशिष मोहपात्रा, रुचि कालरा, वसंत श्रीधर, भुवन गुप्ता और नितिन जैन द्वारा स्थापित गुरुग्राम स्थित OfBusiness की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर है। 17,000 कर्मचारियों के साथ यह भारत के टॉप यूनिकॉर्न नियोक्ताओं में शामिल है।
- Icertis: 2009 में मोनीश दर्डा और समीर बोडस द्वारा स्थापित Icertis कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर की वैश्विक SaaS कंपनी है। इसकी वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर है।
- PRISM (OYO): 2013 में रितेश अग्रवाल (31) द्वारा स्थापित गुरुग्राम स्थित PRISM (OYO) की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर है। इसने अब तक 7 बिलियन डॉलर फंडिंग जुटाई है।
- Meesho: 2015 में संजीव बर्नवाल और विदित आत्रे द्वारा स्थापित बेंगलुरु स्थित Meesho की वैल्यूएशन 9 बिलियन डॉलर है। यह छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को सशक्त बनाता है और इसके पास 5,000+ कर्मचारी हैं।
Ai.tech बनी सबसे तेज़ यूनिकॉर्न:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित स्टार्टअप Ai.tech ने तीन साल से भी कम समय में 1.5 अरब डॉलर का मूल्यांकन हासिल कर भारत की सबसे तेज़ यूनिकॉर्न कंपनी बनने का खिताब अपने नाम किया है। खास बात यह है कि कंपनी ने बिना किसी बाहरी फंडिंग के यह उपलब्धि पाई है, जिससे यह भारत के उन चुनिंदा बूटस्ट्रैप्ड यूनिकॉर्न में शामिल हो गई है जिन्होंने पूरी तरह अपने दम पर सफलता हासिल की है।
फिनटेक बना सबसे मजबूत क्षेत्र:
भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स के मामले में फिनटेक सबसे मजबूत क्षेत्र बना हुआ है। वर्तमान में फिनटेक के 19 यूनिकॉर्न हैं, जिनका कुल मूल्यांकन 50.1 अरब डॉलर है। वहीं, भविष्य के संभावित यूनिकॉर्न की सूची में भी फिनटेक अग्रणी है, जिसमें 29 स्टार्टअप्स का कुल मूल्य 12.9 अरब डॉलर आंका गया है। इसके बाद सॉफ़्टवेयर ऐज़ अ सर्विस (SaaS) और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्र आते हैं, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरोस्पेस और क्लीनटेक नए विकास के महत्वपूर्ण इंजन के रूप में उभर रहे हैं।
बेंगलुरु बना भारत का शीर्ष यूनिकॉर्न केंद्र:
- रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु 26 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स के साथ भारत का प्रमुख यूनिकॉर्न हब बना हुआ है, जिनका कुल मूल्यांकन 70 अरब डॉलर है।
- दिल्ली-एनसीआर में 12 यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं, जिनका मूल्य 36.3 अरब डॉलर है,
- जबकि मुंबई में 11 यूनिकॉर्न हैं जिनका कुल मूल्य 22.8 अरब डॉलर है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम में बढ़ती विविधता:
रिपोर्ट में भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में बढ़ती विविधता को भी उजागर किया गया है। इसमें रुचि कालरा (OfBusiness), विनीता सिंह (शुगर कॉस्मेटिक्स) और गरिमा साहनी (प्रिस्टिन केयर) जैसी महिला संस्थापक शामिल हैं। वहीं, सबसे कम उम्र के यूनिकॉर्न संस्थापकों में ज़ेप्टो के 22 वर्षीय कैवल्य वोहरा और आदित पलिचा शामिल हैं।
ड्रीम11 समेत 4 यूनिकॉर्न सूचि से बाहर:
सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू होने के बाद ड्रीम11 और गेम्स24×7 समेत चार स्टार्टअप यूनिकॉर्न सूची से बाहर हो गए हैं। इनमें अन्य दो RMG स्टार्टअप्स गेम्सक्राफ्ट (3 करोड़ उपयोगकर्ता) और मोबाइल प्रीमियर लीग (9 करोड़ उपयोगकर्ता) शामिल हैं।
ड्रीम11 के 26 करोड़ और गेम्स24×7 के 12 करोड़ यूजर्स हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लोकप्रिय स्टार्टअप्स ज़ूपी और विंजो गेम्स का मूल्यांकन भी नए कानून के कारण प्रभावित हुआ है।
संसद से पास हुआ “ऑनलाइन गेमिंग कानून”:
आपको बता दे की पिछले महीने संसद ने एक नया कानून पास किया, जिसके तहत सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाया गया है और ई-स्पोर्ट्स व ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। यह कानून ऑनलाइन मनी गेम्स (RMG) के विज्ञापनों पर भी रोक लगाता है और बैंकों व वित्तीय संस्थानों को ऐसे गेम्स के लिए धन मुहैया कराने या हस्तांतरित करने से रोकता है। रिपोर्ट के अनुसार, इन बदलावों का असर भारत की प्रमुख RMG कंपनियों के मूल्यांकन पर पड़ा है।
ऑनलाइन गेमिंग कानून का दीर्घकालिक प्रभाव:
रिपोर्ट में बताया गया है कि नए ऑनलाइन गेमिंग कानून ने रियल मनी गेमिंग स्टार्टअप्स की विकास गति को अस्थायी रूप से जरूर धीमा किया है लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबी अवधि में उद्योग के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि व्यवसायिक स्थिरता भी सुनिश्चित होगी, जिससे निवेशकों और उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए भरोसा मजबूत होगा और बाजार एक व्यवस्थित दिशा में आगे बढ़ सकेगा।
यूनिकॉर्न कंपनी किसे कहते है ?
यूनिकॉर्न कंपनी एक निजी स्वामित्व वाला स्टार्टअप होता है जिसका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर से अधिक होता है। यह शब्द 2013 में ऐलीन ली द्वारा उपयोग में लिया गया और उन कंपनियों को संदर्भित करता है जो सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध हुए बिना ही इतना उच्च मूल्यांकन प्राप्त करती हैं। ये कंपनियाँ आमतौर पर अपने अभिनव विचारों और तेजी से विकास के माध्यम से सफलता प्राप्त करती हैं।
यूनिकॉर्न स्टार्टअप की मुख्य विशेषताएँ:
- विघटनकारी नवाचार: अपने क्षेत्र में बड़े बदलाव लाना।
- ‘पहली बार’ पहल: उद्योग में नए विचार और ज़रूरत पैदा करना।
- तकनीक पर आधारित मॉडल: बिज़नेस का संचालन तकनीक से करना।
- उपभोक्ता केंद्रित: सेवाओं को आसान, किफ़ायती और दैनिक जीवन से जोड़ना।
- निजी स्वामित्व: ज़्यादातर यूनिकॉर्न निजी होते हैं, जिससे निवेश पर उनका मूल्यांकन बढ़ता है।
ASK प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया यूनिकॉर्न और फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स के बारे में:
ASK प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया यूनिकॉर्न और फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स एक ऐसी रिपोर्ट है, जो भारत के उन स्टार्टअप्स को पहचानती है जिनमें भविष्य में यूनिकॉर्न (यानी 1 अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) बनने की क्षमता है। यह इंडेक्स हुरुन इंडिया और एएसके प्राइवेट वेल्थ मिलकर जारी करते हैं
उद्देश्य:
- निवेशकों और उद्यमियों को भारत के बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम की स्पष्ट जानकारी देना।
- 2000 के बाद स्थापित स्टार्टअप्स की पहचान करना।
- उन कंपनियों को शामिल करना जो अभी तक सार्वजनिक (स्टॉक मार्केट में लिस्टेड) नहीं हुई हैं।
- सबसे मूल्यवान प्राइवेट इक्विटी या वेंचर कैपिटल-वित्त पोषित कंपनियों को सूचीबद्ध करना।
निष्कर्ष:
ASK प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया यूनिकॉर्न एंड फ्यूचर यूनिकॉर्न रिपोर्ट 2025 यह दर्शाती है कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार मज़बूत हो रहा है। नए यूनिकॉर्न की संख्या बढ़कर 73 तक पहुँचना इस बात का संकेत है कि नवाचार और उद्यमिता देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रहे हैं।