प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनने वाले कुल 10 कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट भवनों में पहला है। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को भी संबोधित किया।
कर्तव्य भवन का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है। यह भवन विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक ही छत के नीचे लाकर एकीकृत प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करेगा।
कौन-कौन से मंत्रालय होंगे कर्तव्य भवन में?
कर्तव्य भवन-3 में निम्नलिखित मंत्रालय और विभाग शिफ्ट किए जाएंगे:
- गृह मंत्रालय
- विदेश मंत्रालय
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- एमएसएमई मंत्रालय
- कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (DoPT)
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
- प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) का कार्यालय
कर्तव्य भवन-3 में मंत्रालयों का फ्लोर-वाइज वितरण
- 1st फ्लोर: पेट्रोलियम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय
- 2nd फ्लोर: MSME मंत्रालय, DoPT
- 3rd फ्लोर: विदेश मंत्रालय, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय
- 4th–5th फ्लोर: गृह मंत्रालय (जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह यहीं से कार्य करेंगे)
- 6th फ्लोर: इंटेलिजेंस ब्यूरो का कार्यालय

कर्तव्य भवन-3 की विशेषताएँ
- कर्तव्य भवन-3 का निर्माण लगभग 5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है, जिसमें दो बेसमेंट, भूतल और सात मंजिलें शामिल हैं।
- यह भवन ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देते हुए इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह सामान्य भवनों की तुलना में 30% कम ऊर्जा की खपत करता है।
- इसमें तापमान नियंत्रण और बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष किस्म की काँच की खिड़कियाँ लगाई गई हैं।
- साथ ही स्मार्ट लाइटिंग, सेंसर आधारित प्रकाश व्यवस्था, ऊर्जा-बचत लिफ्टें और बिजली उपयोग के लिए एक उन्नत प्रणाली का भी प्रयोग किया गया है।
- इस भवन में कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य वातावरण की व्यवस्था की गई है। इसमें आधुनिक वर्क हॉल और केबिन, कुल 24 बड़े सम्मेलन कक्ष (प्रत्येक में 45 लोगों की बैठक क्षमता), 26 छोटे सम्मेलन कक्ष (प्रत्येक में 25 लोगों की क्षमता) और 67 मीटिंग कक्ष या वर्क हॉल (प्रत्येक की क्षमता 9 लोगों की) उपलब्ध हैं। भवन में कुल 27 लिफ्ट और दो स्वचालित सीढ़ियाँ लगाई गई हैं। सभी मंजिलें केंद्रीयकृत एयर कंडीशनिंग प्रणाली से जुड़ी हैं।
- कर्तव्य भवन-3 में अन्य साझा सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं, जिनमें योग कक्ष, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे और एक बहुउद्देश्यीय हॉल शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त, भवन में एक सुरक्षित और आईटी-सक्षम कार्यस्थल की व्यवस्था की गई है, जिसमें स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, कमांड सेंटर, सोलर पैनल, सौर जल हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी आधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं।
- यह भवन पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी निर्माण का उदाहरण है, जिसमें अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और ठोस कचरे का आंतरिक प्रसंस्करण किया जाता है।
पुराने भवनों की जगह आधुनिक व्यवस्था:
कर्तव्य भवन-3 का निर्माण प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक इसलिए था क्योंकि मौजूदा भवन जैसे कि शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन 1950 से 1970 के बीच बने थे, जो अब जर्जर हो चुके हैं और जिनका रखरखाव अत्यंत महंगा होता जा रहा है। वर्तमान में केंद्र सरकार के पास लगभग 55 मंत्रालय और 93 विभाग हैं, जो इन पुरानी इमारतों में कार्य कर रहे थे। नए भवनों की आवश्यकता इसी पृष्ठभूमि में उत्पन्न हुई।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, कर्तव्य भवन-3 सेंट्रल विस्टा के व्यापक बदलाव का पहला हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इसके माध्यम से मंत्रालयों को एक ही स्थान पर लाकर बेहतर समन्वय और गति सुनिश्चित की जाएगी।
भविष्य की योजना: अन्य 9 भवन कब तक बनेंगे?
कर्तव्य भवन-3 के अलावा इसी श्रृंखला में कुल 10 भवनों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें से कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है और अगले महीने तक इनके उद्घाटन की संभावना है। शेष सात भवनों का निर्माण कार्य अप्रैल 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह पूरी परियोजना लगभग ₹1,000 करोड़ की लागत से क्रियान्वित की जा रही है, जिससे न केवल मंत्रालयों को एकीकृत किया जा सकेगा, बल्कि वर्तमान में किराये पर खर्च होने वाले लगभग ₹1,500 करोड़ रुपये की सालाना बचत भी सुनिश्चित की जा सकेगी।