भारत 8 साल बाद बना चैंपियन: साउथ कोरिया को 4-1 से हराया, वर्ल्ड कप के लिए भी किया क्वालिफाई

हॉकी एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए साउथ कोरिया को 4-1 से हराकर खिताब अपने नाम किया। बिहार के राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में खेले गए इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने शुरुआत से ही दबदबा बनाए रखा और चौथी बार एशिया कप ट्रॉफी जीतने में सफलता पाई। इस जीत के साथ ही भारत ने अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले हॉकी विश्व कप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।

India became champion after 8 years

पूल स्टेज में भारत अजेय, तीनों मैचों में जीत दर्ज:

 

हॉकी एशिया कप 2025 में भारतीय टीम ने पूल चरण में दमदार खेल दिखाया और लगातार तीनों मुकाबले जीतकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।

  • 29 अगस्त को भारत ने चीन को कड़े मुकाबले में 4-3 से हराया।
  • इसके बाद 31 अगस्त को जापान के खिलाफ रोमांचक भिड़ंत में 3-2 से जीत दर्ज की।
  • 1 सितंबर को कजाकिस्तान के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों ने आक्रामक खेल दिखाते हुए 15-0 से एकतरफा जीत हासिल की।

लगातार तीन जीत ने न केवल टीम इंडिया का आत्मविश्वास बढ़ाया बल्कि खिताब की प्रबल दावेदारी भी पेश की।

 

सुपर-4 में भी अपराजेय रहा भारत:

सुपर-4 चरण में भी भारत का दबदबा कायम रहा। 3 सितंबर को कोरिया के खिलाफ मुकाबला 2-2 से ड्रॉ रहा, लेकिन अगले दिन भारत ने मलेशिया को 4-1 से हराकर शानदार जीत दर्ज की। 6 सितंबर को टीम इंडिया ने चीन को 7-0 से मात देकर खिताब की राह और पक्की कर ली।

 

मलेशिया तीसरे, चीन चौथे और जापान 5वें स्थान पर रहा

मलेशिया ने चीन को 3-0 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। जापान ने बांग्लादेश को हराकर पांचवां स्थान पाया। हॉकी पुरुष विश्व कप 2026 में 14 से 30 अगस्त तक बेल्जियम और नीदरलैंड्स में होना है। भारत ने अब तक सिर्फ एक बार 1975 में कुआलालंपुर विश्व कप जीता है।

 

जानें एशिया कप फाइनल की रोमांचक कहानी:

भारत ने एशिया कप हॉकी के फाइनल में दमदार प्रदर्शन करते हुए दक्षिण कोरिया को हराकर चौथी बार खिताब अपने नाम किया। मैच की शुरुआत ही भारत ने तेज अंदाज में की, जब कप्तान हरमनप्रीत के पास पर सुखजीत ने रिवर्स हिट के साथ स्कोरिंग की शुरुआत की। पैरालिसिस से वापसी कर चुके और पेरिस ओलंपिक व अर्जुन पुरस्कार विजेता सुखजीत के लिए यह टूर्नामेंट शानदार रहा।

 

हाफ टाइम तक भारत की 2-0 बढ़त

पहले क्वार्टर में जुगराज सिंह को पहले पेनल्टी कॉर्नर का मौका गंवाने के बाद दूसरे क्वार्टर में 2 मिनट के लिए ग्रीन कार्ड और सस्पेंशन मिला, जिससे भारत 10 खिलाड़ियों के साथ खेला। बावजूद इसके हरमनप्रीत और संजय के संयोजन ने गेंद अमृतसर के दिलप्रीत तक पहुंचाई, जिन्होंने एंग्यूलर शॉट से भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई।

 

काउंटर अटैक से 3-0 की बढ़त

तीसरे क्वार्टर में भी संजय को ग्रीन कार्ड मिला और भारत फिर 10 खिलाड़ियों के साथ खेलता रहा। भारत ने पहले हाफ में दक्षिण कोरिया के D में 10 बार घुसकर गोल की कोशिश की, जबकि कोरिया केवल 2 बार सफल रहा। तीसरे क्वार्टर के अंत तक दिलप्रीत ने भारत को 3-0 की बढ़त दिलाई, जिससे जीत लगभग सुनिश्चित हो गई। कोरिया ने 50वें मिनट में एक गोल कर अंतर कम किया, लेकिन भारतीय टीम की हावी स्थिति बनी रही।

 

टूर्नामेंट में भारत ने दागे सर्वाधिक गोल:

भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाली टीम बनी। भारत ने कुल 39 गोल दागे, जबकि केवल 9 गोल ही खाए। इस दौरान भारत ने अपनी आक्रामक रणनीति से मैदान पर दबदबा बनाए रखा। इस प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय हॉकी टीम एशिया में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

 

भारत ने चौथी बार जीता एशिया कप:

भारत ने चौथी बार एशिया कप खिताब जीता है। इसके साथ ही वह पांच बार की चैंपियन कोरिया के बाद टूर्नामेंट की दूसरी सबसे सफल टीम बन गई। भारत ने इससे पहले 2003 (कुआलालंपुर) , 2007 (चेन्नई) और आखिरी बार 2017 (ढाका) में एशिया कप जीता था। दक्षिण कोरिया ने 1994, 1999, 2009, 2013 और 2022 में खिताब जीता है।

 

भारतीय हॉकी का इतिहास:

भारत का हॉकी इतिहास शानदार उपलब्धियों से भरा है।1850 के दशक में अंग्रेजों द्वारा खेल की शुरुआत और 1925 में भारतीय हॉकी महासंघ (IHF) की स्थापना ने इसकी मजबूत नींव रखी। 1928 से 1956 तक का दौर भारतीय हॉकी का स्वर्णयुग रहा, जब टीम ने लगातार छह ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते।

मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक स्वर्ण पदक ने भारत को दुनिया की सबसे बड़ी हॉकी शक्ति बना दिया। हालांकि कृत्रिम टर्फ आने के बाद टीम का प्रदर्शन कमजोर हुआ, लेकिन हाल के वर्षों में ओलंपिक पोडियम पर वापसी और हॉकी इंडिया लीग जैसी पहलों ने भारतीय हॉकी को फिर से मजबूती, सम्मान और नई ऊर्जा दी है।

 

भारत का पारंपरिक राष्ट्रीय खेल

हॉकी को लंबे समय तक भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता रहा है, खासकर देश की मजबूत अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति के कारण। भारतीय हॉकी महासंघ (Indian Hockey Federation) 1925 में स्थापित हुआ, और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे ने एक विजयी सिलसिले की शुरुआत की। हालांकि, वर्तमान में भारतीय सरकार सभी खेलों को समान महत्व देती है, ताकि एक बहु-विषयक खेल वातावरण तैयार किया जा सके। यह संतुलित दृष्टिकोण हर खेल के विकास के लिए समान अवसर प्रदान करता है और किसी एक खेल को प्राथमिकता देने से बचाता है।

 

भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस: भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है, जो महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद की जयंती के अवसर पर होता है। यह दिवस पहली बार 2012 में मनाया गया और इसका उद्देश्य शारीरिक स्वास्थ्य, खेल भावना और युवा सहभागिता को बढ़ावा देना है। पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें राजीव गांधी खेल रत्न (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न) जैसे पुरस्कार भी शामिल हैं। यह दिवस भारत की खेल विरासत को सम्मानित करने और युवाओं को खेल में भागीदारी के लिए प्रेरित करने का प्रतीक है।

 

निष्कर्ष:
हॉकी एशिया कप 2025 का फाइनल भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। साउथ कोरिया जैसी मजबूत टीम को 4-1 से हराकर चौथी बार खिताब जीतने वाली भारतीय टीम ने साबित कर दिया कि एशिया में उसका दबदबा कायम है। राजगीर की धरती पर मिली यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि आने वाले विश्व कप 2026 के लिए आत्मविश्वास और ऊर्जा का मजबूत आधार है। यह सफलता दिखाती है कि भारतीय हॉकी एक बार फिर अपनी स्वर्णिम राह की ओर लौट रही है।