ट्रम्प के टैरिफ के बावजूद 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ेगी: Moody’s

वैश्विक रेटिंग एजेंसी Moody’s Ratings ने अपने Global Macro Outlook 2026-27 में कहा है कि भारत आने वाले दो वर्षों तक G-20 देशों में सबसे तेज़ आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा। एजेंसी के मुताबिक भारत की GDP ग्रोथ 2027 तक औसतन 6.5% रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितताओं और अमेरिका के ऊंचे टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी।

India economy to grow at 6.5% by 2027 despite Trump tariffs

ट्रंप के टैरिफ के बावजूद भारतीय निर्यात मजबूत

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय उत्पादों पर 50% तक के टैरिफ लगाने के बावजूद भारतीय निर्यातकों ने अपने बाज़ारों में विविधीकरण किया है। सितंबर में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को निर्यात 11.9% गिरा। Moody’s के अनुसार यह बदलाव भारत की एक्सपोर्ट स्ट्रैटेजी की मजबूती दर्शाता है।

 

नरम मौद्रिक नीति और कम महंगाई बनी ताकत

Moody’s ने नोट किया कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने अक्टूबर में रेपो रेट स्थिर रखकर संकेत दिया है कि वर्तमान माहौल में नीति “सावधान लेकिन सहयोगी” है। कम महंगाई और स्थिर ब्याज दरों ने घरेलू मांग को समर्थन दिया है, जबकि सकारात्मक निवेशक भावना ने भारत में अंतरराष्ट्रीय पूंजी प्रवाह बढ़ाया है।

 

हालाँकि Moody’s ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र का कैपिटल एक्सपेंडिचर अभी सतर्क है और बड़े स्तर पर निवेश पुनर्जीवित होने में समय लग सकता है।

 

G-20 क्या है?

G-20 (ग्रुप ऑफ ट्वेंटी) दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जो वैश्विक आर्थिक नीतियों, व्यापार, वित्तीय स्थिरता, विकास और जलवायु मुद्दों पर सहयोग करता है।

1999 में इसकी शुरुआत वैश्विक वित्तीय अस्थिरता से निपटने के लिए हुई थी। 2008 की आर्थिक मंदी के बाद इसे शीर्ष नेतृत्व स्तर पर ले जाया गया।

G-20 में शामिल 19 देश हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्किये, ब्रिटेन और अमेरिका, साथ ही यूरोपीय संघ (EU) भी इसका सदस्य है।

ये समूह दुनिया की 85% GDP और 75% वैश्विक व्यापार को कवर करता है।

 

GDP क्या है?

GDP यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट-यह किसी देश में एक निश्चित अवधि में उत्पादित सभी गुड्स और सर्विसेज की कुल वैल्यू को मापता है। इसका उपयोग देश की आर्थिक सेहत समझने के लिए किया जाता है।

GDP दो प्रकार की होती है-

  • रियल GDP: बेस ईयर की स्थिर कीमतों पर गणना
  • नॉमिनल GDP: मौजूदा कीमतों पर गणना भारत में GDP का बेस ईयर 2011-12 है।

 

GDP कैसे कैलकुलेट होती है?

GDP को इस फॉर्मूले से निकाला जाता है: GDP = C + G + I + NX

  • C: निजी उपभोग (आप-हम कितना खर्च करते हैं)
  • G: सरकारी खर्च
  • I: निवेश
  • NX: नेट एक्सपोर्ट (एक्सपोर्ट – इम्पोर्ट)

 

GDP को चलाने वाले चार बड़े इंजन

1.     निजी खपत (C) – लोग जितना खर्च करते हैं, GDP उतनी बढ़ती है।

2.     प्राइवेट सेक्टर की ग्रोथ (I) – भारतीय GDP में लगभग 32% योगदान।

3.     सरकारी खर्च (G) – इसका GDP में लगभग 11% योगदान।

4.     नेट एक्सपोर्ट (NX) – भारत के इम्पोर्ट एक्सपोर्ट से ज्यादा हैं, इसलिए यह घटक GDP पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

 

वैश्विक अर्थव्यवस्था: धीमी लेकिन स्थिर राह

Moody’s ने 2026 और 2027 के लिए वैश्विक GDP वृद्धि 2.5%-2.6% रहने की उम्मीद जताई है।

  • विकसित अर्थव्यवस्थाएँ लगभग 5% की रफ्तार से आगे बढ़ेंगी।
  • उभरती अर्थव्यवस्थाओं में औसत वृद्धि 4%, जिसमें भारत सबसे ऊपर रहेगा।

 

अमेरिका, यूरोप और चीन की स्थिति

अमेरिका में आर्थिक गतिविधि स्थिर बनी हुई है। Moody’s का कहना है कि AI निवेश, मजबूत इक्विटी मार्केट और पर्याप्त लिक्विडिटी ने वित्तीय माहौल को सहारा दिया है। एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि नीति ढील और फिस्कल सपोर्ट से अमेरिकी क्रेडिट साइकिल 2026 तक बढ़ सकती है।

 

यूरोप में रोज़गार में सुधार और ECB की ढील ने आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया है। जर्मनी के रक्षा और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च से क्षेत्र को मदद मिलने की संभावना है।

 

चीन 2025 में 5% की वृद्धि दर्ज कर सकता है, लेकिन कमजोर घरेलू मांग, धीमे कॉर्पोरेट कर्ज और घटते निवेश के चलते 2027 तक GDP वृद्धि 4.2% पर आ सकती है।

 

निष्कर्ष:

मूडीज की रिपोर्ट साफ दिखाती है कि वैश्विक आर्थिक दबावों और अमेरिकी टैरिफ चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत और लचीली बनी हुई है। अगले दो साल भारत G-20 में सबसे तेज़ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश, घरेलू मांग और निर्यात विविधीकरण की अहम भूमिका रहेगी।