हाल ही में अमेरिका ने भारत और चीन पर 100% टैरिफ लगाने की सिफारिश की है। इसका मुख्य कारण इन देशों का रूस से तेल और ऊर्जा आयात है। इस कदम से वैश्विक व्यापार और ऊर्जा बाजार में हलचल बनी हुई है।
इसी बीच, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच मुक्त व्यापार समझौता पर बातचीत अच्छी तरह आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि 60% से अधिक अध्याय अंतिम रूप दे दिए गए हैं। समझौते का बड़ा हिस्सा तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है।

यूरोपीय संघ के अधिकारियों का दौरा:
यूरोपीय संघ (EU) की राजनीतिक एवं सुरक्षा समिति का 27 सदस्यीय दल बुधवार से भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आ रहा है। यह दल दोनों पक्षों के बीच संबंधों को नई गति देने और मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के तरीकों पर चर्चा करेगा।
इस दौरान यह दल भारत सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों और रक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों से भी मिलेगा, यह यात्रा भारत और ईयू के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के 13वें दौर की बातचीत का हिस्सा है। दोनों पक्ष दिसंबर तक समझौते को अंतिम रूप देने की योजना बना रहे हैं। इस दौरे का उद्देश्य आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना भी है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का बयान:
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को बताया कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते के 60-65% अध्याय पहले ही तय किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक और कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हेन्सन भारत दौरे पर आएंगे, तब तक समझौते को अंतिम रूप देने की स्थिति बन चुकी होगी।
भारत-EU मुक्त व्यापार समझौता वार्ता की मुख्य विशेषताएँ:
- डिजिटल व्यापार अध्याय: यह अध्याय ई-कॉमर्स और डिजिटल सेवाओं के लिए सीमा-पार डेटा प्रवाह को कवर करता है।
- महत्व: यह भारत की आईटी और डिजिटल अर्थव्यवस्था को वैश्विक सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के साथ जोड़ने और उसे बढ़ावा देने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
दोनों देश समझौते में तेजी लाने का कर रहे प्रयास:
ब्रुसेल्स में हुए 12वें दौर की वार्ता में सेवाओं और वस्तुओं के बाजार तक पहुंच से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा हुई थी। जून 2025 में यह भी तय किया गया कि वार्ता अब तिमाही की बजाय मासिक आधार पर आयोजित की जाएगी, ताकि समझौते को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
11 अध्याय पूरे, एक और अंतिम चरण में:
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और यूरोपीय संघ के बीच संभावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) में कुल 26-27 अध्यायों पर बातचीत करनी है। अब तक दोनों पक्ष 11 अध्यायों को पूरी तरह पूरा कर चुके हैं।
- इनमें बौद्धिक संपदा, सीमा शुल्क और व्यापार सुविधा, पारदर्शिता, नियामक प्रथाएं, पारस्परिक प्रशासनिक सहायता, एसएमई, टिकाऊ खाद्य प्रणाली, विवाद निपटान, प्रतिस्पर्धा और सब्सिडी, डिजिटल व्यापार और धोखाधड़ी विरोधी खंड शामिल हैं।
- इसके अलावा, पूंजी आंदोलन से संबंधित एक और अध्याय को अंतिम रूप देने के करीब हैं।
आगामी भारत-EU वार्ता और उसके प्रमुख मुद्दे:
भारत और यूरोपीय संघ के बीच होने वाली आगामी वार्ताओं में व्यापार से जुड़ी तकनीकी बाधाओं, बाजार तक पहुंच, सार्वजनिक खरीद और स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर खास ध्यान दिया जाएगा। साथ ही दोनों पक्ष डिजिटल व्यापार और नई तकनीकों को साझा करने पर भी सहमत हैं, जिससे सेवाओं और निवेश के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे।
ट्रम्प ने EU से भारत और चीन पर 100% टैरिफ लगाने का किया आह्वान:
अमेरिकी अधिकारियों और यूरोपियन यूनियन (EU) के कूटनीतिज्ञों के अनुसार, ट्रंप ने EU से चीन और भारत पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपील की है। डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को EU के अधिकारियों को यह सुझाव देते हुए कहा कि भारत और चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने से रूस पर दबाव बढ़ेगा, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त हो जाएगा।
जुलाई में लागू था, भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता:
भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक डील जो 24 जुलाई, 2025 को लंदन में भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) के रूप में हुआ. इस समझौते के तहत दोनों देश आपसी व्यापार को 2030 क यानि अगले पांच सालों में 120 अरब यूएस डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.
भारत अन्य देशों के साथ भी कर रहा बातचीत:
- भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता
- भारत-श्रीलंका आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौता
- भारत-पेरू मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए)
- भारत-चिली व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए)
- भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए)
अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करना लक्ष्य: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ से व्यापारिक माहौल पर असर पड़ सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार यूरोपीय देशों के साथ समझौते करके भारतीय उत्पादों के लिए नए बाजार तलाशने की तैयारी कर रही है।
EU के साथ ट्रेड एग्रीमेंट से भारत को फायदा:
भारत के लिए यूरोपीय संघ (EU) के साथ नया ट्रेड एग्रीमेंट आर्थिक और व्यापारिक दृष्टि से फायदेमंद साबित हो सकता है।
- व्यापार बढ़त और संभावित लाभ: वर्ष 2023-24 में भारत-EU के बीच व्यापार $137.41 बिलियन रहा। नई डील के बाद यह व्यापार और बढ़ने की संभावना है।
- वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूती और चुनौतियाँ: विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत स्थिति देगा। हालांकि, घरेलू उद्योगों को बचाना और संतुलित नीति बनाना भी चुनौतीपूर्ण रहेगा।
आइए जानते है, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTAs) के बारे में-
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच व्यापक व्यापार समझौते होते हैं, जिनका उद्देश्य टैरिफ और आयात/निर्यात प्रतिबंधों जैसे व्यापार बाधाओं को कम या समाप्त करना है। ये समझौते बाज़ारों में प्राथमिक पहुँच और टैरिफ रियायतें प्रदान करते हैं और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करते हैं।
FTAs की मुख्य विशेषताएँ:
- ये समझौते सामान्य वस्तुओं (कृषि और औद्योगिक उत्पाद) और सेवाओं (बैंकिंग, आईटी, निर्माण आदि) के व्यापार को कवर करते हैं।
- उन्नत FTAs में निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR), सरकारी खरीद और प्रतिस्पर्धा नीति जैसे अध्याय भी शामिल हो सकते हैं।
व्यापार समझौतों के प्रकार:
- पार्शियल स्कोप एग्रीमेंट (PSA): सीमित संख्या में उत्पादों पर केंद्रित।
- फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA): सदस्य देशों के बीच टैरिफ कम करता है, जबकि गैर-सदस्यों के लिए व्यक्तिगत टैरिफ नीति जारी रहती है।
- कस्टम्स यूनियन: गैर-सदस्यों के लिए सामान्य बाहरी टैरिफ लागू।
- कॉमन मार्केट: सामान, सेवाओं और उत्पादन के कारकों की मुक्त आवाजाही की सुविधा।
- इकॉनॉमिक यूनियन: सदस्य देशों के बीच मैक्रोइकॉनोमिक और मुद्रा नीतियों का समन्वय।
यूरोपीय संघ (EU) के बारे में-
यूरोपीय संघ, जो 27 यूरोपीय देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक गठबंधन है. यह एक एकल बाजार प्रदान करता है जहाँ सदस्य देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी और लोगों की मुक्त आवाजाही होती है. यूरोपीय संघ का उद्देश्य यूरोप में शांति और लोकतंत्र को बढ़ावा देना है.
- यूरोप में शांति और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए यूरोपीय संघ को 2012 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
भारत-EU व्यापारिक संबंध:
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 135 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत से EU निर्यात 76 बिलियन डॉलर और EU से आयात 59 बिलियन डॉलर था। इससे EU भारत का सबसे बड़ा वस्त्र व्यापारिक साझेदार बन गया।
EU का भारत में निवेश 117 बिलियन डॉलर से अधिक है, और भारत में लगभग 6,000 यूरोपीय कंपनियां कार्यरत हैं। वहीं, भारत का EU में निवेश लगभग 40 बिलियन डॉलर के बराबर है।
निष्कर्ष:
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) अब निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है। अधिकांश अध्यायों पर सहमति बन चुकी है और डिजिटल व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी मजबूत प्रगति हुई है। यह समझौता न केवल भारत की वस्त्र और सेवा व्यापार को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय आईटी और डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी विश्व सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के साथ जोड़ने में सहायक होगा।