“भारत-इंडोनेशिया संबंध: ऐतिहासिक धरोहर से आधुनिक रणनीतिक साझेदारी तक”

इंडोनेशिया, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के मध्य स्थित एक विस्तृत द्वीपसमूह राष्ट्र है, जिसे उसकी अत्यंत समृद्ध भौगोलिक विविधता, सांस्कृतिक संपन्नता और वैश्विक जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। यह देश विश्व की लगभग 17% जैव विविधता का आश्रयस्थल है, जिससे इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान प्राप्त है।

भारत के साथ इसके ऐतिहासिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंध अत्यंत घनिष्ठ रहे हैं। प्राचीन काल से ही हिंदू-बौद्ध प्रभाव, रामायण और महाभारत की लोककथाएँ, तथा समुद्री व्यापार मार्गों के माध्यम से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध दृढ़ हुए हैं। समकालीन युग में, दोनों राष्ट्र लोकतंत्र, समुद्री सुरक्षा, व्यापार, पर्यटन और तकनीकी सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को सशक्त बना रहे हैं।

 

भौगोलिक स्थिति:

  • इंडोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा द्वीपसमूह राष्ट्र है, जिसमें 17,000 से अधिक द्वीप शामिल हैं।
  • यह देश पाँच प्रमुख द्वीपों – सुमात्रा, जावा, कालिमंतान (बोर्नियो), सुलावेसी और पापुआ – और चार प्रमुख द्वीपसमूहों – रियाउ, बंका बेलितुंग, नुसा तेंगारा तथा मालुकु – में विस्तृत है।
  • इसका भूगोल ज्वालामुखियों, सघन वर्षावनों, समुद्री तटों और प्रवाल भित्तियों से परिपूर्ण है।
  • इसकी सीमा मलेशिया, पापुआ न्यू गिनी और तिमोर-लेस्ते से लगती है, और यह भारत तथा प्रशांत महासागर के बीच स्थित है।
  • इसकी समुद्री सीमाएं, विशेषतः मलक्का जलडमरूमध्य और फ्लोरेस सागर, इसे वैश्विक व्यापार और जैव विविधता के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती हैं।
  • देश की भौगोलिक स्थिति 6° उत्तर से 11° दक्षिण अक्षांश और 95° से 141° पूर्व देशांतर के मध्य है।
  • राजधानी: जकार्ता
  • क्षेत्रफल: 19,04,569 वर्ग किलोमीटर
  • जनसंख्या: लगभग 28.12 करोड़ (2023)
  • भाषाएँ: इंडोनेशियाई (आधिकारिक), जावानीस, सुंडानीस तथा अन्य स्थानीय भाषाएँ
  • औसत आयु प्रत्याशा: 68.25 वर्ष (2022)

 

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

इंडोनेशिया का इतिहास उपनिवेशवाद, संघर्ष, सांस्कृतिक पुनरुत्थान और लोकतांत्रिक संक्रमण से परिपूर्ण रहा है:

  • 1670 से 1900 तक यह क्षेत्र डच ईस्ट इंडीज के रूप में नीदरलैंड के उपनिवेश के अधीन रहा।
  • 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने इस क्षेत्र पर अधिकार कर लिया।
  • 1949 में, लंबे संघर्ष के उपरांत, इंडोनेशिया को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
  • स्वतंत्रता के बाद पश्चिम पापुआ, मलुकु और पूर्वी तिमोर में अलगाववादी आंदोलनों ने चुनौती प्रस्तुत की।
  • 1965 में असफल तख्तापलट और साम्यवाद विरोधी हिंसा के परिणामस्वरूप राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हुई।
  • सुहार्तो 1967 में राष्ट्रपति बने, जिनका शासन 1998 में आर्थिक संकट के चलते समाप्त हुआ और एक लोकतांत्रिक युग का शुभारंभ हुआ।
  • 2004 में देश में प्रत्यक्ष राष्ट्रपति चुनावों की शुरुआत हुई।
  • इसी वर्ष सुनामी और 2006 में जोगजकार्ता भूकंप जैसी आपदाओं ने देश को गहराई से प्रभावित किया।
  • 2019 में नई राजधानी “नुसंतारा” की घोषणा की गई, जिसका निर्माण 2022 में प्रारंभ हुआ।
  • 2022 के उपरांत, देश ने तकनीकी नवाचार (जैसे WHOOSH हाई-स्पीड रेल, Satria-1 उपग्रह), राजनीतिक नेतृत्व में परिवर्तन, मानवाधिकारों व मीडिया स्वतंत्रता में गिरावट, पर्यावरणीय संकट, तथा खेल व रक्षा साझेदारी संबंधी जटिलताओं का सामना किया है। न्याय सुधारों व पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी सक्रिय प्रयास हुए हैं।

 

जलवायु:

  • इंडोनेशिया की जलवायु मुख्यतः विषुवतीय है, जो पूरे वर्ष गर्म, आर्द्र और प्रचुर वर्षा वाली होती है।
  • अधिकांश भागों में वर्षा तेज बौछारों या तूफानों के रूप में होती है, जिससे अक्सर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है।
  • तापमान वर्षभर स्थिर रहता है – न्यूनतम 22–25°C और अधिकतम 30–32°C के मध्य।
  • देश में दो प्रमुख मानसून प्रणाली प्रभावी रहती है: उत्तर-पश्चिमी मानसून (दिसंबर–मार्च) और दक्षिण-पूर्वी मानसून (जून–सितंबर)।
  • एल-नीनो जैसी जलवायु घटनाओं से वर्षा के पैटर्न में असामान्यता देखी जाती है।
  • ज्वालामुखीय व पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान अपेक्षाकृत ठंडा तथा सूरज की किरणें तीव्र होती हैं।

 

प्राकृतिक संसाधन एवं जैव विविधता: इंडोनेशिया विश्व के जैव विविधता से भरपूर देशों में अग्रणी है, जिसमें लगभग 25,000 फूलों की प्रजातियाँ, 12% वैश्विक स्तनधारी, 17% पक्षी, तथा 16% सरीसृप पाए जाते हैं। इसमें 566 संरक्षित क्षेत्र और 88.5 मिलियन हेक्टेयर वनों का क्षेत्र शामिल है। लगभग 4 करोड़ ग्रामीण नागरिक अपनी जीविका के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रकृति पर निर्भर हैं।

 

जनसंख्या व संस्कृति: इंडोनेशियाई समाज विविध धार्मिक, ऐतिहासिक और बाह्य प्रभावों से परिपूर्ण है।

  • इस्लाम, हिंदू, बौद्ध, ईसाई और स्थानीय आदिवासी परंपराओं का समन्वय इसकी सांस्कृतिक पहचान को बहुआयामी बनाता है।
  • अबांगन जैसे समुदाय पारंपरिक विश्वासों और इस्लामी मान्यताओं के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।
  • संगीत के क्षेत्र में गमेलान, डांगदुत और क्रोनचोंग जैसी शैलियाँ लोकप्रिय हैं।
  • यद्यपि यह विश्व का सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश है, फिर भी धार्मिक सहिष्णुता इसकी सामाजिक विशेषता है।
  • बाली की चित्रकला, सेंट्रल जावा की बटिक कला, तथा धार्मिक आयोजन जैसे “ताबुत” इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
  • इंडोनेशियाई फिल्म उद्योग के सम्मानार्थ प्रतिवर्ष “इंडोनेशियाई फिल्म फेस्टिवल” का आयोजन किया जाता है, जिसे स्थानीय “ऑस्कर” के रूप में मान्यता प्राप्त है।

 

पर्यटन उद्योग:

  • इंडोनेशिया, जिसकी जैव विविधता वैश्विक स्तर पर 17% मानी जाती है और जिसमें 17,508 द्वीप सम्मिलित हैं, एक उभरता हुआ वैश्विक पर्यटन केंद्र है। 2024 में इसे ट्रैवल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट इंडेक्स में 22वाँ स्थान प्राप्त हुआ।
  • पर्यटन क्षेत्र ने राष्ट्रीय GDP में 4.8% का योगदान दिया और IDR 1,008 ट्रिलियन की आय अर्जित की।
  • कोविड-19 के पश्चात विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर 13.9 मिलियन हो गई, जिन्होंने औसतन $1,391 व्यय किया और औसतन 2.93 रातों तक ठहरे।
  • अकेले बाली ने 6.3 मिलियन पर्यटकों को आकर्षित किया।
  • घरेलू पर्यटन में भी भारी वृद्धि देखी गई, जिसमें 1.02 बिलियन यात्राएँ दर्ज की गईं – जिनमें से लगभग 69% जावा द्वीप पर केंद्रित रहीं।

 

भारत-इंडोनेशिया संबंध:

  1. द्विपक्षीय व्यापार संबंध: इंडोनेशिया, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वर्ष 2023–24 में दोनों देशों के मध्य $29.4 बिलियन का व्यापार हुआ, जो उनके आर्थिक सहयोग की सुदृढ़ता को दर्शाता है।
  • भारतीय आयात: भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया से कोयला, क्रूड पाम ऑयल, तथा प्राकृतिक रबर का आयात करता है।
  • भारतीय निर्यात: भारत इंडोनेशिया को परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद, दूरसंचार उपकरण, और कृषि उत्पादों का निर्यात करता है।
  1. निवेश और संपर्क: भारत और इंडोनेशिया के बीच निवेश और संपर्क बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
  • भारतीय निवेश: भारतीय उद्यमों ने इंडोनेशिया में अब तक $1.56 बिलियन से अधिक का निवेश किया है, जो मुख्यतः खनन, वस्त्र निर्माण और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में केंद्रित है।
  • भौतिक संपर्क: मुंबई-जकार्ता और दिल्ली-बाली के बीच प्रत्यक्ष विमान सेवाओं ने न केवल पर्यटन को बढ़ावा दिया है, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क भी सशक्त किया है।
  1. सांस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग: भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक एवं शैक्षिक संबंध ऐतिहासिक गहराई लिए हुए हैं, जिन्हें समकालीन युग में सक्रिय रूप से पुनर्जीवित किया गया है।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान: भारत जकार्ता और बाली में दो सांस्कृतिक केंद्रों का संचालन करता है, जो योग, शास्त्रीय नृत्य और संगीत के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार करते हैं।
    • संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन और सांझा विरासत पर आधारित संगोष्ठियाँ इस सांस्कृतिक जुड़ाव को और अधिक गहरा करती हैं।
  • शैक्षणिक सहयोग: इंडोनेशिया, भारतीय शैक्षणिक सहयोग योजनाओं जैसे ITEC (Indian Technical and Economic Cooperation) और ICCR (Indian Council for Cultural Relations) के तहत प्रमुख लाभार्थी देशों में से एक है।
    • वर्तमान में, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग समझौतों (MoUs) पर विचार-विमर्श जारी है, जिससे ज्ञान-विनिमय की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से और मजबूत किया जा सके।
  1. रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग: भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा संबंध 1951 में औपचारिक रूप से स्थापित हुए थे, जिन्हें 2001 और 2018 में अतिरिक्त समझौतों के माध्यम से नई दिशा दी गई।
  • संयुक्त सैन्य अभ्यास: दोनों देश नियमित रूप से सैन्य अभ्यास आयोजित करते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
    • गरुड़ शक्ति (थल सेना के बीच),
    • समुद्र शक्ति (नौसेना के बीच),
    • IND-INDO CORPAT (Coordinated Patrols)।
  • रक्षा उद्योग सहयोग: 2024 में आयोजित प्रथम भारत-इंडोनेशिया रक्षा उद्योग प्रदर्शनी ने दोनों देशों के बीच रक्षा प्रौद्योगिकी और निर्माण में सहयोग की संभावनाओं को उजागर किया।
  • यह रक्षा साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों पर साझा दृष्टिकोण और रणनीतिक संवाद को दर्शाती है, जिससे क्षेत्रीय स्थायित्व को बढ़ावा मिलता है।