भारतीय मूल के बिजनेसमैन ने इंटरनेशनल बैंकों से की धोखाधड़ी: लगे 500 मिलियन डॉलर के फर्जीवाड़े का आरोप, जानिए पूरी खबर..

अमेरिका में एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें भारतीय मूल के उद्योगपति और ब्रॉडबैंड टेलीकॉम व ब्रिजवॉइस के CEO बंकिम ब्रह्मभट्ट पर 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,200 करोड़ रुपये) की ऋण धोखाधड़ी का आरोप लगा है। ब्लैकरॉक समर्थित HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स और अन्य ऋणदाताओं ने दावा किया है कि ब्रह्मभट्ट ने ऋण प्राप्त करने के लिए फर्जी वित्तीय दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया। हालांकि, ब्रह्मभट्ट के वकील ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

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बंकिम ब्रह्मभट्ट कौन है?

बंकिम ब्रह्मभट्ट गुजरात के गांधीनगर के रहने वाले हैं और उन्होंने सेंट जेवियर्स स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की थी। उनके आगे की शिक्षा के बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1989 में भारत में पुश-बटन टेलीफोन बनाने वाली एक यूनिट शुरू करके की थी। बाद में वे सैटेलाइट डिश और मीडिया रिसीवर जैसे कारोबारों में भी जुड़े। ब्रह्मभट्ट बैंकाई ग्रुप के CEO हैं, जो अन्य दूरसंचार कंपनियों को सेवाएँ और तकनीकी ढाँचा प्रदान करता है। उन्हें टेलीकॉम उद्योग में करीब 30 साल का अनुभव है और उनके काम को देखते हुए उन्हें “Capacity” की 2023 की पावर 100 सूची में शामिल किया गया था।

 

ब्रह्मभट्ट ने कैसे की 500 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी?

ब्रह्मभट्ट पर आरोप है कि उन्होंने 500 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी बिल और नकली प्राप्य खाते (Receivable Accounts) तैयार किए। इन नकली दस्तावेज़ों को उन्होंने बैंकों और निवेशकों से बड़े ऋण लेने के लिए गिरवी रखा। रिपोर्टों के मुताबिक, उन्होंने “Cariox Capital” और “BB Capital SPV” नाम के माध्यमों का इस्तेमाल करके निजी निवेशकों से लाखों डॉलर जुटाए।

ब्लैकरॉक द्वारा समर्थित HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स ने 2020 में उनकी कंपनियों को ऋण देना शुरू किया और यह रकम 2024 तक बढ़कर लगभग 430 मिलियन डॉलर तक पहुँच गई। इस पूरी प्रक्रिया में यूरोपीय बैंक BNP पारिबा ने भी वित्तपोषण में सहयोग किया।

 

ब्रह्मभट्ट के घोटालें कैसे आए सामने ?

ब्रह्मभट्ट का घोटाला तब सामने आया जब HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स ने जुलाई 2025 में एक नियमित जांच की। जांच के दौरान HPS के एक कर्मचारी को पता चला कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों ने जिन ग्राहकों के ईमेल पते चालान सत्यापित करने के लिए दिए थे, वे असली नहीं थे। ये ईमेल पते असली टेलीकॉम कंपनियों की नकल करने वाले नकली डोमेन से बनाए गए थे।

जब HPS ने इस बारे में सवाल किया, तो ब्रह्मभट्ट ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सब कुछ ठीक है, लेकिन कुछ ही समय बाद उनका संपर्क टूट गया। इसके बाद, 12 अगस्त 2025 को ब्रह्मभट्ट ने दिवालियापन के लिए अर्जी दे दी। उसी महीने HPS ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे में यह भी आरोप लगाया गया कि ब्रह्मभट्ट ने ऋण के बदले गिरवी रखी गई संपत्तियाँ भारत और मॉरीशस के गुप्त खातों में भेज दीं।

 

अभी कहाँ है ब्रह्मभट्ट ?

फिलहाल बंकिम ब्रह्मभट्ट का कोई पता नहीं चल पाया है। न तो ब्लैकरॉक और न ही अमेरिकी अधिकारी यह जानते हैं कि वह कहाँ हैं। जब HPS ने जुलाई में उनकी कंपनियों के न्यूयॉर्क स्थित दफ्तरों की जांच की, तो वहाँ ताले लगे हुए थे और दफ्तर खाली मिले। उनके घर, जो न्यूयॉर्क के पास लॉन्ग आइलैंड के गार्डन सिटी इलाके में है, वहाँ भी वह नहीं मिले।

HPS का मानना है कि ब्रह्मभट्ट अमेरिका छोड़कर भारत में कहीं छिपे हुए हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल भी अब डिलीट कर दी गई है, जिससे उनके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है।

 

इस घटना के क्या मायने है?

इस घटना ने तेजी से बढ़ते निजी ऋण बाजार की पारदर्शिता और जोखिम प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पारंपरिक बैंकों के विपरीत, निजी ऋण अक्सर ऐसी संपत्तियों पर आधारित होते हैं जिनकी पूरी जांच नहीं हो पाती, जिससे धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है।

बंकिम ब्रह्मभट्ट का मामला दिखाता है कि बिना ठोस क्रेडिट इतिहास वाली कंपनियों को बड़ी रकम देना कितना जोखिम भरा हो सकता है। ब्लैकरॉक के लिए भी यह उसके हालिया HPS अधिग्रहण के बाद जोखिम नियंत्रण की एक अहम परीक्षा बन गया है। यह मामला बताता है कि 1.7 ट्रिलियन डॉलर का निजी ऋण उद्योग भी मजबूत निगरानी और पारदर्शिता की कमी से अछूता नहीं है।

 

HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स के बारे में:

HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स (HPS Investment Partners, LLC) एक अमेरिकी निवेश कंपनी है, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है। यह कंपनी मुख्य रूप से निजी ऋण (Private Credit), सार्वजनिक ऋण (Public Debt), प्राइवेट इक्विटी और रियल एस्टेट में निवेश करती है। 2022 में, HPS को निजी ऋण क्षेत्र में धन जुटाने के आधार पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी निजी ऋण निवेश कंपनी माना गया था।

 

HPS की स्थापना:

2007 में, स्कॉट कैपनिक, स्कॉट फ्रेंच और माइकल पैटरसन ने गोल्डमैन सैक्स छोड़ने के बाद HPS की स्थापना की। शुरू में यह जेपी मॉर्गन एसेट मैनेजमेंट के अंतर्गत हाईब्रिज कैपिटल मैनेजमेंट की एक इकाई के रूप में काम करती थी। इसकी निवेश रणनीतियों में मेज़ेनाइन कैपिटल, बॉन्ड, डायरेक्ट लेंडिंग और ग्रोथ कैपिटल शामिल थे। 2025 में, HPS को ब्लैकरॉक ने खरीद लिया, जिसके बाद यह उसकी सहायक कंपनी बन गई।

 

ब्लैकरॉक ने 12 अरब डॉलर में खरीदा HPS:

ब्लैकरॉक ने जुलाई 2025 में HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स का अधिग्रहण पूरा किया। यह सौदा करीब 12 अरब डॉलर का था, जिसके बाद HPS अब ब्लैकरॉक की सहायक कंपनी बन गई है। इस अधिग्रहण का उद्देश्य ब्लैकरॉक की निजी ऋण (Private Credit) बाजार में पकड़ मजबूत करना और सार्वजनिक व निजी दोनों बाजारों में वित्तीय समाधान प्रदान करने की क्षमता बढ़ाना है। अब ब्लैकरॉक और HPS मिलकर एक ऐसा संयुक्त मंच बना रहे हैं जो कंपनियों और निवेशकों को पूंजी जुटाने और वित्तपोषण के बेहतर समाधान उपलब्ध कराएगा।

 

निष्कर्ष:

यह मामला दिखाता है कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और निगरानी कितनी जरूरी है। बंकिम ब्रह्मभट्ट पर लगे आरोप याद दिलाते हैं कि किसी भी निवेश में भरोसे के साथ कठोर सत्यापन और जवाबदेही होना जरूरी है।