हरियाणा में IPS अफसर ने की आत्महत्या: मिला 8 पेज का सुसाइड नोट, वरिष्ठ अधिकारीयों पर लगाए गंभीर आरोप..

हरियाणा पुलिस के तेज-तर्रार और बेखौफ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। 2001 बैच के इस अधिकारी ने हमेशा सच और ईमानदारी का साथ निभाया, चाहे इसके लिए उन्हें सत्ता से टकराना ही क्यों न पड़े। वे अपने बेबाक स्वभाव और सिस्टम की खामियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे। 7 अक्टूबर 2025 को उन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर जान दे दी।

उनकी मौत ने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर दिया है। क्योंकि पूरन कुमार और उच्चाधिकारियों के बीच लंबे समय से टकराव के हालात थे और कई बार वह खुद को सिस्टम का शिकार बताते रहे थे।

 

मिला 8 पेज का सुसाइड नोट:

2001 बैच के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार के पास से 8 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति पत्नी के नाम कर दी है। नोट में उन्होंने अपने करियर के दौरान झेले गए उत्पीड़न और भेदभाव के अनुभवों का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि उनके 8 IPS और 2 IAS सहकर्मियों ने उन्हें लगातार मानसिक और प्रशासनिक दबाव में रखा। सुसाइड नोट में उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा निशाना पूर्व DGP हरियाणा पर साधा गया है। उन्होंने जातिवाद, पोस्टिंग में भेदभाव, एसीआर में गड़बड़ी, सरकारी आवास न मिलने और शिकायतों की अनदेखी जैसी बातों का भी उल्लेख किया है।

IPS officer commits suicide in Haryana

कौन थे वाई पूरन कुमार?

सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के हाथों पुलिस पदक से सम्मानित हो चुके वाई. पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के IPS अधिकारी थे, जो अपनी सख्त और बेखौफ छवि के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने करियर में कई अहम पदों पर काम किया, जिनमें IGP(रोहतक रेंज), IGP(कानून-व्यवस्था), IG(दूरसंचार) और हाल ही में IG, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) सुनारिया, रोहतक शामिल हैं। 2025 के मध्य में सरकार ने उनका तबादला रोहतक रेंज से हटाकर PTC सुनारिया कर दिया था, जो उनकी अंतिम तैनाती बनी।

 

जन्म और शिक्षा:

  • जन्म: 19 मई 1973 को आंध्र प्रदेश में हुआ था।
  • एजुकेशन: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की और IIM अहमदाबाद से PGDMC किया।
  • 2001 बैच के हरियाणा कैडर के IPS ऑफिसर थे, और उनकी रिटायरमेंट 31 मई 2033 को होनी थी।

 

घटना के समय छोटी बेटी घर पर थी:

वे अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ सरकारी कोठी के ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे। उनकी छोटी बेटी चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रही थी, जबकि बड़ी बेटी विदेश में उच्च शिक्षा ले रही है। घटना वाले दिन मंगलवार को पूरन कुमार अपनी छोटी बेटी के साथ घर पर थे। कुछ देर बाद वे कोठी के बेसमेंट में चले गए, जबकि बेटी अपने काम में व्यस्त रही। बेसमेंट में पहुंचकर उन्होंने कुर्सी पर बैठते हुए अपनी पिस्तौल से कनपटी पर गोली मार ली, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। थोड़ी देर बाद जब बेटी बेसमेंट में गई तो उसने पिता को खून से लथपथ देखा और तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।

 

अपने ही सरकारी आवास पर मारी गोली:

7 अक्टूबर 2025 की सुबह चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित 116 नंबर की सरकारी कोठी में आत्महत्या की। जब पुलिस अंदर पहुंची, तो वाई. पूरन कुमार खून से लथपथ हालत में मिले। बताया जाता है कि उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। जब पूरन कुमार ने सुसाइड किया उस वक्त वह लोअर ड्रेस और टी-शर्ट में थे. उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद हुआ. पुलिस ने पूरे घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की और फॉरेंसिक टीम ने कई अहम सबूत जुटाए।

घटना के समय उनकी पत्नी, IAS अधिकारी अमनीत कौर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं। गोली चलने की खबर मिलते ही चंडीगढ़ के IG और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। फिलहाल मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस कर रही है।

 

चंडीगढ़ पुलिस की जांच प्रक्रिया:

चंडीगढ़ पुलिस ने वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है। उनकी पत्नी, IAS अधिकारी अमनीत कौर के लौटने के बाद उनका बयान दर्ज किया जाएगा। फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। हरियाणा सरकार ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, लेकिन पुलिस महकमे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वाई. पूरन कुमार पर प्रशासनिक दबाव था, जिसने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर कर दिया?

 

सुरक्षा को लेकर खतरा, प्रशासनिक स्तर पर असहाय:

IPS वाई. पूरन कुमार ने कई बार कहा था कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया था कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है और उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा महसूस हो रहा है। उनकी शिकायत के बाद हरियाणा के DGP को उनकी सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए थे। इससे साफ जाहिर होता है कि वे मानसिक दबाव में थे और प्रशासनिक स्तर पर खुद को असहाय महसूस कर रहे थे।

 

लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप:

पूरन कुमार की आत्महत्या से दो दिन पहले एक बड़ा विवाद सामने आया था। हरियाणा के रोहतक के अर्बन एस्टेट थाना में उनके गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप था कि सुशील एक शराब कारोबारी से हर महीने 2 से 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। बाद में एक ऑडियो क्लिप भी सामने आई, जिससे आरोप और मजबूत हो गए, और सुशील को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ के दौरान सुशील ने दावा किया कि वह वाई. पूरन कुमार के कहने पर रिश्वत ले रहा था। इसी बीच, 29 सितंबर को सरकार ने पूरन कुमार का तबादला रोहतक रेंज के IG पद से सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज (PTC) में कर दिया था, जिसे विभाग में “सज़ा पोस्टिंग” माना गया। फिलहाल 29 सितंबर से वे छुट्टी पर थे।

 

पत्नी ने शीर्ष पुलिस अधिकारीयों पर लगाए आरोप:

चंडीगढ़ पुलिस ने बुधवार को जापान से लौटकर आई अमनीत कौर से बयान दर्ज किया। अमनीत ने आरोप लगाया कि उनके पति वाई. पूरन कुमार पर DGP शत्रुजीत सिंह कपूर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वर्षों तक उत्पीड़न किया गया। DGP के निर्देश पर उनके गनमैन सुशील के खिलाफ 6 अक्टूबर 2025 को झूठी FIR दर्ज की गई, जिससे पूरन कुमार मानसिक दबाव में थे।

उन्होंने पुलिस से कहा कि DGP और रोहतक SP नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

उन्होंने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से कहा है कि उन्हें न्याय चाहिए और जब तक मामला दर्ज नहीं हो जाता, वे पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं होंगी। उन्होंने सवाल उठाया है कि उनके पति की मौत के ज़िम्मेदार लोग कैसे बेख़ौफ़ घूम सकते हैं।

 

पत्नी को किया था 15 बार फोन:

सूत्रों के अनुसार, IPS वाई. पूरन कुमार ने अपनी पत्नी को 15 बार फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाई। पत्नी ने फिर बेटी को फोन किया और पिता से बात करने को कहा। बेटी बाजार में थी और उसने मां से कहा कि घर जाकर पिता से बात करेगी। जब बेटी घर पहुंची और बेसमेंट में गई, तब उसने अपने पिता को सोफे पर खून से लथपथ पड़ा पाया। इसके बाद उसने तुरंत अपने मामा, जो पंजाब में विधायक हैं, को फोन किया।

 

पूरन कुमार की मौत के बाद उठे सवाल:

वाई. पूरन कुमार का पूरा करियर ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल रहा। वे हमेशा कहते थे कि पुलिस सेवा में निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों से बड़ा कुछ नहीं है। लेकिन इन्हीं आदर्शों के लिए लड़ते-लड़ते वे सिस्टम के भीतर अकेले पड़ गए। उनकी अचानक मौत ने न सिर्फ हरियाणा पुलिस, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर एक सीनियर आईपीएस अधिकारी क्यों टूट गया?

 

IPS वाई. पूरन कुमार का विवादित सफर:

IPS वाई. पूरन कुमार का करियर जितना मजबूत रहा, उतना ही विवादों से भी जुड़ा रहा। उनका नाम अक्सर सरकारी पत्राचार, कोर्ट की याचिकाओं और शिकायतों में दिखाई देता था, क्योंकि वे विभाग में हो रहे भेदभाव, मनमानी और गलत आदेशों के खिलाफ खुलकर आवाज उठाते थे।

  • जुलाई 2020 में उन्होंने तत्कालीन DGP मनोज यादव पर आरोप लगाया था कि उन्हें व्यक्तिगत रंजिश और जातीय भेदभाव के कारण टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि उन्हें बार-बार ऐसी पोस्टिंग दी जाती है जो उनके कैडर से बाहर हैं।
  • उन्होंने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा पर भी पक्षपाती जांच रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगाया था और हरियाणा हाईकोर्ट से मांग की थी कि जांच किसी स्वतंत्र अधिकारी को सौंपी जाए।
  • उन्होंने पुलिस विभाग में पद सृजन, तबादलों और आवास आवंटन जैसे प्रशासनिक फैसलों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की थीं।
  • वाई. पूरन कुमार ने बिना वित्त विभाग की अनुमति के नए पुलिस पद सृजित करने के सरकारी आदेश को भी कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने यह मुद्दा भी उठाया था कि एक ही अधिकारी को दो सरकारी आवास देना नियमों का उल्लंघन है।
  • साल 2024 में उन्होंने DGP शत्रुजीत कपूर के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) अधिकारियों के अस्थायी तबादले नियमों के खिलाफ किए गए हैं और इनकी जांच की जानी चाहिए।

 

निष्कर्ष:

वाई. पूरन कुमार की मौत हरियाणा पुलिस के लिए एक बड़ा सदमा है और प्रशासनिक दबाव पर सवाल उठाती है। उनके साहस और ईमानदारी ने उदाहरण पेश किया, लेकिन उनका संघर्ष यह दिखाता है कि सिस्टम में निष्पक्ष और सुरक्षित कार्य वातावरण की आवश्यकता है। उनकी मृत्यु इस बात की चेतावनी भी है कि सच और न्याय के लिए खड़े अधिकारीयों को समर्थन मिलना चाहिए।