इजरायली आयरन डोम को भी देती है चकमा! कौन सी मिसाइलों पर इतरा रहा ईरान?

ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग अब 7वें दिन में प्रवेश कर चुकी है और लगातार दिन बीतने के साथ ही दोनों देशों के बीच हालात बिगड़ते जा रहे हैं..दोनों देशों के बीच लगातार हमले और जवाबी कार्रवाई की जा रही है जहां मिसाइलें और ड्रोन बरसाए जा रहे हैं. दोनों देशों के बीच इस जंग में अब तक इजराइल के 24 लोग मारे गए हैं तो वहीं वॉशिंगटन स्थित एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप का दावा है कि ईरान में मौत का आंकड़ा अब 639 को पार कर गया है.

इन दोनों देशों के बीच छिड़ी इस जंग में ताजा अपडेट ये है कि इजराइल ने ईरान में अराक हेवी वॉटर रिएक्टर पर हमला बोल दिया है. वहीं कुछ घंटे पहले ही इजराइली सेना (IDF) ने अराक और खोंडब शहर के लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी. बता दें कि अराक और खोंडब में हैवी वाटर रिएक्टर है जो कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का एक अहम हिस्सा है.

वहीं दोस्तों, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने हाल में बताया कि मोसाद, अमान और इजरायली सेना के अड्डों को हमनें निशाना बनाया है. वहीं ईरान का दावा है कि अब इजरायल के लोग लगातार सायरनों की आवाज में जीने को मजबूर हैं और दिन-रात बंकरों में रहने के लिए विवश हो गए हैं. आपको बता दें कि इस जंग में ईरान अपनी लॉन्ग रेंज मिसाइलें इजरायली शहरों पर दाग रहा है…जहां अब तक ईरान ने बैलिस्टिक और कुछ हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था वहीं अब पहली बार ईरान ने अपनी सजील मिसाइल भी इजराइल के शहरों पर दागी है.

इसके साथ ही सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि ईरान ने पहली बार अपनी खोर्मशहर-प्रकार की मिसाइल का इस्तेमाल हमले में किया है. बताया जाता है कि ये मिसाइल ध्वनि की गति से 8 से 16 गुणा तेज गति से निशाने की ओर बढ़ती है…यह एक लिक्विड फ्यूल पर उड़ने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 2000 किलोमीटर है.

वहीं दोस्तों, ईरान ने इस युद्ध में 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली “सजील” मिसाइलों के साथ ही अब तक करीब 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन इजराइल पर दागे हैं जिनमें फत्तह-1, शहाब-3, गदर, और खोर्रमशहर जैसी लॉन्ग-मिड रेंज मिसाइलें शामिल हैं. इनमें कई हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल है. आपको पता होगा कि यह पहली बार नहीं है जब ईरान ने इजरायल के खिलाफ हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है..इससे पहले 1 अक्तूबर 2024 को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-2 के दौरान भी इजरायल पर हमला करने के लिए दर्जनों फतह-1 मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था.

इसके साथ ही ईरान लगातार दावा कर रहा है कि उनके पास ऐसी मिसाइलें हैं जिन्हें रोक पाना इजरायली एयर डिफेंस के लिए संभव नहीं होगा…तो आइए इस मौके पर जानते हैं कि ईरान के पास किन मिसाइलों का जखीरा है जिनके बलबूते ईरान इजराइल को आंख दिखा रहा है.

खोर्रमशहर मिसाइल

सबसे पहले बात करते हैं खोर्रमशहर मिसाइल की जिसकी सबसे ज्यादा फिलहाल चर्चा हो रही है और बताया जा रहा है ईरान ने पहली बार युद्द में इसका इस्तेमाल किया है. इस मिसाइल का ईरान ने 25 मई 2023 को सफल परीक्षण किया था जो कि लिक्विड फ्यूल पर उड़ने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है और इसकी रेंज 2000 किलोमीटर है.

दोस्तों, इस मिसाइल की लंबाई करीब 13 मीटर है और 19.5 टन वजनी है. बताया जाता है कि इस मिसाइल की सटीकता 3 मीटर है जिसका मतलब है कि टारगेट चाहकर भी इससे बच नहीं सकता है. वहीं इस मिसाइल को मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है तो ईरान इसे अपनी सीमाओं पर कहीं भी तैनात कर सकता है. दोस्तों, ईरान-इजराइल के पिछले 7 दिनों से चल रहे संघर्ष में पहली बार इस मिसाइल का इस्तेमाल होने की चर्चाएं हैं.

आपको बता दें कि इस मिसाइल का नाम ईरान के खोर्रमशहर के नाम पर रखा गया है जो 1980 के दशक में इराक-ईरान युद्ध के दौरान जंग की जमीन था. वहीं इसके अलावा, इस मिसाइल को खैबर नाम से भी जाना जाता है, जिसका नाम अरब में खैबर की लड़ाई के दौरान मुसलमानों द्वारा जीते गए किले के नाम पर रखा गया है.

फतह-1 मिसाइल

दोस्तों, अब बात फतह-1 मिसाइल की तो यह ईरान की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो अपनी हाई स्पीड, सटीकता और उड़ान के बीच अपना रास्ता बदलने की क्षमता के लिए जानी जाती है. ईरान को 2023 में पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलों के तौर पर फतह-1 मिली जो 12 मीटर लंबी है और इसकी मारक क्षमता 1400 किलोमीटर है..ये मिसाइल अपने साथ 200 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकती है.

वहीं इस मिसाइल को ईरान ने इजरायल के आयरन डोम और ऐरो जैसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेदकर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है…मालूम होगा कि हाइपरसोनिक आमतौर पर ऐसे हथियारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो पृथ्वी के वायुमंडल में बहुत तेज गति से जाते हैं…इनकी रफ्तार के चलते इन्हें रोकना मुश्किल होता है और ये तेजी से दिशा भी बदल सकते हैं.

इसके साथ ही फतह-1 ईरान की ऐसी एडवांस मिसाइल है जो हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल वारहेड से लैस है और यह रडार को भी आसानी से भेद सकती है. ये मिडियम रेंज की मिसाइल 17,900 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती है. आपको बता दें कि फतह-1 का नाम ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने रखा था.

सेज्जिल मिसाइल

अब बात करते हैं दूसरी सबसे खतरनाक सेज्जिल मिसाइल की जो कि ईरान की एक मारक और मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. इस मिसाइल को बनाना 1990 के दशक के अंत में शुरू किया गया था. बता दें कि इसकी डिजाइन पिछली ईरानी मिसाइलों जिनमें खास तौर पर कम दूरी की जेलजल बैलिस्टिक मिसाइल है उनकी कॉपी ही है. इस मिसाइल की अगर हम लंबाई की बात करें तो यह 18 मीटर लंबी और इसका कुल वजन 23,600 किलोग्राम है…वहीं यह अपनी 2,000 किमी की रेंज में लगभग 700 किलोग्राम का पेलोड लेकर जा सकती है.

इमाद मिसाइल

अब बात करते हैं ईरान के मिसाइल शस्त्रागार में शामिल इमाद मिसाइल की जो जंग के लिहाज से काफी अहम है. इस मिसाइल की रेंज लगभग 1,700 किलोमीटर है और पेलोड क्षमता 750 किलोग्राम है…यह शाहब-3 मिसाइल का एक वेरिएंट है, जिसे उत्तर कोरिया की नोडोंग मिसाइल पर विकसित किया गया था.

इमाद ईरान की पहली सटीक हमला करने वाली-गाइडेड, लंबी दूरी की और सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. इस मिसाइल में एक मनुरेवल री-एंट्री व्हीकल (MaRV) है जो अपने लक्ष्य के 500 मीटर के भीतर इसकी सटीकता को और बढ़ा देता है. माना जा रहा है कि मध्य पूर्वी और मध्य एशियाई देशों..विशेष रूप से इजरायल के लिए ये मिसाइल एक बड़ा खतरा है.

हज कासेम मिसाइल

अब आखिर में हज कासेम मिसाइल की जो ईरान की मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है. यह मिसाइल 500 किलोग्राम के वारहेड के साथ दुश्मन पर हमला कर सकती है…जिसकी पहली बार टेस्टिंग 20 अगस्त, 2020 को की गई थी. वहीं इसका नाम ईरानी कमांडर कासेम सोलेमानी के नाम पर रखा गया था जिनकी जनवरी 2020 में अमेरिका ने बगदाद में हत्या कर दी गई थी. हज कासेम मिसाइल को फतेह-110 मिसाइल की नई पीढ़ी माना जाता है. वहीं ईरान का दावा है कि हज कासेम मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस को चकमा देने में माहिर है और इसे बिना पता लगे टारगेट पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है.