LIC ने ACC लिमिटेड में बढ़ाई हिस्सेदारी: NBCC इंडिया में भी हिस्सेदारी खरीदी, जानिए इसके मायने..

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने हाल ही में दो प्रमुख कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर निवेश क्षेत्र का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। अडानी समूह की सीमेंट कंपनी ACC लिमिटेड में LIC की हिस्सेदारी 10% से ऊपर पहुँच गई है, जबकि सरकारी क्षेत्र की कंपनी NBCC (इंडिया) में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर करीब 4.5% हो गई है। यह कदम दिखाता है कि LIC इन कंपनियों के भविष्य को लेकर काफी विश्वास रखती है और अपने निवेश पोर्टफोलियो को और मजबूत बना रही है।

LIC increases stake in ACC Limited

ACC के बारे में:

ACC लिमिटेड, जिसे पहले द एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज़ लिमिटेड कहा जाता था, भारत की एक प्रमुख सीमेंट बनाने वाली कंपनी है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। कंपनी की शुरुआत 1 अगस्त 1936 को मुंबई में हुई थी। बाद में 1 सितंबर 2006 को इसका नाम बदलकर ACC लिमिटेड कर दिया गया। यह अंबुजा सीमेंट्स की सहायक कंपनी है और अडानी ग्रुप का हिस्सा भी है।

 

ACC में LIC का शेयर:

LIC ने ओपन मार्केट से 37,82,029 नए शेयर खरीदे, जो कंपनी की कुल इक्विटी का लगभग 2.01% है। इस खरीद के बाद ACC में LIC की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 1,98,97,064 शेयर हो गई, जो कंपनी की कुल चुकता पूंजी का 10.596% है।

नियामकीय फाइलिंग के अनुसार, LIC ने 20 मई 2025 से 25 नवंबर 2025 के बीच बाज़ार से ये अतिरिक्त शेयर खरीदे। इससे पहले LIC के पास 1,61,15,035 शेयर थे, जो ACC की कुल शेयर पूंजी का 8.582% हिस्सा थे।

 

ACC के शेयर का प्रदर्शन:

पिछले एक साल में अदानी समूह के शेयर में 15% से ज्यादा गिरावट आई है, जबकि छह महीनों में यह 3% से अधिक टूटा है। पिछले तीन महीनों में इसमें 3% की हल्की बढ़त जरूर हुई, लेकिन एक महीने से शेयर लगभग स्थिर है। पाँच साल में इसका रिटर्न भी सिर्फ 9% रहा है।

आज के ट्रेडिंग सत्र में शेयर 0.6% गिरकर ₹1,855.85 के इंट्राडे लो तक पहुँच गया। यह कीमत पिछले साल दिसंबर में बने अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹2,324.95 से लगभग 20% नीचे है। शेयर का 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹1,775.05 है, जो मई 2025 में दर्ज हुआ था।

 

NBCC(India) लिमिटेड के बारे में:

NBCC एक सरकारी (PSU) निर्माण और विकास कंपनी है। एनबीसीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और इसके भारत में 31 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। NBCC ने सरकारी इमारतों के पुनर्विकास, सड़कों, रेलवे स्टेशनों, अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, पुलों, कार्यालयों और औद्योगिक संरचनाओं जैसे कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। इसके काम तीन मुख्य क्षेत्रों में बँटे हैं:

  1. परियोजना प्रबंधन परामर्श (PMC): NBCC प्रोजेक्ट की शुरुआत से लेकर उसके पूरा होने और रखरखाव तक सलाहकार की भूमिका निभाती है। कंपनी अपनी कमाई का लगभग 93% सरकारी संस्थाओं से मिलने वाले परामर्श शुल्क से कमाती है।
  2. इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC): NBCC EPC मॉडल पर कूलिंग टावर, चिमनियाँ, कोयला संयंत्र, और ESIC अस्पताल जैसे प्रोजेक्ट बनाती है। इसमें व्यवहार्यता अध्ययन, डिज़ाइन, खरीद और निर्माण शामिल है। कंपनी को EPC से बहुत कम राजस्व मिलता है।
  3. रियल एस्टेट विकास: NBCC ने 1988 में रियल एस्टेट काम शुरू किया। मार्च 2019 तक यह 10 केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSEs) के लिए भूमि प्रबंधन एजेंसी रहा है और इनके लिए किफायती आवास परियोजनाएँ विकसित करता है।

 

NBCC(India) में LIC की हिस्सेदारी:

LIC ने NBCC के 30,24,672 नए शेयर खरीदे, जो कंपनी की कुल वोटिंग पूंजी का 2.071% है। इस खरीद के बाद LIC के पास कुल 12,08,91,590 शेयर हो गए हैं, जो NBCC की वोटिंग पूंजी का 4.477% हिस्सा है। इससे पहले LIC के पास 11,78,66,918 शेयर थे, जो कंपनी की 6.548% वोटिंग पूंजी के बराबर थे।

हालाँकि LIC ने और शेयर खरीदे, फिर भी उसकी प्रतिशत हिस्सेदारी कम हो गई है, क्योंकि NBCC की कुल वोटिंग पूंजी 180 करोड़ से बढ़कर 270 करोड़ शेयर हो गई है।

 

NBCC(India) के शेयर का प्रदर्शन:

NBCC(India) के शेयर ने पिछले एक साल में 20% से ज्यादा और छह महीनों में 2% से अधिक बढ़त दर्ज की है। पिछले तीन महीनों में यह शेयर लगभग 20% चढ़ा है और एक महीने में 7% बढ़ा है। पाँच सालों में कंपनी ने 581% की शानदार बढ़त देकर मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।

आज के ट्रेडिंग में शेयर 1% बढ़कर ₹118.55 के इंट्राडे हाई तक पहुँचा। यह अभी अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹130.60 (जून 2025) से करीब 9% नीचे है। इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹70.82 है, जो मार्च 2025 में दर्ज हुआ था।

 

ACC और NBCC में निवेश के मायने:

LIC पहले से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी रखती थी, लेकिन ACC में इसकी हिस्सेदारी 10% के पार पहुँचना एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। 10% का स्तर पार होने पर नियमों के अनुसार जानकारी देना जरूरी होता है, जिसे LIC ने समय पर पूरा किया।

NBCC में लगातार खरीदारी दिखाती है कि LIC सरकारी कंपनियों पर भरोसा करती है। पीएसयू कंपनियों में निवेश से आमतौर पर स्थिर रिटर्न और अच्छी डिविडेंड आय मिलती है। मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, इन दोनों निवेशों से यह साफ है कि LIC इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की लंबी अवधि की ग्रोथ पर भरोसा जता रही है।

 

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के बारे में:

LIC भारत की सबसे बड़ी सरकारी जीवन बीमा कंपनी है और देश की सबसे बड़ी निवेशक संस्था भी मानी जाती है। यह पूरी तरह भारत सरकार के स्वामित्व में है। इसकी स्थापना 1 सितंबर 1956 को हुई, जब भारतीय संसद ने 19 जून 1956 को LIC से संबंधित विधेयक पारित किया था।

LIC का मुख्यालय मुंबई में है। इसके 8 ज़ोनल कार्यालय, 101 डिविजनल कार्यालय, और पूरे देश में 2,000 से अधिक शाखाएँ हैं। साथ ही, इसके 10 लाख से ज्यादा एजेंट पूरे भारत में लोगों को बीमा सेवाएँ प्रदान करते हैं। LIC न सिर्फ बीमा सेवाएँ देती है, बल्कि देश के सबसे बड़े निवेशकों में से एक होने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

निष्कर्ष:

ACC और NBCC में हिस्सेदारी बढ़ाकर LIC ने साफ संकेत दिया है कि वह मजबूत और विकासशील कंपनियों में दीर्घकालिक निवेश को प्राथमिकता दे रही है। यह कदम न केवल उसके पोर्टफोलियो को मजबूती देता है, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्र की भविष्य संभावनाओं पर उसके भरोसे को भी दर्शाता है।