मालदीव: पर्यटन, परंपरा और भारत से बढ़ती निकटता

मालदीव, दक्षिण एशिया में स्थित एक सुंदर और महत्वपूर्ण द्वीपीय देश है, जो उत्तर-मध्य हिंद महासागर में फैला हुआ है। यह राष्ट्र अपनी विशिष्ट भौगोलिक संरचना, समृद्ध समुद्री जैव विविधता, विकसित पर्यटन उद्योग और सांस्कृतिक धरोहर के लिए वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है। लगभग 1,200 प्रवाल द्वीपों से मिलकर बना यह देश न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया यात्रा ने भारत-मालदीव संबंधों को और सशक्त बनाने की दिशा में एक नई ऊर्जा प्रदान की है।

 

भौगोलिक स्थिति और संरचना:

  • स्थान: मालदीव एक स्वतंत्र द्वीपीय देश है, जो भारत की मुख्य भूमि से लगभग 600 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम और श्रीलंका से लगभग 645 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
  • संरचना: इसमें लगभग 1,200 प्रवाल द्वीप और रेत की चट्टानें सम्मिलित हैं, जिनमें से केवल 200 द्वीपों पर ही स्थायी जनसंख्या निवास करती है। ये द्वीप 26 प्राकृतिक एटोल्स (द्वीप समूह) में व्यवस्थित हैं।
  • आकार: उत्तर से दक्षिण की दिशा में देश की लंबाई लगभग 820 किमी और पूर्व से पश्चिम में चौड़ाई लगभग 130 किमी है।

प्रमुख तथ्य:

    • राजधानी: माले
    • क्षेत्रफल: 297.8 वर्ग किलोमीटर
    • जनसंख्या: लगभग 5.26 लाख (2023)
    • आधिकारिक भाषा: धीवेही (Dhivehi)
    • औसत आयु: 80.84 वर्ष (2022)
    • मुद्रा: मालदीवियन रूफिया (Maldivian Rufiyaa)

     

    ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

    • इस देश का इतिहास लगभग 2500 साल पुराना है। 5 लाख की आबादी वाले मालदीव में 98% लोग मुस्लिम हैं, लेकिन लगभग 900 साल पहले यह बौद्ध और उससे पहले हिंदू धर्म का प्रमुख केंद्र था।
    • 12 सदी में इस देश के राजा ने इस्लाम धर्म अपना लिया था, जिसके बाद 150 सालों में यह पूरी तरह मुस्लिम देश बन गया।
    • 1558–1573 तक पुर्तगाली शासन रहा, जिसे स्थानीय नागरिकों ने समाप्त किया।
    • इसके बाद डच और ब्रिटिश संरक्षण में आया। 1887 में यह एक स्वशासित ब्रिटिश संरक्षित राज्य बना।
    • 1965 में स्वतंत्र सुल्तानत घोषित हुआ और 1968 में गणराज्य बन गया।
    • 1978 में ममून अब्दुल गय्यूम के शासनकाल में पर्यटन का तीव्र विकास हुआ।
    • 2008 में लोकतांत्रिक चुनाव के बाद मोहम्मद नशीद राष्ट्रपति बने, परंतु 2012 में तख्तापलट के बाद उन्हें पद से हटाया गया।
    • 2018 में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और 2023 में मोहम्मद मुइज़्ज़ू राष्ट्रपति बने।
    • हाल के वर्षों में मालदीव ने भारत से दूरी और चीन से करीबी की नीति अपनाई, लेकिन 2025 में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को पुनः सशक्त किया गया।

     

    प्राकृतिक संसाधन एवं जैव विविधता:

    • समुद्री जीवन: 1,100 से अधिक मछलियों की प्रजातियाँ, 180 प्रकार के कोरल, 5 समुद्री कछुए, 21 प्रकार की व्हेल और डॉल्फ़िन पाई जाती हैं। मंता रे प्रमुख आकर्षण हैं।
    • स्थलीय जीव: उड़ने वाली लोमड़ियाँ (Flying Foxes), छिपकलियाँ और सीमित संख्या में साँप।

     

    संस्कृति और सामाजिक विशेषताएँ:

    • मालदीव की संस्कृति पर दक्षिण एशिया, अरब और अफ्रीकी प्रभावों का मिश्रण देखा जा सकता है।
    • 12वीं शताब्दी में इस्लाम धर्म अपनाने के बाद से यह देश एक मुस्लिम राष्ट्र के रूप में विकसित हुआ।
    • दिलचस्प तथ्य यह है कि यहाँ तलाक की दर विश्व में सर्वाधिक रही है, जिसे उदार इस्लामी तलाक कानूनों और पारंपरिक सामाजिक संरचना से जोड़ा जाता है।

     

    पर्यटन उद्योग:

    • पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है, जो GDP का लगभग एक-चौथाई और रोजगार का एक-तिहाई भाग प्रदान करता है।
    • 2021 से 2023 के बीच भारत मालदीव का सबसे बड़ा पर्यटक स्रोत रहा, जहाँ से 10 लाख से अधिक पर्यटक गए।
    • पर्यटन ने विदेशी मुद्रा अर्जन और तृतीयक क्षेत्र में लगभग 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है।

     

    अर्थव्यवस्था:

    • मालदीव एक ऊपरी-मध्यम आय वाला देश है, जिसकी अर्थव्यवस्था मुख्यतः पर्यटन, मछली पकड़ना और नौवहन (Shipping) पर आधारित है।
    • कोविड-19 महामारी के दौरान देश की अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हुई, गरीबी की दर तीन गुना बढ़ गई, और कर्ज़ का स्तर भी उच्च हो गया।
    • 2023 के आँकड़े:
      • GDP (PPP): $11.72 अरब
      • प्रति व्यक्ति आय: $22,300
      • विकास दर: 4.73%

     

    निष्कर्ष:

    मालदीव, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, पर्यावरणीय संवेदनशीलता और रणनीतिक स्थिति के कारण वैश्विक मंच पर एक विशेष स्थान रखता है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध यह देश हाल के वर्षों में पर्यटन और मछली पालन जैसे क्षेत्रों में तीव्र विकास कर चुका है। यद्यपि कोविड-19 जैसी वैश्विक आपदाओं ने इसकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया, लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा चलाए जा रहे आर्थिक और कूटनीतिक सुधारों के माध्यम से मालदीव स्थिरता की ओर अग्रसर है।

    भविष्य में मालदीव की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से कैसे निपटता है और भारत तथा अन्य वैश्विक साझेदारों के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को किस प्रकार संतुलित करता है।