“पर्यटन, संस्कृति और निवेश में अग्रणी मॉरीशस: भारत का करीबी साझेदार”

मॉरीशस हिंद महासागर में स्थित एक खूबसूरत द्वीपीय राष्ट्र है, जो अपनी सांस्कृतिक विविधता, आर्थिक प्रगति और भारत, विशेषकर बिहार से जुड़े ऐतिहासिक संबंधों के लिए प्रसिद्ध है।

19वीं सदी में ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार समेत भारत के विभिन्न हिस्सों से हज़ारों गिरमिटिया मज़दूरों को खेती के कार्य हेतु मॉरीशस लाया गया। इनमें से कई लोग यहीं बस गए और आज मॉरीशस की 70% आबादी भारतीय मूल की है। मॉरीशस न केवल अफ्रीका का सबसे विकसित देश है, बल्कि भारत के साथ इसके सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंध भी बेहद मजबूत हैं।

तो आइए, इस आर्टिकल में मॉरीशस की भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, अर्थव्यवस्था और भारत-मॉरीशस संबन्धो से जुड़ी प्रमुख जानकारियाँ प्राप्त करें।

 

मॉरीशस (Mauritius)

 

भूगोल और स्थान: हिंद महासागर में, पूर्वी अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट से लगभग 2,000 किमी दूर, मेडागास्कर के पूर्व में स्थित है।

  • यह 19°58.8′ दक्षिण से 20°31.7′ दक्षिण अक्षांश और 57°18.0′ पूर्व से 57°46.5′ पूर्व देशांतर के बीच स्थित है।
  • इसकी लंबाई लगभग 65 किमी (40 मील) और चौड़ाई 45 किमी (30 मील) है।
  • द्वीप समूह: मुख्य मॉरीशस द्वीप के अलावा रोड्रिग्स, अगालेगा और सेंट ब्रैंडन शामिल हैं।

 

राजधानी: पोर्ट लुईस (मुख्य द्वीप पर स्थित और सबसे बड़ा शहर)।

क्षेत्रफल: 2,040 वर्ग किमी (790 वर्ग मील); दुनिया का 170वां सबसे बड़ा देश।

जनसंख्या: 12.6 lakhs (2024)

आधिकारिक भाषा: अंग्रेज़ी

औसत आयु: 73.41 वर्ष (2023)

मुद्रा: मॉरीशस रुपया

मॉरीशस का इतिहास

मॉरीशस का इतिहास 16वीं शताब्दी से प्रारंभ होता है, जब यूरोपीय नाविकों ने इस द्वीप की खोज की। इसके पश्चात् यह द्वीप क्रमशः डच, फ्रांसीसी और ब्रिटिश उपनिवेशों के अधीन रहा तथा वर्ष 1968 में स्वतंत्रता प्राप्त की। मॉरीशस आज एक बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है, जिसकी संस्कृति उसके औपनिवेशिक अतीत और विभिन्न जातीय समुदायों के योगदान से निर्मित हुई है।

 

प्रमुख ऐतिहासिक चरण

  • प्रारंभिक काल: 16वीं शताब्दी में अरब नाविकों ने इस द्वीप की खोज की और इसे दीना अरोबी नाम दिया।
  • डच उपनिवेश (1638–1710): 1598 में डच नौसैनिकों ने यहाँ आगमन कर इसे मॉरीशस नाम दिया, जो डच गणराज्य के प्रिंस मौरिस वान नासाउ के सम्मान में रखा गया। तत्पश्चात् 1638 से 1710 तक यह डच उपनिवेश रहा।
  • फ्रांसीसी उपनिवेश (1715–1810): 1715 में फ्रांसीसियों ने द्वीप पर अधिकार कर इसका नाम आइल डी फ्रांस रखा और यहाँ अपने प्रभाव की गहरी छाप छोड़ी।
  • ब्रिटिश उपनिवेश (1810–1968): 1810 में ब्रिटिशों ने द्वीप पर नियंत्रण स्थापित किया और यह ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बना रहा।
  • स्वतंत्रता (1968): 12 मार्च 1968 को मॉरीशस ने स्वतंत्रता प्राप्त की तथा सर शिवसागर रामगुलाम स्वतंत्र राष्ट्र के प्रथम प्रधानमंत्री बने।
  • गणतंत्र की स्थापना (1992): 1992 में मॉरीशस को गणतांत्रिक दर्जा प्राप्त हुआ और सर वीरासामी रिंगाडू देश के प्रथम राष्ट्रपति बने।
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संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था

मॉरीशस की संस्कृति विविध और समन्वित है, जिसमें अफ्रीकी, भारतीय, चीनी और यूरोपीय प्रभाव परिलक्षित होते हैं। द्वीप की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन, वस्त्र उद्योग और गन्ना व चीनी उत्पादन है, जिसने इसे अफ्रीका के सबसे समृद्ध देशों में स्थापित किया है।

 

जलवायु:

मॉरीशस का पर्यावरण तटीय क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय और पर्वतीय क्षेत्रों में वन से भरा होता है।

मॉरीशस का पर्यावरण उष्णकटिबंधीय है, जिसमें दो मौसम होते हैं: गर्मी और सर्दी।

  • तापमान में ज्यादा अंतर नहीं होता, और वर्षा मुख्य रूप से गर्मी के मौसम में होती है।

प्रकृति और जैव विविधता:

  • मॉरीशस में बहुत ही दुर्लभ पौधे और जानवर पाए जाते हैं, लेकिन इंसानों के आने और गैर-देशी प्रजातियों के कारण यहाँ की मूल प्रजातियाँ खतरे में हैं।
  • यहाँ 39% पौधे, 80% गैर-समुद्री पक्षी, 80% सरीसृप, और 40% चमगादड़ प्रजातियाँ देशज (एंडेमिक) हैं।
  • अब केवल 2% मूल वन क्षेत्र बचा है, मुख्यतः कुछ राष्ट्रीय उद्यानों और पहाड़ियों में।

लोग और संस्कृति:

  • कला: मॉरीशस के मशहूर चित्रकार और डिज़ाइनर।
  • वास्तुकला: यूरोपीय और स्थानीय प्रभाव वाली पुरानी इमारतें, पर अब कम होती जा रही हैं।
  • साहित्य: नोबेल विजेता और कई प्रसिद्ध लेखक।
  • संगीत: सेगा, भोजपुरी और बॉलीवुड संगीत प्रमुख।
  • खान-पान: भारतीय, फ्रेंच, चीनी मिश्रित व्यंजन।
  • त्योहार: हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, चीनी त्योहार मनाए जाते हैं।
  • खेल: फुटबॉल सबसे लोकप्रिय, साइकलिंग और हॉर्स रेसिंग भी।

अर्थव्यवस्था:

  • मॉरीशस अफ्रीका का सबसे विकसित देश माना जाता है।
  • 1968 में स्वतंत्रता के बाद यह कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से विविध और उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बना।
  • प्रमुख क्षेत्र हैं: पर्यटन, वस्त्र, चीनी, वित्तीय सेवाएं, आईटी, स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा।
  • ऊर्जा के लिए पेट्रोलियम पर निर्भर, पर बायोमास, सोलर, पवन ऊर्जा का उपयोग बढ़ा रहा है।
  • 2025 में मॉरीशस की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 8 अरब अमेरिकी डॉलर (USD) रहने का अनुमान है, जो 2024 के लगभग 15 अरब डॉलर से 5.3% अधिक है।

 

भारत-मॉरीशस संबंध:

भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध गहरे हैं, क्योंकि मॉरीशस की 70% आबादी भारतीय मूल की है।

  • गांधीजी ने 1901 में शिक्षा और भारत से जुड़े रहने का संदेश दिया।
  • 1948 से दोनों देशों में राजनयिक संबंध हैं।
  • 26,000 से अधिक भारतीय नागरिक और 13,000 से ज्यादा OCI कार्ड धारक मॉरीशस में हैं। 2024 में सातवीं पीढ़ी तक के वंशजों को OCI सुविधा दी गई।
  • दोनों देशों में वीजा-मुक्त यात्रा है, और बड़ी संख्या में पर्यटक व छात्र एक-दूसरे देश आते-जाते हैं।

भारत-मॉरीशस व्यापारिक संबंध: भारत मॉरीशस का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है।

  • FY 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार USD 851 मिलियन रहा। भारत से दवाइयाँ, अनाज, झींगे निर्यात होते हैं, जबकि मॉरीशस से तांबा, मेडिकल उपकरण आदि।
  • 2000 से अब तक भारत को USD 177 बिलियन FDI मॉरीशस से मिला। FY 2023-24 में मॉरीशस भारत का दूसरा सबसे बड़ा निवेशक रहा।
  • भारत-मॉरीशस व्यापार समझौता (CECPA) 2021 में लागू हुआ। इसके तहत वस्त्र, मेडिकल डिवाइस जैसे उत्पादों का व्यापार बढ़ा।

 

निष्कर्ष:

मॉरीशस एक विकसित, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और पर्यावरण के प्रति सजग द्वीपीय राष्ट्र है। भारत से इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध बहुत मजबूत हैं। दोनों देशों में गहरा सहयोग है – शिक्षा, निवेश, पर्यटन और आपदा सहायता जैसे क्षेत्रों में। मॉरीशस विकास और साझेदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।