बेंगलुरु की मशहूर ई-कॉमर्स कंपनी मीशो ने 3 दिसंबर 2025 को अपना IPO (Initial Public Offering) खोला। बुधवार यानी आज दूसरे दिन इस इश्यू को खुदरा निवेशकों से शानदार रिस्पांस मिला है। निवेशक 5 दिसंबर 2025 तक इस IPO में अपना पैसा लगा सकते हैं।
IPO (Initial Public Offering) क्या होता हैं?
IPO (Initial Public Offering) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई निजी कंपनी पहली बार अपनी शेयर (हिस्सेदारी) आम जनता को बेचती है और स्टॉक मार्केट में लिस्ट होती है। जब कंपनी को अपने बिज़नेस का विस्तार, कर्ज चुकाने या नए प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे की जरूरत होती है, तब वह IPO निकालती है। इसके बाद कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE और BSE) पर खरीद-फरोख्त के लिए उपलब्ध हो जाते हैं।
IPO के दौरान निवेशक एक तय दायरे (प्राइस बैंड) में शेयर खरीदने के लिए आवेदन करते हैं। अगर सब ठीक रहता है और शेयर अलॉट हो जाते हैं, तो लिस्टिंग के दिन शेयर की कीमत बढ़ने पर निवेशकों को लिस्टिंग गेन भी मिल सकता है। आसान भाषा में IPO कंपनी और निवेशक, दोनों के लिए एक बड़ा अवसर होता है।
कब होगी शेयरों की लिस्टिंग?
कंपनी 8 दिसंबर 2025 को शेयरों का अलॉटमेंट पूरा करेगी। इसके बाद 10 दिसंबर 2025 को मीशो के शेयर NSE और BSE दोनों स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होंगे।
कितना बड़ा है यह IPO?
मीशो का यह IPO कुल 5,421.20 करोड़ रुपये का है। इसमें दो हिस्से हैं:
- फ्रेश इश्यू:29 करोड़ नए शेयर जारी होंगे, जिनकी कीमत 4,250 करोड़ रुपये है
- ऑफर फॉर सेल:55 करोड़ पुराने शेयर बेचे जाएंगे, जिनकी कीमत 1,171.20 करोड़ रुपये है
कितने में मिल रहे हैं शेयर?
मीशो ने प्रति शेयर की कीमत 105 रुपये से 111 रुपये के बीच रखी है। अगर आप इस IPO में पैसा लगाना चाहते हैं तो कम से कम 135 शेयर खरीदने होंगे। इस हिसाब से ऊपरी प्राइस बैंड पर आपको मिनिमम 14,985 रुपये का निवेश करना होगा।
कौन संभाल रहा है यह IPO?
इस IPO को मैनेज करने के लिए पांच बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं – कोटक महिंद्रा कैपिटल, जे.पी. मॉर्गन इंडिया, मॉर्गन स्टेनली इंडिया, एक्सिस कैपिटल और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स। वहीं केफिन टेक्नोलॉजीज इसकी रजिस्ट्रार है।
दूसरे दिन कैसा रहा सब्सक्रिप्शन?
4 दिसंबर 2025 को सुबह 10:15 बजे तक NSE के डेटा के मुताबिक, मीशो का IPO 2.65 गुना सब्सक्राइब हो चुका था। अलग-अलग कैटेगरी में सब्सक्रिप्शन का हाल यह रहा:
- रिटेल इन्वेस्टर्स (RIIs):52 गुना सब्सक्राइब – सबसे ज्यादा दिलचस्पी छोटे निवेशकों ने दिखाई
- नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII):45 गुना सब्सक्राइब
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs):13 गुना सब्सक्राइब
पैसों का इस्तेमाल कहां होगा?
फ्रेश इश्यू से मिलने वाले पैसे का उपयोग कंपनी इन कामों के लिए करेगी:
- टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग में निवेश: सहायक कंपनी मीशो टेक्नोलॉजीज के लिए क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने और मार्केटिंग-ब्रांडिंग के काम में पैसा लगाया जाएगा।
- टेक टीम की सैलरी: मशीन लर्निंग, AI और टेक्नोलॉजी टीम के मौजूदा और नए कर्मचारियों को सैलरी देने में खर्च होगा।
- कंपनियों का अधिग्रहण: बिजनेस बढ़ाने के लिए दूसरी कंपनियां खरीदने और रणनीतिक फैसलों में पैसा लगेगा।
- सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतें: कंपनी की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी फंड का इस्तेमाल होगा।
मीशो क्या है और कैसे काम करती है?
मीशो की शुरुआत 2015 में विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने बेंगलुरु में की थी। यह एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो खासतौर पर छोटे शहरों और कस्बों के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
कंपनी छोटे व्यापारियों, MSME और रीसेलर्स को देशभर के ग्राहकों से जोड़ती है। मीशो पर फैशन, घर और किचन का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स और रोजमर्रा की जरूरत की चीजें मिलती हैं।
कमाई का तरीका: मीशो विक्रेताओं से कोई कमीशन नहीं लेता। कंपनी अपनी कमाई इन तरीकों से करती है:
- विक्रेताओं के लिए विज्ञापन और प्रमोटेड लिस्टिंग सर्विस
- लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी की फीस
- विक्रेताओं को दी जाने वाली अन्य सेवाएं
बिजनेस ग्रोथ: 31 मार्च 2025 को खत्म हुए वित्तीय साल में मीशो का ऑपरेटिंग रेवेन्यू करीब 9,390 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल (FY24) में यह आंकड़ा 7,615 करोड़ रुपये था। यानी कंपनी की कमाई में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
नोट: यह जानकारी सिर्फ शिक्षा के उद्देश्य से दी गई है। यहां बताए गए शेयर या निवेश की सिफारिश नहीं की जा रही है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।
