संपूर्ण एक महीने तक चली मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई और यह 21 अगस्त को समाप्त हुआ। यह सत्र लगातार व्यवधानों, बार-बार स्थगनों और विपक्ष के कई बार वॉकआउट्स से भरा रहा। इसके बावजूद, इस सत्र में लोकसभा में 12 विधेयक और राज्यसभा में 14 विधेयक पारित किए गए, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी कानून निर्माण की प्रक्रिया को दर्शाते हैं।
यह सत्र न केवल संसद में गर्म बहसों की तीव्रता को उजागर करता है, बल्कि सरकार की प्रमुख विधायी पहलों को आगे बढ़ाने के प्रयासों को भी रेखांकित करता है।
मानसून सत्र में लोकसभा और राज्य सभा से पारित प्रमुख विधेयक:
हाल ही में लोकसभा ने शासन, कराधान, शिपिंग, खनन, शिक्षा, खेल और डिजिटल नियमन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए। यहाँ इन विधेयकों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है:
- मर्चेंट शिपिंग बिल, 2025: यह विधेयक भारत में जहाज और शिपिंग से जुड़े कानूनों का एक बड़ा सुधार है। इसका उद्देश्य जहाजों के पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाना, नाविकों के लिए सुरक्षा मानकों में सुधार करना और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप व्यवस्था करना है। इसे पुराने नियमों की आधुनिक और व्यापक अपडेट के रूप में देखा जा सकता है।
- नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, 2025: यह विधेयक भारत में खेल महासंघों को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए लाया गया है। इसका उद्देश्य बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना, निधियों के सही उपयोग की निगरानी करना और खिलाड़ियों को निर्णय प्रक्रिया में अधिक भागीदारी देना है। इससे खेल प्रशासन में सुधार और खिलाड़ियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
- प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025: यह आधुनिक विधेयक ऑनलाइन गेमिंग को सुव्यवस्थित करने के लिए लाया गया है। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को धोखाधड़ी से सुरक्षित रखना, खेलों में निष्पक्षता सुनिश्चित करना और कौशल पर आधारित खेल और जुआ-आधारित खेल के बीच स्पष्ट अंतर स्थापित करना है। यह बिल तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में सरकार द्वारा व्यवस्था लाने का प्रयास है।
- गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, 2025: विधि एवं न्याय मंत्रालय ने गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया ताकि गोवा राज्य की विधान सभा में सीटों का पुनर्समायोजन किया जा सके|
- मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025: केंद्र सरकार ने हाल ही मेंमणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया है। यह अधिनियम जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित महत्वपूर्ण निर्णयों को लागू करता है और पूर्ववर्ती मणिपुर जीएसटी संशोधन अध्यादेश, 2025 का स्थान लेता है।
- अधिनियम के तहत मणिपुर कोशराब उत्पादन में प्रयुक्त असंक्रमित अतिरिक्त तटस्थ अल्कोहल पर कर लगाने की अनुमति दी गई है। यह अल्कोहल केंद्रीय जीएसटी के दायरे में नहीं आता, लेकिन राज्यों द्वारा कर योग्य है।
- चूंकि मणिपुर वर्तमान मेंराष्ट्रपति शासन के अधीन है, कार्यशील राज्य विधानमंडल की अनुपस्थिति में राजकोषीय शासन की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह विधेयक संसद में प्रस्तुत और बिना किसी बहस के पारित किया गया।
- यह अधिनियम इस सिद्धांत को पुष्ट करता है किकेंद्रीय प्रशासन के अधीन भी, राज्यों को संवैधानिक रूप से उनके क्षेत्रों में राजकोषीय स्वायत्तता बनाए रखने का अधिकार है।
- मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025: केंद्र सरकार नेमणिपुर विनियोग (संख्या 2) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया है, जो वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए मणिपुर राज्य के समेकित कोष (Consolidated Fund) से ₹30,969.44 करोड़ तक की धनराशि के भुगतान और उपयोग को अधिकृत करता है।
- चूंकि मणिपुर वर्तमान मेंराष्ट्रपति शासन के अधीन है, इसलिए संसद राज्य विधानमंडल के सभी अधिकारों का प्रयोग, जिसमें बजट अनुमोदन भी शामिल है, करेगी। अधिनियम के तहत यह धन विभिन्न सेवाओं और उद्देश्यों के लिए आवंटित किया जाएगा, जो अधिनियम के साथ संलग्न अनुसूची में निर्दिष्ट हैं।
- यह विनियोगराज्य के कामकाज के दौरान उत्पन्न होने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए किया गया है। अनुसूची में उल्लेखित विभागों का ढांचा 1 मार्च 2025 की स्थिति के अनुरूप है, जिसमें किसी भी भविष्य की पुनर्गठन की व्यवस्था शामिल है। यह अधिनियम राज्य के वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही के ढांचे के तहत कानूनी रूप से व्यय सुनिश्चित करता है।
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025: कानून और न्याय मंत्रालय नेराष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम, 2022 में संशोधन करने के लिए राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) अधिनियम, 2025 जारी किया है।
इस अधिनियम के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- उल्लंघनों की परिभाषा का विस्तार: अब इसमेंहेर-फेर करना, प्रतिबंधित संघटन, और व्हिसलब्लोअर के खिलाफ प्रतिशोध शामिल हैं।
- नए शब्दावली का समावेश: अधिनियम में “Marker” और “Metabolite” जैसे नए शब्द शामिल किए गए हैं।
- केन्द्रीय नियंत्रण और स्वतंत्रता: मुख्य धाराओं में “Board” शब्द कोकेंद्रीय सरकार से प्रतिस्थापित किया गया है, जिससे राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) का संचालन खेल महासंघों और सरकारी निकायों से स्वतंत्र रहेगा।
- कानूनी और अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों का अद्यतन: भारत की नईदंड प्रक्रिया संहिता, 2023 के संदर्भ शामिल किए गए हैं।
- अंतरराष्ट्रीय अपील प्रावधान: अबवर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी और इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी सीधे कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में अपील कर सकती हैं।
- आयकर विधेयक, 2025:
केंद्र सरकार ने आयकर अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया है, जिसका उद्देश्य आयकर अधिनियम, 1961 को पूरी तरह से रद्द करना है। यह अधिनियम 536 धाराओं और 16 अनुसूचियों के साथ एक नया, सरल और सुव्यवस्थित ढांचा स्थापित करता है, जिसका उद्देश्य कर अनुपालन को आसान बनाना और मुकदमों में कमी लाना है।

मुख्य विशेषताएँ:
- कर वर्ष की एकीकृत अवधारणा– अब “पूर्व वर्ष (Previous Year)” और “आकलन वर्ष (Assessment Year)” की दोहरी प्रणाली की जगह सिंगल ‘Tax Year’ का प्रावधान किया गया है, जिससे प्रणाली और अधिक सहज होगी।
- डिजिटल-फर्स्ट वातावरण के लिए प्रावधान– केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को फेसलेस आकलन और जांच योजनाओं के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया है।
- राहत और सुविधाएँ– जिन व्यक्तियों की कोई कर देयता नहीं है, उनके लिए निल टीडीएस प्रमाणपत्र की सुविधा; और टीडीएस पर रिफंड भी देर से फाइलिंग के मामलों में संभव होगा।
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025
केंद्र सरकार ने कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया, जो आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2025 में महत्वपूर्ण संशोधन करता है। यह अधिनियम विशेष रूप से पेंशन योजना और कराधान में सुधार पर केंद्रित है।
मुख्य विशेषताएँ:
- एकीकृत पेंशन योजना के लिए कर छूट: अधिनियम के तहतUnified Pension Scheme के सब्सक्राइबर्स को कर छूट दी गई है, जिसमें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) ट्रस्ट से सेवानिवृत्ति पर प्राप्त कुल राशि का 60% तक और अधिसूचित लम्प-सम भुगतानों पर कर छूट शामिल है।
- पेंशन हस्तांतरण का स्पष्ट कर प्रावधान: व्यक्तिगत और पूल कॉर्पस के बीच पेंशन ट्रांसफर पर कराधान स्पष्ट किया गया है।
- विदेशी निवेशकों के लिए कर लाभ: धारा10(23FE) के तहत कर छूट की पात्रता सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों तक बढ़ाई गई है।
- धारा 80CCD का अद्यतन: पेंशन निकासी की कर योग्य स्थिति को परिभाषित किया गया औरवेतन और कॉर्पस प्रकारों की परिभाषा स्पष्ट की गई है।
- धारा 49 (वित्त अधिनियम, 2025) में संशोधन: खोज और जब्ती मामलों मेंब्लॉक असेसमेंट प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया, ताकि खोज प्रारंभ या नोटिस जारी होने पर लंबित आकलन अपने आप समाप्त हो जाएँ।
ये संशोधन पेंशन कराधान को सरल बनाने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और कर प्रशासन में मुकदमों को कम करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025
राष्ट्रपति ने भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 2025 को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य बंदरगाहों के एकीकृत विकास, सुरक्षा और सततता को बढ़ावा देना और केंद्र व राज्यों के बीच समन्वय को मजबूत करना है।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ:
- राज्य समुद्री बोर्डों की स्थापना: गैर-महत्वपूर्ण बंदरगाहों की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर बोर्ड स्थापित किए जाएंगे।
- मरीन स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल: योजना और नीति के कार्यान्वयन में समानता सुनिश्चित करने के लिए एक समन्वित परिषद का गठन किया जाएगा।
- सुरक्षा और पर्यावरण मानक: सुरक्षा ऑडिट, पर्यावरणीय अनुपालन और आपदा तैयारी प्रोटोकॉल अनिवार्य किए गए हैं।
- डिजिटल सिस्टम का प्रावधान: बंदरगाह पंजीकरण, लाइसेंसिंग और रिपोर्टिंग के लिए डिजिटल प्रणाली लागू की जाएगी।
- पुराने कानून का प्रतिस्थापन: यह अधिनियमभारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 को रद्द करता है और बंदरगाह संचालन, अवसंरचना और सेवाओं के लिए एक आधुनिक नियामक ढांचा प्रस्तुत करता है।
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025: राष्ट्रपति नेखनिज और खनन (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2025 को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्यभारत में खनिज शासन को मजबूत करना और महत्वपूर्ण खनिज विकास का समर्थन करना है।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ:
- खनिज एक्सचेंज की अवधारणा– अब खनिज, धातुओं और उनके डेरिवेटिव के पारदर्शी व्यापार के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म स्थापित किए जाएंगे।
- लीज अवधि का विस्तार– गहरे खनिजों के लीज धारक एक बार के लिए लीज क्षेत्र का विस्तार कर सकते हैं, जिसमें खनन लीज के लिए 10% और संयुक्त लाइसेंस के लिए 30% तक की वृद्धि संभव है, शर्तों और भुगतान के साथ जो केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित होंगे।
- राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण और विकास ट्रस्ट– पहले के राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट का नाम बदलकर National Mineral Exploration and Development Trust किया गया है और इसका दायरा अब भारत और विदेशों में अन्वेषण दोनों तक बढ़ा दिया गया है।
- रॉयल्टी योगदान में वृद्धि– लीजधारकों का योगदान 2% से बढ़ाकर 3% कर दिया गया है।
- अन्य सुधार और संवर्द्धन– मौजूदा लीजों में अतिरिक्त खनिज शामिल करना, प्रमुख अनुसूचियों में रॉयल्टी प्रावधानों को अद्यतन करना, और भारत की महत्वपूर्ण खनिज रणनीति का समर्थन करना।
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025:
कानून और न्याय मंत्रालय ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) अधिनियम, 2025 जारी किया, जिसका उद्देश्य भारतीय प्रबंधन संस्थान, गुवाहाटी को भारतीय प्रबंधन संस्थान अधिनियम, 2017 की अनुसूची में औपचारिक रूप से शामिल करना है, जिससे इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान का दर्जा प्राप्त होता है।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ:
- धारा 4 का संशोधन– मुख्य अधिनियम की धारा 4 में संशोधन कर IIM गुवाहाटी को सांविधिक कॉर्पोरेट संस्था (statutory corporate body) के रूप में स्थापित किया गया है।
- मुख्य अधिनियम के प्रावधानों का विस्तार– इस संशोधन के बाद मुख्य अधिनियम के सभी प्रावधान IIM गुवाहाटी पर प्रारंभिक तिथि से प्रभावी होंगे, जैसा कि केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
- अनुसूची का अद्यतन– अधिनियम की अनुसूची में गुवाहाटी स्थित IIM को एंट्री नंबर 22 के रूप में जोड़ा गया है।
- बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2025: कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा प्रस्तुतबिल्स ऑफ़ लेडिंग अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गई। यह अधिनियमबिल्स ऑफ़ लेडिंग अधिनियम, 1856 को रद्द करता है।
यह कानून भारत के समुद्री व्यापार कानूनों को आधुनिक बनाने और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग में देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से संसद द्वारा पारित किया गया है।
- समुद्री माल परिवहन अधिनियम, 2025:
कानून और न्याय मंत्रालय ने समुद्री माल परिवहन अधिनियम, 2025 जारी किया, जिसका उद्देश्य समुद्र मार्ग से माल परिवहन में वाहकों की जिम्मेदारियों, दायित्वों, अधिकारों और सुरक्षा प्रावधानों को स्थापित करना और संबंधित मामलों का प्रावधान करना है।
इस अधिनियम का परिचय संसद में 9 अगस्त 2024 को पोर्ट्स, शिपिंग और वाटरवेज़ मंत्री, सरबानंद सोनोवाल द्वारा कराया गया। इसे लोकसभा में 28 मार्च 2025 को और राज्यसभा में 6 अगस्त 2025 को पारित किया गया। इसके बाद इसे 8 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई।
लोकसभा में विशेष चर्चाएँ और व्यवधान:
सदन में 28 और 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा बिना किसी व्यवधान के पूरी हुई, जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया।
वहीं, 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर लोकसभा में एक विशेष चर्चा आरंभ की गई। हालांकि, इस पर केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ही अपने विचार रख पाए और हंगामे के कारण चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र के लिए 419 तारांकित प्रश्न शामिल किए गए थे, लेकिन लगातार “नियोजित व्यवधान” के कारण केवल 55 प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया जा सका। उन्होंने कहा,“हम सबने प्रारंभ में तय किया था कि 120 घंटे चर्चा करेंगे। कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में भी इस पर सहमति बनी थी, लेकिन विपक्ष के लगातार गतिरोध और नियोजित व्यवधान के कारण हम केवल 37 घंटे ही चर्चा कर पाए।”