मुंबई एयरपोर्ट बना विदेशी जानवरों की तस्करी का हब: 5 साल में 4 गुना बढ़ा आयात, 60% मामलों में अधूरे दस्तावेज..

भारत में विदेशी पालतू जानवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग विदेशी नस्ल के कुत्तों और दूसरे जानवरों को पालने में रुचि दिखा रहे हैं। इस वजह से तस्करी के मामले बढ़े हैं और बीमारियों के फैलने का खतरा भी ज्यादा हो गया है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले पाँच सालों में जिंदा जानवरों का आयात चार गुना बढ़कर 45 हजार से अधिक हो चुका है। इसके बावजूद इस पूरी प्रक्रिया पर पारदर्शी निगरानी नहीं है और सरकारी जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

Mumbai airport has become a hub for smuggling of exotic animals

सोशल मीडिया ट्रेंड से बढ़ी तस्करी:

 

विदेशी नस्लों के पालतू जानवरों का शौक और सोशल मीडिया पर उनकी दिखावट की होड़ ने तस्करी को बढ़ावा दिया है। इस चलन से लुप्तप्राय प्रजातियों की मांग भी बढ़ती जा रही है, जिसके कारण कई जानवर गलत हाथों में पहुँच जाते हैं और उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता है।

 

मुंबई एयरपोर्ट विदेशी जानवरों की तस्करी का केंद्र:

इस साल जनवरी से 29 जुलाई के बीच मुंबई कस्टम्स ने छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 377 विदेशी जंगली जानवरों की तस्करी को रोकते हुए उन्हें जब्त किया। जुलाई 2025 में एक पशु कल्याण कार्यकर्ता ने मुंबई एयरपोर्ट को तस्करी का बड़ा केंद्र बताते हुए महाराष्ट्र सरकार से कार्रवाई की मांग की थी।

 

DGCA ने एयरलाइंस को दिया निर्देश:

अगस्त 2025 में DGCA ने साफ निर्देश दिए कि किसी भी विमान में बिना घोषित किए जीवित जानवर पाए जाने पर उसे तुरंत उसके देश वापस भेजा जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी एयरलाइन की होगी और स्टाफ को पहचान व दस्तावेज जांच की ट्रेनिंग देना भी जरूरी होगा।

 

  • DGCA, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन संस्था है जो भारत में हवाई सेवाओं को नियंत्रित करती है। यह हवाई सुरक्षा नियम लागू करती है, पायलट और इंजीनियरों को लाइसेंस देती है और विमान दुर्घटनाओं की जांच करती है। इसकी स्थापना 1927 में हुई थी और 1945 में इसे पूर्ण रूप से स्थापित किया गया। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

 

AQCS समीक्षा में 60% मामलों में अधूरे दस्तावेज़:

DGCA के निर्देशों के बाद इंडिगो और एअर इंडिया ने स्टाफ के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किए हैं। इनमें दस्तावेज जांच, जानवरों की पहचान और वापसी प्रक्रिया शामिल है। 2025 की दूसरी तिमाही में AQCS (Advance Quarantine and Quarantine Officer) की समीक्षा में पाया गया कि 60% मामलों में दस्तावेज अधूरे थे।

 

  • AQCS, भारत सरकार की एक एजेंसी है जो बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए पशुओं और पशु उत्पादों के आयात और निर्यात की देखरेख के लिए जिम्मेदार है ।

 

सबसे ज्यादा आयात किए जा रहे जानवर/पक्षी:

  • विदेशी नस्ल के कुत्ते और बिल्लियां
  • मकाऊ और अफ्रीकी ग्रे पैरेट जैसे दुर्लभ पक्षी
  • छिपकलियां और सांप जैसे जीव
  • सजावटी मछलियां
  • कई बार डेयरी और प्रजनन के लिए भी पशुधन आयात किया जाता है।

 

खतरे और चुनौतियाँ:

 

  • बीमारियों का खतरा: एवियन फ्लू, रेबीज और निपाह जैसे घातक संक्रमण फैलने की संभावना।
  • तस्करी का बढ़ना: कई दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियाँ वैध आयात के नाम पर अवैध रूप से लाई जाती हैं।
  • जैव विविधता पर असर: बाहरी प्रजातियाँ स्थानीय पर्यावरण और प्रजातियों के लिए खतरा बन सकती हैं।
  • पारदर्शिता की कमी: आयात प्रक्रिया पर सख्त निगरानी और सरकारी जवाबदेही की कमी।
  • पशु कल्याण की समस्या: ट्रांसपोर्ट के दौरान जानवरों को अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

 

भारत में विदेशी जानवरों के आयात के लिए कुछ अनिवार्य प्रक्रियाएँ:

  • स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और टीकाकरण रिकॉर्ड जरूरी है।
  • यह प्रमाणपत्र निर्यातक देश के पशु चिकित्सक द्वारा जारी होना चाहिए।
  • प्रमाणपत्र के साथ DGFT (विदेश व्यापार महानिदेशालय) द्वारा जारी आयात लाइसेंस की कॉपी जमा करनी होती है।
  • इसके बाद AQCS (Advance Quarantine and Quarantine Officer) दस्तावेजों की जांच करता है और NOC जारी करता है।

 

विदेशी जानवरों के साथ – साथ मादक पदार्थों की तस्करी भी बढ़ी

सीमा शुल्क विभाग के अनुसार, हाल ही में मुंबई एयरपोर्ट पर लगातार दो दिनों में बैंकॉक से आने वाले यात्रियों के पास से बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए गए।

  • बैंकॉक से पहुंचे एक यात्री को प्रोफाइलिंग के आधार पर रोका गया। जांच में उसके ट्रॉली बैग से 873 किलोग्राम संदिग्ध हाइड्रोपोनिक मारिजुआना (वीड) बरामद हुआ, जिसे चालाकी से सामान में छिपाया गया था। इस ड्रग्स की कीमत लगभग 2.87 करोड़ रुपये आंकी गई। यात्री को तुरंत गिरफ्तार कर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेस (NDPS) अधिनियम, 1985 के तहत कार्रवाई की गई।
  • अगले ही दिन बैंकॉक से आने वाले एक अन्य यात्री को भी रोका गया। उसके पास से 339 किलोग्राम संदिग्ध हाइड्रोपोनिक मारिजुआना मिला, जिसका बाजार मूल्य करीब 2.33 करोड़ रुपये है। उसे भी एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

सीमा शुल्क अधिकारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर जीवित विदेशी जानवरों के साथ-साथ अब मादक पदार्थों की तस्करी के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं, जिन पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।

 

निष्कर्ष:

भारत में विदेशी पालतू जानवरों की बढ़ती मांग ने तस्करी और संक्रमण दोनों का खतरा बढ़ा दिया है। आयात की संख्या तेजी से बढ़ने के बावजूद इसकी निगरानी और जवाबदेही कमजोर है। ऐसे में जरूरत है कि सरकार पारदर्शी नीतियाँ बनाए, कड़े नियंत्रण उपाय अपनाए और पशु कल्याण व सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाए।