लालू परिवार में बढ़ते विवाद पर NDA नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया, तेजस्वी से जवाबदेही की मांग

बिहार विधानसभा चुनाव में RJD की करारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में उभरते विवाद ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। रोहिणी आचार्य द्वारा तेजस्वी यादव पर लगाए गए “फूहड़ गालियों” और “अपमान” के आरोपों ने राजनीतिक बहस और तेज कर दी है। इस मुद्दे पर कई NDA नेताओं ने तेजस्वी से जवाब देने की मांग की है।

NDA leaders react sharply to the growing controversy in the Lalu family

तेजस्वी अपने परिवार में ही अलोकप्रिय? BJP नेता का सवाल

बैंकिपुर से विजेता BJP नेता नितिन नबीन ने कहा कि लालू यादव ने परिवार को राजनीति में जिस तरह शामिल किया, उसके परिणाम आज सामने आ रहे हैं।उन्होंने कहा “अगर तेजस्वी यादव अपने ही परिवार में इतने अलोकप्रिय हो गए हैं, तो समाज में वे क्या बदलाव ला पाएंगे? उन्हें आगे आकर जवाब देना चाहिए।”

रोहिणी आचार्य: प्रोफ़ाइल एक नज़र में

·       जन्म: 1979, पटना, बिहार

·       शिक्षा: MBBS – महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर

·       परिवार: लालू–राबड़ी की 7 बेटियों और 2 बेटों में दूसरे नंबर पर

·       निवास: पति और तीन बच्चों के साथ सिंगापुर

·       राजनीतिक सफर:

    • 2024 में पहली बार सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा
    • लेकिन चुनाव हार गईं
    • पिता लालू यादव को किडनी दान करके चर्चा में आईं

 

लालू परिवार: कौन कौन हैं?

·       लालू प्रसाद यादव: RJD सुप्रीमो, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद, पार्टी के सर्वाधिक प्रभावशाली नेता।

·       राबड़ी देवी: बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री, RJD की वरिष्ठ नेता।

·       लालू–राबड़ी की संतानें:

1.               मीसा भारती

•   राज्यसभा सांसद

•   बड़ी बेटी

2.               रोहिणी आचार्य

•   MBBS डॉक्टर

•   सिंगापुर में रहती हैं

•   2024 में चुनाव लड़ा

3.               चंदा यादव: पब्लिक लाइफ़ से दूर, निजी जीवन में रहती हैं

4.               रागिनी यादव

•   बिज़नेस बैकग्राउंड

 

5.               हेमा यादव: सार्वजनिक राजनीति में सक्रिय नहीं

6.               अनुष्का राव: निजी जीवन, राजनीति से दूरी

7.               राजलक्ष्मी यादव: परिवार में मीडिया से दूर

लालू यादव के दो बेटे:

8.               तेजप्रताप यादव

•   पूर्व मंत्री

•   कई मौकों पर विवादों में

9.               तेजस्वी यादव

•   पूर्व डिप्टी सीएम

•   RJD का वर्तमान चेहरा

•   पार्टी में सबसे बड़ी राजनीतिक ज़िम्मेदारी इन्हीं पर

 

रोहिणी को बलि का बकरा बनाया गया: जगदम्बिका पाल

BJP सांसद जगदम्बिका पाल ने आरोप लगाया कि RJD की हार की जिम्मेदारी से बचने के लिए रोहिणी को निशाना बनाया गया।

उन्होंने कहा “चुनाव परिणामों की जिम्मेदारी तेजस्वी की थी, लेकिन उनके सहयोगी संजय यादव ने रोहिणी आचार्य पर आरोप मढ़ दिए। इस दर्द ने उन्हें राजनीति छोड़ने और परिवार से दूर होने पर मजबूर कर दिया। अगर परिवार नहीं संभाल पा रहे, तो समाज कैसे संभालेंगे?”

 

परिवार की बात सार्वजनिक हो जाती है:  गुरु प्रकाश पासवान

BJP नेता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि राजनीति में निजी मामला भी सार्वजनिक हो जाता है।

उन्होंने कहा “पहले तेजप्रताप यादव द्वारा उठाए गए सवाल और अब रोहिणी आचार्य का सार्वजनिक आक्रोश यह बताता है कि पार्टी अंदरूनी संकट से गुजर रही है। लालू प्रसाद यादव की लंबी राजनीतिक यात्रा के बाद यह स्थिति गंभीर संकेत देती है कि RJD को अपना रास्ता तय करना होगा।”

 

तेजप्रताप का बहन के समर्थन में भावुक बयान

परिवार और पार्टी से अलग-थलग किए जा चुके तेजप्रताप यादव ने अपनी बहन का खुलकर समर्थन किया।

उन्होंने कहा “मेरी बहन का अपमान असहनीय है। अगर परिवार पर हमला होगा तो बिहार की जनता इसे माफ नहीं करेगी। पिता सिर्फ एक संकेत दें, बिहार की जनता गद्दारों को खुद जवाब देगी। यह सम्मान की लड़ाई है, बिहार की बेटियों के स्वाभिमान की लड़ाई है।”

 

रोहिणी आचार्य का आरोप “गाली, अपमान और घर से निकाला गया”

रविवार को रोहिणी आचार्य द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। उन्होंने लिखा

  • उन्हें “अपमानित, गाली-गलौज कर” घर से निकाल दिया गया
  • उन पर “चप्पल उठाकर वार करने” तक की नौबत आ गई

उन्होंने RJD की हार पर सवाल उठाए, जिसके चलते उन्हें “परिवार से दूर कर दिया गया”

एक पोस्ट में रोहिणी ने अपने पिता लालू यादव को दी गई किडनी का जिक्र करते हुए भावुक कहा

“जिस किडनी से मैंने अपने भगवानअपने पिताको बचाया, आज उसी को ‘गंदी’ कहा जा रहा है। कोई बेटी मेरी तरह गलती न करे।”

 

फूट के पीछे तेजस्वी के करीबी?

रोहिणी आचार्य ने सीधे तौर पर RJD नेता संजय यादव और तेजस्वी के करीबी रमीज़ खान को इस विवाद का जिम्मेदार बताया। उनका कहना है कि उन्हीं के इशारे और व्यवहार ने उन्हें राजनीति छोड़ने और माता-पिता का घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

 

कौन हैं संजय यादव?

  • राजद के राज्यसभा सांसद
  • मूल रूप से हरियाणा के निवासी
  • 2012 में RJD जॉइन की
  • तेजस्वी यादव और RJD के रणनीतिक सलाहकार
  • तेजस्वी के सबसे करीबी नेताओं में शामिल
  • पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भी सलाहकार रह चुके
  • RJD की ओर से विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने का दावा
  • सीट चयन से लेकर टिकट बंटवारे तक में अहम भूमिका निभाने वाले नेता

 

कौन हैं रमीज नेमत?

  • यूपी के बलरामपुर के रहने वाले रमीज नेमत हाल के दिनों में तेजस्वी यादव की चुनावी टीम में एक अहम रणनीतिकार के रूप में उभरकर सामने आए हैं। रमीज, समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद के दामाद हैं और पिछले दो साल से तेजस्वी यादव के साथ जुड़कर उनकी राजनीतिक रणनीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  • तेजस्वी के चुनावी वॉर रूम की पूरी जिम्मेदारी रमीज के हाथ में रहती है। बताया जाता है कि सोशल मीडिया प्लान से लेकर ग्राउंड कैम्पेन और डेटा मैनेजमेंट जैसे अहम काम वे खुद मॉनिटर करते हैं।
  • हालाँकि रमीज नेमत का नाम विवादों में भी घिरा रहा है। उन पर यूपी के दो अलग-अलग थानों में हत्या और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर आरोपों सहित कुल 12 केस दर्ज हैं।
  • राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने रमीज को अपनी टीम में जगह देकर उन्हें काफी भरोसा दिया है। अब बिहार की राजनीति में रमीज की सक्रियता लगातार बढ़ रही है।

 

निष्कर्ष:

बिहार चुनाव में RJD की करारी हार के बाद लालू परिवार के भीतर छिड़ा विवाद अब केवल पारिवारिक मसला नहीं रहा, बल्कि सीधे तौर पर राज्य की राजनीतिक दिशा पर असर डालता हुआ एक बड़ा मुद्दा बन गया है। रोहिणी आचार्य के आरोपों ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे, नेतृत्व शैली और तेजस्वी यादव की स्वीकार्यता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेजप्रताप यादव का बहन के पक्ष में खुला समर्थन यह साफ दिखाता है कि परिवार गहरे अंतर्विरोधों से गुजर रहा है। दूसरी ओर, NDA नेताओं द्वारा उठाए गए सवाल इस फूट को और राजनीतिक रंग दे रहे हैं- जिनमें नेतृत्व क्षमता, परिवारिक असहमति और फैसलों में बाहरी सलाहकारों की भूमिका पर निशाना साधा जा रहा है। कुल मिलाकर, यह विवाद RJD के भविष्य, नेतृत्व की विश्वसनीयता और संगठन की एकजुटता पर बड़ा संकट खड़ा करता है, जिसका असर आने वाले समय में पार्टी की दिशा और चुनावी रणनीति दोनों पर देखने को मिल सकता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *