कज़ाख़स्तान मध्य एशिया का एक विशाल और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण देश है। अपनी भौगोलिक विविधता, प्रचुर खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों, समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर तथा आधुनिक विकास के कारण यह वैश्विक परिदृश्य में एक प्रभावशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ है। यह देश न केवल क्षेत्रीय स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाता है, बल्कि भारत सहित अनेक देशों के साथ सुदृढ़ आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संबंध भी बनाए रखता है।
आइए जानते है, कज़ाख़स्तान के बारे में-
भूगोल और स्थान
कज़ाख़स्तान मध्य एशिया में स्थित एक विशाल स्थलरुद्ध (Landlocked) देश है। इसका भौगोलिक विस्तार लगभग 40° उत्तरी अक्षांश से 56° उत्तरी अक्षांश तथा 46° पूर्वी देशांतर से 88° पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है।
- सीमाएँ: उत्तर में रूस, पूर्व में चीन, दक्षिण में किर्गिस्तान, उज़्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से घिरा हुआ है।
- यह दुनिया का नौवां सबसे बड़ा देश और सबसे बड़ा स्थलरुद्ध राष्ट्र है।
- इसके भूभाग का अधिकांश हिस्सा समतल मैदानों और विस्तृत पठारों से बना है।
- कज़ाख़स्तान भौगोलिक दृष्टि से यूरोप और एशिया दोनों महाद्वीपों में फैला हुआ है।
- राजधानी: अस्ताना (Astana)
- क्षेत्रफल: 27,24,900 वर्ग किलोमीटर
- जनसंख्या: लगभग 06 लाख (2024)
- आधिकारिक भाषा: कज़ाख़ (Kazakh)
- औसत आयु: 74.40 वर्ष (2023)
- मुद्रा: कज़ाख़स्तानी टेंगे (Kazakhstani Tenge)
कज़ाख़स्तान का इतिहास:
प्रागैतिहासिक काल से प्रारंभिक सभ्यताएँ:
कज़ाख़स्तान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। यहाँ पुरापाषाण युग से ही मानव निवास के प्रमाण मिलते हैं। प्राचीन काल में इस क्षेत्र पर विभिन्न खानाबदोश ईरानी समुदायों जैसे शक, मस्सागेटे और सीथियन का प्रभुत्व था। इसी दौरान दक्षिण की ओर अचमेनिद फ़ारसी साम्राज्य का भी विस्तार हुआ।
तुर्क और मंगोल प्रभाव: छठी शताब्दी से तुर्क खानाबदोशों ने इस क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी उपस्थिति स्थापित की।
13वीं शताब्दी में यह क्षेत्र चंगेज़ खान के नेतृत्व में मंगोल साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
कज़ाख ख़ानते का उदय:
- 15वीं शताब्दी में गोल्डन होर्डे के विघटन के बाद, आधुनिक कज़ाख़स्तान के लगभग बराबर क्षेत्र में कज़ाख ख़ानते की स्थापना हुई।
- 18वीं शताब्दी तक यह ख़ानते तीन प्रमुख जुज़ (आदिवासी प्रभागों) में बँट गया। धीरे-धीरे इन पर रूसी साम्राज्य का कब्ज़ा हुआ और 19वीं शताब्दी के मध्य तक पूरा कज़ाख़स्तान नाममात्र रूसी शासन के अधीन आ गया।

रूसी शासन और सोवियत काल:
- 1917 की रूसी क्रांति और उसके बाद के रूसी गृहयुद्ध के दौरान कज़ाख़स्तान, सोवियत संघ के भीतर रूसी SFSR का एक स्वायत्त गणराज्य बना।
- 1936 में इसका दर्जा बढ़ाकर इसे एक संघ गणराज्य का दर्जा दिया गया।
सोवियत शासन ने यहाँ रूसियों और अन्य जातीय समूहों को बसाया, जिससे कज़ाख़ लोग अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो गए।
स्वतंत्रता की ओर:
कज़ाख़स्तान, सोवियत संघ का अंतिम घटक गणराज्य था जिसने 1991 में इसके विघटन के समय स्वतंत्रता की घोषणा की। इसके साथ ही कज़ाख़स्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा और आज यह मध्य एशिया का सबसे बड़ा और प्रभावशाली देश है।
जलवायु:
कज़ाख़स्तान का मौसम “अत्यधिक महाद्वीपीय” और ठंडी स्टेपी जलवायु वाला है।
यह यूरेशियन स्टेपी क्षेत्र में स्थित है, जहाँ गर्मियाँ बहुत गर्म और सर्दियाँ बहुत ठंडी होती हैं। इसकी राजधानी अस्ताना दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी राजधानी है (पहली उलानबातर)।
- यहाँ वर्षा कम होती है, और सर्दियों में मौसम खासतौर पर शुष्क रहता है।
प्रकृति और जैव विविधता:
कज़ाख़स्तान की प्रकृति और जैव विविधता अत्यंत समृद्ध है। देश में कुल 25 संरक्षित क्षेत्र हैं, जिनमें 10 नेचर रिज़र्व और 10 राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं। यहाँ की वनस्पति विविधता में Astragalus, Gagea, Allium, Carex और Oxytropis जैसे पौधे सामान्य रूप से पाए जाते हैं।
- वहीं, जीव-जंतु जगत में भेड़िया, लाल लोमड़ी, कॉर्साक लोमड़ी, मूस, आर्गली, यूरेशियन लिंक्स, पैलास बिल्ली और हिम तेंदुआ प्रमुख स्तनधारी प्रजातियाँ हैं।
- संरक्षण के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यहाँ 125 कशेरुक प्रजातियाँ (पक्षी और स्तनधारी) तथा 404 पौधों की प्रजातियाँ (जिनमें कवक, शैवाल और लाइकेन शामिल हैं) संरक्षित सूची में दर्ज हैं।
- इस प्रकार कज़ाख़स्तान की जैव विविधता मध्य एशिया में विशेष महत्व रखती है।
लोग और संस्कृति
कज़ाख़स्तान रूसी उपनिवेश से पहले एक घुमंतू पशुपालक समाज था। यहाँ इस्लाम 8वीं शताब्दी में अरबों के माध्यम से पहुँचा और धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में फैल गया। देश का पारंपरिक भोजन मुख्यतः मांस पर आधारित है, और काली चाय के साथ सूखे मेवे विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। खेलों की दृष्टि से कज़ाख़स्तान ने विशेषकर बॉक्सिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जबकि फ़ुटबॉल, आइस हॉकी और बास्केटबॉल भी यहाँ के लोकप्रिय खेल हैं। सांस्कृतिक धरोहर की दृष्टि से, कज़ाख़स्तान में तीन सांस्कृतिक और दो प्राकृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल स्थित हैं।
प्राकृतिक संसाधन
कज़ाख़स्तान प्राकृतिक संसाधनों से अत्यंत समृद्ध देश है। यहाँ पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और खनिजों की प्रचुरता पाई जाती है।
- प्रमुख खनिज संसाधनों में यूरेनियम, क्रोमियम, सीसा, जस्ता, मैंगनीज, तांबा, कोयला, लोहा और सोना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, यह हीरे और फॉस्फोराइट का भी निर्यात करता है।
- देश में तेल के भंडार का अनुमान लगभग 1 अरब टन लगाया गया है, जो इसे ऊर्जा संसाधनों की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण राष्ट्र बनाता है।
भारत–कज़ाख़स्तान संबंध:
भारत और कज़ाख़स्तान के संबंध लगभग 2000 वर्ष पुराने हैं, जिनमें सांस्कृतिक और वैचारिक आदान-प्रदान महत्वपूर्ण आधार रहा है। आधुनिक काल में दोनों देशों ने वर्ष 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित किए और तब से अब तक कई उच्चस्तरीय दौरों और समझौतों के माध्यम से राजनीतिक, आर्थिक तथा रक्षा सहयोग को मजबूत किया है। कज़ाख़स्तान भारत का शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में प्रमुख सहयोगी है और दोनों देश CICA (Conference on Interaction and Confidence Building Measures in Asia) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भी सक्रिय रूप से साथ काम करते हैं। रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संयुक्त अभ्यास, सैन्य प्रशिक्षण और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सहयोग उल्लेखनीय रहा है।
भारत–कज़ाख़स्तान व्यापारिक संबंध
वर्ष 1993 में स्थापित द्विपक्षीय आयोग (Inter-Governmental Commission – IGC) के अंतर्गत भारत और कज़ाख़स्तान ने व्यापार, तकनीक, रक्षा, कनेक्टिविटी और हेल्थकेयर सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित किया है।
वर्ष 2023 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचा, जिसमें भारतीय निर्यात 580.6 मिलियन डॉलर और कज़ाख़स्तानी आयात 449.2 मिलियन डॉलर रहा।
निष्कर्ष:
कज़ाख़स्तान एक प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध मध्य एशियाई देश है, जो भू-राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के साथ इसके गहरे संबंध निरंतर सुदृढ़ हो रहे हैं, विशेषकर व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्र में। यह साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभकारी है और आने वाले समय में और अधिक प्रगाढ़ होने की संभावना है।