भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड को एक बिल्कुल नए रूप में लाने की तैयारी कर रहा है। अब प्रस्तावित नए आधार कार्ड में सिर्फ धारक की फोटो और एक QR कोड होगा, जबकि नाम, पता और 12 अंकों की आधार संख्या जैसी निजी जानकारी कार्ड पर छपी नहीं मिलेगी। यह बदलाव लोगों की गोपनीयता को मजबूत करने और आधार डेटा के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
UIDAI के CEO ने कहा,
UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में बताया कि आधार की फोटोकॉपी से होने वाले गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए नए नियम तैयार किए जा रहे हैं। इन नियमों के लागू होने के बाद कोई भी होटल, टेलीकॉम सिम देने वाला, या किसी कार्यक्रम के आयोजक आपके आधार कार्ड को देखकर या उसकी कॉपी लेकर आपकी निजी जानकारी हासिल नहीं कर पाएगा।
कार्ड पर मुद्रित विवरण को लेकर विचार विमर्श:
UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने बताया कि आधार कार्ड पर लिखी जानकारी को लेकर फिर से सोचने की जरूरत है। उनका कहना है कि कार्ड पर सिर्फ फोटो और एक QR कोड ही होना चाहिए। अगर कार्ड पर नाम, पता या आधार नंबर जैसी जानकारी छपती रहेगी, तो लोग उसी छपी हुई जानकारी का गलत इस्तेमाल करते रहेंगे। इसलिए इन विवरणों को हटाने का विचार चल रहा है।
यह फैसला आधार अधिनियम के मुताबिक भी है, जिसमें साफ कहा गया है कि ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन के दौरान किसी की आधार संख्या या बायोमेट्रिक जानकारी को इकट्ठा या स्टोर नहीं किया जाना चाहिए। इसके बावजूद कई संस्थाएँ आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करती रहती हैं, जिससे पहचान चोरी और धोखाधड़ी के मामले बढ़ने का खतरा रहता है। नए बदलाव इन खतरों को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं।
नए आधार कार्ड की खास बातें:
- कार्ड पर सिर्फ फोटो और सुरक्षित QR कोड हो सकता है।
- नाम प्रिंट हो सकता है, लेकिन आधार संख्या दिखाई नहीं देगी।
- सभी जानकारी QR कोड में सुरक्षित रूप से रहेगी।
- क्यूआर कोड सिर्फ UIDAI के भरोसेमंद ऐप/टूल से ही स्कैन किया जा सकेगा।
- ऑनलाइन वेरिफिकेशन को बढ़ावा मिलेगा और फोटोकॉपी के जरिए ऑफलाइन वेरिफिकेशन को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा।
UIDAI लॉन्च करेगा नया आधार ऐप:
UIDAI 1 दिसंबर 2025 को आधार से जुड़े नए नियमों पर विचार करेगा। इन्हीं बदलावों को लागू करने के लिए UIDAI जल्दी ही एक नया आधार ऐप लॉन्च करने जा रहा है, जो मौजूदा mAadhaar ऐप की जगह लेगा। यह नया ऐप QR कोड और चेहरे की पहचान तकनीक की मदद से आपकी पहचान को और सुरक्षित तरीके से वेरिफाई करेगा। इस ऐप की मदद से आप बिना फोटोकॉपी दिए अपनी पहचान डिजिटल रूप में साझा कर सकेंगे। चाहें तो पूरी जानकारी, और चाहें तो सिर्फ ज़रूरत वाली चुनिंदा जानकारी ही शेयर कर पाएंगे। यह तरीका आपका डेटा सुरक्षित रखेगा और गलत इस्तेमाल की संभावना भी कम करेगा।
नया ऐप कई जगह काम आएगा जैसे इवेंट में एंट्री, होटल में चेक-इन, उम्र का प्रमाण देना, किसी रिहायशी परिसर में प्रवेश पाना आदि। यह सिस्टम हवाई अड्डों पर चल रहे डिजीयात्रा की तरह तेज़, आसान और पेपरलेस होगा।
ऐप की मुख्य विशेषताएँ:
- ऐप के ज़रिए सीधे अपने पते से जुड़े दस्तावेज़ अपडेट कर सकेंगे।
- जिन परिवार के सदस्यों के पास मोबाइल फोन नहीं है, उन्हें अपने प्रोफ़ाइल में जोड़कर आधार से जुड़ी सेवाएँ दिला सकेंगे।
- फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक की मदद से परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर भी आसानी से अपडेट किए जा सकेंगे।
OVSE के लिए दिशानिर्देश:
UIDAI ने उन संस्थाओं (OVSE) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जो ऑफ़लाइन तरीके से लोगों की पहचान सत्यापित करना चाहती हैं। अब ये संस्थाएँ क्यूआर कोड स्कैन करके और चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करके व्यक्ति का ऑनलाइन या प्रत्यक्ष रूप से सत्यापन कर सकेंगी।
अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही OVSE के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। आवेदन मिलने के बाद UIDAI उनकी जानकारी की जांच करेगा, और मंजूरी मिलने पर उन्हें तकनीकी रूप से अपने सिस्टम को UIDAI के क्यूआर कोड-आधारित डेटा वेरिफिकेशन से जोड़ना होगा ताकि वे सही तरीके से पहचान सत्यापन कर सकें।
आइए जानते है आधार कार्ड के बारे में:
आधार एक 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है जिसे UIDAI भारत के हर निवासी को जारी करता है। यह व्यक्ति की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी से जुड़ा होता है और पहचान के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। वर्ष 2009 में इसकी शुरुआत प्रत्येक नागरिक को एक भरोसेमंद और यूनिक पहचान देने के उद्देश्य से की गई थी। आज आधार कई सरकारी सेवाओं, सब्सिडी और DBT योजनाओं का मुख्य आधार बन चुका है, साथ ही निजी संस्थाएँ भी इसे पहचान सत्यापन के लिए उपयोग करती हैं।
अप्रैल 2022 तक 133 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं और भारत के लगभग 99.9% वयस्कों के पास आधार मौजूद है। अपनी शुरुआत से अब तक आधार ने देश में डिजिटल सेवाओं और लाभार्थी योजनाओं को अधिक तेज़, सरल और पारदर्शी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आधार अधिनियम 2016:
- प्रयोज्यता: हर भारतीय निवासी अपनी बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी देकर आधार संख्या प्राप्त कर सकता है।
- UIDAI की स्थापना: यह अधिनियम UIDAI को एक वैधानिक प्राधिकरण बनाता है, जो आधार संख्या जारी करने और डेटा प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाता है।
- अद्वितीय पहचान संख्या: हर आधार नंबर यूनिक होता है और यादृच्छिक रूप से बनाया जाता है। इसे किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता।
- सुरक्षा और गोपनीयता: UIDAI आधार डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। आधार संख्या और उससे जुड़ी जानकारी को बिना अनुमति साझा नहीं किया जा सकता। केवल निर्धारित स्थितियों में ही इसकी इजाज़त है।
- दंड और जुर्माना: आधार डेटा तक अनधिकृत पहुंच या जानकारी लीक करने पर 3 साल तक की सज़ा और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
आधार कार्ड का महत्व:
- आधार कार्ड कई तरह की सरकारी और निजी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सरकारी योजनाओं जैसे LPG सब्सिडी, मनरेगा मजदूरी और पेंशन प्राप्त करने के लिए पहचान और पते के प्रमाण के रूप में काम आता है।
- आधार से फर्जी या डुप्लिकेट पहचान खत्म होती है, जिससे सरकारी योजनाओं में धोखाधड़ी और लीकेज कम होते हैं।
- बैंक खाता खोलने, सिम कार्ड लेने जैसी सुविधाओं में भी आधार पहचान के प्रमाण के रूप में उपयोग होता है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है।
- पैन, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसी पहचान के लिए भी आधार से सत्यापन आसान हो जाता है।
- आधार KYC प्रक्रिया को सरल और किफायती बनाता है, जिससे कई दस्तावेज़ जमा करने की जरूरत समाप्त हो जाती है।
निष्कर्ष:
नया आधार कार्ड डिज़ाइन लोगों की गोपनीयता को सुरक्षित करने और डेटा के गलत इस्तेमाल को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। फोटो और सुरक्षित क्यूआर कोड आधारित यह बदलाव पहचान सत्यापन को आधुनिक, सरल और अधिक सुरक्षित बनाएगा, जिससे नागरिक अपनी निजी जानकारी पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे।
