NHAI ने आसान किया FASTag का KYV प्रक्रिया: गैर-फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए कानून में संशोधन, जानिए क्या होंगे नए बदलाव..

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत दी है। अब “अपने वाहन को जानें” (KYV) प्रक्रिया को और आसान बना दिया गया है ताकि लोगों को बेहतर सेवा अनुभव मिल सके। नए नियमों के तहत, यदि किसी वाहन ने KYV प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो उसकी FASTag सेवाएँ तुरंत बंद नहीं होंगी। उपयोगकर्ताओं को इसे पूरा करने के लिए पर्याप्त समय और सुविधा दी जाएगी।

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FASTag और KYV के बारे में:

  • फास्टैग: फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान प्रणाली है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर काम करती है। यह आपके बैंक या प्रीपेड खाते से टोल शुल्क अपने आप काट लेती है। वाहन की विंडशील्ड पर लगा यह टैग आपको टोल प्लाज़ा पर बिना रुके आगे बढ़ने की सुविधा देता है, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होती है।
  • KYV: KYV (अपने वाहन को जानें) फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए एक ज़रूरी प्रक्रिया है। इसमें वाहन मालिक को अपने वाहन और फास्टैग से जुड़ी कुछ तस्वीरें अपलोड करनी होती हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फास्टैग सही वाहन पर और सही जगह (विंडशील्ड) पर लगाया गया है। यह प्रक्रिया तीन साल तक मान्य रहती है। तीन साल बाद उपयोगकर्ता को फिर से KYV (Re-KYV) करनी होती है और नई तस्वीरें अपलोड करनी पड़ती हैं। इससे टोल प्रणाली सुरक्षित, पारदर्शी और अद्यतन बनी रहती है।

 

इसका मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस कदम का मुख्य उद्देश्य टोल भुगतान को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। इससे फास्टैग के गलत इस्तेमाल, जैसे किसी और वाहन पर टैग लगाना या एक ही वाहन के लिए कई टैग रखना, को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही, यह प्रक्रिया डेटाबेस को सही और अपडेट रखकर राजमार्गों पर बिना रुकावट और सुरक्षित डिजिटल लेनदेन सुनिश्चित करती है। इसी वजह से हर तीन साल में KYV प्रक्रिया दोहराई जाती है।

 

अब कैसे होगी KYV?

अब नई KYV प्रक्रिया पहले से कहीं आसान हो गई है। NHAI के नए नियमों के मुताबिक, अब कार, जीप या वैन की साइड फोटो देने की जरूरत नहीं है। उपयोगकर्ता को केवल वाहन की सामने से ली गई तस्वीर अपलोड करनी होगी, जिसमें फास्टैग और नंबर प्लेट साफ दिखाई दें।

जब वाहन की जानकारी जैसे नंबर, चेसिस नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा, तो आरसी की जानकारी अपने आप सिस्टम में आ जाएगी। अगर एक ही मोबाइल नंबर से कई वाहन जुड़े हैं, तो उपयोगकर्ता चुन सकता है कि किस वाहन के लिए KYV पूरी करनी है।

 

KYV अपडेट करने की चरणबद्ध प्रक्रिया:

  • अपने फास्टैग प्रदाता के ऐप या वेबसाइट पर लॉग इन करें (जैसे HDFC, SBI, Airtel Bank आदि)।
  • FASTag सेवाएँ → KYV सेक्शन पर जाएँ।
  • वाहन की जानकारी (नंबर, चेसिस आदि) जाँचें और ज़रूरत हो तो सुधारें।
  • वाहन की सामने से ली गई फोटो अपलोड करें और सबमिट करें।
  • आपको पुष्टिकरण संदेश मिलेगा, और बैंक आपके दस्तावेज़ सत्यापित करेगा।

 

बैंकों के लिए निर्देश:

सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने के लिए, KYV नीति से पहले जारी किए गए फास्टैग तब तक सक्रिय रहेंगे जब तक कि टैग के ढीले होने या दुरुपयोग की शिकायत न मिले। साथ ही, NHAI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को KYV पूरा करने के लिए SMS के जरिए याद दिलाएँ। बैंक को खुद आगे बढ़कर ग्राहकों की मदद करनी होगी ताकि वे ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड करके आसानी से प्रक्रिया पूरी कर सकें। अगर किसी ग्राहक को अपने बैंक से जुड़ी KYV में कोई दिक्कत आती है, तो वह राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कर सकता है या अपनी समस्या बता सकता है।

 

KYV करना कितना जरुरी?

KYV करना अनिवार्य है। आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि जो तस्वीरें आप अपलोड करें, वे साफ़ और सही हों। बैंक इन तस्वीरों की जाँच करता है, और अगर कोई गलती या गड़बड़ी पाई जाती है, तो बैंक आपका फास्टैग अस्थायी रूप से बंद कर सकता है।

अगर फास्टैग हॉटलिस्ट में चला गया, तो आप उसे टोल प्लाज़ा पर इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इसे फिर से चालू करने के लिए, आपको सही दस्तावेज़ और तस्वीरें दोबारा अपलोड करनी होंगी। बैंक द्वारा सत्यापन और मंजूरी मिलने के बाद आपका फास्टैग फिर से सक्रिय कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया से देश भर में जवाबदेही और डिजिटल टोल अखंडता मज़बूत होती है।

 

गैर-फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए कानून में संशोधन:

सरकार ने गैर-फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए नियमों में बदलाव किया है। पहले की व्यवस्था के मुताबिक, जिन वाहनों में फास्टैग नहीं होता था, उनसे टोल प्लाज़ा पर दोगुना शुल्क लिया जाता था। अब नए नियमों के तहत, 15 नवंबर से अगर कोई वाहन बिना वैध फास्टैग के UPI जैसे डिजिटल माध्यम से भुगतान करता है, तो उसे केवल 1.25 गुना टोल शुल्क देना होगा। लेकिन अगर वही वाहन नकद में भुगतान करता है, तो उससे पहले की तरह दोगुना शुल्क लिया जाएगा।

यह बदलाव सरकार की उस पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और नकद लेनदेन को कम करना है, ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूली प्रणाली और अधिक तेज़, पारदर्शी और सुविधाजनक बन सके।

 

NHAI के बारे में:

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) भारत सरकार की एक स्वायत्त एजेंसी है, जो देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण, रखरखाव और प्रबंधन का काम करती है। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अधीन कार्य करती है।

NHAI की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1988 के तहत की गई थी और इसे फरवरी 1995 में काम के लिए शुरू किया गया। वर्तमान में यह भारत के 1,32,000 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों में से 50,000 किमी से अधिक हिस्से का प्रबंधन करती है। इसकी संरचना में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष, पाँच से अधिक पूर्णकालिक सदस्य, और चार अंशकालिक सदस्य शामिल हैं, जिन्हें केंद्र सरकार नियुक्त करती है। अंशकालिक सदस्यों में सड़क परिवहन सचिव, व्यय सचिव, योजना सचिव और महानिदेशक (सड़क विकास) शामिल होते हैं।

 

निष्कर्ष:

NHAI द्वारा KYV प्रक्रिया को सरल बनाना एक स्वागतयोग्य कदम है, जो न केवल फास्टैग उपयोगकर्ताओं की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि टोल प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित भी बनाएगा। यह पहल डिजिटल भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम है, जिससे राजमार्गों पर यात्रा और भी सुगम, तेज़ और भरोसेमंद हो सकेगी।