भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्वच्छता सुधारने के लिए एक नई पहल ‘स्पेशल कैंपेन 5.0’ के तहत क्लीन टॉयलेट पिक्चर चैलेंज 10 अक्टूबर को शुरू की है। इस योजना के तहत यात्रियों को टोल प्लाजा पर गंदे शौचालयों की सूचना देने पर सीधे अपने FASTag खाते में 1,000 रुपये का इनाम मिलेगा। यह अभियान 31 अक्टूबर, 2025 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू रहेगा। तब तक कस्टमर इसको NHAI के ऐप पर रिपोर्ट कर सकते हैं।

फास्टैग क्या है?
फास्टैग एक रिचार्जेबल टैग है जो टोल के लिए नकद भुगतान किए बिना स्वचालित कटौती की सुविधा देता है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन(RFID) तकनीक का उपयोग करता है और वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है।
फास्टैग की मुख्य बातें:
- यह टैग 5 साल तक वैध होता है और 7 रंगों में आता है, हर रंग अलग वाहन श्रेणी के लिए।
- अप्रैल 2016 में शुरू, और 1 दिसंबर 2017 से नई कारों और ट्रकों में अनिवार्य।
- NHAI मासिक लेनदेन का 5% रिफंड देता है।
- इसे IHMC और NPCI संचालित कर रहे हैं।
- फास्टैग अब राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों दोनों पर काम करता है।
फास्टैग के फायदे:
- भुगतान में आसानी: टोल पर नकद की जरूरत नहीं, समय की बचत।
- ईंधन की बचत: बिना रुके वाहनों की आवाजाही से ईंधन की लागत कम हुई है।
NHAI के इस फैसले के पीछे कारण:
- तकनीक का इस्तेमाल: ऐप से शिकायत करना आसान है और AI की मदद से जांच तेज़ होती है।
- सफलता की उम्मीद: NHAI को उम्मीद है कि इससे पूरे देश के टोल प्लाजा पर सफाई का स्तर जल्दी सुधरेगा।
- स्वच्छ भारत का हिस्सा: यह प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी एक रचनात्मक पहल है।
कहाँ लागु रहेगा नियम?
बयान के अनुसार, यह अभियान केवल NHAI के अधिकार क्षेत्र में निर्मित, संचालित या अनुरक्षित शौचालयों पर ही लागू होगा। खुदरा ईंधन स्टेशनों, ढाबों या NHAI के नियंत्रण से बाहर अन्य सार्वजनिक सुविधाओं पर स्थित अन्य शौचालय इससे बाहर रखे गए हैं।
इनाम की शर्तें क्या है?
- हर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर (VRN) योजना के दौरान केवल एक ही इनाम के लिए पात्र होगा।
- अगर एक ही शौचालय की कई शिकायतें आती हैं, तो इनाम केवल सबसे पहली सही रिपोर्ट करने वाले को मिलेगा।
- तस्वीर हमेशा ऑरिजनल होनी चाहिए और इसे ऐप के जरिए ही क्लिक करना होगा। छेड़छाड़, डुप्लिकेट या पहले से रिपोर्ट की गई तस्वीर को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
शिकायत करने का प्रोसेस:
- सबसे पहले अपने फोन में RajmargYatra App का लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करें।
- गंदे टॉयलेट की साफ, जियो-टैग्ड और टाइम-स्टैम्प वाली तस्वीर ऐप पर अपलोड करें।
- तस्वीर अपलोड करने के बाद अपना नाम, वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, सटीक लोकेशन और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- अगर आपकी जानकारी सही पाई गई, तो NHAI आपके FASTag में 1,000 रुपये का रिचार्ज देगा।
जियो-टैग फोटो से क्या तात्पर्य है?
जियो-टैग फोटो वह तस्वीर होती है जिसमें फोटो लेने की जगह, तारीख और समय दिखाई देता है। इसमें लैटिट्यूड, लॉन्गिट्यूड और ऊंचाई की जानकारी भी होती है। जियो-टैगिंग से यह फोटो GPS डेटा से जुड़ जाती है, जिससे इसे मैप पर आसानी से देखा और पता लगाया जा सकता है।
यात्रियों के पास बदलाव लाने की शक्ति:
यह पुरस्कार योजना यात्रियों को राजमार्गों की सफाई बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे NHAI को खराब शौचालयों की जल्दी पहचान और तुरंत सुधार करने में मदद मिलती है। यात्रियों की संतुष्टि और राष्ट्रीय राजमार्गों में उनके विश्वास को भी बढ़ावा मिलता है। अब यात्रियों के पास बदलाव लाने की शक्ति है और वे अपने प्रयासों के लिए 1,000 रुपये का FASTag रिचार्ज भी पा सकते हैं।
इस पहल के परिणाम क्या होंगे?
यह योजना सिर्फ यात्रियों को इनाम देने का तरीका नहीं है। इससे NHAI खराब शौचालयों पर जल्दी ध्यान दे सकता है और तुरंत सुधार कर सकता है। टोल प्लाज़ा की सफाई अब यात्रियों की जिम्मेदारी बन गई है और वे स्वच्छता के प्रहरी बन गए हैं। रिपोर्ट किए गए हर शौचालय के साथ NHAI तेज़ी से जांच, मूल्यांकन और सुधार कर सकता है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों की सफाई और मानक बेहतर होंगे। यह नागरिकों द्वारा संचालित सबसे आसान और असरदार सफाई उपाय है।
‘स्पेशल कैंपेन 5.0’ के बारे में:
2 अक्टूबर (गांधी जयंती) से 31 अक्टूबर 2025 तक चलने वाला यह अभियान स्वच्छता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है और स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाता है। इसमें ई-कचरा प्रबंधन, जन शिकायत निवारण और डिजिटलीकरण पर ध्यान दिया गया है और यह 20 लाख कार्यालयों को कवर करता है।
2021 से अब तक, इस अभियान से 3,220 करोड़ रुपये और 1.37 करोड़ फाइलों के निपटारे में मदद मिली है। यह अभियान 2047 तक स्वच्छ और कुशल भारत बनाने के उद्देश्य से चल रहा है।
प्रमुख विशेषताऐं:
- स्वच्छता फोकस: सफाई, ई-कचरा प्रबंधन और टिकाऊ प्रथाएँ।
- दक्षता लक्ष्य: लंबित फाइलों को कम करना, शिकायतों का त्वरित निपटारा करना।
- डिजिटलीकरण अभियान: ई-ऑफिस प्रणाली और डिजिटल शिकायत प्लेटफार्म।
- सार्वजनिक सहभागिता: राष्ट्रव्यापी भागीदारी, विश्वास और जवाबदेही को बढ़ावा देना।
NHAI क्या है?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की स्थापना NHAI अधिनियम, 1988 के तहत की गई थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रण में काम करता है।
NHAI का काम है:
- राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रखरखाव और प्रबंधन।
- राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) के तहत प्रमुख राजमार्गों को बेहतर बनाना, चौड़ा करना और पुनर्वास करना। NHDP 1998 में शुरू हुई थी।
- वैश्विक मानकों और लागत प्रभावी तरीके से राजमार्ग नेटवर्क बनाए रखना, जिससे लोगों की आर्थिक भलाई और जीवन की गुणवत्ता बढ़े।
निष्कर्ष:
NHAI की गंदे शौचालय रिपोर्टिंग योजना सिर्फ एक पुरस्कार कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक जिम्मेदारी का संदेश भी है। यह याद दिलाती है कि सफाई और जवाबदेही केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं है- कभी-कभी यह सावधान और सक्रिय नागरिकों से भी आती है।