ऑपरेशन आघात 3.0

हाल ही में, 2025 के नव वर्ष समारोह से पहले दिल्ली पुलिस ने ‘ऑपरेशन आघात 3.0’ चलाया, जो एक व्यापक कार्यवाही थी। इस कार्यवाही के परिणामस्वरूप आबकारी, गैर-नॉन-डिस्चार्ज और जुआ अधिनियमों के उल्लंघन के लिए 285 गिरफ्तारियां हुईं। इस सक्रिय कार्रवाई का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में त्योहारों के दौरान जन सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करना था।

Operation Aaghat 3.0

कानून-व्यवस्था सुदृढ़ करने की बड़ी पहल ऑपरेशन आघात 3.0 

  • ऑपरेशन आघात 3.0 दिल्ली पुलिस द्वारा 26–27 दिसंबर 2025 की रात को चलाया गया एक व्यापक और सुनियोजित कानून प्रवर्तन अभियान था। यह कार्रवाई मुख्य रूप से दिल्ली के दक्षिण-पूर्व जिले में की गई। इसका उद्देश्य नववर्ष 2026 से पहले संभावित अपराधों को रोकना और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना था। यह अभियान वर्ष 2025 में चलाए गए आघात श्रृंखला के पूर्व अभियानों की निरंतरता में था, जिनका फोकस संगठित अपराध और आदतन अपराधियों पर रहा है।
  • नववर्ष के दौरान शहरों में भीड़, उत्सव और रात्रिकालीन गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं। ऐसे समय में अवैध गतिविधियों की आशंका भी अधिक रहती है। ऑपरेशन आघात 3.0 का मुख्य उद्देश्य उत्सव शुरू होने से पहले ही निवारक कार्रवाई करना था। 
  • इस अभियान के तहत समन्वित छापे, तलाशी अभियान, वाहन जांच और संदिग्धों की धरपकड़ की गई। कई इलाकों में एक साथ पुलिस बल तैनात किया गया ताकि अपराधी किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भाग न सकें। यह अभियान पूरी तरह डेटा-आधारित और खुफिया सूचनाओं पर आधारित था।
  • ऑपरेशन के दौरान विभिन्न कानूनों के तहत सख्त कदम उठाए गए। आबकारी अधिनियम के तहत अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर कार्रवाई हुई। एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत नशीले पदार्थों से जुड़े मामलों पर छापे डाले गए। जुआ अधिनियम के तहत अवैध सट्टेबाजी पर शिकंजा कसा गया। जहाँ अवैध हथियार मिले, वहाँ आर्म्स एक्ट के प्रावधान लागू किए गए।
  • इस अभियान में 285 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर आबकारी, एनडीपीएस और जुआ अधिनियम के तहत मामले दर्ज हुए। इसके अलावा 500 से अधिक लोगों को निरोधात्मक कार्रवाई के तहत हिरासत में लिया गया ताकि नववर्ष के दौरान शांति भंग न हो। 116 कुख्यात अपराधियों को भी विशेष रूप से पकड़ा गया। कुल मिलाकर 1,300 से अधिक व्यक्तियों पर पुलिस की कार्रवाई हुई।
  • पुलिस ने 21 देसी पिस्तौल, 20 जिंदा कारतूस और 27 चाकू बरामद किए। 12,000 से अधिक क्वार्टर अवैध शराब, लगभग 6 किलोग्राम गांजा, और ₹2.3 लाख नकद जब्त किए गए। इसके अलावा 310 चोरी या गुम मोबाइल फोन, 231 दोपहिया वाहन और एक चारपहिया वाहन भी जब्त किए गए।

 

ऑपरेशन आघात 3.0 के अंतर्गत लागू प्रमुख भारतीय कानून

  • दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 राजधानी क्षेत्र में शराब से जुड़े सभी कार्यों को नियंत्रित करता है। बिना वैध लाइसेंस के शराब का निर्माण, भंडारण, परिवहन या बिक्री इस कानून के तहत अपराध है। ऐसे मामलों में दोषी व्यक्ति को तीन वर्ष तक की कैद और ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना या नाबालिगों को शराब उपलब्ध कराना भी दंडनीय अपराध है। यदि शराब में हानिकारक रसायन मिलाने से किसी को गंभीर चोट या मृत्यु होती है, तो सजा कहीं अधिक कठोर हो जाती है। 
  • नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस अधिनियम, 1985 भारत का सबसे कठोर नशा विरोधी कानून माना जाता है। यह कानून हेरोइन, कोकीन, गांजा जैसे प्रतिबंधित पदार्थों की खेती, उत्पादन, बिक्री और परिवहन पर रोक लगाता है। कम मात्रा में नशीले पदार्थ रखने पर छह महीने तक की जेल या ₹10,000 तक जुर्माना हो सकता है। बड़ी मात्रा में बरामदगी होने पर 10 से 20 वर्ष तक का कठोर कारावास और ₹2 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। बार-बार अपराध करने वालों पर और भी कड़े प्रावधान लागू होते हैं।
  • पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 सार्वजनिक जुए के अड्डों को चलाने या वहाँ जाने पर प्रतिबंध लगाता है। जुआ घर संचालित करने पर तीन महीने तक की कैद या जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ ही ऑनलाइन जुए पर नियंत्रण के लिए ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 लागू किया गया, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी है। यह कानून रियल-मनी गेमिंग और अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाता है और उल्लंघन करने वालों पर सख्त दंड निर्धारित करता है।
  • आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत बिना लाइसेंस हथियार या गोला-बारूद रखना गंभीर अपराध है। इसके लिए तीन से सात वर्ष तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। यदि हथियार का उपयोग किसी अपराध में किया जाता है, तो सजा आजीवन कारावास तक भी पहुँच सकती है।

 

निष्कर्ष:

ऑपरेशन आघात 3.0 ने यह दिखाया कि दिल्ली पुलिस निवारक पुलिसिंग को कितनी गंभीरता से लेती है। इन कानूनों के प्रभावी उपयोग से ऑपरेशन आघात 3.0 कानून-आधारित अपराध नियंत्रण मॉडल बनकर उभरा, जिसने सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत किया। इस अभियान ने नववर्ष से पहले अपराध नियंत्रण, जन-सुरक्षा और कानून के प्रति सम्मान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।