प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में सेमीकॉन इंडिया-2025 का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है और वैश्विक सेमीकंडक्टर भविष्य में भारत के साथ काम करने को तैयार है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब केवल बैकएंड सेमीकंडक्टर उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि फुल-स्टेक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की राह पर है। उन्होंने सभी निवेशकों का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी: “Designed in India, Made in India, Trusted by World.”
इस बार का थीम: “अगली सेमीकंडक्टर महाशक्ति का निर्माण” ।
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूती देना, नई तकनीकों को बढ़ावा देना और वैश्विक निवेश आकर्षित करना है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री सीईओ राउंडटेबल में भी शामिल होंगे, जहां उद्योग जगत के दिग्गज भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश, भारत की आर्थिक प्रगति और भरोसा दिखाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया-2025 में बताया कि भारत में 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत हुई, 2023 तक भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट मंजूर हुआ और 2024 में अतिरिक्त प्लांट्स को हरी झंडी दी गई। 2025 में पांच और परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। ये सभी निवेश भारत में वैश्विक भरोसे और उद्योग के प्रति विश्वास को दर्शाते हैं।
सेमीकंडक्टर में भारत की तेजी और युवा शक्ति का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार का आकार 600 अरब डॉलर तक पहुँच गया है और अगले कुछ वर्षों में यह 1 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि जिस गति से भारत इस क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, उसमें इस विशाल बाजार में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निश्चित रूप से होगी।
प्रधानमंत्री ने भारत की युवा शक्ति और इनोवेशन क्षमता पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि यह संयोजन स्पष्ट संदेश देता है – दुनिया भारत पर भरोसा करती है, और दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है। मोदी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत में बनी सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी। भले ही हमारी यात्रा देर से शुरू हुई हो, लेकिन इसे कोई रोक नहीं सकता।
अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री को भारत में निर्मित पहली चिप्स भेंट
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केवल 3.5 साल पहले शुरू किए गए भारत सेमीकंडक्टर मिशन ने इतनी कम अवधि में ही दुनिया का भरोसा हासिल कर लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को विक्रम 32-बिट प्रोसेसर और चार प्रोजेक्ट्स के टेस्ट चिप्स भेंट किए। यह विक्रम 32-बिट प्रोसेसर भारत में पूरी तरह विकसित पहला 32-बिट माइक्रो प्रोसेसर है, जिसे ISRO सेमीकंडक्टर लैब ने तैयार किया है।

चार वर्षों में भारत ने सेमीकंडक्टर विजन को वास्तविकता में बदला
2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) की शुरुआत के बाद मात्र चार वर्षों में भारत ने अपने सेमीकंडक्टर विजन को वास्तविकता में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस लक्ष्य को मजबूत करने के लिए सरकार ने ₹76,000 करोड़ की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना की शुरुआत की, जिसमें से अब तक लगभग ₹65,000 करोड़ की प्रतिबद्धता पूरी हो चुकी है।
इस पहल से न केवल भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग तेजी से विकसित होगा, बल्कि यह देश को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर मजबूत स्थिति भी देगा।
इससे पहले हो चुके है तीन संस्करण:
प्रधानमंत्री की पहल के तहत भारत को सेमीकंडक्टर डिज़ाइन, निर्माण और तकनीकी विकास का केंद्र बनाने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, लगातार तीन वर्षों में महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किए गए। 2022 में बेंगलुरु, 2023 में गांधीनगर और 2024 में ग्रेटर नोएडा में ये आयोजन हुए।
यह चौथा संस्करण अब तक का सबसे बड़ा है, जिसका उद्देश्य देश में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देना और वैश्विक निवेश आकर्षित करना था।
48 देशों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल
सेमीकॉन इंडिया 2025 में 48 से अधिक देशों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा, 50 से अधिक वैश्विक हस्तियां, 150 से अधिक वक्ता और 350 से अधिक प्रदर्शक भी भाग लेंगे, जिससे कुल प्रतिभागियों की संख्या 20,750 से अधिक होगी। कार्यक्रम में छह देशों की गोलमेज चर्चाएं आयोजित होंगी और देशों के पवेलियन के साथ-साथ कार्यबल विकास और स्टार्टअप्स के लिए विशेष मंडप भी होंगे।
सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत की तेजी और नवाचार पर विशेष सम्मेलन
आगामी कार्यक्रम में भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र की प्रगति पर केंद्रित विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में सेमीकंड इंडिया की उपलब्धियां, सेमीकंडक्टर फैब और एडवांस पैकेजिंग प्रोजेक्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च और डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नवाचार, निवेश के अवसर और राज्य-स्तरीय नीतियों के क्रियान्वयन जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल होंगे।
साथ ही, डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना, स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के भविष्य की रूपरेखा पर भी खास ध्यान दिया जाएगा, जिससे देश की तकनीकी क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को और मजबूती मिले।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के बारे में:
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) 2021 में शुरू किया गया था और यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार के अंतर्गत एक विशेषीकृत और स्वतंत्र संस्थान है। यह डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के भीतर एक स्वतंत्र व्यवसायिक विभाग के रूप में कार्य करता है।
- ISM का उद्देश्यएक सशक्त सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम तैयार करना है, जिससे भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और डिजाइन का केंद्र बनाया जा सके।
- ISM को पूर्णप्रशासनिक और वित्तीय अधिकार प्राप्त हैं और इसे भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग, पैकेजिंग और डिजाइन शामिल हैं।
- इस मिशन के पासवैश्विक विशेषज्ञों से बनी सलाहकार समिति है, जो दिशा-निर्देशन देती है। ISM नोडल एजेंसी के रूप में यह सुनिश्चित करता है कि भारत के सेमीकंडक्टर और निर्माण इकोसिस्टम के विकास के लिए योजनाओं का संगठित, कुशल और सुचारू क्रियान्वयन हो।
- ISM सेमिकॉन इंडिया प्रोग्रामके तहत स्वीकृत योजनाओं की भी देखरेख करता है।
सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत शुरू की गई 4 प्रमुख योजनाएं
- भारत में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने की योजना: देश में सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से।
- भारत में डिस्प्ले फैब स्थापित करने की योजना: उन्नत डिस्प्ले पैनल निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए।
- कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर फैब तथा सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP)/OSAT सुविधाएं स्थापित करने की योजना
- डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना: सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप्स और घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित कर नवाचार और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए।
सेमीकंडक्टर क्या है?
सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन या जर्मेनियम से बनी एक छोटी इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है। आसान भाषा में कहें तो यह एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो कंप्यूटर, मोबाइल, स्मार्ट टीवी, गाड़ियों, डिजिटल कैमरा, एटीएम, ट्रेन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में इस्तेमाल होता है।

सेमीकंडक्टर किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करता है और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक है। एक नाखून जितनी छोटी चिप में अरबों माइक्रोस्कोपिक स्विच (ट्रांजिस्टर) हो सकते हैं।
सेमीकंडक्टर्स कितने तरह के होते हैं?
ये दो तरह के होते हैं – N टाइप और P टाइप।
- N-टाइप के सेमीकंडक्टर तब बनता है जब फ्री इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक होती है या जब इसकी चालकता अधिक होती है।
- P- टाइप के सेमीकंडक्टर तब बनता है जब फ्री इलेक्ट्रॉन कम होते हैं और इसका प्रेरकत्व कम होता है।
सेमीकंडक्टर: मोबाइल, ऑटो और AI में आधुनिक तकनीक की रीढ़
- ऑटोमोटिव और मोबाइल में उपयोग:
मोबाइल फोन और गाड़ियों में शामिल हाईटेक फीचर्स के लिए सेमीकंडक्टर की अहमियत बहुत बड़ी है। कारों में इसका इस्तेमाल हेड्स-अप डिस्प्ले, सेंसर्स, सेलफोन और कम्युनिकेशन इंटीग्रेशन के साथ उच्च दक्षता वाले इंजन एलिमेंट्स में किया जाता है। इसके अलावा, ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग रियर कैमरा, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, एयरबैग और इमरजेंसी ब्रेकिंग जैसी सुरक्षा प्रणालियों में भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है। आज ऑटोमोबाइल मार्केट में उपलब्ध लगभग सभी कारों में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है।
- AI और मशीन लर्निंग में योगदान:
सेमीकंडक्टर सिर्फ वाहन और मोबाइल में ही नहीं, बल्कि AI और मशीन लर्निंग के लिए भी जरूरी हैं। ये तेज़ डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज के लिए उपयोग किए जाते हैं, जिससे सुपरफास्ट प्रोसेसिंग और मेमोरी मिलती है। आधुनिक तकनीक और हर उद्योग में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है।
सेमीकंडक्टर निर्माण में एशिया का दबदबा और वैश्विक खिलाड़ी:
विश्व के 75 प्रतिशत सेमीकंडक्टर उत्पादन का केंद्र पूर्वी एशिया में है। इस क्षेत्र में ताइवान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका जैसे देश सबसे आगे हैं।
- ताइवान दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर निर्माताओं में से एक है और यह दुनिया के 60 प्रतिशत से अधिक चिप्स का उत्पादन करता है।
- दक्षिण कोरिया उन्नत चिप्स के उत्पादन के लिए जाना जाता है, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनीसैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है।
- अमेरिका भी सेमीकंडक्टर उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यहाँ Intel, AMD और Nvidia जैसी बड़ी कंपनियां मौजूद हैं।
- चीन तेजी से सेमीकंडक्टर निर्माण में बढ़ रहा है और वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखता है।
भारत में बाजार का आकार और वृद्धि:
भारत में सेमीकंडक्टर का बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। 2021 में यह 27.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2023 में लगभग 19 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 64 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 तक यह बाजार 80 बिलियन डॉलर का होगा और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। यही वजह है कि सेमीकंडक्टर आधुनिक तकनीक, उद्योग और आर्थिक विकास की रीढ़ बन गए हैं।
निष्कर्ष:
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन देश को “नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी हब” बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इस मिशन के तहत चिप निर्माण, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टर, ATMP/OSAT सुविधाएं और डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) जैसी योजनाएं न केवल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत करेंगी, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी भी बढ़ाएंगी।