पीएम मोदी की जॉर्डन यात्रा: 37 साल बाद पूर्ण द्विपक्षीय दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 दिसंबर 2025 को जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचकर अपनी तीन देशों की यात्रा की शुरुआत की। जॉर्डन के प्रधानमंत्री डॉ. जाफर हसन ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह भारत-जॉर्डन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर हो रही है।

 

पीएम मोदी की यह जॉर्डन की पहली पूर्णकालिक द्विपक्षीय यात्रा है। इससे पहले वे फरवरी 2018 में फिलिस्तीन जाते समय केवल ट्रांजिट में जॉर्डन रुके थे। यह पूर्ण दौरा 37 साल के अंतराल के बाद हो रहा है।

PM Modi visit to Jordan First full bilateral visit after 37 years

राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ महत्वपूर्ण बैठक

15 दिसंबर को पीएम मोदी ने जॉर्डन के महामहिम राजा अब्दुल्ला द्वितीय और अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत बातचीत की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।

 

किन क्षेत्रों में होगा सहयोग

दोनों देशों के बीच निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी:

  • व्यापार और निवेश
  • रक्षा और सुरक्षा
  • नवीकरणीय ऊर्जा
  • उर्वरक और कृषि
  • नवाचार, आईटी और डिजिटल तकनीक
  • महत्वपूर्ण खनिज
  • बुनियादी ढांचा
  • स्वास्थ्य और फार्मा
  • शिक्षा और क्षमता निर्माण
  • पर्यटन और विरासत
  • संस्कृति और लोगों के बीच संबंध

 

5 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रस्ताव रखा कि दोनों देशों को अगले 5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए। वर्तमान में भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

 

वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 2.875 अरब डॉलर का रहा, जिसमें भारत का निर्यात 1.465 अरब डॉलर था।

 

UPI से जुड़ेगा जॉर्डन का डिजिटल पेमेंट सिस्टम

पीएम मोदी ने जॉर्डन के डिजिटल भुगतान सिस्टम और भारत के यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बीच सहयोग का आह्वान किया। यह कदम दोनों देशों के बीच डिजिटल लेन-देन को आसान बनाएगा।

 

उर्वरक क्षेत्र में बड़ा निवेश

जॉर्डन भारत को उर्वरक का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है। दोनों पक्षों की कंपनियां भारत में फॉस्फेटिक उर्वरक की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जॉर्डन में महत्वपूर्ण निवेश पर चर्चा कर रही हैं।

 

जॉर्डन इंडिया फर्टिलाइजर कंपनी (JIFCO) – भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (IFFCO) और जॉर्डन फॉस्फेट माइन्स कंपनी (JPMC) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। यह मूल रूप से 860 मिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट है और भारत के लिए फॉस्फोरिक एसिड का प्रमुख स्रोत है।

 

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट

दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने आतंकवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में निंदा की।

 

दोनों ने क्षेत्रीय विकास और अन्य वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के महत्व पर जोर दिया।

 

पांच समझौतों पर हस्ताक्षर

पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भारत और जॉर्डन के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए:

 

  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर समझौता ज्ञापन
  • जल संसाधन प्रबंधन और विकास के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन
  • पेट्रा और एलोरा के बीच जुड़वां शहर समझौता
  • 2025-2029 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का नवीनीकरण
  • डिजिटल परिवर्तन के लिए बड़े पैमाने पर लागू सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर आशय पत्र

 

भारत-जॉर्डन संबंधों का इतिहास

भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंध 1950 में औपचारिक रूप से स्थापित हुए थे। इससे पहले 1947 में दोनों देशों के बीच सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए पहला समझौता हुआ था। इस साल दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे हो गए हैं।

 

उच्च स्तरीय राजनीतिक जुड़ाव

फरवरी 2018 में पीएम मोदी फिलिस्तीन जाते समय जॉर्डन रुके थे। इसके बाद फरवरी-मार्च 2018 में राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने भारत की राजकीय यात्रा की। इस दौरे में 12 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए।

 

इस यात्रा के दौरान जॉर्डन में आईटी पेशेवरों को प्रशिक्षण देने के लिए C-DAC सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने और दवाओं तथा टीकों के लिए 5 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा हुई।

 

इसके बाद दोनों नेता कई अवसरों पर मिले, जिनमें जून 2024 में इटली के अपुलिया में G7 शिखर सम्मेलन, दिसंबर 2023 में दुबई में COP-28, और सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा शामिल हैं।

 

2025 में राजनयिक गतिविधियां

29 अप्रैल 2025 को अम्मान में भारत-जॉर्डन विदेश कार्यालय परामर्श का चौथा दौर आयोजित हुआ। 2 सितंबर 2025 को स्वास्थ्य सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह की दूसरी बैठक वर्चुअल रूप से हुई।

 

अक्टूबर 2025 में भारतीय सचिव (दक्षिण) ने जॉर्डन का दौरा किया और द्विपक्षीय सहयोग पर विस्तृत चर्चा की।

 

व्यापार और आर्थिक सहयोग

भारत जॉर्डन से अनाज, जमे हुए मांस, पेट्रोलियम उत्पाद और पशु चारा निर्यात करता है। जबकि जॉर्डन से मुख्य रूप से फॉस्फेट और पोटाश जैसे उर्वरक आयात किए जाते हैं।

 

मई 2022 में जॉर्डन फॉस्फेट माइन्स कंपनी ने कई भारतीय कंपनियों के साथ कुल 1.5 अरब डॉलर मूल्य के समझौते किए। अरब पोटाश कंपनी और इंडियन पोटाश लिमिटेड ने भारतीय बाजार को सालाना 2.75 से 3.25 लाख टन की आपूर्ति के लिए पांच साल का समझौता किया।

 

जॉर्डन के क्वालिफाइड इंडस्ट्रियल जोन में एनआरआई के स्वामित्व वाली 15 से अधिक गारमेंट निर्माण कंपनियां काम कर रही हैं, जिनका कुल निवेश लगभग 500 मिलियन डॉलर है।

 

रक्षा सहयोग

2018 में भारत और जॉर्डन ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 2024 में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अकाबा में विशेष अभियान बल प्रदर्शनी में भाग लिया।

 

अप्रैल-मई 2024 में जॉर्डन की शाही नौसेना के प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया और दक्षिणी नौसेना कमान कोच्चि तथा भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला का दौरा किया।

 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

2 अक्टूबर 2021 को अल-हुसैन तकनीकी विश्वविद्यालय में भारत-जॉर्डन आईटी उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया गया। यह केंद्र भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित है और इसमें सुपर कंप्यूटर PARAM शावक सहित अत्याधुनिक आईटी बुनियादी ढांचा है।

 

भारत सरकार साइबर सुरक्षा, वेब डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों में जॉर्डन के विशेषज्ञों के लिए मास्टर प्रशिक्षक पाठ्यक्रम संचालित करती है। इस केंद्र में 3000 जॉर्डन के विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने की योजना है।

 

शिक्षा और लोगों के बीच संबंध

भारत जॉर्डन के छात्रों के लिए एक लोकप्रिय अध्ययन गंतव्य है। IIT, IIM और भारतीय विज्ञान संस्थान जैसे विश्व प्रसिद्ध संस्थान यहां हैं। 2500 से अधिक जॉर्डन के छात्र भारतीय विश्वविद्यालयों से स्नातक हो चुके हैं।

 

भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम के तहत जॉर्डन के लिए 50 स्लॉट हैं। 2024-25 में जॉर्डन ने 37 नागरिक ITEC स्लॉट, 4 विशेष कार्यकारी कार्यक्रम और 5 ICCR छात्रवृत्तियां उपयोग कीं।

 

मार्च 2018 में राजा अब्दुल्ला द्वितीय की भारत यात्रा के दौरान मानव शक्ति समझौते और राजनयिक तथा आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा पर हस्ताक्षर हुए।

 

वर्तमान में लगभग 17,500 भारतीय नागरिक जॉर्डन में रहते हैं, जो मुख्य रूप से वस्त्र, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा, विश्वविद्यालयों, आईटी और वित्तीय कंपनियों में काम करते हैं।

 

2009 से जॉर्डन भारतीय पर्यटकों को आगमन पर वीजा प्रदान करता है और 2023 से ई-वीजा सुविधा भी शुरू की है। अम्मान से मुंबई के बीच सीधी उड़ान सेवा उपलब्ध है।

 

सांस्कृतिक आदान-प्रदान

भारत और जॉर्डन के बीच गर्मजोशी भरे सांस्कृतिक संबंध हैं। जॉर्डन में भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से बॉलीवुड फिल्मों में बहुत रुचि है। नियमित रूप से नृत्य, संगीत और योग दिवस जैसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

 

जुलाई 2024 में ICCR प्रायोजित नटराज सांस्कृतिक कलाकार समाज ने जेराश संस्कृति और कला महोत्सव में असमिया लोक नृत्य प्रस्तुत किया।

 

निष्कर्ष:

भारत-जॉर्डन संबंध यह दर्शाते हैं कि कैसे निरंतर राजनीतिक जुड़ाव आर्थिक और अन्य परिणामों को मजबूत करता है। नियमित परामर्श, नेतृत्व स्तर की बैठकें और क्षेत्रीय स्थिरता तथा आतंकवाद विरोध पर साझा दृष्टिकोण ने साझेदारी को रणनीतिक गहराई दी है।

 

जैसे-जैसे भारत पश्चिम एशिया में अपनी भागीदारी को गहरा कर रहा है, एक विश्वसनीय आर्थिक और राजनीतिक साझेदार के रूप में जॉर्डन की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। यह संबंध विश्वास, व्यापार और रणनीतिक संरेखण पर निर्मित एक संतुलित साझेदारी को दर्शाता है।