19 अक्टूबर 2025 को पेरिस के लूव्र म्यूजियम में पेशेवर चोरों ने बड़ी चोरी की। चोर म्यूजियम की दीवार फांदकर अंदर घुसे और डिस्क कटर से खिड़की काटकर महज 7 मिनट में नेपोलियन और महारानी जोसेफिन के 8 बेशकीमती गहने चुरा लिए। चोरी किए गए गहनों में 1855 में बना ऐतिहासिक यूजनी क्राउन शामिल है, जो हजारों कीमती रत्नों से जड़ा हुआ है। चोरी का अनुमानित मूल्य €88 मिलियन (लगभग $102 मिलियन) बताया गया है।

कैसे हुई ये हाई-प्रोफाइल चोरी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेरिस के लूव्र म्यूजियम में चोरी एक अच्छी तरह से योजनाबद्ध ऑपरेशन थी। चोरों ने पहले ट्रक की मदद से दूसरी मंजिल तक पहुंच बनाई। इसके बाद एक खिड़की को डिस्क कटर से काटकर अपोलो गैलरी में प्रवेश किया, जहां शाही आभूषणों का संग्रह रखा गया था।
CCTV फुटेज और जांच रिपोर्ट के अनुसार, चोर पेशेवर और टूल्स से लैस थे। उन्होंने महज 7 मिनट में कुल 8 बेशकीमती गहने चुरा लिए, जिनमें शामिल हैं:
- शाही नीलम हार
- पन्ना हार
- मिलते-जुलते झुमके
- महारानी यूजनी द्वारा पहना गया हीरे जड़ा मुकुट
चोर खिड़की से अंदर आए, सुरक्षाकर्मियों को धमकी देकर रास्ता खाली कराया, और कांच के भीतर रखे गहनों को बैग में भरकर वापस खिड़की से नीचे ट्रक तक ले गए। भागने के लिए उन्होंने ट्रक की बजाय स्कूटर का इस्तेमाल किया, ताकि पतली गलियों से जल्दी और आसानी से छुप सके।
चोरी हुए गहनों कौन-कौन से थे-
- क्वीन मैरी-एमेली और क्वीन हॉरटेंस के गहनों का एक टियारा
- उसी जोड़ी के नीलम (सैफायर) गहनों की एक नेकलेस
- नीलम गहनों का एक ईयररिंग
- एम्प्रेस मैरी-लुइस के गहनों का पन्ना (एमराल्ड) नेकलेस
- मैरी-लुइस सेट के दो पन्ना (एमराल्ड) ईयररिंग्स
- “रिलिक्वरी” नामक एक ब्रोच
- एम्प्रेस यूजनी का टियारा
- एम्प्रेस यूजनी का बड़ा ब्रोच

पुलिस ने विदेशी हाथों की संभावना जताई, जांच में जुटी BRB:
पुलिस की बैंडिटिज्म रिप्रेशन ब्रिगेड (BRB) और सांस्कृतिक संपत्ति तस्करी विरोधी कार्यालय इस हाई-प्रोफाइल चोरी की जांच कर रहे हैं। गृह मंत्री नुनेज ने बताया कि इस मामले में सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पुलिस को शक है कि चोर विदेशी हो सकते हैं। सूत्रों का मानना है कि यह चोरी किसी अमीर निजी संग्रहकर्ता द्वारा करवाई गई हो, ताकि चोरी किए गए गहनों को काले बाजार में बेचने के बजाय सुरक्षित रूप से निजी तौर पर छुपाया जा सके।
लूव्र संग्रहालय (Louvre Museum) के बारे में:
लूव्र संग्रहालय पेरिस, फ़्रांस में स्थित दुनिया के सबसे बड़े और सबसे अधिक देखे जाने वाले कला संग्रहालयों और एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह सीन नदी के दाहिने किनारे पर शहर के केंद्र में स्थित है।
मुख्य विशेषताएँ:
- ऐतिहासिक इमारत: मूल रूप से यह 12वीं शताब्दी में बना एक किला था, जो बाद में 14वीं से 18वीं शताब्दी के बीच फ्रांसीसी राजाओं का शाही निवास रहा। फ्रांसीसी क्रांति के दौरान इसे एक संग्रहालय में बदलने का निर्णय लिया गया और 1793 में यह जनता के लिए खोल दिया गया।
- प्रसिद्ध कलाकृतियाँ: लूव्र संग्रहालय लियोनार्डो दा विंची की विश्व-प्रसिद्ध पेंटिंग ‘मोना लिसा‘ (Mona Lisa) के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसके अलावा, यहाँ माइकेल एंजेलो की ‘द डाइंग स्लेव’ (The Dying Slave) और ‘रिबेल स्लेव’ (Rebel Slave), और एंटोनियो कैनोवा की ‘साइके एंड क्यूपिड’ (Psyche and Cupid) जैसी अन्य महत्वपूर्ण मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ भी हैं।
- कांच का पिरामिड: संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर स्थित कांच का पिरामिड (glass pyramid) इसकी एक आधुनिक और वैश्विक पहचान बन चुका है।
लूव्र म्यूजियम: 3,80,000 कीमती कलाकृतियों का घर, सुरक्षा व्यवस्था विश्वस्तरीय
पेरिस का लूव्र म्यूजियम दुनिया का सबसे अधिक देखा जाने वाला म्यूजियम है, जिसमें मोना लिसा और वीनस डी मिलो जैसी प्रसिद्ध कलाकृतियों के साथ मेसोपोटामिया, मिस्र और यूरोपीय कलाकारों की प्राचीन वस्तुएं, मूर्तिकला और चित्रकला रखी गई हैं।
म्यूजियम में कुल करीब 3,80,000 वस्तुएं मौजूद हैं, जिनमें से 35,000 प्रदर्शन के लिए रखी जाती हैं। इनकी कुल कीमत अरबों पाउंड में है, और इसी कारण म्यूजियम में सुरक्षा इंतजाम विश्व के सबसे कड़े स्तर के माने जाते हैं। म्यूजियम में प्रतिदिन लगभग 30,000 लोग आते हैं।
चोरी किए गए शाही गहनों की बिक्री मुश्किल:
पेरिस के लूवर म्यूजियम से चोरी हुए शाही गहनों को बेच पाना आसान नहीं होगा, अधिकारियों ने चेतावनी दी है। फ्रांस की मुख्य अभियोजक लॉरे बेक्वाउ ने कहा कि ये वस्तुएं न केवल कीमती हैं बल्कि राष्ट्रीय ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा हैं, इसलिए इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचना असम्भव के क़रीब है।
मुख्य बिंदु:
- बेचना कठिन: बेक्वाउ के अनुसार, अगर चोर इन गहनों को पिघलाकर या हिस्सों में बाँटकर बेचने की कोशिश करेंगे तो भी उन्हें वास्तविक मूल्य नहीं मिलेगा। इन टुकड़ों की अनोखी बनावट और ऐतिहासिक पहचान के कारण इन्हें छिपाना या बेचना मुश्किल है।
- अवैध बाजार का खतरा: संभव है कि चोरी करने वाले अवैध नेटवर्क के जरिए प्रयास करें, पर उस मार्ग में पकड़े जाने का जोखिम और पहचान होने की संभावना बहुत अधिक है।
- बीमा नहीं था: आश्चर्यजनक रूप से ये शाही गहने बीमाकृत नहीं थे। फ्रांस के संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, जब कलाकृति अपनी मूल जगह पर रहती है तो राज्य ही उसकी बीमा भूमिका निभाता है- सीधे तरह से प्राइवेट पॉलिसी नहीं ली जाती। बीमा कराने का खर्च बहुत अधिक और दुर्घटना की संभावना कम मानी जाती है, इसलिए अलग बीमा नहीं कराया गया था।
- जांच का दायरा बढ़ा: चोरी की प्रारम्भिक जांच टीम 60 अधिकारी थी, जिसे बढ़ाकर अब 100 सदस्यों की टीम कर दी गई है। पुलिस फिंगरप्रिंट, CCTV फुटेज और भागने के रूट्स की कठोरता से पड़ताल कर रही है, तथा पेरिस से बाहर निकलने वाले सभी मार्गों और हाईवे को भी खंगाला जा रहा है। गृह मंत्रालय और सांस्कृतिक संपत्ति विरोधी यूनिट भी मामले में सक्रिय हैं।
लूव्र म्यूजियम में चोरी की लंबी परंपरा:
लूव्र म्यूजियम में चोरी और डकैती का एक लंबा इतिहास रहा है। सबसे चर्चित घटना 1911 में हुई थी, जब मोनालिसा की पेंटिंग अपने फ्रेम से गायब हो गई। इस चोरी के पीछे म्यूजियम का ही एक कर्मचारी था, जिसने पेंटिंग को अपने कोट के नीचे छिपाकर बाहर निकाल लिया। पेंटिंग दो साल बाद फ्लोरेंस में बरामद हुई थी। इसके अलावा, हाल ही में नवंबर 2024 में कुल्हाड़ी से लैस चोरों ने म्यूजियम से सात कीमती बक्से चोरी कर लिए थे, जो दर्शाता है कि लूव्र की सुरक्षा के बावजूद मूल्यवान कलाकृतियों पर खतरा हमेशा बना रहता है।
यूरोप में हाल ही में बढ़ी म्यूजियम चोरी की घटनाएँ:
लूवर म्यूजियम में हुई शाही गहनों की चोरी यूरोप के अन्य म्यूजियमों में हाल ही में हुई कई चोरी की घटनाओं के बीच आई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह यूरोप में कला और आभूषणों के संरक्षण और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है।
हाल की प्रमुख घटनाएँ:
- सितंबर 2025 (म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, फ्रांस): 30 सितंबर को बार्सिलोना में 24 वर्षीय एक चीनी महिला को गिरफ्तार किया गया, जिसने पेरिस के इस म्यूजियम से छह सोने के टुकड़े चोरी किए थे, जिनकी कीमत लगभग 1.5 मिलियन यूरो थी। चोरी के समय म्यूजियम का अलार्म और सुरक्षा प्रणाली साइबर हमले से बाधित थी।
- जनवरी 2025 (ड्रेंट्स म्यूजियम, नीदरलैंड्स): अस्सेन स्थित म्यूजियम से चार प्राचीन वस्तुएँ चोरी हुईं, जिनमें तीन सोने की कंगन और 2,500 साल पुराना सोने का हेलमेट शामिल था। जांच में तीन संदिग्धों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया।
- मई 2024 (एली म्यूजियम, यूके): कैम्ब्रिजशायर में एली म्यूजियम से कांस्य युग की सोने की टोर्क और कंगन चोरी हुई। क्राइमस्टॉपर्स ने 5,000 पाउंड का इनाम घोषित किया, पर अभी तक चोरी के मामलों में सफलता नहीं मिली।
- नवंबर 2022 (सेल्टिक एंड रोमन म्यूजियम, जर्मनी): म्यूनिंग, बवेरिया में 483 प्राचीन सोने के सिक्के चोरी हुए, जिनकी कीमत लगभग $1.7 मिलियन थी। तीन लोगों को जेल की सजा दी गई, लेकिन अधिकांश सिक्के अब भी बरामद नहीं हुए।
लूव्र म्यूजियम चोरी के बाद बुधवार को खुला, अपोलो गैलरी अभी भी बंद:
लूव्र म्यूजियम की चोरी के बाद म्यूजियम बुधवार, 22 अक्टूबर को पुनः खुल गया। हालांकि, चोरी की घटना स्थल अपोलो गैलरी अभी भी बंद है। इस घटना में चार सदस्यीय गिरोह ने आठ 19वीं सदी के शाही आभूषण चोरी किए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग €88 मिलियन ($102 मिलियन) बताई गई है। पूरी चोरी महज आठ मिनट से भी कम समय में अंजाम दी गई।
चोर अभी भी फरार, 100 से अधिक जांचकर्ता मामले में जुटे:
लूव्र म्यूजियम से हुई हीरे-पन्नों और शाही गहनों की चोरी के बाद चोर अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां मामले की तहकीकात में लगी हुई हैं। 23 अक्टूबर 2025 तक चोर अभी भी फरार हैं। फ्रांसीसी अधिकारियों ने इस मामले की जांच के लिए 100 से अधिक जांचकर्ताओं को लगाया है।
चोर सीसीटीवी कैमरों में कैद हुए हैं, जिन्हें पुलिस अब देख रही है। उन्होंने पहले मंज़िल की बालकनी तक पहुंचने के लिए वाहन पर लगी सीढ़ी का इस्तेमाल किया और खिड़की तथा डिस्प्ले केस काटने के लिए एंगल ग्राइंडर का प्रयोग किया। चोरी के दौरान एक वस्तु, महारानी यूजनी का क्राउन, भागते समय गिर गया और बरामद हुआ, हालांकि वह क्षतिग्रस्त था।
विशेषज्ञ राय: विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूजियम में घुसे व्यक्ति (अकसर स्थानीय पेशेवर अपराधी) आधुनिक जांच तकनीकों जैसे DNA विश्लेषण और निगरानी फुटेज की मदद से पकड़े जाते हैं। हालांकि, गहनों को तोड़कर अलग-अलग बेचा जा सकता है, जिससे उन्हें पूरे रूप में बरामद करना मुश्किल हो सकता है।