कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली में एक प्रजेंटेशन के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताओं और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने जो “वोट चोरी का मॉडल” प्रस्तुत किया है, उसका उपयोग न केवल दिल्ली बल्कि देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर भी किया गया है। उनके आरोपों ने चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है।
राहुल गांधी के आरोप:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग (EC) पर भाजपा (BJP) के साथ मिलकर चुनाव चोरी करने का आरोप लगाया।
- राहुल ने 1 घंटे 11 मिनट का एक 22 पेज का प्रजेंटेशन दिया, जिसमें उन्होंने कर्नाटक की वोटर लिस्ट के उदाहरण दिखाए और उसमें संदिग्ध वोटरों की पहचान की।
- उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव परिणामों के बाद उन्हें शक और भी मजबूत हुआ कि चुनाव में धांधली हुई है।
- उनका आरोप था कि मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट न देने से यह साफ होता है कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव में गड़बड़ी की।
- राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उन्होंने वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया है, और यही मॉडल देश के कई लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल हुआ हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हमें 16 सीटों पर जीत मिलती, लेकिन हम सिर्फ 9 सीटों पर जीते। हमने इन सात हारी हुई सीटों में से एक सीट पर जांच-पड़ताल की, वो सीट थी बेंगलुरु सेंट्रल।
कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा सीट का उदाहरण:
कांग्रेस के रिसर्च में यहां एक लाख के करीब गलत पता और एक ही पते पर बल्क वोटर और डुप्लीकेट वोटर्स का पता चला। भाजपा को 6,58,915 वोट मिले। दोनों पार्टियों को मिले वोटों का अंतर सिर्फ 32,707 था। वहीं जब महादेवपुरा असेंबली सीट पर वोटिंग हुई तो दोनों पार्टियों के बीच वोट का अंतर 1,14,046 का रहा। राहुल ने कहा- इस हिसाब से देखें तो 1 लाख से ज्यादा वोटों की चोरी हुई।
हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव का जिक्र
- कांग्रेस ने हरियाणा में मिली हार के लिए वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी का आरोप है कि चुनाव आयोग वोटर्स का डेटा उपलब्ध नहीं कराता, जिससे वोटों की चोरी हो रही है।
- महाराष्ट्र में हाल ही में मतदाता सूची में 40 लाख फर्जी नाम जुड़ने का गंभीर आरोप लगा है। कुछ ही महीनों में बड़ी संख्या में वोटर जोड़े गए, जिससे वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से मतदाता सूची की वैधता और शाम 5 बजे के बाद अचानक बढ़े वोटर टर्नआउट पर जवाब मांगा है,
लेकिन अब तक आयोग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस का कहना है कि इस कथित वोटिंग धांधली को उजागर करने में उन्हें छह महीने लगे।

छह महीना लगाने के पीछे की वजह:
कांग्रेस के अनुसार,
- चुनाव आयोग ने टालमटोल किया: आयोग ने ज़रूरी कार्रवाई या जवाब देने में देरी या टालमटोल रवैया अपनाया।
- डिजिटल वोटर रोल देने से इनकार: आयोग ने डिजिटल मतदाता सूची (voter roll) साझा करने से मना कर दिया।
- CCTV फुटेज तक सीमित पहुँच: चुनाव से संबंधित CCTV फुटेज तक लोगों की पहुँच सीमित कर दी गई।
राहुल गांधी के अनुसार 5 तारिको से वोट चोरी:
- डुप्लीकेट वोटर्स: वोटर लिस्ट में एक ही शख्स कई जगह नजर आया। हर बार उसका बूथ नंबर अलग था। 11 हजार संदिग्ध ऐसे हैं, जिन्होंने तीन-तीन बार वोट डाला।
- फेक एड्रेस: बेंगलुरु सेंट्रल में 40 हजार से ज्यादा वोटर्स का पता फर्जी पाया गया। उन पतों पर कोई नहीं रह रहा था, तो फिर वोट किसने डाला।
- एक पते पर कई वोटर्स: बूथ नंबर 470 पर लिस्टेड 35 नंबर के घर पर 80 मतदाता मिले। वहीं ऐसे ही दूसरे घर में एक साथ 46 वोटर्स लिस्ट किए गए।
- अवैध फोटो: 4132 वोटर्स ऐसे थे जिनकी वोटर आईडी में तस्वीर इनवैलिड थी। कुछ तस्वीरें इतनी छोटी थीं कि उन्हें पहचानना मुश्किल था, तो फिर उन्होंने वोट कैसे डाल दिया।
- फॉर्म -6 से फर्जीवाड़ा: 70 साल की शकुन रानी ने एक महीने में दो बार वोटर ID कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म 6 भरा। पहली बार उनकी तस्वीर दूर से खींची गई थी, जबकि दूसरी बार उन्होंने जूम की हुई तस्वीर लगाई। फॉर्म 6 नए मतदाताओं द्वारा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए भरा जाता है।
राहुल गांधी की मांग: राहुल गांधी ने न्यायपालिका को इस मामले में दखल देना की बात कही और कहा की चुनाव आयोग को चुनाव की रक्षा करनी चाहिए, न किसी पार्टी को जिताने का माध्यम बनाना चाहिए
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
- कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि यदि वे मतदाता सूची की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं, तो उन्हें नियम 20(3)(b) के तहत शपथपत्र के साथ विस्तृत जानकारी और संदिग्ध मतदाताओं के नाम देने होंगे, ताकि जांच की जा सके और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई हो सके।
- इस बीच, चुनाव आयोग (ECI) ने राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो X (पूर्व ट्विटर) पर शेयर कर उसे गुमराह करने वाला बताया है।
राहुल गांधी के आरोपों पर विपक्ष की प्रतिक्रियाएं:
- भाजपा (सत्ताधारी पार्टी) ने राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद और चुनावी बहाना बताया। उनका कहना है कि कांग्रेस अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग और वोटर लिस्ट पर फोड़ रही है।
- आप (आम आदमी पार्टी) जैसी कुछ विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर जांच की मांग की है, लेकिन कांग्रेस के आरोपों से पूरी तरह सहमति नहीं जताई।
- तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों ने मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया, पर राहुल गांधी के आरोपों पर सीधे समर्थन नहीं दिया।