भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के बाद अब रायन विलियम्स भारतीय फुटबॉल टीम के लिए खेलने के पात्र हो गए हैं। वह 18 नवंबर को बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले एएफसी एशियन कप 2027 क्वालिफायर से पहले बेंगलुरु में शुरू होने वाले राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होंगे।
विलियम्स ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा —
“आख़िरकार अब वह आधिकारिक हो गया जो मैं लंबे समय से महसूस कर रहा था। इस देश के प्यार, अवसर और अपनापन के लिए मैं आभारी हूं। भारत, अब मैं तुम्हारा अपना हूं।”
भारत के लिए खेलने वाले दूसरे विदेशी मूल के खिलाड़ी
विलियम्स से पहले जापान में जन्मे इजुमी अराटा ने 2012 में भारतीय नागरिकता लेकर भारत की ओर से खेला था। अराटा के पिता गुजरात में जन्मे थे, जिसकी वजह से वे पात्र बने। उन्होंने 2013 और 2014 में भारत के लिए 9 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
कौन हैं रायन विलियम्स?
रायन विलियम्स का भारतीय जुड़ाव उनके जन्म से पहले ही था। उनकी मां मुंबई की एक एंग्लो-इंडियन परिवार से हैं, जबकि पिता इंग्लैंड के केंट शहर में जन्मे थे। उनके नाना लिंकन ‘लिंकी’ ग्रोस्टेट 1950 के दशक में संतोष ट्रॉफी में बॉम्बे (अब मुंबई) का प्रतिनिधित्व कर चुके थे।
ऑस्ट्रेलिया में शुरुआती फुटबॉल करियर के बाद रायन 2010 में इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने पोर्ट्समाउथ क्लब की अकादमी से छात्रवृत्ति पर शुरुआत की। अगले साल उन्हें सीनियर टीम में जगह मिली और उन्होंने मिडल्सब्रा के खिलाफ पेशेवर स्तर पर डेब्यू किया।
बाद में उन्होंने फुलहम, गिलिंगहैम, ऑक्सफोर्ड यूनाइटेड, बार्नस्ले और रॉदरहैम यूनाइटेड जैसी टीमों के लिए खेला। 2019 में वे दोबारा पोर्ट्समाउथ लौटे और फिर 2021 में पर्थ ग्लोरी से तीन साल का अनुबंध किया।
2022 में उन्होंने भारत का रुख किया और बेंगलुरु एफसी से जुड़ गए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विलियम्स ने ऑस्ट्रेलिया की U-19 टीम के साथ 2012 एएफसी चैम्पियनशिप और 2013 फीफा U-20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया।
उनका ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम के लिए एकमात्र मैच 2019 में दक्षिण कोरिया के खिलाफ एक दोस्ताना मुकाबले में था।
कैसे शुरू हुआ भारत के लिए खेलने का सफर?
विलियम्स ने भारत के लिए खेलने की इच्छा सबसे पहले सुनील छेत्री के माध्यम से जताई थी।
भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने बताया —
“सुनील छेत्री ने सबसे पहले रायन विलियम्स का नाम बताया, जो भारत के लिए खेलना चाहते थे और अपनी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता छोड़ने को तैयार थे। वहीं से प्रक्रिया शुरू हुई।”
भारत में दोहरे नागरिकत्व (Dual Citizenship) की अनुमति नहीं है। 2008 में तत्कालीन खेल मंत्री एम.एस. गिल के कार्यकाल में नीति बनाई गई थी, जिसके अनुसार केवल भारतीय नागरिक ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। इस कारण OCI (Overseas Citizen of India) और PIO (Person of Indian Origin) कार्डधारक तब तक पात्र नहीं माने जाते जब तक वे अपना विदेशी पासपोर्ट छोड़कर भारतीय नागरिकता न ले लें।
रायन विलियम्स का भारत सफर | |
श्रेणी | विवरण |
पूरा नाम | रायन विलियम्स |
उम्र | 32 वर्ष |
मूल देश | ऑस्ट्रेलिया |
नागरिकता (वर्तमान) | भारत |
जड़ें | मुंबई (एंग्लो-इंडियन परिवार) |
नाना | लिंकन “लिंकी” ग्रोस्टेट — संतोष ट्रॉफी (1956) में बॉम्बे के लिए खेले |
पूर्व क्लब | पोर्ट्समाउथ, फुलहम, ऑक्सफोर्ड यूनाइटेड, पर्थ ग्लोरी |
वर्तमान क्लब | बेंगलुरु एफसी (BFC कप्तान) |
अंतरराष्ट्रीय अनुभव | ऑस्ट्रेलिया U-20 टीम (फीफा वर्ल्ड कप 2013), सीनियर टीम (2019 बनाम दक्षिण कोरिया) |
भारत के लिए खेलने की पात्रता | भारतीय नागरिकता ग्रहण करने के बाद (2025) |
संभावित डेब्यू मैच | भारत बनाम बांग्लादेश — एएफसी एशियन कप क्वालिफायर (18 नवंबर) |
पहले ऐसे खिलाड़ी | इजुमी अराता (जापान में जन्म, भारत के लिए खेले 2012–14) |
मुख्य उद्धरण | “भारत की जर्सी पहनना मेरे जीवन का सबसे गर्व का क्षण होगा।” — रायन विलियम्स |
निष्कर्ष:
रायन विलियम्स का भारत के प्रति यह कदम सिर्फ एक फुटबॉल निर्णय नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव की मिसाल है। ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता छोड़कर भारतीय बनना यह दर्शाता है कि खेल सीमाओं से परे एकता और पहचान का प्रतीक बन सकता है। अपने नाना की विरासत और परिवार की जड़ों को सम्मान देते हुए विलियम्स अब भारत के लिए खेलने को तैयार हैं — यह न केवल भारतीय फुटबॉल के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी।
