17 नवंबर 2025 को सोलहवीं वित्त आयोग (XVI Finance Commission-XVIFC) ने अपनी विस्तृत और बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट राष्ट्रपति को औपचारिक रूप से सौंप दी। डॉ. अरविंद पनगड़िया की अध्यक्षता में तैयार की गई यह रिपोर्ट आगामी पाँच वर्षों-1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2031- के लिए भारत की वित्तीय योजना और केंद्र-राज्य कर बंटवारे का आधार बनेगी। इस रिपोर्ट के प्रस्तुत होने के साथ ही देश के राजकोषीय संघवाद में एक अहम चरण शुरू हो गया है, क्योंकि इसके आधार पर संसाधन वितरण, अनुदान और आपदा प्रबंधन फंडिंग की रूपरेखा तय होगी।
वित्त आयोग क्या है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जिसका मुख्य कार्य है-
- केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध राजस्व का बंटवारा तय करना
- राज्यों के बीच इन करों का आबंटन करना
- अनुदान (Grants-in-Aid) के सिद्धांत तय करना
- आपदा प्रबंधन से जुड़े वित्तीय ढांचे पर सुझाव देना
- राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित अन्य विषयों पर अनुशंसा करना
सोलहवीं वित्त आयोग का गठन वर्ष 2023 में किया गया था और इसने 2026-31 की अवधि के लिए अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है।
XVIFC की संरचना और प्रमुख सदस्य
- अध्यक्ष: डॉ. अरविंद पनगड़िया (पूर्व उपाध्यक्ष, नीति आयोग)
- सदस्य:
- श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू
- डॉ. मनोज पांडा
- श्री टी. रबी शंकर
- डॉ. सुम्यकांति घोष
- सचिव: श्री रित्विक पांडे
रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपने के बाद इसके प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को भी सौंपी गई।
रिपोर्ट का दायरा
सोलहवीं वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय शासन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करती हैं, जिनमें शामिल हैं-
- वर्टिकल डेवोल्यूशन: केंद्र और राज्यों के बीच करों का हिस्सा
- हॉरिजॉन्टल डेवोल्यूशन: राज्यों के बीच कर वितरण के मानदंड-जनसंख्या, क्षेत्रफल, आय दूरी आदि
- प्रदर्शन आधारित अनुदान: शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और हरित पहल
- राजस्व घाटा अनुदान: संरचनात्मक असंतुलन वाले राज्यों के लिए
- आपदा प्रबंधन वित्त: मौजूदा व्यवस्थाओं की समीक्षा और सुधार
- स्थानीय निकायों के लिए फंडिंग: ग्राम और नगर निकायों को वित्तीय रूप से मजबूत करने के उपाय
तैयारी प्रक्रिया और परामर्श
रिपोर्ट तैयार करने के दौरान आयोग ने व्यापक विचार-विमर्श किया-
- केंद्र और सभी राज्य सरकारों के साथ बैठकें
- स्थानीय निकायों से परामर्श
- पूर्व वित्त आयोगों के सदस्यों से संवाद
- शैक्षणिक संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ चर्चा
- विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और सलाहकार परिषद से सुझाव
इससे रिपोर्ट को विविध आर्थिक आवश्यकताओं और क्षमताओं के आधार पर संतुलित बनाया गया।
रिपोर्ट की संरचना
रिपोर्ट दो हिस्सों में विभाजित है-
- वॉल्यूम I: सिफारिशें और नीतिगत ढांचा
- वॉल्यूम II: परिशिष्ट, डेटा तालिकाएँ और विश्लेषण
संविधान के अनुच्छेद 281 के तहत वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किए जाने के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
सोलहवीं वित्त आयोग: प्रमुख तथ्य (Static Facts)
- संवैधानिक आधार: अनुच्छेद 280
- अध्यक्ष: डॉ. अरविंद पनगड़िया
- सदस्य: एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, टी. रबी शंकर, सुम्यकांति घोष
- सचिव: रित्विक पांडे
- अवधि: 2026-27 से 2030-31
- रिपोर्ट प्रस्तुत: 17 नवंबर 2025
- संसद में पेश: अनुच्छेद 281 के अनुसार
- मुख्य क्षेत्र: कर बंटवारा, अनुदान, आपदा प्रबंधन, स्थानीय निकाय फंडिंग
