SpaceX IPO: 2026 में दुनिया का सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारी में है SpaceX, 30 अरब डॉलर से अधिक जुटाने की योजना

ब्लूमबर्ग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स शेयर बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है। कहा जा रहा है कि स्पेसएक्स अगले साल 2026 में IPO लाने की योजना बना रही है। जिसके माध्यम से कुल 30 अरब डॉलर से अधिक जुटाने का प्रयास किया जाएगा। यदि ऐसा होता है, तो यह सऊदी अरामको के पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा। आने वाले समय में यह कदम तकनीकी IPO की दिशा और बाजार की सोच को नई दिशा दे सकता है।

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स्पेसएक्स की प्रस्तावित IPO योजना

  • आईपीओ की संभावित समयसीमा: एलन मस्क की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी स्पेसएक्स के शेयर बाजार में प्रवेश को लेकर चर्चाएं तेज हैं। उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी वर्ष 2026 में आईपीओ लाने की दिशा में काम कर रही है। अनुमान है कि यह लिस्टिंग 2026 के मध्य या उसके बाद के महीनों में हो सकती है। हालांकि, अंतिम तारीख बाजार की स्थिति, वैश्विक आर्थिक माहौल और निवेशकों की रुचि पर निर्भर करेगी।
  • पूंजी जुटाने का लक्ष्य: स्पेसएक्स का लक्ष्य केवल बाजार में उतरना नहीं है, बल्कि इतिहास रचना भी है। रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी 30 अरब डॉलर से कहीं अधिक धनराशि जुटाने की योजना बना रही है। यदि यह लक्ष्य हासिल होता है, तो यह अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में शामिल होगा। स्पेसएक्स आईपीओ के समय अपने कुल मूल्यांकन को लगभग 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का प्रयास कर रही है, जो इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान निजी कंपनियों में शामिल कर सकता है।
  • राजस्व में तेज़ी से बढ़ता आधार: स्पेसएक्स की आय के स्रोत विविध हैं। कंपनी का प्रमुख कारोबार रॉकेट लॉन्च सेवाओं से जुड़ा है, जिसमें सरकारी और निजी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जाता है। इसके अलावा स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा कंपनी की कमाई का तेजी से बढ़ता हिस्सा बन रही है। साथ ही, भविष्य की तकनीकों और अंतरिक्ष अभियानों पर भी निवेश जारी है। अनुमान है कि वर्ष 2025 में कंपनी की कुल आय लगभग 15 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। इसके बाद 2026 में राजस्व के 22 से 24 अरब डॉलर के बीच पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
  • आईपीओ से पहले सेकेंडरी शेयर बिक्री: सार्वजनिक निर्गम से पहले स्पेसएक्स ने निजी निवेशकों और अपने कर्मचारियों के लिए सेकेंडरी शेयर बिक्री की व्यवस्था की है। इन सौदों में प्रति शेयर कीमत लगभग 420 डॉलर के आसपास रखी गई, जिससे कंपनी का निजी मूल्यांकन 800 अरब डॉलर से अधिक आंका गया। जानकारी के अनुसार, कर्मचारियों को लगभग 2 अरब डॉलर तक के शेयर बेचने की अनुमति दी गई है, जिससे उन्हें कंपनी की सफलता का प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ मिल सके।

 

वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में स्पेसएक्स के IPO का रणनीतिक महत्व

  • अंतरिक्ष क्षेत्र में पूंजी प्रवाह की नई दिशा: स्पेसएक्स द्वारा वर्ष 2026 में लाए जाने की संभावना वाला आईपीओ केवल एक कारोबारी निर्णय नहीं माना जा रहा है, बल्कि यह वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की दिशा बदलने वाला कदम हो सकता है। इस लिस्टिंग के जरिए बड़ी मात्रा में निजी और संस्थागत पूंजी वाणिज्यिक अंतरिक्ष गतिविधियों की ओर आकर्षित हो सकती है।
  • निजी निवेश को बढ़ावा देने वाला संकेत: स्पेसएक्स का सार्वजनिक बाजार में प्रवेश अन्य निवेशकों को उपग्रह निर्माण, लॉन्च सेवाओं और कक्षा में संचालित तकनीकों में अधिक धन लगाने के लिए प्रेरित कर सकता है। पिछले एक दशक में, खासकर 2015 के बाद, स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष स्टार्टअप्स में निवेश की सोच को बदल दिया है। आईपीओ के बाद यह प्रभाव और मजबूत हो सकता है।
  • प्रतिस्पर्धा पर असर: करीब 1.5 ट्रिलियन डॉलर के संभावित मूल्यांकन के साथ स्पेसएक्स पारंपरिक एयरोस्पेस कंपनियों से काफी आगे निकल सकती है। ऐसा मूल्यांकन न केवल बाजार में नई मिसाल कायम करेगा, बल्कि अमेरिका, यूरोप और एशिया की अन्य अंतरिक्ष कंपनियों पर भी दबाव बढ़ाएगा। ऐसे में प्रतिस्पर्धी कंपनियां अपने अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों को तेज कर सकती हैं ताकि वे तकनीकी दौड़ में पीछे न रह जाएं।
  • तकनीकी नवाचार की रफ्तार में तेजी: स्पेसएक्स की लिस्टिंग का असर केवल वित्तीय नहीं होगा, बल्कि तकनीकी स्तर पर भी दिख सकता है। ब्लू ओरिजिन जैसी अमेरिकी कंपनियां और एशिया की उभरती स्पेस-टेक फर्में पुन: उपयोग योग्य रॉकेट तकनीक पर अपने निवेश को बढ़ा सकती हैं। इससे आने वाले समय में लॉन्च लागत घटेगी और अंतरिक्ष तक पहुंच अधिक सुलभ बन सकती है, जो पूरे उद्योग के लिए लाभकारी होगा।
  • स्टारशिप और भविष्य के मिशन: स्पेसएक्स का स्टारशिप प्रोजेक्ट कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का केंद्र है। इस प्रणाली ने 2023 और 2024 में कई अहम परीक्षण उड़ानें पूरी की हैं। सार्वजनिक बाजार से मिलने वाली अतिरिक्त पूंजी से स्टारशिप से जुड़े परीक्षण और मिशन और तेज हो सकते हैं। इससे कंपनी को बड़े और जटिल अंतरिक्ष अभियानों को अंजाम देने में सहायता मिलेगी।
  • नासा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग: आईपीओ से प्राप्त धनराशि का उपयोग नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम जैसे अंतरराष्ट्रीय अभियानों में भी किया जा सकता है, जिनका लक्ष्य चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति बनाना है। इसके साथ ही, 2020 के दशक के उत्तरार्ध में प्रस्तावित मंगल अभियानों को भी गति मिल सकती है। इस स्तर का निवेश विभिन्न देशों और अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत कर सकता है। 

 

दुनिया के प्रमुख और बड़े IPO 

  • सऊदी अरामको: दिसंबर 2019 में सऊदी अरामको ने शेयर बाजार में उतरकर पूंजी बाजार के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा। इस आईपीओ के जरिए कंपनी ने लगभग 29.4 अरब डॉलर जुटाए। यह कदम सऊदी अरब की व्यापक आर्थिक सुधार योजना का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य तेल पर निर्भरता कम करना था। बड़े पैमाने पर शेयर बिक्री और सरकारी समर्थन ने इसे अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बना दिया। आज भी यह लिस्टिंग धन जुटाने के मामले में वैश्विक मानक मानी जाती है।
  • अलीबाबा: सितंबर 2014 में अलीबाबा ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कदम रखा और करीब 25 अरब डॉलर जुटाए। उस समय यह किसी भी टेक कंपनी का सबसे बड़ा आईपीओ था। अलीबाबा के सार्वजनिक होने के बाद बड़े टेक आईपीओ को देखने का नजरिया पूरी तरह बदल गया।
  • एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना: वर्ष 2010 में एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना ने लगभग 22.1 अरब डॉलर का आईपीओ लाकर दुनिया का ध्यान खींचा। यह लिस्टिंग चीन की वित्तीय शक्ति और सरकारी समर्थन का प्रतीक थी। यह आईपीओ राष्ट्रीय आर्थिक रणनीति और बाजार की क्षमता का मजबूत उदाहरण है।
  • वीज़ा: मार्च 2008 में, जब वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ रही थी, वीज़ा ने लगभग 17.9 अरब डॉलर जुटाकर अमेरिकी बाजार में रिकॉर्ड बनाया। यह लिस्टिंग उस दौर में हुई जब आर्थिक संकट के संकेत दिखने लगे थे। इसके बावजूद, निवेशकों का भरोसा कायम रहा। 
  • फेसबुक (मेटा): मई 2012 में फेसबुक ने करीब 16 अरब डॉलर जुटाकर शेयर बाजार में प्रवेश किया। यह सौदा सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म कंपनियों के लिए एक संदर्भ बिंदु बन गया। हालांकि, पहले दिन ट्रेडिंग से जुड़ी तकनीकी खामियां और बाजार प्रबंधन से। शुरुआती प्रदर्शन प्रभावित हुआ। इसके बावजूद, फेसबुक का आईपीओ बड़े इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स के लिए रास्ता खोलने वाला साबित हुआ।

 

निष्कर्ष:

स्पेसएक्स का आईपीओ केवल पूंजी जुटाने का साधन नहीं माना जा रहा, बल्कि यह वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक बड़ा संकेत है। इससे कंपनी को अपने मंगल मिशन, पुन: उपयोग योग्य रॉकेट और वैश्विक इंटरनेट नेटवर्क जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है और निवेशकों की नजर में यह आईपीओ तकनीक, नवाचार और दीर्घकालिक विकास का अनोखा अवसर बन सकता है।