श्रीलंका राहत: भारत ने 4 घंटे में पाकिस्तान के विमान को दी एयरस्पेस की मंजूरी, झूठे दावों को किया खारिज

साइक्लोन डिटवाह से तबाह श्रीलंका को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के विमान को भारत ने मानवीय आधार पर चार घंटे के भीतर अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी। भारत सरकार ने पाकिस्तानी मीडिया में चल रहे उन दावों को आधारहीन और भ्रामक करार देते हुए खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि नई दिल्ली ने एयरस्पेस की अनुमति देने से इनकार किया था।

 

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे (IST) भारतीय एयरस्पेस से उड़ान भरने के लिए अनुरोध दिया था। अनुरोध उसी दिन की परमिशन के लिए था ताकि पाकिस्तान जल्द से जल्द श्रीलंका को मदद पहुंचा सके।

 

चूंकि यह अनुरोध श्रीलंका को मानवीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से था, इसलिए भारत ने असाधारण गति से इस पर कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि मंजूरी सोमवार शाम 5:30 बजे पाकिस्तान सरकार को आधिकारिक चैनलों के माध्यम से दे दी गई।

India gives airspace clearance to Pakistani plane within 4 hours

पाकिस्तानी मीडिया के झूठे दावों पर सख्त प्रतिक्रिया

भारत की यह स्पष्टीकरण कुछ पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स की उन रिपोर्टों के बाद आया जिनमें आरोप लगाया गया था कि भारत ने मदद के विमानों के लिए एयरस्पेस देने से मना कर दिया है।

 

अधिकारियों ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ये दावे “बेबुनियाद और भ्रामक” हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तानी मीडिया प्रोपेगंडा में लिप्त है और फर्जी खबरें फैला रही है।”

 

भारत के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि एयरस्पेस की सभी अनुमतियां स्थापित प्रक्रियाओं, तकनीकी और सुरक्षा मूल्यांकन के आधार पर दी जाती हैं, न कि राजनीतिक विचारों के आधार पर।

 

पाकिस्तान के प्रतिबंध के बावजूद मानवीय इशारा

उल्लेखनीय है कि भारत ने यह मंजूरी उस समय दी जब पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपने एयरस्पेस पर प्रतिबंध लगा रखा है। अधिकारियों ने इसे विशुद्ध रूप से मानवीय इशारा बताया।

 

यह घटना भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंधों के बीच आई है, लेकिन नई दिल्ली ने यह साबित किया कि जब मानवीय संकट की बात आती है, तो राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखा जा सकता है।

 

श्रीलंका में तबाही का मंजर

साइक्लोन डिटवाह ने श्रीलंका में भयानक तबाही मचाई है। संयुक्त राष्ट्र राहत समन्वय कार्यालय के अनुसार, देश के सभी 25 जिलों में लगभग 10 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक कम से कम 212 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 218 लोग लापता हैं।

 

51,000 से अधिक परिवारों के 1,80,000 से ज्यादा लोगों को 1,094 सरकारी सुरक्षा केंद्रों में शरण लेनी पड़ी है। साइक्लोन 28 नवंबर को लैंडफॉल करने से पहले बंगाल की खाड़ी पर वापस चला गया था, लेकिन इसने 2000 के दशक की शुरुआत के बाद से देश में सबसे गंभीर बाढ़ ला दी।

 

सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में कैंडी जिले में 88, बादुल्ला में 83, नुवारा एलिया में 75, कुरुणेगाला में 52 और पुट्टलम में 27 लोगों की मौत हुई है। श्रीलंका की पहले से कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली गंभीर दबाव में है। कई जिला अस्पताल बाढ़ग्रस्त हैं।

 

श्रीलंकाई सरकार ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है और सशस्त्र बलों ने राहत कार्यों के लिए 25,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है।

 

भारत की बड़ी मदद: ऑपरेशन सागर बंधु

भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भेजी है। अब तक कुल 53 टन राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है।

 

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत ने कोलंबो में दो भारतीय नौसेना जहाजों से 9.5 टन आपातकालीन राशन सौंपा है। भारतीय वायु सेना के तीन विमानों ने 31.5 टन राहत सामग्री पहुंचाई, जिसमें तंबू, तिरपाल, कंबल, स्वच्छता किट, तैयार भोजन, दवाएं और सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।

 

इसके अलावा, दो BHISHM क्यूब्स के साथ ऑन-साइट प्रशिक्षण के लिए पांच सदस्यीय चिकित्सा टीम और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 80 सदस्यीय विशेष अर्बन सर्च एंड रेस्क्यू टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है।

 

नई दिल्ली ने भारतीय नौसेना के जहाज सुकन्या पर अतिरिक्त 12 टन राहत सामग्री त्रिंकोमाली भेजी है। भारत ने विमान वाहक INS विक्रांत, INS उदयगिरि और INS सुकन्या को भी खोज और बचाव अभियानों के लिए तैनात किया है।

 

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद

श्रीलंका को कई अन्य देशों और संगठनों से भी मदद मिल रही है। SpaceX के स्टारलिंक ने दिसंबर के अंत तक नए और मौजूदा ग्राहकों को मुफ्त सेवा प्रदान की है और श्रीलंकाई सरकार के साथ अतिरिक्त सहायता के लिए काम कर रहा है।

 

संयुक्त राष्ट्र ने रविवार को श्रीलंका में अपनी आपातकालीन समन्वय प्रणाली को सक्रिय किया है और सरकारी एजेंसियों तथा मानवीय संगठनों के साथ एकीकृत प्रतिक्रिया को बढ़ाने पर काम कर रहा है।

 

जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिकों ने सरकार के इस कदम की व्यापक सराहना की है। लोगों ने कहा कि राजनीतिक मतभेद मानवीय मूल्यों से बड़े नहीं हो सकते और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देश की मदद करना भारत की जिम्मेदारी है।

 

कई लोगों ने भारत द्वारा 53 टन राहत सामग्री भेजने और त्वरित प्रतिक्रिया की भी सराहना की है। साथ ही, पाकिस्तानी मीडिया के झूठे दावों पर भारत की स्पष्ट प्रतिक्रिया को भी सकारात्मक रूप से लिया जा रहा है।

 

निष्कर्ष:

यह घटना यह साबित करती है कि मानवीय संकट के समय राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखा जा सकता है। भारत ने चार घंटे में मंजूरी देकर अपनी त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया का परिचय दिया है।

 

53 टन राहत सामग्री भेजकर भारत ने यह दिखाया कि वह दक्षिण एशिया में एक जिम्मेदार क्षेत्रीय नेता है। पाकिस्तान के मदद विमान को एयरस्पेस देना इस बात का संकेत है कि भारत मानवीय मूल्यों को राजनीति से ऊपर रखता है।

 

पाकिस्तानी मीडिया के झूठे प्रचार का भारत ने तथ्यों के साथ मुंहतोड़ जवाब दिया है। यह कदम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की जिम्मेदार और परिपक्व छवि को और मजबूत करेगा।

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