दीपावली-छठ पर हवाई किराया बढ़ाने वालों पर होगी सख्ती: DGCA ने एयरलाइंस को दिया बड़ा निर्देश, बढ़ाईं गई 1,762 अतिरिक्त उड़ानें..

त्योहारी सीज़न में बढ़ती हवाई यात्रा की मांग को देखते हुए, सरकार और एयरलाइंस ने यात्रियों की सुविधा और टिकटों की उचित कीमत सुनिश्चित करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस दिवाली, अतिरिक्त 1,762 उड़ानें जोड़ी जाएंगी। इसका मकसद है कि त्योहारों के दौरान टिकटों की कीमतें अचानक बढ़ने से आम यात्री प्रभावित न हों।

Strict action will be taken against those who increase airfares during Diwali-Chhath

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, “DGCA(नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) हवाई किरायों पर कड़ी नजर रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि टिकट की कीमतें उचित रहें। त्योहारी सीजन में बढ़ती मांग को देखते हुए, एयरलाइनों को अतिरिक्त उड़ानें संचालित करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि यात्रियों को सुविधा हो और कीमतें अनियंत्रित न बढ़ें।”

 

DGCA ने कहा, मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के कहने पर हाई डिमांड वाले रूट्स पर नजर है, ताकि किराए मनमाने ढंग से ना बढ़ाया जाए।

Source: PIB

 

पब्लिक अकाउंट कमेटी ने दी थी सिफारिश:

यह सख्ती ऐसे समय में आई है जब हाल ही में संसद की पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) ने त्योहारों और छुट्टियों के दौरान हवाई किराए में बढ़ोतरी पर नाराजगी जताई थी. कमेटी ने DGCA से घरेलू उड़ानों के किराए को कंट्रोल करने और बिजी रूट पर ज्यादा से ज्यादा फ्लाइट संचालित करने की सिफारिश की थी.

 

किरायों पर नियंत्रण के लिए शुरू हुई ऑनलाइन प्रणाली:

दिवाली और अन्य त्योहारों के दौरान प्रमुख हवाई मार्गों पर टिकट की कीमतें 50-80% तक बढ़ जाती हैं। यात्रियों को उच्च किरायों से बचाने और कीमतों पर नजर रखने में मदद के लिए मंत्रालय ने एक ऑनलाइन प्रणाली शुरू की है। मंत्रालय ने बताया कि 1994 में एयर कॉर्पोरेशन अधिनियम के खत्म होने के बाद से हवाई किराए को नियंत्रित नहीं किया जाता।

 

सरकार के पास हस्तक्षेप करने का अधिकार:  

दिवाली, क्रिसमस और गर्मी की छुट्टियों में टिकट की कीमतों में अक्सर तेज़ उतार-चढ़ाव देखा गया है। इसलिए DGCA ने निगरानी बढ़ा दी है। भारत की ओपन स्काई नीति के तहत एयरलाइंस अपनी कीमतें खुद तय कर सकती हैं, लेकिन अगर किराए बहुत बढ़ जाते हैं तो सरकार हस्तक्षेप कर सकती है।

 

यात्रियों की सुविधा के लिए उठाया गया कदम:

दीपावली और अन्य त्योहारों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस ने 1,700 से ज्यादा अतिरिक्त उड़ानें जोड़ने की घोषणा की है, ताकि भीड़ और टिकट की बढ़ती कीमतों को कम किया जा सके।

 

क्या रही विमानन कंपनियों की प्रतिक्रिया?

DGCA के आह्वान पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रमुख विमानन कंपनियों ने अपने उड़ान कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण वृद्धि की घोषणा की है।

  • इंडिगो: 42 मार्गों पर लगभग 730 अतिरिक्त उड़ानें चलाएगी।
  • एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस: 20 मार्गों पर 486 अतिरिक्त उड़ानें संचालित करेंगी।
  • स्पाइसजेट: 38 मार्गों में लगभग 546 अतिरिक्त उड़ानें चलाएगी, ताकि यात्रियों के पास अधिक विकल्प और बेहतर किराया विकल्प हों।

 

छोटी क्षेत्रीय एयरलाइंसो की बढ़ती भूमिका:

बड़ी एयरलाइंस के अलावा, छोटी क्षेत्रीय एयरलाइंस भी यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए अपने प्रयास बढ़ा रही हैं। देश में सबसे नई एयरलाइन, आकाश एयर, 5.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्थिर वृद्धि बनाए हुए है, जबकि स्पाइसजेट की उपस्थिति घटकर मात्र 2 प्रतिशत रह गई है। फ्लाई बिग, फ्लाई91 और स्टार एयर जैसी छोटी क्षेत्रीय एयरलाइनों की बाजार हिस्सेदारी कुल मिलाकर 1 प्रतिशत से भी कम है।

फिर भी, इंडिगो का बाजार पर दबदबा है, जिसके पास कुल बाजार हिस्सेदारी का 64% से ज्यादा हिस्सा है। एयर इंडिया समूह का हिस्सा 27.3% है। बड़ी एयरलाइंस द्वारा अतिरिक्त उड़ानें जोड़ने से यह सुनिश्चित होगा कि बढ़ी हुई मांग छोटी एयरलाइंस पर भारी न पड़े और यात्रियों को आसानी से टिकट मिल सकें।

 

कब से शुरू होंगी अतिरिक्त उड़ानें?

मंत्रालय ने अभी यह नहीं बताया कि अतिरिक्त उड़ानें कब से शुरू होंगी और कितने समय तक चलेंगी। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये उड़ानें त्योहारों में यात्रियों की बढ़ती भीड़ और टिकट की मांग को कम करने में मदद करेंगी। इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस के अतिरिक्त उड़ान जोड़ने से दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, कोलकाता और अन्य बड़े शहरों में यात्रियों को टिकट आसानी से मिलेंगे और भीड़ कम होगी।

 

1,107.26 लाख यात्रियों ने किया परिवहन:

DGCA के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू विमानन कंपनियों ने जनवरी से अगस्त 2025 के बीच 1,107.26 लाख यात्रियों को परिवहन किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.99 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। हालाँकि, अगस्त में यातायात में जुलाई की तुलना में 1.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण मानसून संबंधी व्यवधान थे।

 

अक्टूबर से दिसंबर के बीच यात्रा का पीक सीजन:

अक्टूबर से दिसंबर के बीच भारत में यात्रा का पीक सीजन होता है। दीपावली और छठ जैसे पर्वों के समय यात्रा की मांग कई गुना बढ़ जाती है. मांग अधिक और उड़ानों की संख्या सीमित होने के कारण टिकटों की कीमतें आसमान छूने लगती हैं। लेकिन इस बार DGCA की निगरानी के चलते एयरलाइंस को अनावश्यक किराया बढ़ाने से रोका जाएगा। एविएशन एनालिटिक्स फर्म सिरियम के अनुसार, भारतीय एयरलाइंस अक्टूबर में लगभग 22,945 घरेलू उड़ानें चलाने की योजना बना रही हैं।

 

हवाई किरायों के मूल्य वृद्धि की मुख्य वजह:

2025 में एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से टिकट की कीमतें और भी ज्यादा प्रभावित होने की उम्मीद है। पिछले चार महीनों में ATF की कीमतों में लगभग ₹12,000 प्रति किलोलीटर की वृद्धि हुई है। चूंकि ATF एक एयरलाइन के ऑपरेशनल कॉस्ट का 50% से अधिक होता है, इसलिए इसकी कीमत का सीधा असर टिकटों पर पड़ता है।

 

ATF क्या है?

जेट फ्यूल (हवाई ईंधन) या एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की जरूरत विमानों के परिचालन के लिए पड़ती है। इसका प्रयोग जेट व टर्बो-प्रॉप इंजन वाले विमान को पावर देने के लिए किया जाता है। यह एक विशेष प्रकार का पेट्रोलियम आधारित ईंधन है। एटीएफ दिखने में रंगहीन और स्ट्रा की तरह होता है। ज्यादातर कॉमर्शियल विमानन कंपनियों ईंधन के तौर पर जेट A और जेट A-1 ईंधन का इस्तेमाल करती है।

ATF(aviation turbine fuel) मुख्य रूप से दो तरह का होता है:

  1. सिविल एविएशन के लिए
  • जेट A-1
  • जेट A
  1. सैन्य/मिलिट्री एविएशन के लिए
  • JP-4
  • JP-5
  • JP-8

 

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( DGCA ) के बारे में:

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) भारत में नागरिक उड्डयन को नियंत्रित करने वाला सरकार का एक वैधानिक संगठन है। यह विमान (संशोधन) अधिनियम, 2020 के तहत बनाया गया। DGCA विमानन दुर्घटनाओं की जांच करता है, विमानन नियमों को लागू करता है और PPL, SPL, CPL जैसी विमानन लाइसेंस जारी करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में, सफदरजंग हवाई अड्डे के सामने श्री अरबिंदो मार्ग पर है।

 

निष्कर्ष:

दिवाली सीज़न में डीजीसीए द्वारा एयरलाइंस को उड़ान क्षमता बढ़ाने का निर्देश, बढ़ती हवाई मांग को नियंत्रित करने का सक्रिय कदम है। 1,700 से अधिक अतिरिक्त उड़ानों से यात्रियों पर दबाव कम होगा और किराए उचित बने रहेंगे। समन्वित प्रयासों से यात्रियों को अधिक विकल्प, बेहतर सुविधा और संतुलित किराए की उम्मीद है।

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