प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के हंसलपुर विनिर्माण संयंत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने जापान की वाहन निर्माता कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के प्रतिनिधि निदेशक एवं अध्यक्ष तोशीहिरो सुजुकी से मुलाकात की। तोशीहिरो सुजुकी ने इस दौरान घोषणा की कि कंपनी अगले पांच से छह साल में भारत में अपने परिचालन को मजबूत करने के लिए 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मारुति सुजुकी का पहला इलेक्ट्रिक वाहन ई-विटारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो भारत में निर्मित होकर जापान सहित 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा। इसके अलावा मोदी ने सुजुकी, तोशिबा और डेंसो के लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र का उद्घाटन भी किया, जो हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के उत्पादन में सहायक साबित होगा।
इस निवेश के उद्देश्य:
- उत्पादन बढ़ाना
- नए मॉडल लॉन्च करना
- दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार में अपनी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखना
भारत में सुजुकी का निवेश और रोजगार योगदान: सुजुकी मोटर्स भारत में वर्तमान समय में 17 मॉडल्स का निर्माण कर रही है, जिनका निर्यात जापान सहित लगभग 100 देशों में किया जाता है। कंपनी ने अब तक भारत में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसके साथ ही, सुजुकी ने मूल्य श्रृंखला में 11 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित किए हैं।
सुजुकी के प्रमुख लक्ष्य:
- ई-विटारा का वैश्विक निर्यात: गुजरात स्थित संयंत्र से मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक एसयूवी ई-विटारा का निर्यात 100 से अधिक देशों, विशेषकर जापान और यूरोपीय बाजारों में, करना।
- वार्षिक निर्यात लक्ष्य: प्रतिवर्ष 50,000 से 1,00,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात करना।
- वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में विकास: गुजरात संयंत्र को ई-विटारा जैसे मॉडलों के लिए एक वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित करना।
- विनिर्माण क्षमता का विस्तार: संयंत्र की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 10 लाख यूनिट प्रतिवर्ष तक ले जाना, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्रों में से एक बन सके।
- इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन में निवेश: गुजरात संयंत्र में इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन लाइन स्थापित करने हेतु वित्त वर्ष 2025-26 तक 3,200 करोड़ रुपये का निवेश करना।
मारुति ई-विटारा का वैश्विक विस्तार और गुजरात का महत्व
मारुति सुजुकी इंडिया की इकाई सुजुकी मोटर गुजरात ने ई-विटारा का पहला बैच यूरोपीय बाजार के लिए तैयार किया है। इस खेप को पिपावाव बंदरगाह से भेजा जाएगा और यह ब्रिटेन, जर्मनी, नॉर्वे, फ्रांस, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, स्वीडन, हंगरी, आइसलैंड, इटली, ऑस्ट्रिया और बेल्जियम जैसे देशों में निर्यात किया जाएगा।
सुजुकी की चुनौती:
सुजुकी मोटर के लिए प्रमुख चुनौती यह है कि ई-विटारा इलेक्ट्रिक वाहन के आधिकारिक लॉन्च की अभी तक कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं की गई है। इसका मुख्य कारण बैटरियों की ऊँची लागत है, जो वाहन की कुल कीमत को बढ़ा सकती है। इससे भारत जैसे मूल्य-संवेदनशील बाजार में उपभोक्ताओं के लिए वाहन महंगा हो जाएगा और इसकी मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

हंसलपुर, गुजरात: मारुति सुजुकी का अत्याधुनिक विनिर्माण केंद्र
गुजरात के हंसलपुर में स्थित सुजुकी मोटर गुजरात (SMG) संयंत्र मारुति सुजुकी की उत्पादन क्षमताओं का एक प्रमुख केंद्र है। लगभग 640 एकड़ में फैले इस आधुनिक प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता वर्तमान में 7.5 लाख यूनिट है, जो नई असेंबली लाइन के शुरू होने के साथ और भी बढ़ने की संभावना रखती है। संयंत्र में तीन प्रोडक्शन लाइनें कार्यरत हैं।
मारुति सुजुकी ने इस दशक के अंत तक अपनी कुल उत्पादन क्षमता को 4 मिलियन यूनिट तक पहुँचाने की योजना बनाई है, जिससे यह संयंत्र वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख ऑटोमोबाइल उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है।
प्रमुख विशेषताएँ:
- संयंत्र की शुरुआत मार्च 2014 में घरेलू और निर्यात मांगों को पूरा करने के लिए की गई थी।
- पहला उत्पादन मॉडल मारुति सुजुकी बलेनो था, जिसके बाद जनवरी 2018 में नेक्स्ट जेनरेशन स्विफ्ट हैचबैक का निर्माण शुरू हुआ।
- अब यह संयंत्र कंपनी की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी Maruti e-Vitara का भी निर्माण करेगा।
ई-विटारा: मारुति सुजुकी की पहली पूरी तरह भारत निर्मित इलेक्ट्रिक SUV
मारुति e-Vitara एक आधुनिक और प्रगतिशील इलेक्ट्रिक SUV है, जिसका डिज़ाइन पिछले वर्ष पेश किए गए कॉन्सेप्ट मॉडल Maruti eVX के समान है, लेकिन इसमें कुछ शार्प एंगल्स को नरम किया गया है। इसमें ट्राई-स्लैश एलईडी डेटाइम रनिंग लाइट, चार्जिंग पोर्ट के लिए आगे का किनारा और कर्व्ड रियर व्हील आर्च जैसे आकर्षक फीचर्स शामिल हैं। लंबा व्हीलबेस (2,700 मिमी) बेहतर बैटरी पैक इंस्टॉलेशन और आरामदायक अंदरूनी स्थान प्रदान करता है।
मुख्य आकार और विशेषताएँ:
- व्हील: 18-इंच अलॉय
- लंबाई: 4,275 मिमी
- चौड़ाई: 1,800 मिमी
- ऊँचाई: 1,635 मिमी
- ग्राउंड क्लीयरेंस: 180 मिमी
- वजन: 1,702 से 1,899 किलोग्राम (वेरिएंट पर निर्भर)
बैटरी पैक और रेंज:
- लिथियम आयरन-फॉस्फेट (LFP) बैटरी
- विकल्प: 49 kWh और 61 kWh
- 61 kWh बैटरी के साथ डुअल-मोटर ऑल व्हील ड्राइव (AWD), जिसे कंपनी ऑल ग्रिप-ई कहती है
- दावा: एक बार चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से अधिक रेंज, जो इसे भारतीय EV बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बनाता है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का तेजी से विकास
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मार्केट तेजी से विस्तार कर रहा है। सरकार की FAME (Fast Adoption and Manufacturing of Hybrid & Electric Vehicles) योजना और नीतिगत समर्थन के चलते इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और कारों की मांग लगातार बढ़ रही है। साथ ही बैटरी तकनीक, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश में सुधार इस क्षेत्र को और मजबूत बना रहे हैं। 2020 के बाद से EV बाजार में सालाना 50-60% वृद्धि देखी गई है।
वर्तमान में, भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री तेज़ी से बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में कुल कार बिक्री में इनकी हिस्सेदारी लगभग 4.5% है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक यह हिस्सेदारी 30% तक पहुँचाई जाए।