टाटा मोटर्स का डीमर्जर लागू, कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल कारोबार अलग – अलग: डिमर्जर से शेयर होल्डर्स को क्या होंगे फायदे- जाने सब कुछ 

टाटा मोटर्स लिमिटेड अपने कमर्शियल व्हीकल बिजनेस का डीमर्जर 1 अक्टूबर 2025 से लागू कर रही है। इस प्रक्रिया के बाद कंपनी दो अलग एंटिटीज़ में बंट जाएगी:

  • टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL): पहले से लिस्टेड कंपनी का नाम बदलकर यह एंटिटी बन जाएगी और पैसेंजर व्हीकल्स के व्यवसाय को संभालेगी।
  • टाटा मोटर्स लिमिटेड: कमर्शियल व्हीकल बिजनेस अब इसी नाम से अलग एंटिटी के रूप में शेयर बाजार में लिस्ट होगी।

वर्तमान शेयरहोल्डर्स के पास 2 रुपये फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर, नई बनने वाली एंटिटी का एक शेयर हासिल करने का अधिकार होगा। शेयरहोल्डर्स की पात्रता तय करने के लिए रिकॉर्ड डेट 14 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है। इस संबंध में कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचना दे दी है।

Tata Motors demerger implemented

शेयरधारकों को कितने शेयर मिलेंगे?

टाटा मोटर्स के विभाजन में शेयर अनुपात 1:1 है, जिसका अर्थ है कि शेयरधारकों को टाटा मोटर्स में उनके प्रत्येक शेयर के बदले ₹ 2 मूल्य का TMLCV का एक पूर्ण चुकता शेयर मिलेगा। इस योजना में वाणिज्यिक वाहन इकाई को ₹ 2,300 करोड़ मूल्य के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर का ट्रंसफर भी शामिल है , जिसे नवंबर में लिस्ट करने का प्रस्ताव है।

नई कंपनी के शेयर कहां लिस्ट होंगे: टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के शेयरों को भारत के दोनों बड़े स्टॉक एक्सचेंजों- BSE और NSE पर लिस्ट किया जाएगा।

 

विभाजन का उद्देश्य क्या था?

इस कदम का मकसद दोनों व्यवसायों को स्वतंत्र संरचना देना है, ताकि वे अपने-अपने बाजार के मौकों और जरूरतों के हिसाब से अधिक कुशलता से काम कर सकें और शेयरधारकों के लिए अधिक मूल्य सृजित कर सकें।

 

टाटा मोटर्स डीमर्जर: नई नेतृत्व संरचना

डीमर्जर के बाद बनी टाटा मोटर्स लिमिटेड (कमर्शियल व्हीकल बिजनेस) का नेतृत्व गिरीश वाघ करेंगे। इसके अलावा, शुक्रवार (26 सितंबर) को कंपनी ने शीर्ष नेतृत्व में बड़े बदलाव की घोषणा की:

  • शैलेश चंद्रा को कंपनी का नया MD और CEO नियुक्त किया गया।
  • ग्रुप के मौजूदा CFO पीबी बालाजी अब JLR ऑटोमोटिव के नए CEO होंगे। दोनों अधिकारियों ने अपनी नई जिम्मेदारियां संभाल ली हैं।

 

टाटा मोटर्स में फाइनेंशियल लीडरशिप में भी बदलाव किया गया-

टाटा मोटर्स के नेतृत्व बदलाव में फाइनेंशियल लीडरशिप भी शामिल है।

  • पीबी बालाजी, जो ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) हैं, 17 नवंबर से अपने पद से इस्तीफा देंगे और यूनाइटेड किंगडम में जगुआर लैंड रोवर PLC के सीईओ का पद संभालेंगे।
  • उनकी जगह धीमान गुप्ता नियुक्त होंगे, जो वर्तमान में टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के CFO हैं। गुप्ता अब टाटा मोटर्स में ग्रुप CFO की भूमिका निभाएंगे।
  • हालांकि, बालाजी टाटा मोटर्स के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कंपनी से जुड़े रहेंगे।

 

टाटा मोटर्स का रेवेन्यू बंटवारा:

टाटा मोटर्स की आमदनी का बड़ा हिस्सा पैसेंजर व्हीकल (PV) बिजनेस से आता है।

  • PV बिजनेस कुल रेवेन्यू का 84% योगदान देता है, जिसमें JLR (Jaguar Land Rover) का हिस्सा सबसे बड़ा है।
  • अकेले JLR लगभग 70% का योगदान देता है।
  • कमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस का योगदान करीब 16% है।

इसका मतलब है कि निवेशकों के लिए पैसेंजर व्हीकल और JLR वाली कंपनी अधिक मूल्य (Value) क्रिएट करेगी, जबकि कमर्शियल व्हीकल यूनिट का ग्रोथ ट्रैक अलग और स्वतंत्र होगा।

 

डीमर्जर क्या है?

डीमर्जर एक कॉर्पोरेट पुनर्गठन प्रक्रिया है, जिसमें एक कंपनी अपने एक या अधिक व्यावसायिक डिवीजनों को अलग कर देती है और उन्हें नई, स्वतंत्र कानूनी संस्थाओं के रूप में स्थापित करती है।

डीमर्जर के मुख्य कारण और लाभ:

  1. फोकस में सुधार: अलग-अलग व्यवसायों को अलग कंपनियों में विभाजित करने से प्रबंधन प्रत्येक व्यवसाय पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
  2. मूल्य में वृद्धि: डीमर्जर से निवेशकों के लिए अक्सर कंपनी के मूल्य में वृद्धि होती है, क्योंकि वे स्वतंत्र रूप से प्रत्येक व्यवसाय के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकते हैं।
  3. निवेशकों को लाभ: टाटा मोटर्स के हालिया डीमर्जर में, मौजूदा शेयरधारकों को 1:1 के अनुपात में नई कमर्शियल वाहन कंपनी में शेयर प्राप्त होंगे।
  4. ज्यादा पारदर्शिता: अलग-अलग संस्थाओं की वित्तीय रिपोर्टिंग निवेशकों के लिए अधिक स्पष्टता और पारदर्शिता प्रदान करती है।

 

टाटा मोटर्स शेयर पर डीमर्जर का असर:

टाटा मोटर्स के डीमर्जर और नेतृत्व बदलाव की खबर के बाद शेयर बाजार में उत्साह देखने को मिला।

बुधवार को कंपनी का शेयर 5.56% की तेजी के साथ 718 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। हाल के रुझानों पर नजर डालें तो, पिछले 5 दिनों में स्टॉक में 7.35% और पिछले 6 महीनों में 6.87% की बढ़त दर्ज की गई है।

हालांकि, लंबे समय के परिप्रेक्ष्य में, पिछले एक साल में यह स्टॉक 25.61% गिर चुका है। यह दर्शाता है कि निवेशकों ने हालिया डीमर्जर और कॉर्पोरेट बदलावों को सकारात्मक संकेत के रूप में देखा है।

 

टाटा मोटर्स का मुनाफा Q1 में 30% घटकर ₹3,924 करोड़:

टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 3,924 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 30% कम है। एक साल पहले इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा 5,643 करोड़ रुपए था।

रेवेन्यू में हल्की गिरावट: अप्रैल-जून तिमाही में टाटा मोटर्स का ऑपरेशन रेवेन्यू 1.04 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 1.07 लाख करोड़ रुपए था। सालाना आधार पर यह 2.51% की गिरावट दर्शाता है।

 

ब्रोकरेज फर्मों जेफरीज की रेटिंग:

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने टाटा मोटर्स पर अपनी ‘अंडरपरफॉर्म’ रेटिंग बनाए रखी है। फर्म का मानना है कि भारत में पैसेंजर व्हीकल की मांग तो ठीक है, लेकिन जगुआर लैंड रोवर (JLR) के सामने कई चुनौतियां हैं और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस के मार्जिन में सुधार को लेकर वे आश्वस्त नहीं हैं।

 

टाटा मोटर्स: भारत की अग्रणी और वैश्विक ऑटो निर्माता

टाटा मोटर्स भारत की प्रमुख और वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी है, जो टाटा समूह का हिस्सा है। यह भारत में कमर्शियल वाहनों का मार्केट लीडर है और पैसेंजर वाहनों के बाजार में शीर्ष तीन में शामिल है। कंपनी की स्थापना 1945 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।

 

टाटा मोटर्स का इतिहास:

  • 1945: कंपनी की शुरुआत लोकोमोटिव निर्माता के रूप में हुई।
  • 1954: डेमलर-बेंज एजी के साथ मिलकर पहला कमर्शियल वाहन बनाया गया।
  • 2008: कंपनी ने जगुआर और लैंड रोवर जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों का अधिग्रहण किया, जिससे वैश्विक उपस्थिति का विस्तार हुआ।
  • 1 अक्टूबर 2025: कंपनी के डीमर्जर को मंजूरी मिली, जिसके तहत व्यवसाय को दो हिस्सों में बांटा जाएगा-  एक कमर्शियल वाहनों के लिए और दूसरा पैसेंजर और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए।

श्रेणी

उत्पाद / मॉडल

पैसेंजर वाहन

हैचबैक: टाटा टियागो

 

सेडान: टाटा टिगोर

 

प्रीमियम हैचबैक: टाटा अल्ट्रोज़

 

माइक्रो एसयूवी: टाटा पंच

 

एसयूवी: टाटा नेक्सन, टाटा हैरियर, टाटा सफारी

 

आगामी मॉडल: टाटा कर्व, टाटा सिएरा ईवी

कमर्शियल वाहन

ट्रक: टाटा अल्ट्रा, टाटा सिग्ना, टाटा प्राइम

 

मिनी ट्रक: टाटा ऐस

 

बसें: यात्री बसें

इलेक्ट्रिक वाहन (EV)

टाटा टियागो.ईवी

 

टाटा टिगोर.ईवी

 

टाटा पंच.ईवी

 

टाटा नेक्सन.ईवी

 

टाटा ऐस ईवी (कमर्शियल)

 

आगामी: TATA Curvv.ev, TATA Harrier.ev

सहायक कंपनियाँ / प्रीमियम ब्रांड

जगुआर लैंड रोवर (JLR): जगुआर और लैंड रोवर ब्रांड्स (लग्जरी कारें व एसयूवी)

 

भारत में बाजार हिस्सेदारी और भविष्य की योजनाएँ-

  • कमर्शियल व्हीकल्स: टाटा मोटर्स इस सेगमेंट में बड़ा मार्केट शेयर रखती है।
  • पैसेंजर व्हीकल्स: कंपनी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 में 14% तक पहुंच गई है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 18-20% बाजार हिस्सेदारी हासिल करना है।
  • इसके लिए कंपनी नई उत्पाद श्रृंखला, कर्व और सिएरा जैसे नए मॉडल, और ईवी (Electric Vehicle) विस्तार पर ध्यान दे रही है।
  • वर्तमान में कंपनी के पास 7 मॉडल्स हैं, जिन्हें बढ़ाकर 80% बाजार कवर करने का लक्ष्य है।

ईवी पर जोर:

टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार पर विशेष ध्यान दे रही है। नए ईवी मॉडल लॉन्च, ईवी डीलरशिप नेटवर्क का विस्तार, और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना इसके प्रमुख उद्देश्य हैं।

 

भविष्य की योजना और निवेश:

कंपनी का उद्देश्य बाजार के रुझानों का लाभ उठाना और निरंतर नवाचार करना है। इसके लिए टाटा मोटर्स ने ₹33,000–35,000 करोड़ के निवेश की योजना बनाई है, जिसमें ईवी पर विशेष जोर रहेगा।