राजधानी में जहरीली हवा का कहर: 82% लोगों के परिचितों में गंभीर बीमारियां, 228 उड़ानें रद्द

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को भी विषैले धुएं की मोटी चादर छाई रही। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर से वैध PUC (Pollution Under Control Certificate) यानी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के बिना किसी भी वाहन को डीजल या पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।

 

इसके अतिरिक्त, दिल्ली में अन्य राज्यों से आने वाले BS-6 वाहनों को छोड़कर बाकी सभी गाड़ियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। निर्माण कार्यों पर पूर्णतः रोक लगाई गई है और निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों का चालान किया जा रहा है।

Toxic air wreaks havoc in the capital

मंत्री ने दिल्लीवासियों से मांगी माफी

प्रेस वार्ता में सिरसा ने दिल्ली के नागरिकों से क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि नवीन सरकार प्रतिदिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार का प्रयास कर रही है और पूर्व AAP सरकार द्वारा छोड़ी गई प्रदूषण की विकट समस्या को हल करने में जुटी है।

 

इससे पूर्व सोमवार को प्रशासन ने पांचवीं कक्षा तक के विद्यालयों को ऑनलाइन और ग्यारहवीं कक्षा तक के स्कूलों को हाइब्रिड मोड में संचालित करने का आदेश जारी किया था। साथ ही, मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने अधिवक्ताओं और पक्षकारों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाइब्रिड व्यवस्था में उपस्थित होने की सलाह दी है।

 

हवाई यातायात पर भारी असर: 228 उड़ानें रद्द

घनघोर कोहरे के कारण इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। सोमवार और मंगलवार को संयुक्त रूप से विभिन्न एयरलाइनों ने 228 उड़ानें रद्द कर दीं और 5 को अन्य हवाई अड्डों की ओर मोड़ना पड़ा। 250 विमान विलंब से उड़ान भर सके।

 

विशेष रूप से, अर्जेंटीना के प्रसिद्ध फुटबॉलर लियोनल मेसी प्रतिकूल मौसम के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट नहीं कर सके। मेसी की मुंबई से दिल्ली आने वाली चार्टर्ड फ्लाइट कोहरे की वजह से देरी से रवाना हुई, जबकि प्रधानमंत्री एक घंटे विलंब से तीन देशों की यात्रा पर निकल चुके थे।

 

पालतू पशुओं पर भी गंभीर प्रभाव

वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि पालतू जानवरों और पक्षियों पर भी गंभीर असर दिख रहा है। पशु चिकित्सकों के अनुसार, श्वसन समस्याएं, नेत्र जलन, संक्रमण और पाचन संबंधी विकार लगातार बढ़ रहे हैं। PM 2.5 जैसे सूक्ष्म कण जानवरों के फेफड़ों से रक्त में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो रही है।

 

हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स एनजीओ के संस्थापक और पशु चिकित्सक डॉ. संजय मोहपात्रा के अनुसार, पिछले डेढ़ महीने में 55 से 60 कुत्तों और बिल्लियों में फेफड़ों की गंभीर समस्याएं देखी गई हैं। इनमें खांसी, ज्वर, नेत्र-नासिका से स्राव और कुछ में निमोनिया जैसी स्थितियां भी पाई गईं।

 

82% लोगों के परिचितों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं

दिल्ली-एनसीआर की विषाक्त वायु अब जनता के स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष आघात कर रही है। लोकलसर्कल्स द्वारा किए गए ताजा सर्वेक्षण में सामने आया है कि 82 प्रतिशत लोगों के निकटतम परिचय वृत्त में कम से कम एक व्यक्ति ऐसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है जो वायु प्रदूषण के कारण हुई है। 28 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनके चार या अधिक जानकारों को गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि 92 प्रतिशत लोग शीघ्र ही शहर छोड़ने की योजना बना रहे हैं, जबकि केवल 8 प्रतिशत रहने को मजबूर हैं या रहना चाहते हैं। इसके अलावा, 73 प्रतिशत लोग अपने और परिवार के चिकित्सा खर्च को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं।

 

यह सर्वेक्षण दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में किया गया, जिसमें 34,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। इनमें 64 प्रतिशत पुरुष और 36 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।

 

GRAP-4 लागू, फिर भी बेअसर

आयोग ने शनिवार को पहले GRAP-3 और फिर GRAP-4 लागू किया, लेकिन परिस्थितियों में कोई सुधार नहीं हुआ। GRAP-4 में 50 प्रतिशत कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम, BS-4 बड़े व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध, निर्माण कार्य बंद, विद्यालय हाइब्रिड मोड में, कचरा या ईंधन जलाने पर रोक, डीजल जेनरेटर, आरएमसी प्लांट, स्टोन क्रशर, ईंट भट्ठे और खनन पर प्रतिबंध शामिल हैं।

 

आगामी छह दिनों तक गंभीर रहने की संभावना

एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (AQEWS) के अनुसार, अगले छह दिनों तक भी वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब श्रेणी में रहने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि वर्तमान औसत हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम है, जो प्रदूषकों के प्रकीर्णन के लिए अनुकूल नहीं है।

 

रविवार को वजीरपुर के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ने अधिकतम संभावित AQI मूल्य 500 दर्ज किया। विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का स्टेशन 500 से अधिक डेटा रजिस्टर नहीं करता।

 

पिछले पांच दिनों में प्रदूषण स्तर लगातार गंभीर और बहुत खराब श्रेणी में रहा। 11 दिसंबर को AQI 416 (गंभीर), 12 दिसंबर को 305 (बहुत खराब), 13 दिसंबर को 350 (बहुत खराब), 14 दिसंबर को 461 (बहुत खराब) और 15 दिसंबर को 500 (खतरनाक) दर्ज किया गया।

 

जनता के लिए महत्वपूर्ण सलाह

प्रशासन ने नागरिकों से सुबह-शाम की सैर, दौड़ या शारीरिक व्यायाम न करने की अपील की है। गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोगों से ग्रस्त रोगियों, बच्चों और वृद्धों को बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। भारी यातायात वाली सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में न जाने का आग्रह किया गया है।

 

अगरबत्ती, मच्छर भगाने वाली कॉइल, लकड़ी-पत्ते, पराली या कचरा न जलाने की सलाह दी गई है। साफ पानी से आंखें धोने और गुनगुने पानी से गरारे करने के लिए कहा गया है। श्वास फूलने, चक्कर आने, खांसी, सीने में दर्द या आंखों में जलन होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की अपील की गई है।