अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी दी कि वे उन देशों के खिलाफ अधिक टैरिफ लगाने और निर्यात प्रतिबंध लागू करने से पीछे नहीं हटेंगे, जो अमेरिकी टेक कंपनियों को निशाना बना रहे हैं। ट्रंप ने डिजिटल टैक्स की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि ये नीतियां अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र को नुकसान पहुँचाने और उसके साथ भेदभाव करने के लिए बनाई गई हैं, जबकि चीनी कंपनियों को पूरी छूट दी जा रही है।
ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा कि डिजिटल टैक्स, डिजिटल सेवा कानून और डिजिटल बाजार विनियमन सभी अमेरिकी प्रौद्योगिकी को नुकसान पहुंचाने या उसके साथ भेदभाव करने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं डिजिटल कर, कानून, नियम या विनियमन वाले सभी देशों को सूचित करता हूं कि जब तक इन भेदभावपूर्ण कार्रवाई को हटाया नहीं जाता। मैं अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में, उस देश के अमेरिका को निर्यात पर पर्याप्त अतिरिक्त टैरिफ लगाऊंगा और हमारी अत्यधिक संरक्षित टेक्नोलॉजी और चिप्स पर निर्यात प्रतिबंध लगाऊंगा।’
ट्रंप ने अपने बयान में लिखा, “अमेरिका और अमेरिकी टेक कंपनियां अब न तो दुनिया की गुल्लक हैं और न ही दरवाजे की चटाई।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों को निशाना बनाने वाली नीतियों को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पिछले जून में ट्रंप ने कनाडा के नियोजित डिजिटल सर्विस टैक्स का कड़ा विरोध करते हुए ओटावा के साथ व्यापार वार्ता रोक दी थी। इसके तुरंत बाद कनाडा ने घोषणा की कि वह अमेरिकी तकनीकी कंपनियों पर लगाए जाने वाले इस टैक्स को वापस ले लेगा।
इस घटनाक्रम को ट्रंप प्रशासन की टेक सेक्टर की सुरक्षा और वैश्विक स्तर पर अमेरिकी प्रभुत्व बनाए रखने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
डिजिटल सेवा कर (Digital Services Tax) क्या है?
Digital Services Tax (DST) एक प्रकार का रेवेन्यू-आधारित टैक्स है, जिसे देश बड़ी टेक कंपनियों पर उनके द्वारा स्थानीय उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाने वाली डिजिटल सेवाओं के लिए लगाते हैं।
यह पारंपरिक इनकम टैक्स, ऑनलाइन सेल्स टैक्स या वैट (VAT) जैसा नहीं होता। जहां कॉर्पोरेट इनकम टैक्स कंपनी के मुनाफे पर आधारित होता है, वहीं DST कंपनी की कुल आय (Gross Revenue) पर लगाया जाता है। इसका मतलब है कि किसी कंपनी को डिजिटल गतिविधियों जैसे ऑनलाइन विज्ञापन, डिजिटल मार्केटप्लेस, या यूज़र डेटा की बिक्री—से जो भी कुल आय मिलती है, उस पर टैक्स लगाया जाएगा, चाहे कंपनी लाभ में हो या घाटे में।
डिजिटल सेवा कर (Digital Services Tax) की प्रमुख विशेषताएं:
- रेवेन्यू-आधारित टैक्स: यह मुनाफे पर नहीं बल्कि कुल आय पर लगाया जाता है। इसका उद्देश्य उन देशों में डिजिटल सेवाओं से उत्पन्न मूल्य को टैक्स करना है, जहां उपयोगकर्ता रहते हैं, भले ही कंपनी की वहां भौतिक मौजूदगी न हो।
- बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर केंद्रित: DST आमतौर पर उन बड़ी बहुराष्ट्रीय टेक कंपनियों को लक्षित करता है, जिनकी वैश्विक आय बहुत अधिक है और जिनका डिजिटल कारोबार कई देशों में फैला हुआ है।
- जुरिस्डिक्शन-विशिष्ट: टैक्स लगाने का आधार उपयोगकर्ता का स्थान होता है। यानि यदि किसी देश में कोई उपभोक्ता किसी विदेशी कंपनी की डिजिटल सेवा का उपयोग करता है, तो उस देश की सरकार उस उपयोग से उत्पन्न आय पर DST लगा सकती है।

DST लागू करने के पीछे का तर्क
- वैश्विक स्तर पर बड़ी टेक कंपनियाँ कई देशों में अरबों डॉलर की आय तो अर्जित करती हैं, लेकिन अक्सर लोकल टैक्स से बच निकलती हैं, क्योंकि उनकी भौतिक मौजूदगी (जैसे दफ्तर, फैक्ट्री) वहाँ नहीं होती।
- DST इस समस्या का समाधान पेश करता है और सुनिश्चित करता है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था (Digital Economy) से लाभान्वित होने वाली कंपनियाँ उन देशों को भी उचित टैक्स दें जहाँ उनके उपयोगकर्ता मौजूद हैं।
ट्रंप क्यों लगाना चाहते हैं DST वाले देशों पर टैरिफ?
भेदभावपूर्ण कर का आरोप: ट्रंप का मानना है कि डिजिटल सर्विस टैक्स (DSTs) अमेरिकी टेक दिग्गज कंपनियों जैसे गूगल, मेटा, अमेज़न और एप्पल को अनुचित तरीके से निशाना बनाते हैं, जबकि अक्सर चीनी कंपनियों को छूट मिल जाती है।
अमेरिकी तकनीकी नेतृत्व की रक्षा: ट्रंप के अनुसार DSTs से अमेरिका की तकनीकी नेतृत्व क्षमता कमजोर होती है, क्योंकि इनसे अमेरिकी कंपनियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है।
विदेशी सरकारों को राजस्व लाभ: कई देश DST लागू कर उन डिजिटल कंपनियों से टैक्स वसूलते हैं, जो बिना भौतिक उपस्थिति के वहां कारोबार करती हैं। ट्रंप का तर्क है कि ये कानून अमेरिकी कंपनियों को राजस्व का स्रोत बनाते हैं।
दबाव बनाने की रणनीति: ट्रंप ने चेतावनी दी है कि वह ऐसे देशों पर टैरिफ और निर्यात प्रतिबंध लगा सकते हैं। इसका उद्देश्य उन सरकारों पर दबाव बनाना है ताकि वे DST वापस लें या उसमें ढील दें और अमेरिकी हितों की रक्षा हो सके।
ट्रम्प ने संभावित प्रतिबंध यूरोपीय संघ पर लगाने की बात कही: सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों के उन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है, जो ब्लॉक के ऐतिहासिक डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA) को लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं। यह कानून यूरोप में डिजिटल सेवाओं को विनियमित करता है और अमेरिकी टेक कंपनियों पर अतिरिक्त नियामक बोझ डालता है।
अमेरिकी टेक कंपनियों पर असर
- यूरोप में कई देशों ने डिजिटल सेवाओं से होने वाले राजस्व पर टैक्स लगाया है।
- इसका सीधा प्रभाव मुख्य रूप से अमेरिकी दिग्गज कंपनियों जैसे गूगल, फेसबुक, एप्पल और अमेजन पर पड़ रहा है।
- ट्रंप का आरोप है कि ये टैक्स अमेरिकी तकनीक को नुकसान पहुँचाने और उसके साथ भेदभाव करने के लिए बनाए गए हैं, जबकि चीनी टेक कंपनियों को छूट मिल रही है।