घरेलू सेवाओं की ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म कंपनी अर्बन कंपनी का ₹1,900 करोड़ का आईपीओ शुक्रवार को जबरदस्त रिस्पॉन्स के साथ बंद हुआ। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, इश्यू को कुल 11,064 मिलियन शेयरों के लिए बोलियां मिलीं, जबकि ऑफर में केवल 107 मिलियन शेयर उपलब्ध थे। यानी यह इश्यू कुल मिलाकर 103.6 गुना सब्सक्राइब हुआ।
यह आईपीओ 10 सितंबर से 12 सितंबर तक खुला रहा, जिसका प्राइस बैंड ₹98-103 प्रति शेयर तय किया गया था। ऊपरी स्तर पर कंपनी का वैल्यूएशन लगभग ₹15,000 करोड़ (1.7 बिलियन डॉलर) बैठता है।

निवेशक कैटेगरी और रिज़र्वेशन डिटेल्स:
अर्बन कंपनी ने अपने ₹1,900 करोड़ के आईपीओ में अलग-अलग निवेशक वर्गों के लिए रिज़र्वेशन तय किए हैं। शेयरों का बंटवारा इस प्रकार हुआ है:
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs):90% (13.81 करोड़ शेयर)
- नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs):98% (2.76 करोड़ शेयर)
- रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RIIs):99% (1.84 करोड़ शेयर)
- कर्मचारी:42 लाख शेयर, जिनके लिए इश्यू प्राइस पर ₹9 की छूट दी गई है।
इसके अलावा, एंकर इन्वेस्टर्स ने पहले ही ₹854 करोड़ का निवेश 9 सितंबर 2025 (मंगलवार) को कमिट कर दिया था। इन निवेशकों पर दिसंबर तक लॉक-इन पीरियड लागू रहेगा।
Urban Company IPO GMP: 42% प्रीमियम पर कर रहा ट्रेड
अर्बन कंपनी के आईपीओ के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) लगातार तेजी रही, अभी यह ₹43 प्रीमियम के आस पास ट्रेड कर रहा है। इसका मतलब है कि इश्यू की लिस्टिंग, प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर (₹103) से करीब 42% ऊँची हो सकती है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि मजबूत सब्सक्रिप्शन, एंकर इन्वेस्टर्स की भागीदारी और घरेलू सेवाओं के क्षेत्र में अर्बन कंपनी की बढ़ती पकड़, लिस्टिंग को लेकर निवेशकों की उम्मीदों को और मजबूत बना रही है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या है?
ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP वह अतिरिक्त मूल्य है, जो निवेशक किसी आईपीओ के शेयरों के लिए स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग से पहले अनौपचारिक (ग्रे) मार्केट में देने को तैयार होते हैं।
यह प्रीमियम बाज़ार की सकारात्मक भावना, आईपीओ की मांग और निवेशकों की इस उम्मीद को दर्शाता है कि लिस्टिंग के दिन अच्छा रिटर्न मिलेगा।
उदाहरण:
अगर किसी आईपीओ का इश्यू प्राइस ₹500 है और ग्रे मार्केट में यह ₹520 पर कारोबार कर रहा है, तो इसका मतलब है कि शेयर पर ₹20 का GMP है। यानी, लिस्टिंग के समय शेयर के ₹520 तक जाने की संभावना जताई जा रही है।
GMP को अक्सर निवेशक इस संकेतक के तौर पर देखते हैं कि किसी आईपीओ की लिस्टिंग गेन कितनी हो सकती है।
Urban Company IPO: उद्देश्य:
अर्बन कंपनी के ₹1,900 करोड़ के आईपीओ का मुख्य उद्देश्य अपने ऑपरेशन्स का विस्तार करना, नई तकनीकी विकास और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करना है। इसके अलावा, जुटाई गई राशि का एक हिस्सा ऑफिस स्पेस की लीज़ पेमेंट और मार्केटिंग गतिविधियों पर भी खर्च किया जाएगा।
IPO टाइमलाइन:
- सब्सक्रिप्शन पीरियड: 10 सितंबर से 12 सितंबर 2025
- शेयर अलॉटमेंट: 15 सितंबर 2025
- रिफंड और डीमैट खाते में शेयर क्रेडिट: 16 सितंबर 2025
- लिस्टिंग डेट: 17 सितंबर 2025 (BSE और NSE पर लिस्टिंग होगी)
अर्बन कंपनी के बारे मे:
2014 में स्थापित, अर्बन कंपनी एक टेक-ड्रिवन मार्केटप्लेस है, जो ग्राहकों को प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स से जोड़ती है। कंपनी की सेवाएं होम रिपेयर्स, ब्यूटी ट्रीटमेंट्स, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क समेत कई घरेलू ज़रूरतों को कवर करती हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कंपनी ने विस्तार किया है और आज यह भारत के 51 शहरों, साथ ही यूएई और सिंगापुर में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। घरेलू सेवाओं के अलावा, अर्बन कंपनी अपने ‘Native’ ब्रांड के तहत वॉटर प्यूरीफायर्स और इलेक्ट्रॉनिक लॉक्स जैसे होम सॉल्यूशंस भी मार्केट करती है।
- वित्तीय प्रदर्शन (FY24):2024 में, कंपनी का राजस्व 827 करोड़ रुपये था, और इसका घाटा घटकर 93 करोड़ रुपये रह गया।
प्रमोटर होल्डिंग्स:
- प्रमोटर्स: अभिराज सिंह भल, राघव चंद्रा और वरुण खेतान
- प्री-IPO होल्डिंग:09%
- पोस्ट-IPO होल्डिंग: लगभग 4%
आईपीओ के बाद प्रमोटरों की हिस्सेदारी में हल्की सी कमी आएगी, जबकि बड़ी हिस्सेदारी वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी निवेशकों के पास बनी रहेगी।
अर्बन कंपनी आईपीओ 17 सितंबर को NSE और BSE पर होगा लिस्ट:
अर्बन कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 17 सितंबर 2025 को होगी। कंपनी के शेयर देश के दो बड़े एक्सचेंजों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे।
मार्केट में मजबूत सब्सक्रिप्शन और लगातार बढ़ते ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) को देखते हुए, निवेशक लिस्टिंग के दिन दमदार शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं।
IPO क्या है?
इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) वह प्रक्रिया है जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता (पब्लिक) को खरीदने के लिए ऑफर करती है।
किसी कंपनी को अपने कारोबार का विस्तार करने, नई तकनीक लाने, कर्ज चुकाने या मार्केटिंग जैसी ज़रूरतों के लिए बड़ी पूंजी चाहिए होती है। ऐसे में, कंपनी बैंक से कर्ज लेने के बजाय सीधे शेयर बाज़ार से पैसा जुटाती है।
कंपनी निवेशकों को शेयर जारी करती है, और निवेशक इन शेयरों को खरीदकर कंपनी में हिस्सेदारी हासिल कर लेते हैं। इस तरह कंपनी को फंड मिलता है और निवेशकों को कंपनी की ग्रोथ और मुनाफ़े में हिस्सा मिलने का अवसर।